सनाया ज्यों ही माहिर खन्ना के गले लगी उसने उसी वक्त सनाया की कमर पर अपने दोनों हाथ रखे और दूजे ही पल उसे खुद से दूर कर दिया-
"भूला भी तो नहीं!"

सनाया उसके चौड़े सीने पर नजर डाल उसकी आखों में देखते हुऐ -"रियली,तभी माहिर उसकी कमर पर अपनी एक बाहं कस लेता है और दूसरे हाथ से उसके बालों को उसके चेहरे से हटाकर कान के पीछे करते हुए बोलता है-"येस सनाया लूथरा!"

"तुम्हारे पर्फ्यूम के जैसे तुम्हारी इस किलर अदा में बड़ी मदहोशी है माहिर और तुम्हारी ये स्माइल उफ्फ!"कह सनाया माहिर के होठों को चूमने को हुई कि माहिर ने अपना चेहरा थोड़ा सा पीछे कर लिया और भोहें चढ़ाते बोला-"इतनी क्या जल्दी है?"

ये सुन सनाया हंस देती है और अपनी अंगुलियां माहिर के चेहरे पर घुमाते हुए कहती है-"तुम्हें जल्दी लग रहा है माहिर,तुमने वेट करवाया है उसका क्या?(एक पल रूककर)बट एम हैप्पी 
कि आज फाइनली मेरा वेट खत्म हो ही गया,
कहा था ना तुम मुझे खुद बुलाओगे और देखो तुमनें मुझे बुला लिया!"

माहिर मुस्कुराते हुए-"कुछ ज्यादा ही खुश लग रही हो तुम सनाया लूथरा!"

सनाया मंद मंद हंसते हुए-"खुश होना तो बनता है ना माहिर,तुमसे मिलने आई हूं और तुमनें खुद मुझे स्पेशली मिलने बुलाया है वो भी होटल के इस ब्यूटीफुल से रूम में,जहां सिर्फ तुम और मैं हूं,पता है आज के दिन का मैं बेसब्री से इंतजार कर रही थी,वन ईअर ले लिया तुमनें,पर मैं ये भी जानती थी कि आज का दिन जरूर आएगा एंड सी आ ही गया,आज हम फिर साथ है ,,करीब है!"बोलते सनाया माहिर खन्ना के पहने नाइट गाऊन के लेसिज खोलने लगी कि तभी माहिर ने उसके हाथों को पकड़ लिया-"फिर साथ जरूर है हम बट करीब नहीं एंड रिमेंबर देट हम कभी करीब थे ही नहीं और ना ही कभी हो सकते है!"
माहिर की ये बात सुन सनाया हैरानी से भर गयी और उसके चेहरे का रंग भी उड़ गया,सनाया के चेहरे का बदला रंग देख माहिर तिरछा मुस्कुरा देता हैं,,,,माहिर की मुस्कुराहट देख सनाया का जबड़ा कस जाता है वो गुस्सियाते हुऐ माहिर पर चिल्लाती है-"नॉट एगेन माहिर खन्ना!"

तभी माहिर उसे खुद से दूर कर देता है और उसे घूरते हुए कहता है-"येस नॉट एगेन.... एंड शट यूअर मॉऊथ,सनाया लूथरा मुझ पर चिल्लाने की जरूरत नहीं है अंडरस्टैंड!"

सनाया फिर कुछ भी नहीं बोली उसने उसी पल माहिर को गुस्से से घूरते हुए अपने हाथों की मुठ्ठी बांध ली......,माहिर उसकी बंद मुठ्ठियों को देख सनाया की ओर आई विंक कर मुस्कुरा देता है-"
आई लाईक इट आई रियली लाईक इट!"

_________

कुछ देर बाद

माहिर खन्ना सोफे पर बड़े ही स्टाईल से पैर पर पैर रखकर बैठा हुआ था,उसके हाथ में वाईन से भरा गिलास था जिसे वो सनाया लूथरा की ओर देखते पी रहा था,सनाया जो उसके सामने वाले सोफे पर बैठी उसे गुस्से से घूर रही थी,,,,,तभी माहिर ने सनाया के सामने टेबल पर पड़ी ब्लू फाइल की ओर इशारा करते कहा-"मुझे देखना हो गया हो तो सामने तुम्हारे जो फाइल पड़ी है उसे भी देख लो,ताकि तुम्हें समझ आ जाए मैनैं तुम्हें यहां क्यों बुलाया है?"

