किसी पेड़ को नष्ट करना हो तो उसकी जड़ों को काटने की ज़रुरत नहीं balki एक एक कर के उसकी शाखों को उससे अलग करते जाओ, पेड़ खुद ही खोखला हो जायेगा. एक परिवार को भी बर्बाद करने के लिए उनका धन दौलत लूटने की ज़रुरत नहीं, एक एक मेंबर को परिवार से अलग करते जाओ, परिवार खुद ही bikhar जायेगा. राजेश ने भी यही आसान रास्ता अपनाया था. वो सिर्फ आरव को परिवार से अलग नहीं करना चाहता था बल्कि इस परिवार के संस्कारों पर चोट करना चाहता था. 

आरव की नींद खुल गयी thi. शराब की वजह से उसका सिर फटा जा रहा tha. राजेश उसे होटल ke kamre mein ले आया. वो उसके सामने कुर्सी पर बैठा tha और उसकी तरफ शराब का गिलास badhaata hai. आरव के मना करने पर राजेश ज़ोर ज़ोर से हंसता है. उसके हंसने का मतलब ये है कि आरव 4 पेग में ही हार मान गया. Rajesh ki हंसी aarav ko भड़काती है. वो राजेश के हाथों से शराब का गिलास लेकर एक ही बार में उसे खली कर देता है. इसके बाद वो उसे कुछ और पेग बना के देता है और आरव फिर से नशे की हालत में वहीं सो जाता है. 

राजेश चाहता tha कि आरव सुबह तक घर ना जाए. इसके कुछ ही देर बाद रूम ke darwaze par koi karta है. राजेश दरवाजा खोलता है. सामने जो भी खड़ा है उसे देख कर मुस्कुराता है. 

Dusri taraf हॉस्पिटल में विक्रम की देखभाल कर रही माया को कबीर ने कॉल कर दादू से बात कराने को कहा था. रात के एक बज गए the लेकिन कबीर को नींद नहीं आ रही थी. उसे दादू की याद आने लगी इसीलिए उसने कॉल किया था. विक्रम ने कबीर को कहा कि वो जल्दी ही घर आजायेंगे. इसी beech माया को ये भी पता चला कि आरव ghar par nahin tha. आरव ने कभी ऐसा नहीं किया था कि बिना बताये वो घर से इतनी रात तक बाहर रहे. माया अब कुछ परेशान दिख रही थी. वो बार बार आरव को फोन कर रही थी मगर उसका फोन receive नहीं हो रहा था. माया की tension बढ़ती जा रही थी मगर वो फिलहाल कुछ कर भी नहीं सकती थी. विक्रम को बता नहीं सकती थी और घर पर दूसरों को वो परेशान नहीं करना चाहती थी. 

माया का कहीं मन नहीं लग रहा था, वो चाहती थी घर में किसी को बता दे लेकिन फिर उसने सुबह होने तक का इंतजार किया. सुबह के चार बज चुके थे, आरव की नींद फिर से खुली उसने देखा इस वक़्त कमरे में कोई नहीं था. अभी उसका फोन उसके बगल में पड़े टेबल पर ही रखा हुआ था. उसने देखा तो माया की 16 मिस्ड कॉल्स थीं. दूसरा झटका उसे तब लगा जब उसने देखा कि सुबह के चार बज gaye the. वो ये सोच सोच कर पागल हो रहा था कि वो माया को क्या बताएगा कि कहाँ था. उसने सोचा इस वक़्त घर जाना सही नहीं होगा उसे हॉस्पिटल ही जाना चाहिए. वहीं माया को कोई बहाना बना देगा. 

वो घर जाने के लिए खड़ा हुआ लेकिन फिर लड़खड़ा कर बेड पर गिर पडा. उसका नशा पूरी तरह से उतरा नहीं था. वो वाशरूम में गया, मुंह पर पानी के kayi छींटे मारे तब उसे कुछ हल्का महसूस हुआ. उसने अपने कपडे ठीक किए, टेबल से मोबाईल और गाड़ी की चाबी उठाई और रूम से बाहर आ गया. पार्किंग में जब उसे अपनी गाडी नहीं दिखी तब उसे ख़याल आया कि रात राजेश उसे होटल ले कर आया था तो शायद उसकी गाडी bar ki पार्किंग में ही खड़ो हो. उसने ये बात कन्फर्म करने के लिए राजेश को कई बार फोन किया मगर उसने उठाया नहीं. इन सब में एक घंटा बीत गया था. हल्का उजाला हो गया था. उसके फोन की बैटरी भी डेड हो चुकी थी.

