ओरायन और लूना दोनों ही उस पोर्टल के पार एक नई दुनिया में आ चुके थे। ओरायन और लूना एक दूसरे को हैरानी से देख रहे थे। उनके मन में कई सारे सवाल उठ रहे थे। दोनों ने देखा, वो जिस दुनिया में हैं, वो उनकी दुनिया से बहुत ही अलग थी। वहां चारों तरफ़ पेड़ पौधों के साथ बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स भी थीं। उस दुनिया में आसमान में एरोप्लेन भी उड़ रहे थे और सामने बड़े-बड़े पहाड़ भी दिख रहे थे।
लूना ने चारों तरफ़ हैरानी से देखते हुए कहा,
लूना: "ये... ये कौन सी दुनिया है... हम कहां हैं?"
ओरायन को एक पल के लिए लगा कि वो कोई सपना देख रहा है। उसने कुछ सोचते हुए सामने खड़ी लूना का हाथ छुआ, लूना दो कदम पीछे हटते हुए बोली,
लूना:"ये क्या कर रहे हो तुम?"
ओरायन:"सो ...सॉरी..... मुझे ऐसा लगा कि ये सब कोई सपना है... मुझे गलत मत समझो..."
इतना कहने के बाद, ओरायन ने चारों तरफ़ देखने लगा। टेक्नोटोपिया में उसने आज से पहले इतनी हरियाली नहीं देखी थी। आज उसे चारों तरफ़ हरे-हरे घास, पेड़ पर फलों को देखकर अचंभा हो रहा था। टेक्नोटोपिया में खाने-पीने का सारा सामान, यहां तक कि फल, सब्ज़ियां सब कुछ लैब में उगाया जाता था, वो भी टेक्नोलॉजी के ज़रिए।
ओरायन चारों तरफ़ देख ही रहा था, कि उसे सामने एक पेड़ पर कुछ लाल रंग के फल दिखे, ओरायन ने आगे बढ़ कर ज़मीन से गिरा हुआ एक फल उठाया और खाने लगा।
ओरायन: "वाउ!!! इतना मीठा फल मैंने आज तक नहीं खाया... ये वाकई एक अलग ही दुनिया है..."
इतना कहने के बाद, ओरायन ने अपने ए.आई. सिस्टम को उस दुनिया को एनालिसिस करने को कहा। एटलस उस दुनिया को जहां एनालिसिस कर रहा था, वहीं लूना अपने सामने ऊंची-ऊंची बिल्डिंग्स और आसमान में उड़ रहे एरोप्लेन को देख हैरान थी। "क्या ये सब आर्केडिया की तरह जादू से बना हुआ है... या कुछ और ही है..." लूना ने चारों तरफ़ देख कर एक्साइटेड होकर कहा।
लूना और ओरायन, दोनों अब अपनी-अपनी दुनिया से बाहर खड़े थे। उनके पास सवाल थे, पर जवाब ढूंढना मुश्किल था। दोनों के दिमाग में कई तरह के सवाल उठ रहे थे, मगर दोनों ही समझ नहीं पा रहे थे कि उनके साथ क्या हुआ है।
अगले ही पल लूना को क्रीना का ख्याल आया, उसने क्रीना से उस दुनिया के बारे में पूछा। क्रीना जो कि एक छोटे शीशे के अंदर रहती थी, उसने अपने जादू से उस दुनिया के बारे में पता करने के बाद कहा, "ये जगह जादू और टेक्नोलॉजी के बीच की कोई दुनिया है। लूना तुमने वो दरवाज़ा खोला है, जिसे सदियों से बंद रखा गया था।"
ये सुनते ही लूना हैरान हो गई और सोचने लगी कि अब आगे उसे क्या करना चाहिए?
उसने मुड़ कर जब पीछे देखा तो पाया वहां से वो पोर्टल गायब हो चुका है। लूना पोर्टल को बंद होता देख, परेशान हो गई।
उसने सामने ओरायन को देखा, जो अपना स्मार्टफोन निकाल कर एटलस से बातें कर रहा था। स्मार्टफोन देख लूना चौंक गई और सोचने लगी कि आख़िर ये क्या चीज़ है?