ये सुन सनाया सामने पड़ी फाइल फट से उठा लेती है,ज्यों ही सनाया ने फाइल चेक की उसकी आखों में गुस्सा उतर आया,वो फाइल को टेबल पर पटक सोफे से उठ गयी-"माहिर तुमनें मुझे इस काम के लिए लंदन से अर्जेंट पुणे आने को कहा.....,तुमनें मुझे इस काम के लिए स्पेशली बुलाया हैं जिसे कोई भी कर सकता था,....जब तुमको मुझसे मिलने में कोई इंटरेस्ट ही नहीं है तो क्यों बुलाया मुझे?"

सनाया की बातें सुन पहले तो माहिर मुस्कुराया और फिर गिलास को टेबल पर रख सोफे के ऊपरी साईड अपने हाथ फैलाते हुऐ बोला-"जो काम तुम्हारा है .....वो काम कोई और कैसे कर सकता है सनाया लूथरा,भूलो मत तुम मेरे अंडर काम करती हो,तुम्हें क्या लगा मैनैं तुम्हें अपने लिए बुलाया है नो सनाया लूथरा नो,एंड यू आर राईट एम नॉट इंटरेस्टेड इन यू,कभी था ही नहीं मैं तुम में इंटरेस्टेड,जानती हो ना तुम ये बात बट तुम मानने को तैयार ही नहीं हो एनीवेज मैनैं तुम्हें इसी (फाइल की ओर इशारा कर)काम के लिए बुलाया है जो तुम्हें अब करना है एंड इट्स माई ऑर्डर ओके!"

"ऑर्डर माई फुट,नहीं मानती मैं तुम्हारा ऑर्डर जा रही हूं मैं वापस लंदन और अब कभी नहीं आऊंगी,तुम कहोगें तब भी नहीं!"सनाया बोल कर वहां से जाने लगी कि माहिर बोल पड़ा-"
गलती कर रही हो तुम सनाया लूथरा!"

ये सुन सनाया के कदम जाते जाते रूक गये,
उसने माहिर की ओर देखा तो माहिर फिर बोल पड़ा-"यहां से जाना मतलब बहुत बड़ा लॉस ,
समझ रही हो ना तुम,ऐसी भी गलती मत करो जिसके लिए उम्र भर पछताना पड़े तुम्हें,मुझे तो लगा था साल भर काफी होगा तुम्हारे लिए,अब तक तुम अपने माइंड को सेट कर चुकी होगी,
पर नहीं तुम्हारे माइंड में तो अभी भी वहीं सब चल रहा है और मुझे नहीं लगता तुम्हारा माइंड कभी सेट होगा,,,उस वक्त जाने दिया था तुम्हें 
ताकि तुम समझ जाओ जो तुम चाहती हो वो नहीं हो सकता!"

तभी सनाया बोल पड़ी-"क्यों नहीं हो सकता!"

माहिर सोफे से उठते हुए-"तब भी कहा था आज फिर कह रहा हूं और लास्ट बार कह रहा हूं नहीं मानता मैं प्यार - शादी जैसी चीजों को!"

"तो मैनैं कब कहा मुझसे शादी करो,हम साथ तो रह ही सकते है ना!",....सनाया बोल रही थी कि माहिर उसकी बात काट बोल पड़ा-"नहीं,नहीं रह सकते हम साथ बिकोज मैं रहना ही नहीं चाहता,
ना तुम्हारे साथ ना ही किसी और के साथ,एक ही बात तुम्हें कितनी बार बतानी पड़ेगी?"

"तुम्हें भी कितनी बार बताना पड़ेगा माहिर कि मैं तुमसें प्यार करती हूं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं 
जब तुम मेरी बात नहीं सुन रहे,समझ रहे तो मुझ से कैसे एक्सपेक्ट कर सकते हो?"सनाया ने ये कहा तो माहिर मुस्कुरा दिया-"तुम्हारा प्यार भी जानता हूं और तुम मेरे साथ क्यों रहना चाहती हो ये भी मैं अच्छे से जानता हूं बट अफसोस जो तुम चाहती हो वो कभी नहीं होगा,तुम्हें क्या लगा था तुम जब गयी थी तुम खुद यहां से जा रही हो और तुम्हारे जाने से मुझे फर्क पड़ेगा और मैं तुम को अपने पास बुला लूंगा और मैं फिर मैं तुम्हारा हो जाऊंगा,नो सनाया लूथरा नो,तुम यहां से गयी मैनैं जाना दिया,दूर भेजा तुम्हें यहां से खुद से मैनैं ताकि तुम्हें रिलाईज हो सके तुम जो सोच रही हो वो कभी नहीं होगा,ब्रेक दिया तुम्हें काम से ताकि तुम अपनी मेंटली हालत ठीक कर सको बट कोई फायदा नहीं हुआ ,आज भी तुम वैसी ही हो एंड नॉऊ आई डोंट केयर बहुत टाईम ले लिया,बहुत आराम कर लिया,बहुत छुट्टी हो गयी,अब काम पर लगो!"

