गेस्‍ट हाउस की अच्‍छे से सफाई करने के बाद मारिया दीवार से सट कर खड़ी हो गई…अब वो एक कातिल हो गई थी। उसकी आंखो से आंसू बहने लगे, उसने अपनी आंखे कसकर भींच ली…आंसू गाल पर टपक पड़े। 

सोचा ही नहीं था कि लाइफ में कभी मर्डर भी करना पड़ेगा, पर जॉन के कातिलों तक पहुंचने के लिए वह कुछ भी कर सकती थी, इस सुपारी किलर को मारना तो केवल एक शुरूआत थी…अब करन की बारी थी। वैसे भी अब उसने चीफ से टकराने की जुर्रत की थी जिसके सामने मुंबई का कोई बिजनेसमैन नहीं टिक सकता था...लोग उसके नाम से घबराते थे और मारिया ने तो सीधे-सीधे उसे चैलेंज ही कर दिया था। 

मारिया को अपने अंजाम की फिक्र नहीं थी....उसे पता था कि अब उसकी सामान्‍य मृत्‍यु नहीं होगी। करन को कहीं से पता चल गया कि मैं जिंदा हूं तो वह कोई दूसरा किलर भेजेगा, हो सकता हो कि करन इस कातिल से कान्‍टेक्‍ट करने की कोशिश करे। 

मारिया को इस किलर के फोन का ध्‍यान आया....अभी तक उसका फोन नहीं बजा था, उसका फोन थैले में ही पड़ा था, फोन के अलावा बंदूक और कुछ खाने पीने की चीजें भी थी। मारिया ने वह फोन उठाया...थैंक गॉड की वह लॉक नहीं था नहीं तो इस फोन के मैसेज चेक करना मुश्‍किल हो जाता। 

मारिया ने वह फोटो देखी जो उस मरे हुए किलर ने खींची थी…वह किसी को भेजी थी, शायद वह करन ही था। उसने अपने डीपी पर अपनी नहीं बल्‍कि चीफ द ग्रेट के नाम की वाल बनाई थी। चीफ का सबसे दुलारा चमचा यही होगा…जवाब में करन ने इस किलर को शाबाशी देते हुए मैसेज लिखा था कि वेरी नाइस अब जल्‍दी से मुझे उसकी डेड बॉडी की फोटो भेजो और मैं तुम्‍हारे सारे पैसे तुम्‍हारे एकाउंट में ट्रांसफर कर दूंगा। 

मारिया की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्‍या लिखे? क्‍या करन इस किलर को पहले से ही जानता था? कहीं मेरे द्वारा भेजे गए मैसेज से यह कुछ भांप न जाए?

मुझे कुछ तो जवाब देना ही होगा....वरना कहीं इसे शक न हो जाए कि कुछ तो उसके हिसाब से नहीं हुआ है। 

मारिया ने गमले के नीचे उस जमीन की फोटो खींचकर भेज दी और लिख दिया कि बॉस जल्‍दी बाजी में उस लड़की की फोटो खींचना भूल गया था, पर उसे इस गेस्‍ट हाउस के रूम नं बारह के पीछे वाले लॉन में दबा दिया है, आप चाहे तो किसी भी समय आकर चेक कर सकते हैं, रूम में खून बिखरा है उसे साफ कर के अभी निकलता हूं।‘’ 

करन शायद आनलाइन ही था, उसने तपाक से जवाब दिया। ‘’एक्‍सलेंट वर्क, मैं तुम्‍हें अपनी ओर से और भी पैसे दे दूंगा...तुमने मेरी लाइफ की बहुत बड़ी टेंशन खत्‍म कर दी है।‘’

मैसेज पढ़कर मारिया ने मन ही मन कहा, ‘’अभी टेंशन खत्‍म कहां हुई है मिस्‍टर करन, अब अपने दिन नहीं घंटे गिनना शुरू कर दो क्‍योंकि तुम्‍हारी लाइफ में दिन नहीं घंटे बचे हैं। 

पहले करन को उसके सही ठिकाने पहुंचाना था, इसके बाद चीफ और उसके तीनों गार्ड एलर्ट हो जाएंगे, और फिर मीरा से मुलाकात कर के आगे की प्‍लानिंग करनी थी, दिल्‍ली जाकर नेहा का घर ढूंढना था। मालूम नहीं इतने सालों में उसके माता पिता की क्‍या हालत हुई होगी..? परिवार में और कौन कौन है? 

 

कई सारी योजनाएं एक साथ दिमाग में सोचते हुए मारिया ने मुंबई में स्‍थित अपने एक बहुत ही विश्‍वसनीय और खास आदमी को फोन मिलाया और करन की हर हरकत की खबर देने को कहा। 

गेस्‍ट रूम समेटने के बाद मारिया ने उस किलर के फोन की सिमकार्ड और मेमोरी कार्ड निकालकर जला दिया। गेस्‍टहाउस से निकलकर मीरा थोड़ी दूर पैदल गई, यहां पर उसने एक पुराना कुंआ देखा था जिसमें शायद पानी तो था पर वह यूज नहीं होता था, उस किलर का फोन और गन उसी में फेंक दिया, खाने पीने का जो सामान था, वे दो तीन पैकेट बिस्‍किट और बादाम का एक पैकेट था, वह मारिया ने रास्‍ते में एक भिखारी को पकड़ा दिए। 

