वीरेंद्र की बातों ने अनिकेत को सोचने पर मज़बूर कर दिया था। वो पूरी रात ठीक से सो भी नहीं पाया था। रात भर करवटें बदलता रहा। एक ओर उसके दोस्त की एडवाइस थी, तो दूसरी ओर उसका दिल। वो न तो वीरेंद्र की एडवाइस को नकार पा रहा था न ही अपने दिल को समझा पा रहा था। वो अपने मोबाइल में हिना का फोटो देखकर सोच रहा था,

Aniket (thinking)  - वो मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती। वो एक प्रोफेशनल फ़िज़ियोथेरेपिस्ट है। एजुकेटेड है, अच्छे खानदान से है, वो कोई जासूस नहीं हो सकती।

उसका दिल अपने दोस्त की एडवाइस मानने के लिए तैयार नहीं था। रात के सन्नाटे में वीरेंद्र की बातें उसके दिमाग में गूँजने लगती है और वो अपने दोस्त की कही बातों से मैन्युपुलेट होकर हिना के खिलाफ सोचने लगता है,

 

Aniket (thinking)  - वीरेंद्र की बातें सच भी तो हो सकती है। टेररिस्ट को इंडिया भेजने में पाकिस्तान के बड़े-बड़े ऑफिसर्स का ही तो हाथ होता है। मुझे हिना पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। मुझे उसके बारें में अभी पता ही कितना है? फिर मैं कैसे कह सकता हूँ कि वो एक अच्छे खानदान से हैं? मैं रिस्क नहीं ले सकता। मुझे उसके बारे में सबकुछ पता करना होगा, लेकिन कैसे? मुझे उसकी फैमिली के बारे में पता करना होगा।

वो अपने ही सवालों में उलझ कर अपना ही दिमाग खराब कर रहा था, तो उसने हिना से उसकी फैमिली की डिटेल्स पूछने का मन बनाया। उसने जैसे ही अपना मोबाइल उठाया तो देखा  रात के 2 बज चुके थे। उसने हिना के unread मैसेज सीन किये और

मैसेज टाइप करना शुरू किया,

Aniket (texting) - सॉरी, मेरी नींद लग गयी थी, इसलिए आपके मैसेजेस का रिप्लाय नहीं कर पाया। आप अभी तक जाग रही है क्या?

Heena (denied) - अभी तो जाग रहे हैं। हमारी लेट नाईट जागने की आदत है। आपकी तरह इतनी कमज़ोर नींद नहीं है हमारी, जो बात करते-करते ही सो जाते हैं और फिर अचानक उठ भी जाते हैं.

अनिकेत अब इधर-उधर की बातों में टाइम ख़राब करना नहीं चाहता था। उसने डायरेक्ट अपने काम का सवाल पूछा,

Aniket (asking) - आपने आपके बारे में कुछ नहीं बताया। आई मीन आपका फैमिली में कौन कौन है, दोस्त, शहर के बारे में, आपकी एजुकेशन, पहली पहली जॉब वगैरह कुछ तो बताइये।

 

Heena (explain)  - साँस तो लेने दीजिये बाबा। 2 दिनों की बातचीत में सब कुछ जान लेंगे क्या आप? हमारी फैमिली के बारे में जानकर, हमारे घर रिश्ता लेकर आना है क्या आपको (laugh) आपका इरादा क्या है आख़िर?

Aniket (flat voice) - If you are uncomfortable, then no problem.

Heena (polite) - नहीं, हम बस मज़ाक कर रहे थे। अपनी फैमिली के बारे में बताने में क्या परेशानी हो सकती है हमें? छोटी सी फैमिली है हमारी। मम्मी, अब्बा और एक छोटा भाई, बस हम चारों ही लोग है परिवार में। हमारी अम्मी हॉउस वाइफ है, अब्बा आर्मी में है और छोटा भाई फॉरेन में रहता है। वो अभी अपनी स्टडी कम्प्लीट कर रहा है।

हिना के पापा पाकिस्तान आर्मी में थे। उसके पापा के बैकग्रॉउंड ने अनिकेत का शक और ज़्यादा बढ़ा दिया था। उसने तुरंत ही पूछा,

Aniket (shocked) - आपके फादर तो इंडिया से थे न? फिर पाकिस्तान आर्मी जॉइन क्यों की उन्होंने?