ये सुन सनाया ने टेबल पर पड़ी फाइल की ओर देखा तो माहिर टेबल से गिलास उठाकर वाईन का सिप लेते बोला-"तुम्हारे पास ....कोई और ऑप्शन नही है सनाया लूथरा..... यू हेप फाइव मिनट,सोच लो.....काम करना है तुम्हें मेरे साथ या फिर अपने लिए मुश्किलें खड़ी करनी हैं?"

इतना कह माहिर ने गिलास को पूरा गटका और उसे वहीं सोफे पर फैंक वाथरूम में चला गया!
पांच मिनट बाद माहिर वाशरूम से बाहर आया,
ब्लेक सूट ब्लेक सूज,पहले वाली पर्सनैलिटी से भी ज्यादा डेंसिग हॉट वो अपने इस काले सूट और इस एप्टीट्यूड में नजर आ रहा था,सनाया उसे देख फिर अपनी पलकें झपकाना भूल गयी,
माहिर मिर्रर के सामने जाकर अपने बाल सेट करते हुऐ बोला"क्या सोचा सनाया लूथरा!"

"तुमनें ही तो कहा,कोई और ऑप्शन नहीं है मेरे पास!"कहते सनाया ने टेबल से फाइल उठा ली,
माहिर सनाया की तरफ मुड़ा और उसके हाथ में फाइल देख मुस्कुरा दिया-"मुझे पता था तुम मुझे ना नहीं कह पाओगी!"

"ना कहना तो तुम्हें आता है माहिर खन्ना और मैं तुम्ह़े ना कहकर अपने लिए प्रोब्लम नहीं चाहती,
मुझे मेरी लाईफ मेरा करियर बहुत प्यारा है,वाई द वे इस काम के लिए तुम मुझे ऑफिस में भी तो बुला सकते थे यहां होटल में बुलाने की क्या जरूरत थी?"सनाया माहिर की ओर चली आई,

"मुझे तुम्हारी एक्साइटमेंट देखनी थी,तुम क्या सोचकर लंदन से पुणे मेरे एक कॉल पर भागी चली आई आईमीन मेरे बुलाने को तुमनें किस तरह लिया हैं,मुझे अच्छे से जानना था सनाया लूथरा,जो मैनैं जान लिया,तुम्हें तो बुरा लग रहा होगा ना जो तुमनें सोचा वो नहीं हुआ बट मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लग रहा और हां मैंने तुम्हें ऑफिस की बजाये..... यहां होटल में इसलिए बुलाया बिकोज मैं नहीं चाहता था तुम ऑफिस में आओ और कोई तमाशा करो,वो आदत है ना तुम्हारी तमाशा करने की!"

ये सुन सनाया हंस दी-"कभी अपनी आदत को भी देखा करो,....इतना एटीट्यूड अच्छा नहीं है माहिर खन्ना,तुम्हें क्या लगता है तुम सबको ना कह सकते हो,कोई तुम्हें ना नहीं कह सकता?"

माहिर एटीट्यूड वाले लहजे में-"माहिर खन्ना को कोई ना कह दे...,ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ सनाया लूथरा,मुझे ना को भी हां में बदलना अच्छे से आता हैं!"

सनाया हाथ में पकड़ी फाइल को हिलाते हुऐ-"
यही तो गलतफहमी है तुम्हें माहिर खन्ना,देखना कभी तुम्हें भी ना कहने वाला कोई मिलेगा जिस
की ना को तुम हां में नहीं बदल पाओगे,उस दिन पता चलेगा तुम्हें ना सुनना क्या होता है,ना सुन
कर कैसा लगता है!"

