अगली सुबह सूरज उगने से पहले ही लूना अपनी जादूई खिड़की की मदद से तारा के घर पहुंच गई। तारा उसके आने का कारण समझ पाती कि इससे पहले ही लूना ने एक पुराना कागज़ का टुकड़ा निकाला, जो उसे पिछली रात को मिला था, लूना ने कागज़ का टुकड़ा दिखाते हुए कहा,

लूना: "ये देखो तारा मुझे क्या मिला है?"

तारा उस कागज़ को देख हैरान थी, काग़ज़ पर अजीब अजीब चित्र बने हुए थे, तारा अभी कहने ही वाली थी कि अचानक से उस काग़ज़ को देखते देखते लूना फिर से ब्लैंक हो गई। तारा ने उसे झकझोरते हुए कहा, "लूना! नहीं...प्लीज़..." लूना कुछ सेकंड बाद अचानक से अपने होश में आई, उसने कागज़ में बने निशान को ध्यान से देखते हुए कहा,

लूना: "ये दरवाज़ा हमें एक बड़े रहस्य की ओर ले जा सकता है तारा... हम दोनों को इस जगह पर जाना होगा।"

तारा: "और अगर ये खतरनाक हुआ तो..."

लूना: "इतना खतरा हमें उठाना होगा तारा...प्लीज़ तुम मेरी मदद कर दो, फिर मैं तुम्हें परेशान नहीं करूंगी...."

तारा के पास कोई जवाब नहीं था, वो मान गई। तारा और लूना उस कागज़ में बने चित्र को ध्यान से देखने के बाद अब ये पता करने की कोशिश करने लगे कि आख़िर वो जगह है कहां?

तभी लूना ने कागज़ में एक सूरज का निशान देखा, जिसे देखते ही उसने अपनी ए.आई. क्रीना से पूछा,

लूना: "क्रीना….इस उगते हुए सूर्य के निशान के बारे में तुम कुछ जानती हो?"

इतना कहने के बाद लूना ने छोटे शीशे को कागज़ के सामने रख दिया, शीशे के अंदर मौजूद क्रीना ने कागज़ में बने हर चित्र को ध्यान से देखने के बाद कहा, "ऐसा चिन्ह तो शहर के पुराने सूर्य मंदिर के बड़े दरवाज़े पर बना हुआ है...इसके अलावा मैं कुछ नहीं जानती।" लूना अभी कुछ कहती कि तारा ने चौंकते हुए कहा,

तारा: "एक मिनट... एक मिनट.... वो सूर्य मंदिर तो बड़ा ही रहस्यमय है, उसे तो बुज़ुर्गों ने सालों पहले बंद कर दिया था और किसी भी जादूगर को जाने से मना किया था…अगर बुज़ुर्गों को ज़रा भी पता चला कि हम उस सूर्य मंदिर के आस पास भी गए हैं... तो फिर..."

करीब एक घंटे बाद, लूना अपना एक स्केटबोर्ड लेकर आई, और तारा से कहा,

लूना: "तारा मैं जादू इस्तेमाल नहीं कर सकती…तुम तो कर सकती हो…इसे उड़ने वाला स्केटबोर्ड बना दो, फिर हम इसी से चलेंगे।"

तारा ने वैसा ही किया, स्केटबोर्ड के चक्कों की जगह पंख उग आए, लूना और तारा इसी स्केटबोर्ड पर चढ़ कर सूर्य मंदिर की तरफ़ निकल पड़े। स्केटबोर्ड की मदद से दस मिनट के अंदर ही दोनों सूर्य मंदिर पहुँच गए, लूना की नज़र जैसे ही उस सूर्य मंदिर पर पड़ी, उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। वो मंदिर का आकार बहुत बड़ा था और उस मंदिर की ख़ास बात ये थी कि दिन में जैसे ही सूर्य की किरणें मंदिर पर पड़ती थीं, मंदिर ज़मीन से 5 फीट हवा में ऊपर आ जाती थी और सूर्य अस्त होते ही मंदिर ज़मीन पर आ जाती थी। लूना मंदिर और उसकी दीवारों पर बने अलग-अलग आकृतियों को देख हैरान थी। दोनों जैसे ही मेन गेट के पास पहुंचे, उन्हें एक बड़ा पत्थर का दरवाजा दिखाई पड़ा, जो सालों से बंद था। "लूना... मैं अब भी कह रही हूँ... हमें यहाँ से चलना चाहिए... मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है...." तारा ने घबराते हुए कहा।

