मुंबई वापस लौटते ही मेल्विन को सबसे पहले उसकी मां का कॉल आया।
“मैंने सारा सामान पैक कर लिया है मेल्विन।” मेल्विन की मां ने कहा, “कल ठीक समय पर मुझे लेने के लिए स्टेशन पर आ जाना।”
“ठीक है मां, मैं आ जाऊंगा।” मेल्विन ने कहा, “मैं अभी-अभी पुणे से मुंबई लौटा हूं। बहुत थका हुआ हूं इसलिए आराम करना चाहता हूं। कल गाड़ी पर बैठने के बाद मुझे कॉल कर लेना।”
“ठीक है बेटे, तुम आराम कर लो।” मेल्विन की मां ने कहा, “मैं कल गाड़ी में बैठने के बाद तुम्हें फोन कर दूंगी। अपना ख्याल रखना बेटा। आजकल तुम बहुत खोए–खोए से रहते हो। इसलिए मुझे तुम्हारी चिंता सताती रहती है।”
“मेरी चिंता करने की जरूरत नहीं है मां। मैं अपना ख्याल रख सकता हूं। आपको बेकार में इतना परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। आप अपना ख्याल रखिए, ये ज्यादा जरूरी है। अपनी उम्र का कम से कम लिहाजा कीजिए मां। अब आपने वो ताकत और जोश नहीं रहा जो मेरे बचपन में हुआ करता था। इतनी भाग–दौड़ और मेहनत आपकी सेहत पर कितना असर डालेगी आपको मालूम है?”
“ताकत और जोश उम्र पर निर्भर नहीं करता बेटे।” मेल्विन की मां ने कहा, “ये तो जज्बे पर निर्भर करता है। मुझमें जज्बा है इसलिए मैं इतनी मेहनत और भाग–दौड़ कर पाती है।”
“ठीक है, जैसा आपको ठीक लगे। अब मैं फोन रखता हूं मां। कल बात होगी।” मेल्विन ने इतना कहा तो उसकी मां ने भी फोन कट कर दिया।
मेल्विन के दिमाग में इस समय रेबेका से ज्यादा उसके बॉस मिस्टर कपूर घूम रहे थे। आज की वीडियो कॉल मीटिंग में वो अपने कलीग्स से क्या बातें करेगा, यही सब उसके सीमा में चल रहा था। तभी महेश का कॉल उसके पास आया।
“अरे हां महेश, मैं मुंबई आ चुका हूं।” मेल्विन ने फोन उठाते हुए कहा, “मैं तुम्हें कॉल करके बताना भूल गया।”
“कोई बात नहीं मेल्विन। तुम काफी थके हुए होगे इसलिए तुम्हारे दिमाग से बात निकल गई होगी। लेकिन आज की मीटिंग तो तुम नहीं भूले न?” महेश ने पूछा।
“आज की मीटिंग मैं कैसे भूल सकता हूं महेश। ये मीटिंग मेरी जिंदगी के बहुत अहम चीज बन चुकी है। क्या तुम्हारी बात कंपनी के दूसरे लोगों से हुई है?”
“हां, मैंने सबसे बात कर ली है।” महेश ने बताया, “और ज्यादातर का यही मानना है कि बॉस इस मामले में गलत है। लेकिन कुछ ऐसे भी नमूने हैं जो बॉस के साथ खड़े हैं। ये लोग वही हैं जिन्हें अपनी नौकरी की बहुत ज्यादा प्रभाव है या तो इस नौकरी पर वो पूरी तरह डिपेंड है।”
“मैं समझ सकता हूं महेश। हमारी कंपनी से जुड़े नए लोग मेरे साथ खड़े होने में हिचकिचाएंगे, ये मुझे मालूम था।” मेल्विन ने कहा, “मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर कंपनी की 25% लोग भी मेरे साथ खड़े हो जाए तो मैं बॉस से भिड़ने के लिए तैयार हूं।”
“तो मीटिंग कितने बजे रखी जाए मेल्विन? महेश ने पूछा, “अब जबकि तुम मुंबई आ ही गए हो तो 10 बजे मीटिंग रख ले? ज्यादातर कलीग 11 बजे तक सो जाते हैं।”
“ठीक है महेश, 10 बजे ही मीटिंग रख लो।” मेल्विन ने कहा, सेवैसे भी मैं उनका ज्यादा टाइम नहीं लूंगा। मुझे बस इतना जानना है कि वो इस मामले में मेरा कहां तक साथ दे सकते हैं।”
“ठीक है मेल्विन, मैं अब तुम्हें 10 बजे कॉल करूंगा।” महेश ने इतना कहकर फोन कट कर दिया।
अभी मेल्विन की महेश से बात खत्म हुई ही थी कि तुरंत डॉक्टर ओझा का कॉल मेल्विन के फोन पर आया। आज सबको मेल्विन से कुछ न कुछ बातें करनी थी। आखिर करनी भी क्यों न होती। एक तरफ मेल्विन 400 किलोमीटर का सफर करके वापस घर लौटा था और दूसरी ओर उसे अपनी कंपनी से बाहर भी निकाल दिया गया था।
मेल्विन ने डॉक्टर ओझा का कॉल पिक किया।
“कैसे हो मेल्विन?” डॉक्टर ओझा ने उसके कॉल उठाते ही पूछा, “कैसा रहा पुणे का ट्रिप?”