"ऐसा कभी नहीं होगा,मुझे कोई ना नहीं कहता स्पेशली लड़किया़ं तो कभी नहीं अब तुम खुद को ही देख लो,तुम मुझे ना कह सकती हो क्या,
(एक पल रूककर)कभी नहीं....."इतना कह 
माहिर खन्ना ने मिर्रर के आगे से अपना काला चश्मा उठाया और मुड़कर एक नजर सनाया पर डाली -"गुड बाय बेबी"....और वो वहां से चला गया!

सनाया ने गुस्से से अपने दांतो को भींच लिया-"
मैं छोड़ूगी नहीं तुम्हें माहिर खन्ना,मेरी इंसल्ट की है ना तुमनें,इसका बदला मैं तुमसे लेकर रहूंगी!"
_______

माहिर खन्ना नीचे होटल के बाहर पहुंचा तो उस
की गाड़ी पहले से वहां रेडी थी उसका मैनैजर अनुज गाड़ी के पास खड़ा था!माहिर खन्ना के पास आते ही उसने गाड़ी की चाबी माहिर खन्ना को दे दी!

माहिर खन्ना ने अनुज की ओर देखा-"नजर रखना सनाया लूथरा पर?"
अनुज  ने हां में सिर हिलाया -"ओके सर,सर आप घर जा रहे है!"

"नहीं,ऑफिस जा रहा हूं.......माहिर बोला और उसी वक्त वो अपनी गाड़ी में बैठ वहां से निकल गया!

तभी सनाया भी होटल के बाहर आ गयी,अनुज उसके पास चला आया-"सनाया लूथरा की हो गयी मुलाकात माहिर खन्ना से?कैसी रहा एक साल बाद मिलना?"

सनाया उसे घूरते हुए-"तुमसे मतलब?"

अनुज भोहें चढ़ाते-"उप्स.....क्या बात है सनाया लूथरा जब आई थी आप तब तो आप बड़ी खुश नजर आ रही थी,बॉस से मिलने के बाद तो आप का चेहरा बूझा बूझा सा ही हो गया......अनुज बोल रहा था कि सनाया को अपनी तरफ गुस्से से देखता पाकर अनुज चुप हो जाता है और अपने कोट की जेब से एक लिफाफा निकाल फट से सनाया की ओर बढ़ा देता है-"सुबह की फ्लाईट है?"

सनाया ने उसके हाथ से लिफाफा छीन लिया-"
जानते थे ना तुम,...माहिर ने मुझे यहां पर क्यों बुलाया,बता नहीं सकते थे?"

अनुज इधर उधर देखते-"जानता था अच्छे से जानता था बट सनाया लूथरा सरप्राइज नाम की भी तो कोई चीज होती है ना....राईट बाई द वे कैसा लगा सरप्राइज,मजा आया,....अनुज का ये कहना हुआ कि सनाया अनुज के गले की तरफ अपने हाथ ले जाते गुस्से से बोल पड़ी-"तुम्हारी तो?"पर उसके हाथ अनुज की गर्दन को गिरफ्त
में ले पाते उससे पहले ही अनुज ने उसके हाथ पकड़ लिये-"मेरे बॉस माहिर खन्ना है आप नहीं,
मैं उनकी ही सुनता हूं और उनको ही बताता हूं,
वैसे भी मैं आपको(भोहे उचकाते)कैसे बताता
आप तो इंटरेस्टेड ही नहीं मुझसे बात करने में,
बताता तो बात करनी पड़ती ना!"

सनाया कुछ नहीं बोली ,उसने अपने हाथ अनुज से छुड़ाये और उसे घूरते हुए उसी वक्त वहां से पैर पटकते चली गयी,उसको जाते देख अनुज मुस्कुरा दिया-"लगता है बॉस ने आज अच्छे से खातिरदारी की है सनाया लूथरा की!"

__________

(अगली सुबह)

राजश्री जी अभी हॉस्पिटल में ही थी"हम आते है कहकर......."हॉस्पिटल से बाहर आकर अयाना कार्ड पर दिए नंबर पर फोन करती है और बताई गयीं जगह पर पहुंच जाती है,जैसे ही वो कैफे में पहुंची तो देखा वहां पर कोई नहीं था!

अयाना इधर उधर देखते हुऐ-"यहां तो कोई भी नहीं है!"

तभी पीछे से आवाज आई-"मैं हूं ना!"

अयाना चौंकते हुऐ पीछे मुड़ी और सामने खड़े शख्स की ओर देखते-"आप.....माहिर खन्ना!"