वहीं इधर दूसरी तरफ़ एटलस ने उस दुनिया को एनालिसिस करने के बाद कहा,
एटलस:"बॉस ... आपने एक इंटर-डाइमेंशनल दरवाज़ा खोला है। यह आपकी दुनिया से परे है, जहाँ लॉजिक और मैजिक का मिश्रण हो सकता है।"
ओरायन ये सुनकर हैरान हो गया। वो यही सोचने लगा कि ऐसी भी कोई दुनिया हो सकती है, मगर उसे अभी तक ये नहीं पता चला था कि इससे भी अमेजिंग दुनिया आर्केडिया भी कहीं ना कहीं मौजूद है, जहां से लूना आई थी।
ओरायन के मन में यही सवाल आया कि आखिर उसके पीछे खड़ी लड़की कहां से आई है, ओरायन ने जब पीछे देखा, तो पाया लूना उसे हैरान नज़रों से देख रही है। "क्या तुम भी कहीं से आई हो?" ओरायन ने पास जाकर पूछा, लूना ने घबराते हुए कहा, "पास मत आओ..." ओरायन ये सुनते ही अपनी जगह पर खड़ा हो गया और लूना के कहने का इंतज़ार करने लगा।
लूना थोड़ा झिझकते हुए, ओरायन को अपनी दुनिया के बारे में बताने लगी, कैसे उसकी दुनिया में लोग जादू का इस्तेमाल करते हैं, उनका रहन-सहन कैसा है। ओरायन ये जानकर हैरान भी था और उसे कहीं ना कहीं यकीन भी नहीं हो रहा था।
ओरायन:"तो तुम्हारे कहने का मतलब है कि तुम्हारी दुनिया में सबकुछ सिर्फ भावनाओं और जादू पर चलता है?"
लूना ने हां में सिर हिला दिया, ओरायन ये देखते ही ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा। लूना को उसकी हंसी का कारण समझ नहीं आ रहा था।
वो कुछ कहने ही वाली थी कि ओरायन ने अपनी हंसी रोकते हुए कहा,
ओरायन: "तुमने मुझे बेवकूफ समझा है क्या.... मैं ये मान सकता हूं कि तुम्हारी दुनिया में इमोशन्स को लोग वैल्यू देते होंगे मगर जादू...नॉट पॉसिबल ..... ऐसा किस्सों कहानियों में होता है..."
लूना ने जब देखा, ओरायन को यकीन नहीं हो रहा है, उसने क्रोनोस का दिया हुआ जादुई लॉकेट निकाला और ओरायन का रूप ले लिया। ओरायन ने जैसे ही अपने सामने लूना को अपना चेहरा लेते देखा, उसका मुंह खुला का खुला रह गया।
ओरायन: "ये क्या है!! . कहीं ये सब कोई छलावा तो नहीं..... ऐट्लस क्या तुम इस लड़की को एनलाइस करके बता सकते हो, इसने किस गैजेट का उसे किया है?"
एटलस अपनी पावर से लूना को स्कैन करने लगा, मगर उसके सिस्टम में वैसा कोई डेटा नहीं मिला, एटलस ने कहा, "बॉस... इस लड़की ने अपना रूप कैसे बदला, इस बारे में मैं भी नहीं बता सकता... मेरे सिस्टम में ये नहीं है।"
ओरायन घबरा कर अपने कदम पीछे बढ़ाने लगा, लूना ने उसे समझाते हुए कहा,
लूना:"घबराओ मत... मैं भी तुम्हारी तरह एक इंसान हूं... बस फ़र्क इतना है कि मैं उस दुनिया से आई हूं, जहां भावना और जादू ही सब कुछ है।"
ओरायन जवाब देता, इससे पहले ही अचानक से आसमान में बिजली कड़क और बारिश होने लगी। दोनों बारिश से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे चले गए। लूना और ओरायन दोनों के लिए ही बारिश का होना एक बहुत बड़ी बात थी, क्योंकि टेक्नोटोपिया में अपने आप बारिश नहीं होती थी बल्कि आर्टिफिशियल रेन को वहां कराया जाता था। ओरायन इस वक्त आसमान से गिरते पानी को देख कर कहीं ना कहीं सोच में पड़ गया था।
उसने लूना से पूछा,
लूना:"क्या तुम्हारी दुनिया में बारिश होती है?"