“ट्रिप के बारे में न ही पूछिए तो अच्छा है डॉक्टर साहब।” मेल्विन ने कहा, “इस ट्रिप से बुरा भी आज मेरे साथ कुछ घटित हुआ है।”
“और क्या घटित हो गया मेल्विन?” डॉक्टर ओझा ने पूछा, “सब ठीक तो है?”
“मुझे मेरी कंपनी से निकाल दिया गया है डॉक्टर साहब।” मेल्विन ने बताया।
“क्या बात कर रहे हो तुम!” डॉ ओझा ने हैरान होते हुए पूछा, “यह कैसे हुआ?”
“पहले ही कुछ डिस्प्यूट चल रहे थे मेरे और बॉस के बीच।” मेल्विन ने बताया, उसी का बदला लेने का एक मौका तलाश रहे थे मिस्टर कपूर। आज मैं ऑफिस न जाकर पुणे चला गया था इसलिए उन्हें मुझ पर एक्शन लेने का मौका मिल गया।”
“तुम्हारे और बॉस की तो आपस में काफी बनती थी मेल्विन। फिर आखिर डिस्प्यूट किस कारण शुरू हो गया?”
“याद है, मैं कुछ दिन पहले छुट्टी पर घर गया था? मैं अपनी छुट्टी पूरी करने से पहले ही वापस भी लौट आया था।” मेल्विन ने याद दिलाते हुए कहा तो डॉक्टर ओझा ने हामी भरते हुए कहा, “हां, ये तो मुझे अच्छी तरह याद है। लेकिन ये नहीं मालूम कि उस समय एक्चुअली में हुआ क्या था।”
“एक बहुत बड़ी कंपनी से बॉस ने हाथ मिलाकर एक एग्जीबिशन इवेंट रखा था। इस इवेंट के बारे में बॉस ने मुझे कोई जानकारी नहीं दी थी। वे चाहते थे कि उनका कोई नया एम्पलाई इस इवेंट में अपनी पहचान बनाए ताकि उनकी कंपनी का फ्यूचर सेफ रह सके। महेश से मुझे इस इवेंट के बारे में पता चला तो मैं तुरंत मुंबई वापस लौट आया। मैंने एग्जीबिशन में न सिर्फ हिस्सा लिया बल्कि मुझे उसमें बेस्ट आर्ट का अवार्ड भी मिला। उस कंपनी के मालिक ने मेरी तारीफ भी की थी। बस तब से ही बॉस मुझे कुछ ज्यादा ही खफा रहने लगे थे।”
“इसमें डिस्प्यूट जैसी कोई बात तो नजर नहीं आती मेल्विन। तुमने अपने बॉस से तुरंत इस बारे में बात नहीं की?” डॉक्टर ओझा ने पूछा।
“बातचीत तो हमारी हुई थी डॉक्टर साहब।” मेल्विन ने बताया, “लेकिन बॉस को मेरी बात समझ में नहीं आई। उनकी आईडियोलॉजी पूरी तरह से बदल चुकी है। वे अब सिर्फ अपनी कंपनी की फ्यूचर के बारे में सोचते हैं। उनके पुराने से पुराने एम्पलाई के साथ चाहे जैसा भी व्यवहार हो उन्हें इससे कोई भी मतलब नहीं है।”
“तो तुम क्या इस बात का विरोध नहीं करोगे?” डॉक्टर ओझा ने पूछा, “आखिर एक अवार्ड तुम्हारे नौकरी के लिए खतरा कैसे बन सकती है मेल्विन?”
“बस इसी सिलसिले में मैंने आज रात एक वीडियो कांफ्रेंस पर मीटिंग रखी है।” मेल्विन ने बताया, 10 बजे हम इस पर चर्चा करने वाले हैं। अगर मुझे मेरे कलीग का साथ मिला तो कल मैं बॉस से इस पर तगड़ी बहस करने वाला हूं।”
“ये तो बहुत बड़ा हंगामा हो गया मेल्विन। मैंने तो तुमसे पुणे ट्रिप के बारे में जानने के लिए कॉल किया था। लेकिन तुम तो उससे भी बड़ी परेशानी में गिरे हुए हो।” डॉक्टर ओझा ने कहा, “पुणे में क्या हुआ?”