हार कर आरव ने सोचा कि वो कोई ऑटो या टेक्सी ले le. Baad में बार से अपनी गाडी पिक कर लेगा. यही सोच कर वो होटल से निकल कर सड़क पर आ गया. लेकिन उसे कोई ऑटो या टेक्सी नहीं दिख रही थी. वो परेशान हो रहा था. इसी बीच एक गाडी उसके सामने आ कर रुकी. 

Hospital mein माया ने एक घंटे के लिए ही झपकी ली थी. आँख खुलते ही उसने फिर से आरव का फोन ट्राई करना शुरू कर दिया मगर अब उसका फोन स्विच्ड ऑफ़ bata रहा था. उसने घर फोन कर के भी बहाने से पूछा मगर आरव घर भी नहीं लौटा था. माया अब पूरी तरह से घबरा गयी थी. उसे लगा कि अब निशा को बता देना ठीक होगा. उसने निशा को कॉल कर के बताया की आरव रात से लौटा नहीं है. इसके जवाब में निशा ने बस यही कहा कि वो आ रहा है उसका फोन डेड होने वाला था. उसने माया को ना घबराने के लिए कहा. माया को ये समझ नहीं आ रहा था कि आरव ने निशा को फोन कर के ये क्यों बताया क्या उसने उसकी इतनी मिस्ड कॉल्स नहीं देखीं? 

उधर आरव के सामने जो गाडी रुकी थी वो राहुल की थी. राहुल जिम जा रहा था, रास्ते में उसे आरव dikha. आरव राहुल को देख कर घबरा गया. Rahul ne आरव से पूछा कि इतनी सुबह वो यहाँ क्या कर रहा hai? तो आरव ने बहाना बनाते हुए कहा कि वो एक बिजनेस मीटिंग के लिए आया था यहाँ. रात ज्यादा हो गयी तो वो यहीं रुक गया. राहुल को उसकी बात जमी नहीं, उसने एक बार होटल को देखा और फिर आरव पर नजर डाली. उसके मन में सवाल उठा कि कोई रेसिडेंस होटल में मीटिंग क्यों रखेगा. हालांकि वो आरव के मामले में ज्यादा नहीं घुसना चाहता था. इसलिए उसने अपने सवाल खत्म करते हुए आरव को लिफ्ट ऑफर की. आरव को भी हॉस्पिटल जाने के लिए कोई ऑटो नहीं मिल रही थी इसलिए वो उसकी कार में बैठ गया. 

दोनों के बीच हलकी फुलकी बातें हुईं. इसके बाद राहुल ने उसे हॉस्पिटल ड्राप कर दिया. आरव के निकलते ही राहुल ने एक अच्छे बॉयफ्रेंड होने का फर्ज निभाया और निशा को फोन कर सारी बात बता दी. उसने ये भी बताया कि आरव के कपड़ों से शराब की स्मेल आ रही थी. जिसे कम करने के लिए उसने उससे उसका डियो भी माँगा. निशा ने राहुल से कहा कि वो कभी ड्रिंक नहीं करता उसने दादा जी को प्रोमिस किया है. राहुल को लगा इस बात पर ज्यादा बहस करना ठीक नहीं इसलिए उसने बाय बोल के फोन रख दिया. 

आरव हॉस्पिटल पहुंच गया. वो माया को dhoondhne laga. वो देखता है कि माया पापा के रूम में है. पापा सोये huye the. माया pareshna लग रही thi. वो पापा के सामने नहीं जाना चाहता kyunki uski haalat dekh kar विक्रम समझ जायेंगे कि आरव रात भर बाहर था. वो अभी उनको कोई स्ट्रेस नहीं देना चाहता tha. वो हल्का सा दरवाज़ा खोल कर माया को बाहर आने का इशारा karta hai. माया उसे देखते ही दरवाजे की तरफ भागती है. बाहर आते ही उसका पहला सवा tha..

माया- “कहाँ थे रात भर? तुम तो ऐसा नहीं करते थे? ऐसी क्या इमरजेंसी मीटिंग थी कि एक बार फोन कर के बता भी नहीं सके?” 

माया के पास इस समय बहुत से सवाल हैं मगर आरव के पास एक भी सवाल का सही जवाब नहीं. वो बताता है कि उसे एक नया बिजनेस पार्टनर मिला tha जो abroad में tech बिजनेस रन कर रहा है. उसके साथ देर रात तक मीटिंग चली. वो अभी फ्री हो कर आया है. माया उसके जवाब को उसके कपड़ों से मिलाने की कोशिश कर रही thi जिन्हें देखते ही लग रहा tha कि वो मीटिंग में नहीं था. उसे शक हो सकता था कि आरव झूठ बोल रहा है मगर ऐसा पहले कभी हुआ नहीं था कि उसने उससे कोई झूठ बोला हो. बात कैसी भी हो वो दोनों एक dusre से शेयर करते थे. इसलिए ना मन होने पर भी उसे उसकी ये बात माननी पड़ी. मगर उसे एक और बात खटकी..

