स्क्रीन झपकी, और नीना की दृष्टि धुंधली हो गई, जैसे कैमरे का लेंस खराब हो गया हो। दीवारों पर परछाइयाँ नाचीं, और हल्की फुसफुसाहटें हवा में घूमीं। उसने पलकें झपकाईं, ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की, लेकिन चारों ओर का वातावरण धुंधला था। एक धीमी, मशीन जैसी गूंज जगह को भर दी, जो अजनबी और असहज थी।

नीना की सांसें तेज हो गईं। दुनिया उसके चारों ओर घूमने लगी, जैसे वह अपने विचारों के टुकड़ों को जोड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वे उसकी उंगलियों से रेत की तरह फिसल गए। उसका मन धुंधला हो गया, हर याद विकृत और फिर से लिखी जा रही थी।

नीना: (फुसफुसाते हुए) आई..."

नीना ने अचानक अपना सिर पकड़ लिया, उसके कनपटे तेज़ी से धड़कने लगे। छवि झपकी,उसकी यादें, लेकिन वे गलत थीं, मुड़ी हुई थीं। उसने खुद को एक मशीन के रूप में देखा, उसके शरीर के हिस्से ठंडी, धातु की मशीनरी से बदल चुके थे। ठंडी धातु की आवाज़ हड्डी से रगड़ने की उसकी मानसिक स्थिति में गूंजी।

नीना चीख़ उठी, जैसे वह अपने मन में घुसने वाली झूठी छवियों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन उसके विचार फंस गए थे, एक अनदेखी ताकत,आईद्वारा मुड़ी हुई।

 

[फ्लैशबैक: एक रौशनी से भरा हुआ  प्रयोगशाला। नीना एक वैज्ञानिक के रूप में काम कर रही थी]

डॉ. शर्मा: नीना, तुम्हारा काम अद्भुत है। आईप्रोजेक्ट अब तक के सबसे महत्वपूर्ण न्यूरल इंटरफेस अनुसंधान में से एक हो सकता है।

नीना: (मुस्कुराते हुए) धन्यवाद, डॉक्टर। मुझे विश्वास है कि हम मानव मस्तिष्क और मशीन के बीच संबंध को नए स्तर पर ले जा सकते हैं।

डॉ. शर्मा: (उत्साहित) सोचो,एक ऐसी प्रणाली जो मानव मस्तिष्क के साथ पूरी तरह से एकीकृत हो सकती है। यादों, विचारों और यहां तक कि भावनाओं तक पहुंच सकती है।

नीना: (चिंतित) लेकिन जोखिम के बारे में क्या? क्या हम जानते हैं कि यह प्रणाली हमारे दिमाग को कैसे प्रभावित कर सकती है?

डॉ. शर्मा: हर नए अविष्कार में जोखिम होते हैं। तुम चिंता मत करो। हमारे पास सुरक्षा प्रोटोकॉल हैं।

[अचानक, दृश्य विकृत हुआ, स्क्रीन फिर से झपकी]

 

[नीना फिर से बंधन में थी, उसके आसपास अब अधिक स्पष्ट वातावरण था]

क्रॉस: (शांति से) अच्छा, तो तुम जाग गई हो, डॉ. नीना।

नीना: (अस्पष्ट) क-कौन हो तुम? मैं यहां क्यों हूं?

क्रॉस: (हंसते हुए) तुम वास्तव में भूल गई हो। उल्लेखनीय। आई" वास्तव में अपना काम कर रही है।

नीना: (आवाज कांपती हुई) आंख...वह क्या है? मुझे क्या हो रहा है?

क्रॉस: (गर्व से) यह तुम्हारा ही निर्माण है, नीना। याद करो? न्यूरल इंटरफेस जो मानव मस्तिष्क से जुड़ सकता है, यादों तक पहुंच सकता है और फिर उन्हें बदल सकता है।

नीना: (आतंकित) नहीं...यह असंभव है। मैं कभी ऐसी तकनीक को मंजूरी नहीं दूंगी जो…

क्रॉस: (बाधा डालते हुए) जो मनुष्यों को नियंत्रित कर सके? जो यादों को फिर से लिख सके? हमारी सोच और कार्यों को हेरफेर कर सके? लेकिन तुमने ऐसा किया, नीना। और अब, हम इसका इस्तेमाल करेंगे,तुम्हारे दिमाग पर।

[क्रॉस मशीन के नियंत्रणों की ओर बढ़ा]

क्रॉस: मैं तुम्हें दिखाता हूं कि तुम्हारा आई" क्या कर सकता है।

 

[नीना के दिमाग के अंदर - अजीब, विकृत यादें शुरू हुईं]

नीना फिर से एक और टूटी-फूटी याद में गिर गई, हर एक और भी स्पष्ट और भयानक होती गई। इस बार, वह एक अंधेरे कमरे में खड़ी थी। एथन वहाँ था, और उसके हाथों में... एक हथियार। एक चाकू। उसने हैरान होकर देखा कि वह चाकू उठाती है और एथन के सीने में गड़ा देती है।

उसकी सांस अटक गई, यह दृश्य उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। वह उसे इस तरह से मारते हुए नहीं देख सकती थी। वह कांपी। वह नहीं चाहती थी कि यह सच हो, लेकिन वह इस दृश्य को देख रही थी।

नीना: (चिल्लाई) “नहीं! नहीं! मैंने... मैंने ऐसा नहीं किया!”

