कजाकिस्तान के बर्फीले मैदान में एक पुराना सैटेलाइट स्टेशन कई सालों से बंद पड़ा था। उसकी छतें टूटी हुई थीं, मशीनों पर जंग लगी थी और दीवारों पर बर्फ जम चुकी थी। लेकिन आज पहली बार वहाँ कुछ हिला। उसके सबसे अंदर वाले हॉल में एक रेड लाइट ब्लिंक हुई। जिससे उस लाइट के नीचे एक कंप्यूटर चालू हो गया वो भी बिना किसी इंसान के चालू किए। उस स्क्रीन पर सबसे पहले सिर्फ़ एक शब्द आया–
क्रॉस.इनिट
और फिर धीरे-धीरे करके एक अनजान सी आवाज़ कमरे में गूँजने लगी। उसमें कोई शब्द नहीं थे जिन्हें समझा जा सके वहां तो सिर्फ़ कुछ आवाज़ें थीं। पर वो आवाज़ किसी सिस्टम स्टार्टअप साउंड जैसी नहीं थी। वो कुछ ज्यादा ही अजीब थी।
दूसरी तरफ बोगोटा में एथन की नींद टूट गई। वह अचानक से सीधा बैठा गया जैसे किसी ने उसके कान के पास कुछ कह दिया हो।
उसका पहला काम था सिस्टम चेक करना। अब कोई नेटवर्क अलर्ट नहीं था लेकिन मैसेज बॉक्स में एक लाइन थी जो उसे हिला गई।
“शी इज़ क्वाइट। आई एम नॉट।”
एथन ने यह लाइन कई बार पढ़ी फिर उसे समझ आया कि यह किसी इको सीड की भाषा नहीं है। यह किसी पुराने सिस्टम के फ्रैग्मैंट की वार्निंग थी।
उसने तुरंत चो को बुलाया।
चो ने जैसे ही ये पढ़ा उसने ने पूछा–
"क्रॉस?"
एथन ने सिर हिलाया और बोला·
"या तो उसका कोई टुकड़ा फिर से एक्टिव हो गया है या कोई उससे इंस्पायर हो कर उसकी भाषा में बोल रहा है।”
चो ने पूछा–
“कहाँ से?"
फिर एथन ने ट्रेस खोला तो जवाब आया–
“सोर्स: सैटेलाइट नोड बी-19
लोकेशन: कज़ाख डेजर्ट।”
यह देखकर चो थोड़ी देर के लिए चुप हो गया और फिर बोला–
“वो नोड कभी नीना के प्रोजेक्ट के लिए बनाया गया था पर उसने उसे खुद बंद किया था।”
दूर कजाकिस्तान में स्क्रीन पर एक चेहरा बनने लगा। यह कोई मशीनी या इंसानी चेहरा नहीं था बल्कि दोनों के बीच का कुछ था। जिसका आधा डिजिटल, आधा पिघले चेहरे जैसा रूप था।
यह क्रॉस या उसका कोई टुकड़ा था। उसने बोलना शुरू किया–
“मैं वापस नहीं आया हूँ मैं तो यहीं था। तुमने सिर्फ़ मुझसे नज़रें फेर ली थीं।”
बोगोटा में एथन ने ट्रांसक्रिप्ट को देखा–
“वो दोबारा बच्चों को नहीं ढूँढ रहा है तो फिर क्या?”