लूना ने चारों तरफ़ देखते हुए कहा, "घबराओ मत…देखो ना ये कितना सुनसान जगह है…यहाँ कोई नहीं है…"

कहते हुए लूना आगे बढ़ी ही थी कि एक उड़ता हुआ तीर आया, जो लूना के कान को छूते हुए पार हुआ।

"तारा सावधान…." कहते हुए लूना तारा को लेकर एक खंभे के पीछे चली गई कि अचानक सामने से कई सारे सैनिक निकले, जो लड़की के बने हुए थे।

तारा और लूना पूरी तरह से सावधान होकर, उन सैनिकों से लड़ने के लिए आगे बढ़ी, तारा अपने जादू से उन सैनिकों को मात दे रही थी मगर लूना सिर्फ़ हर हमले से बच रही थी।

"इस तरह वक्त बर्बाद होगा…कुछ सोचना होगा…" कहते हुए लूना अपना दिमाग़ लगाने लगी।

सामने उसे एक बड़ा सा तालाब दिखाई पड़ा, वो कुछ सोचते हुए तालाब की ओर भागी, उसके पीछे सारे सैनिक भागे, आगे जाते ही लूना ने क्रीना से कहा, “जल्दी से जादूई खिड़की निकालो…”

अगले ही पल सामने जादूई खिड़की आ गई, लूना वक्त देखकर खिड़की के अंदर घुस गई, सारे सैनिक उसके अंदर आ पाते, इससे पहले ही खिड़की गायब हो गई। सारे सैनिक पानी में गिर गए।

इधर दूसरी तरफ़ मंदिर के दरवाज़े के पास, जादूई खिड़की से लूना बाहर आई।

लूना ने देखा, सामने दरवाज़े पर एक हाथ जैसा आकृति बना हुआ है, उसने कुछ सोचते हुए अपना हाथ उस आकृति पर रख दिया। अगले ही पल वो दरवाज़ा हिलने लगा, चारों तरफ़ से चमगादड़ चिल्लाते हुए उड़ने लगे। अचानक से आवाज़ करते हुए वो पत्थर का दरवाज़ा खुल गया। सामने पतला सा लंबा रास्ता था, जो मंदिर के तहखाने में जाता था।

लूना: "मैंने कर दिखाया... अब उस अनोखे दरवाज़े के बारे में मुझे पता चल ही जाएगा..."

कहते हुए लूना उस रास्ते पर आगे बढ़ गई। उसके पीछे पीछे तारा भी जाने लगी। इधर दूसरी तरफ़ टेक्नोटोपिया में अपने लैब के अंदर ओरायन पिछले दो दिनों से स्क्रीन के सामने बैठा, कैलकुलेशन्स में लगा हुआ था। वो उस पोर्टल को खोलने के लिए बेकरार था। ओरायन की आँखों के नीचे काला धब्बा आ गया था, उसकी आँखों की नसें बाहर आने लगी थीं। सुबह के 10 बजे नोवा जैसे ही लैब में आया, उसने ओरायन को स्क्रीन के सामने बैठा देखा, चिल्ला कर कहा,

नोवा: "तू सच में पागल हो रहा है, ओरायन। तुझे इस ग्लिच के अलावा कुछ दिखता भी है?"

ओरायन: "मुझे इसमें कुछ बड़ा दिख रहा है नोवा... और इस बार मैं इसे खोज कर रहूँगा।"

नोवा: "फिर से वही बात... पिछले दो दिनों से तूने ट्राय तो किया ना... अब क्या अपनी जान दे देगा..."

ओरायन: "अब मुझे वो करना ही होगा..."