Heena (confused)  - ये कैसा सवाल है? बटवारें के बाद वे पाकिस्तान आ गए थे, तो पाकिस्तान आर्मी ही जॉइन करेंगे न? पाकिस्तान आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर है हमारे अब्बा। कर्नल असलम अब्दुल खान है उनका नाम । सोसायटी में बहुत रिस्पेक्ट है उनकी।

Aniket (confused)  - पाकिस्तान आर्मी तो इंडिया से नफ़रत करती है न? फिर तो आपके अब्बा भी इंडिया से नफ़रत करते होंगे। 1999 के कारगिल वॉर में इंडिया के ख़िलाफ़ लड़े भी होंगे।

Heena (hesitate) - हां उस वॉर में मेरे अब्बा भी थे, लेकिन उसका दुःख भी उन्हें था । उस वॉर के बाद वे काफ़ी दिनों तक मेंटली परेशान भी रहे थे। आर्मी छोड़ना भी चाहते थे, पर परिवार की जिम्मेदारियों की वजह से ऐसा कर नहीं पाए थे। हालांकि उस वक़्त वे कर्नल असलम अब्दुल खान नहीं, बल्कि लेफ्टिनेंट की पोस्ट पर थे।

अनिकेत समझ गया था कि हिना की स्टोरी जितनी सिंपल वो समझ रहा था, उतनी थी नहीं। उसने हिना से दूर रहने में ही अपने भलाई समझी। हिना को उस पर कोई शक न हो, इसलिए थोड़ी देर बेमन से उससे बात की और फिर good night बोलकर ऑफलाइन हो गया।

उसकी लव-स्टोरी शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो गयी थी। वो समझ गया था कि वे दोनों दरिया के ऐसे दो किनारे हैं, जो कभी नहीं मिल सकते और अगर मिलने की कोशिश की तो दरिया में बाढ़ आना तय थी। हालाँकि अनिकेत को उससे नॉर्मल दोस्ती रखने में कोई प्रॉब्लम नहीं थी, पर बात बढ़ती है, तो फिर आगे बढ़ती चली जाती, ये सोचकर अब वो उससे दोस्ती भी नहीं रखना चाहता था।

वो पिछली रात ठीक से सो नहीं पाया था। उसने हिना से दूर रहने का डिसिशन तो ले लिया था, पर उसके बाद से ही वो उदास हो गया था। सरहद के उस पार बैठी उस पाकिस्तानी लड़की से वो एक बार भी, मिला तक नहीं था। उसके बाद भी उसको हिना से लगाव होने लगा था। उससे मैसेज पर बात करते टाइम उसका दिल धड़कने लगता था। इससे पहले अनिकेत को इतना लगाव किसी भी लड़की से नहीं हुआ था। ऐसे में हिना से दूर रहने का डिसिशन लेना उसके लिए आसान नहीं था। उसका दिल उसके ईमोशन्स को संभाल नहीं पा रहा था।

उसकी उदासी सुबह का सूरज भी ख़त्म नहीं कर पाई थी । सुबह के 9 बजने वाले थे, पर अनिकेत अभी तक सोया हुआ था। उसकी नींद टूटी, उसकी मम्मी के कॉल से। उसने पहले तो कॉल इग्नोर कर दिया, लेकिन जब उसकी मम्मी का कॉल फिर से आया तो नींद में ही मोबाइल कान के पास लगाते हुए बड़बड़ाया,

Aniket (sleppy)  - मम्मी में अभी सो रहा हूँ.......

उसकी बात ख़त्म होती, उससे पहले ही उसकी मम्मी ने घबराते हुए कहा, “ईशान का एक्सीडेंट हो गया है बेटा। तू जितनी जल्दी हो सके इंदौर आ जा।” सुबह-सुबह अपने भाई के एक्सीडेंट के बारे में सुनते ही उसकी सारी नींद गायब हो चुकी थी। उसने घबराकर एक साथ कई सवाल पूछ लिए,

 

Aniket (scared) - भईयाँ का एक्सीडेंट? कैसे मम्मी? अभी कहां है भाई?