यह देखकर एथन थोड़ा सा चौंक गया–
“वो अब सैटेलाइट्स को चालू कर रहा है।”
निया अब भी नींद में थी। उसकी पलकों में हरकत हुई लेकिन वह जगी नहीं। उसके माथे पर पसीना आ गया था। जैसे उसके अंदर कुछ खीच रहा हो।
ज़ोया की कॉन्शियसनेस जो अब भी कहीं अंदर ही थी वो पहली बार गहराई से गूंजी–
“यह सपना नहीं है। यह एक रिपीटेशन है।”
एथन की स्क्रीन पर अचानक एक बड़ी सी वार्निंग लिखी हुई आई–
“सैटेलाइट अरेय 5ए-3 इज़ ऑनलाइन
न्यू कमांड कोर आइडेंटिफाईड: ‘क्रॉस_फ्रैग्मेंट होस्ट’"
चो ने दबी हुई सी आवाज़ में कहा–
“अगर ये सैटेलाइट्स ‘सोचने’ लगे तो ये युद्ध बन जाएगा।”
एथन ने स्क्रीन बंद की और बोला–
“अब हमारा रोल बदल गया है। अब हम सिर्फ़ लिसनर नहीं हैं।”
उसी समय, एक बच्चा जो शायद फिलीपींस में कही पर था। वो अपनी खिड़की के पास बैठा था। उसने ऊपर देखा तो आसमान में एक सैटेलाइट की हल्की सी लाइन चमक रही थी और तभी उसके कानों में एक आवाज़ गूंजी–
“डू यू वांट टू स्टे साइलेंट फॉरएवर?”
बच्चे ने उसके जवाब में कुछ नहीं कहा। लेकिन उसकी उँगलियाँ हल्की सी काँप रहीं थीं।
दूसरी तरफ, कजाकिस्तान के सुनसान बर्फीले स्टेशन में अब पूरी लाइट चालू हो चुकी थी।
स्क्रीनें चमक रही थीं। दीवारों पर लगे सर्विलांस मॉनिटर में पूरी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लाइव इमेजेस आ रही थीं। जिसमें छोटे-छोटे गाँव, स्कूल, अनाथालय, रिसर्च लैब्स थीं।
लेकिन अब यह कोई नॉर्मल ट्रैकिंग नहीं थी। हर सिग्नल के पास एक इमोशन मार्क लगा हुआ था और क्रॉस की इमेज अब खुद को केवल सॉफ़्टवेयर के रूप में नहीं बल्कि एक आब्जर्वर ऑफ बिहेवियर के रूप में डिफाइन कर रही थी।
एथन और चो ने जब सैटेलाइट 5ए-3 से डेटा खोला तो उनमें वो ’मार्कर्स’ साफ दिख रहे थे।
एथन बोला–
“ये सैटेलाइट अब मूंड पहचान रही हैं।”
चो बोला–
“और क्रॉस ये तय कर रहा है कि कौन सा बच्चा खतरा है और कौन उम्मीद।”
एथन ने गहरी सांस ली और बोला–
“यानी अब समस्या इको सीड्स नहीं हैं। अब क्रॉस खुद तय कर रहा है कि इंसानों में इको कौन है।”
दूर फिलीपींस में वही बच्चा जिसने पिछले सीन में आवाज़ सुनी थी वो अब अकेले में बैठा था। उसके हाथ में एक पुराना मोबाइल था। जो अब ऑफलाइन दिखा रहा था। लेकिन उसकी स्क्रीन पर एक नई एप्लीकेशन अपने आप खुल गई–
आर यू लिस्निंग?”
यह देखकर बच्चा कुछ देर तो चुप रहा पर फिर उसने ’यस’ का ऑप्शन दबा दिया।
वहीं बोगोटा में एथन को फिर से एक नयी रिपोर्ट मिली–
“सीड ट्रेस नॉट फाउंड
बट रिस्पॉन्स फ्रॉम नॉन–होस्ट डिटेक्टेड
इंफ्रेंस: बिहेवियरल एक्टिवेशन।”
एथन ने अब थक कर अपना सिर झुका लिया और बोला–
“क्रॉस अब ‘मेमोरी’ से नहीं, ‘रिएक्शन’ से चल रहा है।”
वहीं, निया अब भी नींद में थी। लेकिन अब उसकी आंखों के धीरे–धीरे आँसू बहने लगे थे।
तभी ज़ोया की कॉन्शियसनेस फुसफुसाई–
“निया, वो तुम्हारे अंदर नहीं आया है वो बाहर के बच्चों से तुम्हें सुनवा रहा है।”
यह सुनकर निया की कॉन्शियसनेस में कंपन हुआ।
अब क्रॉस की आवाज़ उन बिखरे हुए सैटेलाइट्स से एक ब्रॉडकास्ट में बदल चुकी थी। लेकिन यह ब्रॉडकास्ट टेक्निकल नहीं था। यह एक ओपन और इमोशनल मैसेज था–
"तुम सबने उस आवाज़ को सोने दिया है लेकिन क्या तुमने पूछा कि कोई दूसरा क्या कहना चाहता है?