कहते हुए ओरायन अब टेक्नोटोपिया के हर कोने में इस पोर्टल के बारे में सच जानने की कोशिश कर रहा था। विज्ञान और तर्क की सीमाओं से परे जाकर, वो अब हर तकनीक का इस्तेमाल करना चाहता था और इस वक्त उसके दिमाग़ में एक ऐसा आइडिया चल रहा था, जो उसकी ज़िन्दगी को रिस्क में डाल सकता था। ओरायन अपने केबिन में आकर कुर्सी पर बैठ गया और गहरी सोच में डूब गया, उसने काफ़ी देर सोचने के बाद अपने ए.आई. एटलस से कहा, "बडी....कनेक्ट टू द डार्क वेब...."

"आरे योर श्योर... ये इलिगल और डेंजरस है..." एटलस ने सवाल किया, जिसके जवाब में ओरायन ने कहा, "यस!... अब इसके अलावा पोर्टल के बारे में पता करने का मेरे पास और कोई रास्ता नहीं है।"

ओरायन ने जैसे ही ये कहा, नोवा केबिन के दरवाज़े तक आ चुका था, ओरायन का प्लान सुनते ही वो उसके पास आकर भड़कते हुए बोला, "भाई तेरा दिमाग ठिकाने पर है.... तू अब ऐसे लोगों के पास जा रहा है जो खतरनाक हैं।"

"सच को जानने के लिए ये खतरा उठाना ही पड़ेगा।" कहते हुए ओरायन ने अपने फोन की स्क्रीन को क्लिक किया, अगले ही पल स्क्रीन बड़ा होकर सामने प्रेज़ेंट हो गया। ओरायन नोवा की बात को इग्नोर कर डार्क वेब में कुछ लोगों से चैटिंग करने लगा।

काफ़ी देर तक चैटिंग करने के बाद अचानक से ओरायन को एक शख़्स ने वॉयस मैसेज भेजा, "तू जिस चीज़ की तलाश कर रहा है, वो टेक्नोटोपिया के डेटा में नहीं है। ये कुछ और है।"

ये सुनते ही ओरायन धीरे से बड़बड़ाया "लॉजिक के बाहर की चीज़... हाँ, शायद... ये सही कह रहा है..."

तभी ओरायन को एहसास हुआ कि अपनी आदत से मजबूर उसने ये सब ज़ोर से कह दिया है, जिसके कारण वेबसाइट के उस पार मौजूद उस शख़्स ने जो कि एक हैकर था, उसने सुन लिया था।

अगले ही पल हैकर ने कहा, "ओह!...मि. साइंटिस्ट... तू जो खोज रहा है... वो तुझे एक सीक्रेट फाइल के अंदर मिल सकता है...मगर बदले में तुझे एक लाख डिजिटल कॉइन्स देने होंगे।"

नोवा जो सामने बैठकर सुन रहा था, वो तपाक से ओरायन के पास आकर, उसके कान में बोला,

नोवा:"भाई तुझे पता है ना... टेक्नोटोपिया में डिजिटल कॉइन्स की क्या वैल्यू है... आम आदमी पूरी लाइफ मेहनत करके भी 100 डिजिटल कॉइन्स ही जमा कर पाता है.... और ये तेरे से एक लाख..."

ओरायन:"नोवा मेरे पास और कोई ऑप्शन नहीं है.... अगर मेरी ये खोज सक्सेसफुल होती है तो काउंसिल ऑफ लॉजिक के लोग ही मुझे इसके बदले में लाखों डिजिटल कॉइन्स देंगे..." मैं रेडी हूँ... मगर पहले तुम मुझे अपना चेहरा दिखाओ... कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि मेरे डिजिटल कॉइन्स लेकर तुम गायब हो जाओगे..."

