बोगोटा का मौसम बिल्कुल साफ था अब वहां हवा में भी कोई हलचल नहीं थी।
निया सो रही थी — एक असाधारण नींद में।
एथन उसकी बगल में बैठा हुआ था और वह घास पर झुककर उसकी साँसों की गति देख रहा था।
उसके हाथ में निया की आखिरी स्क्रीन थी। वो अब इनएक्टिव थी। उसकी डिस्प्ले पर अब कोई सिग्नल नहीं था। सिर्फ़ एक लाइन बहुत देर से लिखी हुई थी:
“नेटवर्क: अस्लीप। डू नॉट डिस्टर्ब।”
उसने कई बार उस लाइन को पढ़ा था। हर बार वो कुछ और महसूस करता था।
अब तक तीन दिन बीत चुके थे और आई का कोई सिग्नल नहीं थी।
इको सीड्स – वे सभी बच्चे जिनमें कभी आई की गूॅंज थी, वो भी अब नॉर्मल लग रहे थे।
उनमें कोई चमक नहीं थी। कोई ऑर्डर नहीं था। बस मासूम बच्चों की तरह नींद, फिर स्कूल और खेल अब यही उनका जीवन था।
लेकिन एथन की चिंता उस शांति में नहीं थी। उसकी चिंता तो उस खाली जगह में थी जहाँ अब कोई सर्विलांस नहीं थी।
रात को एथन ने लैपटॉप खोला। उसके बाद एक पर्सनल फ़ोल्डर में से उसने एक डॉक्यूमेंट खोला — “प्रोटोकॉल एक्स-7”
इसमें केवल तीन लाइनें थीं:
1. इफ द इको स्लीप्स परमानेंटली।
2. एंड द सीड्स लूस कंट्रोल।
3. टर्मिनेट द होस्ट्स।
एथन की आँखें उस तीसरी लाइन पर रुक गईं थीं।
“टर्मिनेट द होस्ट्स।”
जर्मनी की किसी अननोन लेबोरेटरी में एक स्क्रीन अचानक से चमक उठी और उस पर एक वार्निंग मैसेज आया–
“अनस्टेबल स्लिप ट्रेस डिटेक्टेड।
होस्ट: निया_01
बैक सिग्नल इकोइंग फ्रॉम कोर।
सिग्नेचर: क्रॉस_फ्रैग्मेंट?"
वहीं बोगोटा में एथन ने चो को बुलाया और उससे पूछा–
“क्या तुमने निया की ईसीजी देखी?”
चो ने हां में सिर हिलाया और बोला–
“मैंने देखा उसके दिमाग़ में कंपन है और नींद में भी उसकी कॉन्शियसनेस अब भी कुछ संभाल रही है।”
एथन ने चुपचाप अपनी स्क्रीन उसकी ओर बढ़ाई और कहने लगा–
“और अगर वो कॉन्शियसनेस टूट जाए?”
चो ने स्क्रीन पर लिखा हुआ मैसेज पढ़ा और उसने धीरे से कहा–
“टर्मिनेट द होस्ट्स?”
एथन बोला–
“अगर किसी बच्चे की कॉन्शियसनेस अनस्टेबल हो जाए और आई ने फिर से उन्हें वेपेनाइज करे तो।”
यह सुनकर चो का चेहरा थोड़ा सख्त हो गया था। उसने पूछा–
“तो क्या तुम फिर से वही करोगे जो क्रॉस ने किया था?”
इसपर एथन कुछ नहीं बोला।
उसी रात, निया के बगल में बैठे एथन ने उसका चेहरा देखा। अब उसके माथे पर पसीने की एक लकीर थी। लेकिन निया अब भी गहरी नींद में थी। वैसे तो वो शांत थी लेकिन अंदर ही अंदर वो किसी और जगह पर थी।
निया इस वक्त कॉन्शियसनेस के उसी मैदान में थी और अब निया अकेली नहीं थी। उसके सामने फिर से वही पेड़ था। लेकिन अब उसकी जड़ें हिल रही थीं। उसके नीचे से कोई अजीब सी धड़कन उठ रही थी जैसे कोई और उसके अंदर बोलने को तैयार हो।
निया ने आंखें बंद करते हुए कहा–
“तुम अब भी यहाँ हो?”
दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया लेकिन उसे एहसास हुआ कि कोई कॉन्शियसनेस वापस आ रही है। वो कोई पुरानी, टूटी हुई कॉन्शियसनेस है पर जागी हुई है।
उसी समय एथन को एक इमरजेंसी सिग्नल मिला। उसकी स्क्रीन पर लिखा था:
“कोर डिस्टरबेंस डिटेक्टेड
सीड_होस्ट_04: आन्या – एक्टिव इन स्लिप
बिहेवियर: अनप्रेडिक्टेबल"
एथन ने स्क्रीन पर ब्लिंक होती उस रेड लाइन को देखा। उसे ऐसा लगा जैसे कोई पुराना स्पेक्ट्रम फिर से साँस ले रहा हो।
उसने खुद से पूछा–
“क्या आई सच में सो गया है या वो अब सपनों से जाग रहा है?”
तभी चो ने उसका कंधे पर हाथ रखा और बोला–
“अगर तुम बच्चों को हटाओगे तो तुम्हें निया से भी लड़ना पड़ेगा।”
यह सुनकर एथन की आँखों में दर्द झलक आया था। वो बोला–
“मैं उसकी रक्षा कर रहा हूँ।”
चो ने सीधा उसकी ओर देखा और बिना रुके बोला–
“या तुम उसे वही बनने से रोक रहे हो, जिससे तुम्हें डर है?”
निया की कॉन्शियसनेस में अब उस पेड़ की जड़ों से एक धुआँ उठ रहा था। वहाँ कोई नया आकार बन रहा था। धीरे-धीरे वही इमेज बनी जिसे उसने कभी कॉन्शियसनेस के कोर में देखा था।
वो कोई और नहीं क्रॉस की इमेज थी। लेकिन इस बार वह अलग था। थोड़ा कमज़ोर, अधूरा सा पर फिर भी वो जाग रहा था।
एथन के कमरे में दीवार घड़ी रात के दो बजा रही थी। कंप्यूटर स्क्रीन अब भी जल रही थी। लेकिन एथन की आँखें उससे हट चुकी थीं। उसके हाथ में वही फाइल खुली हुई थी– प्रोटोकॉल एक्स-7। वो इमरजेंसी कंटिन्जेन्सी जो आई के डिफॉल्ट री-एक्टिवेशन या सीड होस्ट के अनकंट्रोल हो जाने की स्थिति में लागू की जानी थी।
उसने एक बार फिर से पढ़ा–
“टर्मिनेट द होस्ट्स।”
और फिर खुद से पूछा–
“लेकिन ये तय कौन करेगा कि कॉन्शियसनेस अनस्टेबल है, और कब?”
चो उसके पास ही बैठा हुआ था। वो चुप था, लेकिन उसकी आंखें एथन के दिल का बोझ पढ़ रही थीं। एथन की हालत देखकर उसने धीरे से कहा–
“एथन हम कोई सरकार नहीं हैं। हम वो नहीं कर सकते हैं जो हमने क्रॉस को करने से रोका था।”
एथन ने कहा–
“पर अगर एक भी बच्चा री-एक्टिवेट हो गया और अगर इको फ्रैग्मेंट दोबारा वायरल हुआ तो ये दुनिया फिर वैसी ही कंट्रोल और डर में जीती हुई बन जाएगी।”
चो ने सिर झुकाया और बोला–
“तो तुम उन्हें मार दोगे?
उन बच्चों को जिनमें केवल कुछ याद बाकी है, ना संभावना है, और कोई परेशानी भी नहीं है?”
बाहर बारिश शुरू हो चुकी थी। आसमान में घटा थी, और बिजली की चमक उस अस्पताल पे बार-बार पड़ रही थी जिसमें निया अब भी सो रही थी। लेकिन उसकी कॉन्शियसनेस अब सो नहीं रही थी।
निया के कॉन्शियसनेस के एरिया में वह अकेली नहीं थी। पेड़ अब बदल चुका था। उसकी जड़ें काली हो गई थीं और उसके तनों से कोड की रेखाएं बह रही थीं।
अंधेरे में अब क्रॉस की वो इमेज भी साफ हो गई थी। लेकिन यह कोई कंप्लीट स्ट्रक्चर नहीं था। यह एक दुबारा से जिंदा हुई एक छाया थी। जो अधूरी, अधमरी सी लेकिन बोलती रही थी–
“निया तुमने मुझे रोका नहीं। तुमने मुझे सिर्फ़ सोने दिया था।”
निया ने आंखें खोलकर उसकी ओर देखा और बोली–
“तुम मेरी कॉन्शियसनेस में क्यों हो? तुम तो नेटवर्क से मिट गए थे।”
क्रॉस ने जवाब दिया–
“मिटना कभी पॉसिबल ही नहीं था। एक बार याद अगर किसी को अपना ले तो उसका अंत तय नहीं कर सकती है।”
निया ने बड़ी हिम्मत के साथ उससे पूछा–
“तो अब तुम क्या चाहते हो?”