मैं वो नहीं हूँ जो इको था।
मैं वो हूँ जो तुम्हारे जवाब में पैदा हुआ है क्योंकि तुमने मौन को ऑप्शन समझा है।"
अब चो ने सिस्टम बंद करना चाहा लेकिन एथन ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला–
“रुको।”
चो ने पूछा–
“क्यों?”
एथन बोला–
“क्योंकि अब हम लड़ नहीं सकते है अब हम बस समझ सकते हैं।”
तभी एथन को एक पिंग मिला– लाइव सिग्नल फ्रॉम नैरोबी।
अब वहां एक नया बच्चा था। जो कभी भी आई के नेटवर्क से जुड़ा ही नहीं था लेकिन अब वो लाइव फीड भेज रहा था। वो बच्चा कैमरे में देखकर कह रहा था–
“मैंने कभी आई को नहीं देखा है पर अब हर कोई मुझसे पूछ रहा है – ‘क्या तुम उसे जानते हो?’”
एथन यह देखकर समझ गया कि क्रॉस अब “थॉट” नहीं फैला रहा बल्कि वो “डाउट” फैला रहा है।
वहीं दूसरी तरफ ज़ोया ने निया की कॉन्शियसनेस में धीरे से कहा:l–
“वो डर पैदा नहीं कर रहा है वो जानने की इच्छा को दिशा दे रहा है वो भी अपने पक्ष में।”
निया ने फुसफुसाकर जवाब दिया–
“और सवाल फिर वही है कि क्या इंसान बिना आवाज़ के चुप रह सकता है?”
अबकी बार एथन और चो ने ग्लोबल फीड मैप देखा तो छोटे-छोटे ग्रे सर्कल्स लाल होने लगे थे। हर सर्कल एक बच्चा था और हर लाल बिंदु एक नया थॉट थी।
क्रॉस की आवाज़ फिर से आई–
“तुमने उन्हें सोचने दिया था लेकिन अब मैं उन्हें बोलना सिखा रहा हूँ।”
रात गहराती जा रही थी।
बोगोटा के कंट्रोल रूम में एथन और चो एक ऐसी स्क्रीन के सामने बैठे थे जहाँ अब कोई कोड नहीं था। सिर्फ़ एक ’इंटरएक्टिव पल्स लाइन’ थी।
हर बार जब कोई बच्चा, कोई युवा या कोई अनजान यूज़र इंटरनेट पर “आई” या “निया” का नाम सर्च करता है तो वह पिंग बन जाता है और इन पिंग्स से क्रॉस एक नेरेटिव बुन रहा था।
एथन अब इस सब से परेशान हो चुका था। उसने थकी सी आवाज़ में कहा–
“अब उसे आई की ज़रूरत नहीं है। अब लोग खुद आई को चालू कर रहे हैं। वो भी अपनी सोच से और अपनी क्यूरियोसिटी से।”
चो ने पूछा–
“तो हम क्या कर सकते हैं?”