“रेबेका पर मैं बहुत गुस्सा हुआ।” मेल्विन ने बताया, “उसका मिसिंग होना और मुझे पुणे बुलाना ये सब उसके प्लान का एक हिस्सा था। वो मेरा इम्तिहान ले रही थी।”
“इम्तिहान! कैसा इम्तिहान?” डॉक्टर ओझा ने पूछा, “तुम तो वहां रेबेका से मिलने और उससे बातचीत करने गए थे। क्या तुम्हें अपने सवाल का जवाब नहीं मिला?”
*रेबेका को मेरी काबिलियत पर शक था।” मेल्विन ने बताया, “जिसे मेरी काबिलियत पर ही यकीन न हो उससे मैं क्या जवाब मांगू डॉक्टर साहब?”
“क्या मतलब है तुम्हारा मेल्विन?” डॉक्टर ओझा ने पूछा, “क्या रेबेका से बात बनने की बजाय बिगड़ गई? अगर ऐसा हुआ है तब तो बहुत गड़बड़ हो जाएगा।”
“कुछ ऐसा ही समझिए और डॉक्टर साहब। मेल्विन ने बताया, “लेकिन इसमें गड़बड़ होने वाली कौन सी बात है?”
“मेल्विन, आज लोकल में बातों ही बातों में मेरी शर्त लक्ष्मण से लग गई।” डॉक्टर ओझा ने मेल्विन को बताते हुए कहा, “अब मेरी इज्जत तुम्हारे हाथ में है मेल्विन।”
“आप क्या कहना चाहते हैं डॉक्टर साहब? साफ-साफ कहिए, मैं आपकी बात समझ नहीं पा रहा हूं।”
“मेल्विन, आज फिर लक्ष्मण तुम्हारी गैर मौजूदगी में अनाप-शनाप बक रहा था। तुम्हें उल्टा–सीधा कह रहा था।” डॉक्टर ओझा ने कहा, “बस मुझे भी गुस्सा आ गया। मैंने उससे शर्त लगा ली।”
“कैसी शर्त डॉक्टर साहब?” मेल्विन ने घबराते हुए पूछा, “और लक्ष्मण से कोई भी शर्त लगाने की क्या जरूरत थी आपको?”
“मुझे तुम्हारे बारे में इतना सब कुछ गलत नहीं सुना गया मेल्विन।” डॉक्टर ओझा ने कहा, “मैंने लक्ष्मण को साफ-साफ कह दिया कि अगर मेल्विन रेबेका से दोस्ती करने में फेल रहा तो मैं आज से लक्ष्मण से सलाह–मशविरा करूंगा, न कि तुमसे; और अगर तुम रेबेका से दोस्ती करके वापस लौटते हो तो फिर लक्ष्मण तुमसे हाथ जोड़कर सबके सामने माफी मांगेगा।”
“बहुत बढ़िया डॉक्टर साहब।” मेल्विन ने कहा, “अब बस यही बाकी रह गया था। तो अब आपकी इज्जत बचाने के लिए मुझे रेबेका से दोस्ती करनी होगी।”
“हां, सिचुएशन अब कुछ ऐसी ही हो गई है।” डॉक्टर ओझा ने कहा, “तुम्हें मेरी खातिर इस बिगड़ी हुई बात को ठीक करना होगा।”
“ये आखिर किस तरह मुमकिन हो पाएगा डॉक्टर साहब?” मेल्विन ने पूछा, “रेबेका ने जो किया उसे मैं सही कैसे ठहरा सकता हूं? आप ही बताइए, किसी का इम्तिहान लेने के लिए क्या उसे 400 किलोमीटर बाइक राइड करवानी चाहिए?”
“लेकिन पुणे में ऐसा हुआ क्या है मेल्विन? मुझे पूरी बात बताओगे तब मैं समझ पाऊंगा।” डॉक्टर ओझा ने मेल्विन से कहा।
“ये सब कुछ मैं आपको कल मिलने पर बताऊंगा। फिलहाल मेरा ध्यान दूसरी तरफ है डॉक्टर साहब। अगर आप कल तक सब्र कर सकते हैं तो मैं फोन रखूं?”