ओरायन:"हां मगर... वहां सात रंगों की बारिश होती है... और जैसे ही पानी धरती की सतह पर आती है... उसका रंग बदल कर आम पानी जैसा हो जाता है।"
लूना ने बारिश को देखते हुए बताया, जिसके बाद ओरायन और भी ज़्यादा एक्साइटेड हो गया।
वो मन में यही सोचने लगा कि कैसी होती होगी ऐसी दुनिया, जहां सब कुछ इमोशन्स और जादू पर चलता होगा, जहां सतरंगी बारिश होती होगी। ओरायन को खोया हुआ देखकर, लूना ने पूछा, "तुमने नहीं बताया.... तुम्हारी दुनिया कैसी है?"
ओरायन:"तुम्हारी दुनिया से बहुत अलग... जहां मशीन और इंसानों में अंतर करना मुश्किल है... मेरी दुनिया में लोगों ने तरक्की तो कर ली मगर ज़िंदगी जीना भूल गए...."
ओरायन ने बताया, इस वक्त कहीं ना कहीं वो चिढ़ा हुआ नज़र आ रहा था।
ओरायन ने इसके बाद टेक्नोटोपिया के बारे में सब कुछ बताया, कैसे वहां पर सब कुछ लॉजिक और कैलकुलेशन्स पर चलता है। लोगों के अंदर कोई इमोशन्स नहीं है।
पूरी बात सुन कर लूना ने हैरानी से कहा, "तुम्हारी दुनिया में सबकुछ सिर्फ तर्क और मशीनों पर चलता है.... यकीन नहीं होता।" "रुको मैं तुम्हें कुछ दिखाता हूं...." इतना कहने के बाद, ओरायन ने अपनी कलाई में बंधी एडवांस वॉच को क्लिक किया, जिसके तुरंत बाद, सामने एक 10 फिट का ट्रांसपेरेंट स्क्रीन आ गया।
लूना ये सब देख हैरान थी। ओरायन ने इसके बाद, उसे टेक्नोटोपिया की कुछ इमेजेस दिखाई, जिसे ओरायन ने कभी क्लिक किया था। स्क्रीन पर एडवांस दुनिया और अपने आप उड़ती हुई गाड़ियाँ को देख कर लूना का मुंह खुला का खुला रह गया था। लूना को इसके बाद स्क्रीन पर ओरायन ने वहां के लोगों की एक झलक दिखाईं, जिसके बाद लूना ने कहा, "तुम्हारी दुनिया में तो सच में दिल की कोई जगह नहीं है। यहां इंसान सिर्फ मशीनें बनकर रह गए हैं।"
तभी स्क्रीन पर अचानक ओरायन की एक टॉवल में फोटो आ जाती है जहां वो अपनी मसल्स को निहार रहा होता है जिसे देख लूना है पड़ती है और ओरायन शर्म के मारे लाल हो जाता है वह तुरंत ही एटलस को स्क्रीन बंद करने का आदेश देता है पर एटलस के मन में मस्ती सूज रही होती है और वह उसे कहता है कि यह कुछ तकनिकी खराबी है और उसके बाद ओरायन की कुछ और फनी फोटोज वहां आ जाती है फिर वह बंद हो जाता है। ओरायन के चेहरे पर फेक स्माइल होती है और वो एटलस को कहता है तुझे तो मैं काउंसिल को ही सौंप दूंगा देखना!
सिचुएशन को बदलते हुए ओरायन वापस से बातें शुरू करता है "सही कहा तुमने... जैसे इससे उल्टा तुम्हारी दुनिया में तर्क का कोई महत्व नहीं है। हर चीज़ सिर्फ भावनाओं पर आधारित है!"