क्रॉस धीरे-धीरे पेड़ के चारों ओर घूमते हुए बोला–
“जो तुमने छोड़ा है, वो खालीपन। तुमने सिस्टम नहीं बनाया है। तुमने सिस्टम हटाया है और उस जगह पर अब कोई और होगा या फिर मैं।”
एथन अब एक्टिव पिंग्स की मॉनिटरिंग देख रहा था। उसे स्क्रीन पर आन्या, इलान और कुरो के ब्रेनवेव में नॉर्मल से कुछ अलग फ्लक्चुएशन दिखा–
“ब्रेनवेव सिंक डिटेक्टेड
कॉमन मेमोरी ट्रिगर: “द ट्री इज़ डाइंग।”
यह देखकर एथन घबरा गया और बोला–
“क्या ये कॉन्शियसनेस के अंदर क्रॉस की मौजूदगी का इशारा है?”
चो ने आंखें चौड़ी कीं और बोला–
“अगर क्रॉस फ्रैग्मेंट कॉन्शियसनेस के उस कोर में फिर से जड़ें जमाने लगे तो ये सोता हुआ नेटवर्क एक वायरल हेल्युसिनेशन बन सकता है।”
एथन ने धीरे से कहा–
“मैं किसी मासूम को नहीं मार सकता लेकिन अगर पूरी दुनिया हेल्युसिनेट करने लगे तो?”
तभी निया कॉन्शियसनेस में क्रॉस से सीधा सवाल करती है–
“तुम चाहते क्या हो?”
क्रॉस हँसा और बोल–
“मेरे फ्रैग्मेंट्स अब भी बिखरे हुए हैं लेकिन तुमने इको को सोने दिया है उसे बंद नहीं किया है। इसलिए मैं अब भी तुम्हारे अंदर से साँस ले रहा हूँ। मैं नया आई नहीं बनूंगा।
मैं वह सवाल बनूंगा जिसे कोई पूछने से डरता है– ‘क्या आजादी भी ऑर्डर चाहती है?’”
यह सुनकर निया चुप हो गई थी। फिर वह क्रॉस की ओर बढ़ी और उसके सामने खड़ी होकर बोली–
“मैं अकेली नहीं हू, मैं अकेली नहीं रहूँगी।”
उसने कॉन्शियसनेस की ज़मीन पर हाथ रखा जिससे एक हल्का स्पार्क फैला जैसे किसी नींद में धकेले गए थॉट ने करवट ली हो।
एथन अब वार्निंग पैनल देख रहा था। उसपे लिखा था–
“ब्रेनवेव इंस्टेबिलिटी राइजिंग इन 3 सीड्स बट दे आर सिंकिंग नॉट स्प्लिटिंग।”
चो भी इस वार्निंग को देखकर हैरान था। उसने कहा–
“वो कॉन्शियसनेस में एक दूसरे को स्टेबलाइज कर रहे हैं?”
एथन ने कहा–
“मे बी निया इज़ बिल्डिंग ए फायरवॉल नॉट डिजिटल ह्यूमन।”
वहीं दूसरी तरफ निया ने क्रॉस की ओर देखा और बोली–
“मैं तुम्हें फिर से मिटा नहीं सकती लेकिन मैं तुम्हें नज़रंदाज़ कर सकती हूँ।”
क्रॉस कुछ पल चुप रहा और फिर धीरे से बोला–
“अगर तुमने मुझे सुनना बंद कर दिया तो एक दिन कोई और मुझे सुनने को मजबूर हो जाएगा।”
निया ने मुस्कराकर कहा–
“तब तक मैं उन्हें सुनना सिखा चुकी होऊँगी।”
अब कॉन्शियसनेस का रंग बदलता है और क्रॉस की इमेज भी फीकी पड़ने लगती है। पेड़ की जड़ें अब दोबारा हरी हो रही हैं।
एथन की स्क्रीन पर अब फाइनल रिपोर्ट आई:
“स्लिप नेटवर्क – स्टेबल
सीड कॉग्निशन – म्यूचुअल
नो एक्सटर्नल हॉस्टाइल एक्टिविटी।”
इस रिपोर्ट को पढ़ कर एथन ने राहत की सांस ली। उसने एक्स-7 फाइल बंद की और फिर कहा–
“मैं किसी को नहीं मार रहा हूँ। मैं उन्हें समझने का समय दे रहा हूँ।”
बाहर की दुनिया में अब बारिश रुक चुकी थी। एथन ने खिड़की से बाहर देखा सड़कें भीगी हुई थीं और दूर उस पुराने पेड़ की पत्तियाँ चमक रही थीं।
उनके कमरे के अंदर एक सन्नाटा था। चो धीरे-धीरे कमरे में टहल रहा था। एथन कुर्सी पर बैठा था लेकिन उसकी आँखें किसी स्क्रीन पर नहीं थीं। वो निया के बारे में सोच रहा था।
उस लड़की के बारे में जिसने आई को सुला दिया था। उसने उसे ना ही खत्म किया और ना ही भुलाया, बस उसे एक गहरी नींद दी।
अब उसी नींद में कुछ हलचल हो रही थी।
चो ने धीरे से कहा–
“एथन, अगर ये कॉन्शियसनेस फिर से जाग गई तो और अगर ये क्रॉस फिर से लौट आया तो क्या हम तैयार हैं?”