“ठीक है मेल्विन। उम्मीद है, तुम मेरे शर्त के बारे में भी विचार करोगे। लक्ष्मण के सामने झुकने को मैं कभी तैयार नहीं हो सकता। वो एक नंबर का उल्लू का पट्ठा है।”
“ठीक है डॉक्टर साहब, मैं विचार करूंगा। अच्छा, अब गुड नाइट।” मेल्विन ने इतना कह कर फोन कट कर दिया।
अगले 1 घंटे तक मेल्विन ने अपने डिनर की तैयारी की। ठीक 10 बजे महेश ने उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का लिंक व्हाट्सएप पर भेजा।
मेल्विन ने तुरंत सबको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इनवाइट किया।
धीरे-धीरे लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़ने लगे और देखते ही देखते संख्या 9 लोगों की हो गई।
“हेलो एवरीवन।” मेल्विन ने मीटिंग की शुरुआत करते हुए कहा, “कैसे हैं आप सब?”
“हेलो मेल्विन, हम सब ठीक हैं। तुम बताओ, तुम्हारा क्या हाल है?” एक कलीग ने मेल्विन से पूछा।
“मैं भी ठीक हूं दोस्तों।” मेल्विन ने कहा, “जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि ये मीटिंग मैंने किस लिए रखी गई है।”
“हां मेल्विन, महेश ने हम सबको इस मीटिंग के बारे में सब कुछ बता दिया है।” एक दूसरे कलीग ने मेल्विन से कहा, “तुम बताओ, तुम क्या बातचीत करना चाहते हो इस बारे में?”
“मैं सिर्फ आप सब लोगों से एक सवाल करना चाहता हूं दोस्तों।” मेल्विन ने अपनी बात शुरू करते हुए कहा, “मैं आप लोगों से सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि क्या आप लोग मेरे साथ हैं? बॉस ने मेरे अगेंस्ट जो एक्शन लिया है क्या आप लोग को लगता है कि वो सही है?”
*देखो मेल्विन, हमारे सोचने से कुछ नहीं होता। ऑफिस में अगर हमारे जैसे लोग मौजूद हैं तो कुछ ऐसे लोग भी हैं जो तुम्हें पसंद नहीं करते हैं। हम कुल 27 लोग ऑफिस में है। अब तुम यही देख लो कि हम यहां नौ लोग मीटिंग में है। इस 9 में से अगर 9 लोग भी तुम्हारे साथ मजबूती से खड़े रहे तब भी तुम्हारे लिए आगे की राह मुश्किल से भरी होगी।”
“मैं जानता हूं बृजेश। अगर आप सब लोग मेरे साथ खड़े हैं तो मुझे यकीन है कि कल सुबह तक आधे से ज्यादा लोग मेरा साथ देने के लिए तैयार हो जायेंगे।” मेल्विन ने कहा, “बॉस ने जो टर्मिनेशन लेटर मुझे भेजा है वो सरासर गलत है। अगर वो मेरे साथ ऐसा कर सकते हैं तो ऑफिस में किसी के साथ भी ऐसा कर सकते हैं?”
“लेकिन ऑफिस में तो कुछ और भी बातें चल रही है मेल्विन।” बृजेश नाम के इस कलीग ने कहा, “लोग कह रहे हैं कि तुम्हारा और बॉस का कुछ पुराना झगड़ा चल रहा है।”
“ये सब बेकार की बातें हैं दोस्तों।” मेल्विन ने समझाते हुए कहा, “बॉस से मेरा कोई झगड़ा नहीं चल रहा है। अगर उनसे मेरा कोई झगड़ा होता तो क्या इसके बारे में मुझे खबर नहीं होती। बॉस ने बिना वजह ही मेरे खिलाफ ये एक्शन लिया है। इसलिए ही मैं उनसे नाराज हूं और इस मीटिंग में इस बात की चर्चा करना चाहता हूं।”
तभी एक दूसरे कलयुग ने मेल्विन से सवाल करते हुए पूछा, “पिछले कुछ दिनों से हम भी इस बात को नोटिस कर रहे हैं मेल्विन। तुम्हारे और बॉस के बीच नहीं बन रही है। तुम्हारे काम में भी अब पहले से ज्यादा कमियां आने लगी हैं। बस को लगता है कि तुम अब कंपनी में काम करने के काबिल नहीं हो। तुम्हारा ध्यान अब कहीं और रहने लगा है।”
मेल्विन आखिर अपने ही ऑफिस में काम करने वाले लोगों को कैसे समझाएगा? क्या मेल्विन के कलीग उसका साथ देंगे? क्या वो अपने साथ और भी लोगों को जोड़ सकेगा? क्या मेल्विन अपनी नौकरी बचा पाएगा? क्या वो रेबेका से दोस्ती करके डॉक्टर ओझा को शर्त जीताने में मदद करेगा?
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