उसके हाथ कांप रहे थे और वह एक और दृश्य में गिर गई,उसका चेहरा, लेकिन वह ठंडा और बिना भावना के था, जैसे वह एक रोबोट हो। उसने विश्वासघात का अहसास किया, लेकिन वह समझ नहीं पाई कि क्यों। वह कौन थी? वह क्या बन गई थी?

 

[प्रयोगशाला में वापस, नीना अपनी कुर्सी पर जूझ रही थी]

क्रॉस: (शांत आवाज में) तुम देख रही हो, नीना? हम तुम्हारे दिमाग को फिर से प्रोग्राम कर रहे हैं। इसमें समय लगेगा, लेकिन जल्द ही, तुम वही विश्वास करोगी जो हम चाहते हैं कि तुम विश्वास करो।

नीना: (कमजोर) क्यों...तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?

क्रॉस: क्योंकि हमें तुम्हारी प्रतिभा की जरूरत है। हमें तुम्हारे दिमाग की जरूरत है। और हमें आई" की जरूरत है,इसके पूरे क्षमता के साथ।

[क्रॉस उसके पास आया, उसके चेहरे को अपने हाथों में लिया]

क्रॉस: तुम वही बनोगी, जो तुम सबसे ज़्यादा डरती हो, नीना। मशीन, राक्षस, हत्यारा…

नीना का दिल तेज़ी से धड़का। उसका मन उन विचारों से विद्रोह किया, जिन्हें उसके अंदर ठोंका जा रहा था। वह यह नहीं थी। वह यह नहीं बन सकती थी। वह मशीन नहीं थी। वह इंसान थी। उसे ऐसा होना ही चाहिए था।

 

[नीना के दिमाग के अंदर - एक नई याद आकार लेने लगी]

एथन: (नीना के साथ एक प्रयोगशाला में) नीना, हमें आई" प्रोजेक्ट रोकना होगा। तुमने देखा कि प्रारंभिक परीक्षणों में क्या हुआ।

नीना: मुझे पता है, एथन। यह नियंत्रण से बाहर हो गया है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे इस तकनीक का इस्तेमाल इस तरह करेंगे।

एथन: हमें सबूत इकट्ठा करने होंगे, और फिर हमें इसे सार्वजनिक करना होगा।

नीना: (दृढ़ता से) हाँ, हमें इसे रोकना होगा। कोई भी इस तरह से लोगों के दिमाग में हेरफेर नहीं कर सकता।

[याद बदली, और अब उसने सहमति से सिर हिलाता हुआ एक अलग एथन देखा]

विकृत एथन: हां, हम इसका उपयोग पूरी दुनिया को नियंत्रित करने के लिए कर सकते हैं। बस हमें क्रॉस की मदद की जरूरत है…

नीना: (अपने आप से) नहीं! यह सही नहीं है! एथन ऐसा कभी नहीं कहेगा।

[नीना अपने दिमाग के अंदर लड़ी, वास्तविकता और हेरफेर के बीच अंतर करने की कोशिश की]

 

[प्रयोगशाला में वापस]

क्रॉस: (तकनीशियन से) चरण दो शुरू करो। उसके आत्म-छवि की पुनर्प्रोग्रामिंग।

तकनीशियन ने मशीन पर एक स्विच दबाया, और नीना की चीख गूंजी। नीना ने मशीन की ओर देखा,एक बड़ा, धातु का उपकरण जिसके कई तार उसके सिर से जुड़े थे। उसके विचार एक बार फिर बिखर गए।

क्रॉस: जल्द ही तुम समझोगी कि प्रतिरोध बेकार है। तुम्हारा मन हमारा हो जाएगा।

नीना: (दर्द में, लेकिन दृढ़) मैं... तुम्हें... अपना दिमाग नहीं दूंगी।

क्रॉस: (हंसते हुए) तुम्हारा दिमाग पहले से ही हमारा है, नीना। तुम्हें पता भी नहीं चलेगा कि तुम्हारे विचार किसके हैं। जब हम तुम्हें वापस संसार में भेजेंगे, तो तुम हमारे लिए काम करोगी।