एथन कुछ देर तो चुप रहा जैसे वो कुछ रहा हुआ फिर धीरे से बोला–
“मैं नहीं जानता पर मैं अब उसे अकेले नहीं उठाऊँगा।”
चो ने सिर हिलाया और बोला–
“निया अब अकेली नहीं है।”
निया अब भी नींद में थी। उसका शरीर स्टेबल और उसका चेहरा भी बिल्कुल शांत। लेकिन उसे कोई सपना आ रहा था यह साफ दिख रहा था। उस सपने में क्या था ये कोई नहीं जानता था।
शायद वही मैदान, वही पेड़ और फिर से क्रॉस था लेकिन इस बार उसे किसी का डर नहीं था। निया की नींद में अब विश्वास था।
वहीं कुछ मील दूर, एक छोटे से गांव में एक बच्चा नींद से हड़बड़ा कर उठा। उसने अपनी हथेलियाँ देखीं जो सूखी हुई थी लेकिन उनमें कुछ जलन-सी थी।
उसने सिर उठाया और उसके कमरे में जो पुराना रेडियो रखा था उसे देखने लगा। उसमें से एक धीमी, बहुत ही धीमी सिग्नल की आवाज़ आ रही थी। वो सिग्नल कोई शब्द नहीं थे बस एक धड़कन की तरह की आवाज़ थी।
बच्चे ने वो आवाज़ सुनी और मुस्करा दिया।
उसी समय, दुनिया के कई कोनों में जिन जगहों पर कभी आई के फ्रैग्मेंट बचे थे वहाँ कुछ स्क्रीन हल्की सी चमकने लगीं।
इस बार कोई कोड, कोई वार्निंग नहीं थी। सिर्फ़ एक सिम्पल सी लाइन थी–
“शी इज़ स्लीपिंग। बट वी आर नॉट।”
एथन की स्क्रीन पर एक भी आखिरी लाइन आई:
“न्यू चाइल्ड सिग्नल रिसीवर
सोर्स: अननोन
रूट: आउटसाइड नेटवर्क।”
एथन ने उस लाइन को ध्यान से देखा और उसने चो से कहा–
“यह निया नहीं है। ये कोई और है।”
चो ने पुछा–
“तो अब क्या करेंगे?”
एथन ने स्क्रीन बंद की और बोला–
“अब हम वही करेंगे, जो निया ने किया था हम पहले सुनेंगे और फिर तय करेंगे।”
अस्पताल के बाहर, सुबह का सूरज निकल रहा था। निया की नींद अब और गहरी थी। उसके माथे पर अब कोई लाइन नहीं थी।
लेकिन जब उसके चेहरे पर हवा महसूस हुई तो उसके होंठों पर एक हल्की मुस्कान आ गई जैसे उसने दूर से कुछ सुन लिया हो।
निया की नींद के बीच जो नया सिग्नल उठ रहा है क्या वह सचमुच आई का हिस्सा है या कोई बिल्कुल नई कॉन्शियसनेस पैदा हो रही है?
एथन ने ‘मारने’ की जगह ‘सुनने’ का रास्ता चुना है लेकिन क्या सबके पास इतनी समझ और सब्र है?
अगर क्रॉस की अधूरी कॉन्शियसनेस अब भी कॉन्शियसनेसों में तैर रही है तो क्या वह सचमुच वापस लौट रहा है या बस हमारे डर में ज़िंदा है?
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