“पता नहीं बेटा, सुबह मॉर्निंग वॉक पर गया था। अँधेरे में कोई टक्कर मार कर चला गया। डॉक्टर ने पैर में फ्रैक्चर बताया है। तू कुछ दिन की छुट्टी लेकर इंदौर ही आ जा। ईशान के साथ हॉस्पिटल में रहने के लिए कोई नहीं है।” उसकी मम्मी ने कहा।

 

Aniket (fast & loud) - मैं अभी निकल रहा हूँ मम्मी। आप घबराइए मत। मैं अपने कुछ दोस्तों को कॉल कर देता हूँ। मेरे आने तक वे लोग आपके साथ ही रहेंगे। आप बिल्कुल भी टेंशन मत लीजिये।

उसने फोन काटा और इंदौर जाने के लिए जल्दी-जल्दी बैग पैक करके कमरे से बाहर निकल गया । एयरपोर्ट पर जाते टाइम रास्तें में उसने उसके बॉस को इन्फॉर्म कर दिया था। इस दौरान हिना के मैसेज भी आये, लेकिन उसने उसके एक भी मैसेज का रिप्लाय नहीं किया। इसका कारण कल रात का फैसला भी हो सकता था और अपने भाई की टेंशन भी। वो रास्ते भर यही सोचता रहा था कि,

 

Aniket (worried) - कही ऐसा तो नहीं, भाई को ज़्यादा चोटें आई हो, लेकिन मम्मी ने मुझे बताया नहीं हो?

फ्लाइट लेंड होते ही अनिकेत डायरेक्ट हॉस्पिटल ही पहुँच गया था। उसकी मम्मी ने डिटेल्स पहले ही बता दिया था, इसलिए वो डायरेक्ट वॉर्ड नंबर 13 के सामने पहुँच गया था। उसके 2 दोस्त और उसकी मम्मी ईशान के साथ बैठे थे। उसके चेहरे पर हल्की चोटें आई थी और एक पैर फ्रेक्चर हो गया था, जिस पर डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ा दिया था। अपने भाई को देखने के बाद उसने राहत की साँस ली।

उसने ग़ुस्से में उसके भाई से पूछा, “भईयाँ आपने टक्कर मारने वाले को देखा? बाइक थी या फिर कार थी?

डॉक्टर ने उसको ज़्यादा बोलने से मना किया था। उसकी मम्मी ने कहा, “क्या पता बेटा। अँधेरे में उसको कुछ नहीं दिखा। बस आवाज़  सुनाई दी थी उसको, कार थी वो शायद। हमारे पास न उस कार का नंबर है, न कुछ और। वो तो ठाकुर जी की कृपा से बस थोड़ी ही चोटें आई है।”

 

Aniket (polite) - मम्मी आप घर जाकर रेस्ट कीजिये। मैं रुक जाऊंगा यहाँ।

उसके दोस्तों को उसने थैंक्स बोलकर पहले ही भेज दिया था। उसकी मम्मी दोनों भाईयोँ को अकेला छोड़कर घर जाना तो नहीं चाहती थी, पर उनका घर हॉस्पिटल से ज़्यादा दूर नहीं था, इसलिए अनिकेत के ज़िद करने पर वे घर चली गयी थी। सफ़र में वो काफ़ी थक चुका था। वो वार्ड में रखे अडेंटेड बेड पर लेटकर रेस्ट करने लगा। उसके माइंड में अभी भी हिना के ही ख़याल आ रहे थे। उसने सुबह मैसेज किये थे और अब रात के 9 बजने वाले थे, पर अनिकेत ने अभी तक उसके मैसेज सीन नहीं किये थे। आख़िर में उसका दिल जीत गया उसने मैसेज सीन किये और एक छोटा सा रिप्लाय किया,

 

Aniket (flat voice) - बड़े भाई का छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था। इंदौर आया हूँ, थोड़ा बिज़ी हूँ.

Heena (worried) - My good. सब ख़ैरियत तो हैं न? हमें लगा आप मेरे पापा के बैकग्राउंड से डरकर हमसे बात नहीं कर रहे। कुछ हेल्प लगे तो बता दीजियेगा। फिज़ियों है न हम, शायद कुछ हेल्प कर सकते हैं आपकी।

 

अनिकेत के शक की सुई अभी भी हिना के पापा पर ही रुकी हुई थी। वो इन-डायरेक्टली उसके पापा के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा इन्फॉर्मेशन लेना चाहता था। उसने हिना से पूछा,

Aniket (asking)  - हांजी मैं बता दूंगा कुछ लगा तो! वैसे आपके पापा आर्मी में है, फिर तो आपके घर का माहौल बहुत स्ट्रिक्ट होगा न? आई मीन पापा की मर्ज़ी के बिना आप कुछ नहीं कर पाती होगी?