"नो एम अनुज हाय मैनेजर वो माहिर खन्ना"
आयना की ओर हाथ बढ़ाते हुऐ अनुज ने कहा!

"हाय"अयाना बिना अनुज से हाथ मिलाते हुए बोली,

तभी अनुज खुद से बड़बड़ाया-"एक तो मुझे समझ नहीं आता है पहले तो लड़कियां मुझको माहिर खन्ना समझ लेती है पर जैसे ही मैं बताता हूं मैं वो नहीं हूं तो मुझसे हाथ भी नहीं मिलाती है?"

अयाना हैरानी से -"क्या कहा आपने?"

अनुज-"नंथिग,आप माहिर खन्ना से मिलने आई है राईट!"

अयाना-"हां वो कार्ड पर उन्हीं का नाम था!"

अनुज अयाना की ओर देखते-"बट नंबर मेरा था
,वो माहिर खन्ना यूहीं हर किसी से नहीं मिलते!"

अयाना-"पर मुझे तो उनसे मिलना था!"

अनुज-"मिल लेना,वो भी मिलेगे़ पर मेरे बॉस से पहले आप मुझसे मुलाकात तो किजिए,आईमीन माहिर खन्ना से पहले मैं मिलता हूं,हमारे यहां जो 
जॉब करते है उनका पहले इंटरव्यू हो या कोई और बात पहले सबकी मुझसे ही मिटिंग होती है  बाद में ही माहिर खन्ना के सामने वो जा सकते है!"

अयाना-"ओह?बट मैं इंटरव्यू के लिए नहीं आई हूं?"

अनुज-"तो आप किसलिऐ आई है?"

ये सुन अयाना अपने हाथों को आपस में गूंथते मन ही मन खुद से बड़बड़ाने लगी-"ये तो माहिर खन्ना नहीं है,मैं यहां जॉब के लिए नहीं आई हूं,
किसलिऐ आई हूं मैं यहां वो बात इनसे कैसे करूं
?इनसे वो बात करने पर हेल्प होगी या नहीं?जब ये माहिर खन्ना है ही नहीं तो क्या मिलेगा इनसे बात करके?"

तभी अनुज अयाना के सामने अपने हाथ हिलाते बोला-"हेल्लो कहां खो गयी आप?"

अयाना हड़बड़ाहट के साथ-"कहीं....कहीं भी तो नहीं?"

"रिलेक्स,आईए बैठ कर बातें करते है!"अनुज
ने चेयर की ओर इशारा किया,

अयाना इधर उधर देख-"हम्म,....यहां कोई और क्यों नहीं है?"

अनुज चेयर पीछे करते हुए-"क्योकि ये पूरा कैफे
मैनैं बुक किया है वो भी एक घंटे के लिए ताकि कोई डिस्टर्बेंस ना हो,....अच्छे से मिटिंग भी हो जाए,सिट,......बाई द वे क्या लेगी आप चाय या कॉफी?

अयाना चेयर पर बैठ जाती है-"थैंक्स,कुछ नह़ी
लेना मुझे!"

अनुज जाकर दूसरी चेयर पर बैठते हुए-"ओके,
पानी भी नहीं?"

अयाना ना में सिर हिला देती है,अनुज कुछ सोच अयाना की ओर सवालिया नजरों से देखते बोला
-"आपने मुझसे कॉल पर बात की थी तभी मैं समझ गया था ....कि आपको जॉब नहीं चाहिए,
बात कुछ और है,इसलिए तो मैनैं ऑफिस की जगह आपको यहां कैफे में बुलाया, वैसे आप माहिर खन्ना से मिलने के लिए इतनी उतावली क्यों है आईमीन आपने कॉल पर भी कहा आप
को जल्द से जल्द मिलना है,...बहुत ही ज्यादा अर्जेंट है,......जबकि आपको तो जॉब भी नहीं चाहिए?"

अयाना-"अर्जेंट नहीं होता तो मैं आती भी नहीं माहिर खन्ना से मिलने,मुझे जॉब नहीं एक हेल्प चाहिए?"

अनुज-"आईथिंक आपको फाइनेंशियल हेल्प चाहिए आईमीन पैसे राइट!"

अयाना-"हम्म वो भी जल्द!"

अनुज-"बात क्या है आप मुझे पूरी बात बताएगीं
,वो आप बहुत परेशान लग रही है,बिना पूरी बात जाने आपकी हेल्प नहीं कर पाएगें?"

(क्रमशः)

 

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