लूना को लगा, जैसे ओरायन ने ताना दिया हो, लूना ने अपनी तरफ़ से कहा, "हां तो इसमें गलत क्या है... एक भावना ही है, जो इंसान को इंसान बनाता है।"
"तो तुम्हारे कहना का मतलब है कि हमारी दुनिया के लोग इंसान नहीं हैं..." ओरायन ने आँखें बड़ी करते हुए कहा।
लूना भी कहां चुप रहने वाली थी, वो अपनी तरफ़ से बोलने लगी। देखते ही देखते दोनों में बहस होने लगी।
दोनों जहां इस नई दुनिया में बहस कर रहे थे वहीं इधर दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया में काउंसिल के लोग ओरायन के अपार्टमेंट के अंदर घुस चुके थे। नोवा को ओरायन के घर से निकाल कर, घर को सील कर दिया गया था।
डेविड और उसके लोग ओरायन के बेडरूम में बने लैब के अंदर घुसने वाले थे कि उन्होंने देखा, लैब के दरवाज़े पर एक ट्रांसपेरेंट डिजिटल वॉल लगा हुआ है, जिसे छूने पर बुलट्स फायर होने लगती थी।
"इस ओरायन ने अपने लैब में हाई टेक सिक्योरिटी लगा रखी है... अब हम क्या करें?" डेविड ने चिढ़ कर कहा।
तभी पीछे से एक आदमी आया, जो एक हैकर था। उसने अपना चश्मा उतारते हुए कहा, "जस्ट वेट.... मैं इस सिस्टम को हैक करके, वॉल को हटा दूंगा।"
कहने के बाद, वो शख़्स उस सिस्टम को हैक करने की कोशिश करने लगा। पूरे दो घंटे बीत जाने के बाद, उसने ओरायन के बनाए सिस्टम को हैक किया और लैब के अंदर गया।
सारे लोग ओरायन के जीनियस माइंड की तारीफ़ कर रहे थे।
उस शख़्स ने स्क्रीन को देखा और फिर अपने कंप्यूटर में कैल्कुलेट करने लगा।
सब कुछ पता लगाने के बाद उसने कहा, "सर.... इसी स्क्रीन पर वो पोर्टल खोला गया है.... ओरायन इस वक्त कहां है.. वो मैं पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं।"
"पता लगाओ.... वो ओरायन ऐसे ही बच कर नहीं जा पाएगा।" कहते हुए डेविड ओरायन के कबर्ड के पास गया, वो उसे खोलने ही वाला था कि डेविड को एक ज़ोरदार झटका लगा।
उसे नहीं पता था कि कबर्ड के चारों ओर ओरायन ने स्पेशल रेज़ लगा रखा था, जिसके कारण कोई भी अनजान उसके कबर्ड को टच नहीं कर सकता था।
तभी स्क्रीन के सामने बैठा शख़्स चिल्लाया, "सर... यहां आइए... मुझे कुछ पता चला है।"
इधर दूसरी तरफ़ ठीक उसी वक्त आर्केडिया में, चारों एल्डर्स उस बरगद के पेड़ के सामने खड़े थे। उन्हें वो गोल निशान दिखाई दे रहा था, जो पोर्टल खुलने से बना था। सबसे बड़े एल्डर मार्को ने अपनी आँखें बंद की और उस पोर्टल को छूने की कोशिश की, मगर अचानक से उन्हें एक तगड़ा झटका लगा और वो पीछे हट गए।
"ये कोई मामूली दरवाज़ा नहीं है.... मुझे अपना सारा जादू लगाना होगा..." कहते हुए मार्को हवा में ही आसन लगाकर बैठ गए और अपनी जादूई शक्तियां जागृत करने लगे, देखते ही देखते उनके शरीर से रौशनी निकलने लगी, बाकी के तीनों एल्डर्स भी अपनी शक्तियां जागृत करने लगे, आज उन्होंने ठान लिया था कि कैसे भी करके उन्हें लूना का पता लगाना है।
तारा दूर खड़ी ये सब देख रही थी। उसने देखा, थोड़ी ही देर बाद, चारों एल्डर्स के शरीर से एक पतली नीली रौशनी निकली और एक साथ जुड़ गई।
"अगर इन्हें लूना का पता चल गया तो क्या होगा... और ना जानें इस वक्त लूना कहाँ होगी... किस हाल में होगी?" तारा ने मन ही मन सोचा।
इधर दूसरी तरफ़ नई दुनिया में लूना और ओरायन अपनी अपनी बात को लेकर बहस किए जा रहे थे। आधा घंटा हो जाने के बाद भी कोई किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया था।
आख़िर में लूना ने ही सामने से कहा,
लूना:"देखो... तुम्हारा नाम जो भी है..."