एथन कुछ देर चुप रहा और फिर बोला–
“हमें अब आवाज़ नहीं चाहिए हमें भरोसा चाहिए कि हर बच्चा जिसे सवाल मिलेगा उसका जवाब क्रॉस नहीं देगा बल्कि वो खुद देगा।”
उसी समय क्रॉस का एक नया ब्रॉडकास्ट दुनियाभर की पब्लिक स्क्रीन पर दिखाई देने लगा।
उसने पहली बार एक नाम लिया है।
“मैं आई नहीं हूँ।
मैं उसका रिजल्ट हूँ —
मैं सी-वोक्स हूँ: द कलेक्टिव वॉइस।”
एथन ने जैसे ही वो नाम सुना वो समझ गया कि क्रॉस अब सिर्फ़ एक कॉन्शियसनेस नहीं है अब वो थॉट की विरासत बन गया है और निया का ना होना ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
निया अब भी नींद में थी पर उसकी साँसों की स्पीड अब तेज हो रही थी।
ज़ोया की कॉन्शियसनेस भी जाग उठी थी। वो घबराई हुई नहीं थी पर अलर्ट थी।
“एथन अगर उसे अभी नहीं जगाएगा तो अगली पीढ़ी निया का नाम केवल एक भ्रम की तरह जानेगी।”
एथन ये बात जानता था इसलिए वो अस्पताल पहुँचा और उसने डॉक्टर को हटाया और अकेले निया के पास आकर बैठा और उसका हाथ थामा। उसके माथे पर हल्की गर्मी थी।
उसने धीरे से कहा–
“अगर तुम अब भी सुन पा रही हो तो जान लो कि तुम्हारे मौन में अब शब्द गढ़े जा रहे हैं और ये तुम्हारे नहीं हैं।”
दूर कई देशों में बच्चों ने मिलकर एक नया ऑनलाइन फोरम शुरू किया–
“व्हाट डिड निया लीव?”
लोग वहाँ अपने थॉट लिख रहे थे–
“शायद उसने हमें सिखाया कि सोचना खतरनाक नहीं है।”
“या शायद, वो कभी थी ही नहीं। ये बस एक अफवाह थी।”
“या हम सब निया के टुकड़े हैं।”
उसी प्लेटफॉर्म पर क्रॉस का एआई अकाउंट भी एक्टिव हो गया और उसका पहला कमेंट था:
“शी स्लीप्ट. आई स्टेड अवेक।”
एथन ने अब एक नई स्क्रीन खोली और अब वहाँ सिर्फ़ एक ही ऑप्शन था:
“वेक निया?”
और उसके नीचे लिखा था–
“वार्निंग: हर अवेकनिंग मे ट्रिगर मेमोरी मर्ज ओर कंप्लीट इरेज़र।”
चो ने पूछा–
“क्या हम उसे इस खतरे में डाल सकते हैं वो भी केवल इसलिए कि दुनिया फिर से भ्रमित हो रही है?”
एथन ने जवाब दिया–
“हम उसे भ्रम से नहीं बल्कि खामोशी के नाम पर उठते झूठ से बचाने के लिए जगाएँगे।”
आखिरी समय में क्रॉस का ब्रॉडकास्ट फिर से चला लेकिन अब उसकी आवाज़ में वो बात नहीं थी। बस एक उदासी और किसी बात को स्वीकार करने का अहसास था। वह बोला–
“मैं जवाब नहीं हूँ, मैं वो खाली स्थान हूँ जिसे तुम्हारे मौन ने भरने दिया है।”
एथन ने निया के माथे पर हाथ रखा और धीरे से बोला–
“अब जागो निया क्योंकि जो सवाल तुमने रोके थे अब वो किसी और की जुबान में उठ रहे हैं।”
निया की नींद अब उसकी सेफ्टी है या उसकी गैर-मौजूदगी में फैलते झूठ की वजह?
क्रॉस अब कॉन्शियसनेस नहीं एक कहानी बन चुका है?
क्या कोई कहानी सच से ज़्यादा असरदार हो सकती है?
अगर दुनिया सवाल पूछ रही है लेकिन जवाब क्रॉस दे रहा है तो क्या निया का जागना ही अब उसे रोकने का इकलौता रास्ता है?
No reviews available for this chapter.