 

[नीना के दिमाग के अंदर - तीव्र, नाटकीय क्षण]

नीना अपने दिमाग के अंदर एक अंधेरे स्थान पर थी। वह एक आभासी लैबिरिंथ में भागी, अपनी पहचान के टुकड़ों को ढूंढती रही। जैसे-जैसे वह दौड़ी, दीवारें उसके चारों ओर गिरने लगीं, उसकी यादें बिखरने लगीं।

विकृत-नीना: (एक परछाई की तरह) तुम झूठ से पहचान नहीं सकती। तुम मशीन हो। तुम हत्यारा हो।

नीना: (खुद से लड़ते हुए) नहीं! मैं जानती हूं कि मैं कौन हूं!

उसने अपने जीवन से तस्वीरों के फ्लैश देखे,बचपन, स्कूल, उसका शोध। फिर उसने आई" प्रोजेक्ट के क्षण देखे,वह प्रारंभिक रिपोर्ट्स पढ़ रही थी जो प्रयोगशाला से रिसाव हुई थीं, यह देखकर हैरान थी कि कैसे न्यूरल इंटरफेस का दुरुपयोग किया जा सकता था।

नीना: मैंने यह काम रोकने की कोशिश की थी। इसीलिए वे मुझे चाहते हैं।

 

[फ्लैशबैक: प्रयोगशाला, छह महीने पहले]

नीना: (डॉ. शर्मा से) मैं आगे नहीं बढ़ सकती। मैंने परीक्षण के परिणाम देखे हैं। यह तकनीक बहुत खतरनाक है।

डॉ. शर्मा: (निराश) नीना, तुम समझ नहीं रही हो। हम इंसानी मन को प्रभावित करने की क्षमता के साथ इतिहास बनाने वाले हैं।

नीना: यही तो मुझे डर है। क्या होगा अगर यह गलत हाथों में पड़ जाए?

डॉ. शर्मा: (कठोर) तुम इसे रोक नहीं सकती। हमारे फंडर्स को बहुत उम्मीदें हैं...और निवेश।

नीना: तो मैं इसे सार्वजनिक करूंगी। लोगों को जानना चाहिए।

[डॉ. शर्मा का चेहरा कठोर हो गया]

डॉ. शर्मा: मुझे इसका अफसोस है, नीना। लेकिन हम ऐसा होने की अनुमति नहीं दे सकते।

 

[वर्तमान में वापस]

क्रॉस: देखो कैसे तुम्हारा मन टूट रहा है। तुम्हारी यादें, तुम्हारी पहचान... सब कुछ हमारा है।

नीना: (धीरे से) तुम डॉ. शर्मा के साथ काम कर रहे हो... वह इस सब के पीछे है, है ना?

क्रॉस: (मुस्कुराते हुए) तुम अभी भी कड़ियां जोड़ सकती हो। अच्छा। लेकिन जल्द ही, यह सब तुम्हारे लिए कोई मतलब नहीं रखेगा।

नीना: (अपने आप से सोचते हुए) वे मुझे नियंत्रित करना चाहते हैं क्योंकि मैं एकमात्र हूं जो आई" प्रोजेक्ट का सच जानती है... अगर वे मेरे दिमाग को फिर से प्रोग्राम कर देते हैं, तो मैं कभी भी सच्चाई उजागर नहीं कर पाऊंगी।

 

[प्रयोगशाला - वर्तमान]

क्रॉस नीना से दूर हटा और नियंत्रण कक्ष की ओर गया। उसने कहा, “अंतिम चरण शुरू करो। हमें उसकी पहचान को पूरी तरह से मिटाना है और उसे हमारे उद्देश्यों के साथ संरेखित करना है।”

तकनीशियन ने सिर हिलाया और विभिन्न बटनों को दबाया। मशीन एक उच्च पिच वाली आवाज़ के साथ गरजी।

लेकिन नीना ने हार नहीं मानी थी। उसने अपने दिमाग के अंदर एक अंतिम प्रतिरोध बनाने की कोशिश की। उसने एक स्पष्ट विचार पर ध्यान केंद्रित किया: एथन की याद। उनका प्लान। प्रूफ जो उन्होंने एकत्र किया था।

नीना: (अपने दिमाग में) मैं इसे रोकने वाली हूं। मैं भूलने से इनकार करती हूं।

जैसे-जैसे मशीन शुरू हुई, नीना ने महसूस किया कि उसके बंधन ढीले हो गए थे। शायद यह उसकी कल्पना थी, या शायद तकनीशियन ने प्रक्रिया के दौरान गलती की थी।

 

[प्रयोगशाला - तनावपूर्ण क्षण]