माया- “ठीक है ये बात maan लेती हूँ लेकिन ये डियो जो तुमने लगाया है ये तो तुम्हारा ब्रांड नहीं है और मुझे जहाँ तक पता है तुमने सालों से अपना ब्रांड नहीं बदला. Phir? क्या aisa कुछ है जो बताने लायक नहीं है?” 

आरव उसका इशारा समझ गया था. उसने गुस्से में कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. ये तो राहुल का डियो है. वो उसे raaste में मिल गया था, उसी ने उसे यहाँ ड्राप किया. माया ने पूछा उसकी कार कहाँ है जो उसे राहुल से लिफ्ट लेनी पड़ी. आरव अपने ही बनाए झूठ के जाल में fansta जा रहा था. उसने बताया कि उसकी गाडी पंचर हो गयी थी इसलिए उसने वहीं छोड़ दी. Din mein जा कर ले आएगा. माया अभी यहाँ तक नहीं सोच पायी थी कि आरव ने शराब पी थी. क्योंकि वो ऐसा सोच भी नहीं सकती थी. 

आरव ने बड़ी मुश्किल से माया को अपनी बातों में फंसाया था. आरव जानता था कि बहुत दिनों से उनके beech टेंशन चल रही है. उसने इसी को अपना हथियार बनाया और माया से पुराने दिनों की बातें करने लगा. आरव ki चालों को समझने वाली माया खुद को उसकी बातों में डूबने से बचा नहीं सकी. दोनों घंटे भर बातें करते रहे. बहुत दिनों बाद दोनों एक साथ थे और हंस रहे थे. आरव ने कहा कि वो उसे एक दो दिन में अपने फेवरेट कैफे ले जाएगा.

दादा जी आज bhi उस दिन के बारे में सोच रहे the जब विक्रम और राजेश आमने सामने थे. राजेश ने कहा था कि उसने मुंबई से विक्रम को फोन किया और लौटने की बात कही. फिर आखिर विक्रम ने कभी उन्हें ये बात क्यों नहीं बताई? इसके लिए दादा जी विक्रम से बहुत नाराज़ हो सकते थे लेकिन यहाँ सबके अपने अपने raaz थे. दादा जी का भी एक raaz था जिसके बारे में विक्रम नहीं जानता था. अगर विक्रम इस raaz के बारे में जान जाए तो दोनों बाप बेटों के beech दरार आ जाये. शीशे की तरह साफ़ dikhne वाला शर्मा परिवार इन दिनों अपने ही अतीत के बुने जाल में फंस गया है. एक के बाद एक कई राज़ बाहर आ रहे हैं. पहले जहाँ बड़ी से बड़ी बात ये लोग एक साथ बैठ कर सुलझा लिया करते थे, वहीं आज हर कोई खुद के राज छुपा कर एक dusre की नजरों में bura ban raha hai.

Udhar राजेश होटल के कमरे में बैठा किसी का इंतज़ार कर रहा tha. तभी कोई उसका दरवाज़ा नॉक करता है. वो उसे अंदर आने को कहता है. सामने होटल का मैनेजर tha. वो राजेश से कहता है काम हो गया hai. जिसके बाद राजेश के चेहरे पर एक जीत भरी मुस्कान आ जाती है. 

इस समय माया के साथ वक्त बिता रहा आरव रात की बातें कुछ भूल sa गया. नशे की वजह से उसे फिलहाल याद नहीं कि राजेश ने उसे क्या क्या बताया था. इस समय तो उसे बस माया को यकीन दिलाना tha कि उसकी कही हुई सभी बातें सच हैं. वो उसे बाकी सब बता सकता है लेकिन शराब वाली बात छुपाने के लिए वो उसे सब झूठ बता रहा tha. लेकिन वो नहीं जानता कि उसके इस raaz को छुपाने का कितना बुरा अंजाम हो सकता है. वो दोनों बात ही कर रहे the तभी नर्स ने आ कर बताया कि विक्रम को चेक करने आये डॉक्टर ने उन दोनों को अंदर बुलाया है. दोनों घबरा जाते हैं और जल्दी से विक्रम के रूम की तरफ भागते हैं..

Ateet के ये raaz क्या पूरी फैमिली को तोड़ देंगे? क्या विक्रम की तबियत फिर से बिगड़ गयी है? डॉक्टर ने आरव को क्यों बुलाया होगा?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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