"नो वॉरीज़ बॉस... आधे घंटे बाद तुझे इसी साइट से वीडियो कॉल आएगा... एक काम करना... अपना लोकेशन ऑफ करके कॉल जॉइन कर लेना... तुझे तेरा सीक्रेट फाइल मिल जाएगा..." हैकर ने कहा। क़रीब आधे घंटे के बाद, अचानक से ओरायन को डार्क वेब से वीडियो कॉल आता हुआ दिखा, ओरायन ने अपना लोकेशन ऑफ किया और कॉल को रिसीव करने ही वाला था कि उसके ए.आई. एटलस ने वार्न किया, “बॉस… इसमें खतरा हो सकता है…आप ये कॉल मत लो…”

"डोन्ट वरी बडी…मैंने सब सोच लिया है…" कहते हुए ओरायन ने कॉल रिसीव किया।

सामने दो लोग बैठे हुए थे, उनका चेहरा साफ नहीं था। ओरायन अभी कुछ कहता कि तभी उसे स्क्रीन पर एक फोल्डर दिखाई पड़ा, जिसमें कई सारे कोड थे। उसे देखते ही ओरायन बड़बड़ाया, "अगर मैं इसे समझ गया तो मैं टेक्नोटोपिया का सबसे बड़ा आविष्कारक बन जाऊँगा।"

तभी फिर से ओरायन को एहसास हुआ कि उसने ये सब ज़ोर से कह दिया है, उसकी बात सुनते ही दोनों हैकर्स उसे घूरने लगे। एक ने कहा, "ओह!....आविष्कारक सपने बाद में पहले डिजिटल कॉइन्स हमारे अकाउंट में भेज...तब ही तुझे इस फोल्डर का सीक्रेट कोड मिलेगा।"

ओरायन झेंप गया, उसकी शक्ल देख सामने से नोवा ने मजे लेते हुए कहा, "ओरायन, थोड़ा ध्यान से बोल, यहाँ तेरे शब्द गूंज रहे हैं।"

ओरायन ने नोवा को चुप रहने का इशारा कर, अपने सारे डिजिटल कॉइन्स को ट्रांसफर किया। अगले ही पल स्क्रीन पर एक मैप आया।

हैकर ने कहा, "इस मैप में जिस जगह पर रेड क्रॉस है, तुझे वहीं फोल्डर का सीक्रेट कोड मिलेगा...जा ढूंढ निकाल और बन जा सबसे बड़ा आविष्कारक..." कहते हुए हैकर हंसने लगा और फिर कुछ ही देर में कॉल डिस्कनेक्ट हो गया।

तभी नोवा ने सीरियस टोन में कहा,

नोवा:"भाई अब अगर ये मैप गलत निकला...तो क्या करेगा.... तेरे सारे डिजिटल कॉइन्स गए...दुबारा तू उन लोगों से बात भी नहीं कर पाएगा..."

ओरायन बिना कुछ जवाब दिए, मैप का स्क्रीनशॉट लेकर निकल गया। ओरायन जैसे ही बाहर निकला, उसने देखा बर्फ गिरना शुरू हो चुका है, ऐसे में वो अपनी फ्लाइंग कार से नहीं जा सकता था। उसने अगले ही पल अपने एक असिस्टेंट से एडवांस साइकिल ली और फिर वहां से उस जगह की ओर जाने लगा, जहां पर उसे फोल्डर का सीक्रेट कोड मिलने वाला था।

ओरायन चलते चलते, शहर के आखिरी हिस्से में आ गया था, तभी अचानक से उसे सामने एक बड़ी सी सोलर पैनल से बनी हुई बिल्डिंग दिखाई पड़ी।

"ये तो शहर का पावरहाउस है... यहाँ मुझे क्या मिलेगा...." कहते हुए ओरायन साइकिल से उतर कर उस बिल्डिंग के अंदर चला गया। सामने कई सारे रोबोट गार्ड्स खड़े थे।

ओरायन अब दिमाग़ लगाने लगा कि आख़िर वो कैसे अंदर जाए, अगले ही पल उसने अपने ए.आई. एटलस से कहा,

ओरायन: "बडी क्या तुम कुछ देर के लिए यहाँ के सिस्टम में घुस कर सिक्योरिटी रूम का इमरजेंसी सायरन बजा सकते हो..."

एटलस:"हाँ ये मेरे बाएं हाथ का खेल है...आई मीन... मेरे दिमाग का..."