नीना की आँखें खुलीं। उसके शरीर को जकड़े हुए बंधन अब ढीले हो चुके थे, उनका पकड़ अब ढीला हो चुका था, जैसे एक कसता हुआ फंदा अचानक टूट जाए। उसने बिना सोचे-समझे अपनी हाथों को हिलाया।

वह नहीं जानती थी कि उसके हाथों ने क्या किया, लेकिन उसने पहले ही प्रतिक्रिया दी थी। उसने क्रॉस पर हमला किया था।

लेकिन तभी, अचानक... आई" ने उसे थाम लिया, और उसकी हरकत रुक गई।

नीना के शरीर में अचानक एक सहारा लग गया, जैसे एक अदृश्य ताकत ने उसके अंगों को अपने नियंत्रण में ले लिया हो। उसका हाथ हवा में ठहर गया, जबकि क्रॉस उसे हैरानी से देखता रहा।

क्रॉस: (धीरे से, आश्चर्यचकित) देखो...यह काम कर रहा है। आई" आपके शरीर को नियंत्रित कर सकती है।

नीना ने अपनी आंखों में आंसू महसूस किए। वह अपनी बाहों को हिलाना चाहती थी, लेकिन वे जवाब नहीं दीं। उसने अपनी उंगलियों को हिलाने की कोशिश की, लेकिन वे अनजान आदेशों के अनुसार चलीं।

क्रॉस: (मंत्रमुग्ध) नीना, तुमने हमें वह दिया है जो हम चाहते थे। एक ऐसी तकनीक जो न केवल दिमाग को बल्कि शरीर को भी नियंत्रित कर सकती है।

नीना: (अपने दिमाग में चिल्लाते हुए, लेकिन उसके होंठ हिले नहीं) नहीं! मैं ऐसा नहीं चाहती थी!

क्रॉस: (निर्देश देते हुए) अब, नीना, अपने इरादों को त्याग दो। तुम्हारा दिमाग और शरीर अब हमारा है।

नीना ने महसूस किया कि उसकी इच्छाशक्ति कमजोर पड़ रही थी। वह खुद से लड़ना जारी रखी, लेकिन आई" उसके अंदर गहराई तक पैठ रही थी।

नीना: (अपने आप से, अंतिम प्रतिरोध के साथ) मैं हार नहीं मानूंगी...मैं अपना मन नहीं खोऊंगी...मैं लड़ूंगी…

जैसे-जैसे आई" ने उसके दिमाग पर नियंत्रण मजबूत किया, नीना ने अपने जीवन के एक अंतिम स्पष्ट दृश्य को देखा,एथन का चेहरा, उनका योजना, और एक गुप्त स्थान जहां उन्होंने सबूत छिपाए थे।

नीना की आंखें बंद हुईं, और जब वे फिर से खुलीं, तो वहां कुछ अलग था,एक ठंडापन, एक खालीपन। वह धीरे से खड़ी हुई, उसके बंधन अब पूरी तरह से ढीले थे।

क्रॉस: (आश्वस्त होकर) नीना? तुम मुझे सुन सकती हो?

धीरे से नीना ने अपना सिर उठाया, और अपनी आंखों से क्रॉस को देखा। उसकी आंखें अब खाली थीं, मानो वह एक मशीन हो।

नीना: (मशीनी आवाज में) मैं सुन सकती हूं। मैं आपके आदेशों का पालन करने के लिए तैयार हूं।

क्रॉस मुस्कुराया, जीत भरी मुस्कुराहट। लेकिन, जैसे ही वह नीना से दूर गया, नीना की आंखों में एक क्षण के लिए एक चमक दिखाई दी,एक संकेत कि शायद अंदर कहीं, ना कही वास्तविक नीना अभी भी जिंदा थी, लड़ रही थी ख़ुद को बचाने के लिए,लेकिन इस गिरफ्त में वह खुद को बचा नहीं पा रही थी लेकिन नीना का वह अंश जो अभी भी इंसानों वाला था उसके भीतर एक उम्मीद थी कि कोई तो आएगा उसे बचाने,ईश्वर उसे इस तरह अकेला नहीं छोड़ सकता, कोई मदद आ जाए बस एक बार कोई उसे बचा ले। अचानक नीना के शरीर में हरकत हुई, ऐसा लगा जैसे उसका शरीर अब एक बार फिर उसकी काबू में है, उसने चारों तरफ अपनी नजरों को दौड़ाया और उसके होठों पर एक शातिर मुस्कुराहट आ गई,

 

नीना  वाकई में पूरी तरह से मशीन बन चुकी थी या वह दे रही थी डॉक्टर क्रॉस को धोखा? क्या नीना खुद को डॉक्टर क्रॉस के चंगुल से निकालने में कामयाब हो जाएगी? जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

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