 

Heena (funny) - (laugh)  ऐसा कुछ नहीं है। बहुत क्यूट है हमारे पापा। अगर वे सपोर्टिव नहीं होते, तो हम यहां तक कैसे पहुँच पाते। अब थोड़ी बहुत स्ट्रिक्ट तो सभी के पैरेंट्स होते हैं। जैसे सबके फादर होते हैं, वैसे ही हामरे फादर है (PAUSE) वैसे … आप मेरे अब्बा में कुछ ज़्यादा ही इंट्रेस्ट ले रहे हैं, कही सीक्रेट एजेंट्स तो नहीं है आप? (laugh)

हिना के इस सवाल से वो थोड़ा झेंप गया था। अनिकेत को भी उस पर यही डाउट था और वही सवाल हिना उससे पूछ रही थी, मगर मज़ाक में। उसके इस सवाल ने उसको सोचने पर मज़बूर कर दिया था। वो सोच रहा था,

Heena (thinking & serious) - ये सीक्रेट एजेंट्स या फिर टेररिस्ट होती, तो क्या ऐसा सवाल मुझसे पूछती? वो भी हँसकर? कही मैं इस पर कुछ ज़्यादा डाउट तो नहीं कर रहा हूँ? पर मैं हिना पर आँख बंद करके भरोसा भी तो नहीं कर कर सकता हूँ न? पर आंखें खुली रखकर भरोसा और डाउट दोनों तो रखे जा सकते हैं न? इससे बातें करके देखता हूँ, मुझे ज़रा भी इस पर डाउट हुआ, तो ख़ुफ़िया एजेंसियों को इन्फॉर्म कर दूंगा, फिर वे अपने हिसाब से देख लेंगे।

यही सोचकर उसने मैसेज किया,

Aniket (offence) - आपको मैं सीक्रेट एजेंट लग रहा हूँ क्या?

Heena (hesitate) - सॉरी हम बस मज़ाक कर रहे थे, वैसे हो भी सकते हैं? अब्बा बताते हैं सभी देशों में अपने दूसरें देशों के सीक्रेट एजेंट रहते हैं। और कुछ एजेंट तो प्रोफेशनल की तरह दूसरें देशों में एंट्री लेते हैं।

 

Aniket (excited) - अच्छा ऐसा क्या? सीक्रेट एजेंट्स के बारे में जितना आप जानती है, उतना मैं नहीं जानता हूँ। कही आप ही तो नहीं है वो एजेंट? हो सकता है मुझे अपने जाल में फँसाकर मुख़बरी कर रही हो?

 

Heena (polite) -  और क्या? इरादा तो यही है, पर अब तो आपको हमारा राज़ पता चल चुका है। अब किसी और से दोस्ती करनी पड़ेगी हमें। (laugh)

अनिकेत हँस पड़ा था। हिना ने उसका बहुत बड़ा डाउट क्लीयर कर दिया था। उसको अब अपनी सोच पर रिग्रेट हो रहा था। उसने अपने आप से कहा,

Aniket (regret) - कितना बेवकूफ हूँ मैं, जो किसी और के कहने पर हिना पर डाउट कर रहा था। ऐसा कुछ होता, तो वो इस टॉपिक पर बात ही नहीं करती।

अनिकेत अपने आप से बोल ही रहा था कि उसके माइंड में फिर से एक ख़याल आया और वो एक फिर सोचने पर मज़बूर हो गया। उसका मुस्कुराता हुए चेहरा सीरियस हो गया था। वो सोच रहा था,

Aniket (thinking & daute)  - कही ऐसा तो नहीं हिना जानबूझकर ऐसा बोल रही हो? जिससे मुझे उस पर डाउट न हो? कही वो समझ नहीं गयी होगी कि मैं उस पर डाउट कर रहा था? और इसलिए ये सब बोला हो?

 

आख़िर क्या था हिना का राज़? एक नॉर्मल फिजियों या फिर कुछ और? क्या अनिकेत  कर पायेगा उस पर आँख बंद करके विश्वास? क्या हिना जानबूझकर कर रही थी सीक्रेट एजेंट वाली बात?


जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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