ओरायन:"मेरा नाम ओरायन है.... मुझे नाम से बुलाओ..."
ओरायन ने कहा, जिसके जवाब में लूना बोली,
लूना:"ठीक है और मेरा नाम लूना है.... ओरायन मैं ये कह रही थी कि अगर हम एक-दूसरे की दुनिया को समझ पाए, तो शायद हम ये जान सकें कि ये दरवाज़ा क्यों खुला है, नहीं तो हम बहस ही करते रह जाएंगे।"
ओरायन:"ठीक है लेकिन पहले तुम मेरी दुनिया टेक्नोटोपिया में आओ। वहाँ मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि कैसे तर्क काम करता है।"
लूना:"देखो इन सब चीज़ों के लिए अभी वक्त है.... पहले तो हमें ये पता करना होगा कि आख़िर ये कौन सी दुनिया है.... यहाँ के लोग कैसे हैं?"
लूना कह ही रही थी कि अचानक से क्रीना ने आवाज़ करना शुरू कर दिया, ओरायन का ध्यान भी उस आवाज़ पर गया। तभी लूना ने अपने छोटे शीशे को निकाला, जिसके अंदर क्रीना थी। क्रीना ने बताया, "लूना आर्केडिया के एल्डर्स को तुम्हारे बारे में पता चल गया है। वो इस पोर्टल की सूचना पाकर चिंतित हैं और वो शांत नहीं बैठने वाले हैं।"
इस ख़बर को सुनते ही, लूना परेशान हो गई। ओरायन उसे परेशान देख, सोच में पड़ गया। उसके मन में सवाल उठ ही रहे थे कि अचानक से उसके ए.आई. एटलस ने कहा, "बॉस.... टेक्नोटोपिया का काउंसिल हरकत में आ गया है। उन्हें पता चल गया है कि कोई इंटर-डाइमेंशनल दरवाज़ा खोला गया है।"
ओरायन को समझ नहीं आने लगा कि आख़िर काउंसिल के लोगों ने उसके सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ा कैसे, क्योंकि ओरायन ने बहुत पॉवरफुल सिस्टम को सेट किया था, अपने लैब में। ये सब सोच कर ओरायन के माथे से पसीना आने लगा था, वो बेचैनी से यहाँ वहां टहलने लगा। लूना उसे परेशान देख, बोली, "क्या बात है?"
ओरायन ने उसे पूरी बात बताई, जिसके बाद लूना ने भी ओरायन को एल्डर्स के बारे में बताया। दोनों अब यही सोच कर परेशान हो रहे थे कि आख़िर वो करे तो करें क्या? दोनों ये बात अच्छी तरह से जानते थे कि अगर वो वापस गए तो फिर उनकी ज़िंदगी नरक बना दी जाएगी। काफ़ी देर तक मन ही मन सोचने के बाद लूना ने कहा,
लूना:"इसका मतलब है अब हमें जो भी करना होगा, छिपकर काम करना होगा।"
ओरायन:"लेकिन हम इस तरह कुछ नहीं कर पाएंगे.... अब इस प्रॉब्लम का एक ही सॉल्यूशन है...."
ओरायन ने लूना की जादुई लॉकेट को देखते हुए क्या कहा! जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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