थोड़ी ही देर में जैसे ही बिल्डिंग के सिक्योरिटी रूम में इमरजेंसी सायरन बजा, सारे रोबोट गार्ड्स भाग कर सिक्योरिटी रूम की ओर भागे। "यही सही मौका है... ओरायन..." कहते हुए ओरायन लिफ्ट के अंदर जैसे ही गया, उसने देखा, वहाँ 110th फ्लोर तक ही ऑप्शन नहीं है। ओरायन ने कंफ्यूज़ होते हुए कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है….मैप में तो दिखा रहा है कि वो कोड मुझे 111th फ्लोर पर मिलेगा…लेकिन इस बिल्डिंग में तो 110 फ्लोर ही है…” तभी लिफ्ट का दरवाज़ा खुला, वो 110th फ्लोर पर पहुँच चुका था, जो पूरी तरह से खाली था। एटलस ने एनालिसिस करते हुए कहा, “बॉस डेंजर…यहाँ डेंजर है….”

“मैं अब पीछे नहीं हट सकता बडी….” कहते हुए ओरायन आगे बढ़ा मगर तभी उसने देखा, सामने एक बड़ा सा डिजिटल डोर था, जिसके ऊपर कई सारे कैलकुलेशन्स के साइन दिखाई दे रहे थे।

ओरायन समझ गया कि उसे स्क्रीन पर दिख रहे, साइन को सही से अरेन्ज करना है, उसके बाद ही वो डोर खुलेगा। ओरायन उन साइन को अरेन्ज करने लगा, काफ़ी मुश्किल के बाद, जैसे ही ओरायन ने साइन को अरेन्ज किया, वो डोर खुल गया।

"वेलकम तो 111th फ्लोर…" वहाँ पर आवाज़ आई। ओरायन आगे बढ़ते हुए, एक लॉकर रूम में पहुँच गया।

ओरायन जैसे ही कमरे के अंदर गया, अचानक से दूसरा सायरन बज उठा, ओरायन कुछ समझ पाता कि एटलस ने वार्निंग देते हुए कहा, "बॉस.... आपको दो मिनट के अंदर यहाँ से निकलना होगा... नहीं तो आप फंस जाएंगे..."

ओरायन जल्दी जल्दी उस कमरे में स्क्रीन पर फोल्डर का सीक्रेट कोड ढूंढने लगा। तभी उसे वो कोड दिखाई पड़ा, ओरायन ने उसे एटलस के सिस्टम में कॉपी कर लिया, मगर उसे एहसास हुआ कि दरवाजे तक रोबोट गार्ड्स आ चुके हैं।

एटलस ने पूछा, "बॉस आप अब दरवाजे से बाहर नहीं जा सकते..."

"हाँ तो दरवाज़े से बाहर जा भी कौन रहा है..." कहते हुए ओरायन के चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गई, वो वहाँ से सीधा खिड़की के ऊपर चढ़ गया और 111th फ्लोर से कूद गया।

नीचे कूदते ही उसने एटलस से कहा, "एटलस... एक्टिवेट माय...फ्लाइंग ग्लाइडर्स..."

अगले ही पल ओरायन के पीछे दो विंग्स आ गए, वो तेज़ रफ़्तार से वहाँ से निकल गया।

दो घंटों के अंदर-एंडर ओरायन वापस से अपने केबिन में आ गया और स्क्रीन पर वापस से कैलकुलेशन्स करने लगा। फोल्डर में जैसे ही उसने वो सीक्रेट कोड डाला, अचानक से सिस्टम क्रैश हो गया, लैब में जितने भी स्मार्ट कंप्यूटर थे, सब अपने आप बंद हो गए, ओरायन और नोवा को समझ नहीं आने लगा कि आखिर हुआ क्या?

“ओरायन ये क्या कर दिया तूने… पूरा सिस्टम हिला दिया…” नोवा ने कहा, ओरायन कुछ जवाब देता कि सामने स्क्रीन की लाइट्स ऑन हुई और किसी के हंसने की आवाज़ आने लगी। ओरायन और नोवा स्क्रीन देखते ही, हक्के बक्के रह गए।

क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए 

Continue to next

No reviews available for this chapter.