भिखारी उसे सैकड़ो दुआए देते हुए आगे बढ़ गया। मारिया हंसी और ऊपर वाले का शु्क्रिया अदा किया। वह किसी भी कीमत पर पकड़ी जाने वाली नहीं थी, ईश्‍वर करे कि इस गेस्‍ट हाउस में जो भी आए कम से कम उस पीछे वाले लॉन के गमले न हटाए…हो सकता है कि कई सालों के बाद वहां खुदाई हो पर किसी को कुछ नहीं मिल सकता क्‍योंकि यहां कोई सीसीटीवी भी नहीं है। 

सस्‍ते और छोटे गेस्‍टरूम में रहने का यही तो फायदा है, लोग इसकी फैसिलिटी और सिक्‍योरिटी पर ज्‍यादा ध्‍यान नहीं देते, क्रीमिनल लोग आसानी से क्राइम कर के चले जाते हैं, जैसे मारिया को देखकर कौन कह सकता था कि अभी कुछ ही देर पहले इसने एक आदमी को बड़ी ही निर्ममता से मारा था। 

 

मीरा अपने केबिन में बैठी थी और खुश थी...उसने अपने लैपटॉप पर न्‍यूज वेबसाइट पर जाकर सारी न्‍यूज चेक कर ली थी, उसकी और आर्यन से रिलेटेड कोई भी न्‍यूज नहीं थी....सुबह जो डर उसके सिर पर मंडरा रहा था वह एकदम खत्‍म हो गया था। वैसा कुछ नहीं हुआ जैसा उसे रात को आशंका थी, बस रात को फ्लैट के नीचे हुई रजनीश वाली बात उसे थोड़ी सी परेशान कर रही थी। 

कहीं वह इस बात को इशु न बना दे उसे बहुत से लोगों ने आर्यन की कार से उतरते देखा था और रात के दस बजे तक वह कभी घर से बाहर नहीं रही थी। कोई बहुत बड़ी और जरूरी बात होती थी तभी, पर कल जिस वेषभूषा में थी वह कोई सिम्‍पल बात नहीं थी। सोसाइटी का कोई ना कोई आदमी तो सवाल जरूर पूछेगा और वह रजनीश, वह तो शरीफ लड़कियों को बदनाम करने के लिए जैसे मौका ढूंढता रहता है। 

मीरा ने सिर झटका और काम पर ध्‍यान देने के लिए सामने रखे व्‍हाइट पेपर और पेंसिल को उठाया...इस महीने बहुत काम था…बॉस ने आते ही फरमान जारी कर दिया था, वे निहारिका मैम की तरह रोज तो ऑफिस नहीं आएगे, शांतुन से फोन पर ही सारी जानकारी लेंगे। 

पेंसिल से कागज पर कुछ बनाती कि उसे आर्यन का ध्‍यान आ गया….यह एक रहस्‍यमई आदमी है, कैसे पल-पल अपना स्‍वभाव बदल देता है, जब मैं उससे रिक्‍वेस्‍ट करती हूं कि मुझे जाने दो, छोड़ दो तब वह और भी मेरे पीछे पड़ जाता है....आखिर उसने मुझमें ऐसा क्‍या देख लिया है?

जमीन आसमान का फर्क है हमारे बीच, पर वह अपने वादे का पक्‍का है, उसने मुझे एक तरह से डूबने से बचा लिया। पर वह ऐसा कर क्‍यों रहा है? उस लड़की से भी मुझे नहीं मिलवाया जिसे उसके पैरेंटस ने उसकी शादी के लिए चुना था, क्‍या होटल में वे सारे फोटो आर्यन ने इसलिए खिंचवाए थे ताकि उस लड़की को भेजकर यह बता सके कि वे किसी और से प्‍यार करते हैं?

कहीं उसके पैरंटस और वह लड़की यह न सोचे कि मैं आर्यन की दौलत के लिए उसके पीछे पड़ी हूं, नहीं ऐसा कुछ नहीं है, आर्यन मेरे पीछे पड़ा है....किसको बताऊं कोई नहीं मानेगा...मेरे पास कोई प्रुफ भी तो नहीं है कि मैं साबित कर सकूं कि आर्यन सच में…कहीं वह लड़की मुझे किसी दिन कहीं मिल गई तो मैं क्‍या करूंगी? एक मुसीबत से निकलती नहीं हूं कि कई सारी मुसीबतें मुंह फैलाए मेरा इंतजार करती रहती हैं।

शुभ- शुभ सोचो मीरा, सब अच्‍छा होगा...एक तरह से तो यह भी अच्‍छा ही हो रहा है कि आर्यन का साथ मिल रहा है जिसके जरिए मैं और मारिया उस चीफ तक पहुंच सकते हैं। मारिया अपने काम में लगी होगी….उसे डिस्‍टर्ब करना सही नहीं होगा, भगवान करे उसे चीफ के बारे में जल्‍दी से जल्‍दी कोई जानकारी मिले और उसका पर्दाफाश कर के हम उसे गुनाहगार साबित कर सकें और उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवा सकें।

मीरा अपने ख्‍यालों में ही खोई थी कि उसे ऑफिस के बाहर कुछ खटर-पटर और तेज-तेज आवाजें सनाई देने लगी, मीरा ने अंदाजा लगाया कि यह बगल वाली प्रापर्टी डीलर वाली शॉप से आवाज आ रही होगी, हर दूसरे तीसरे दिन प्रापर्टी डीलर का किसी ना किसी से झगड़ा होता रहता था...मुंबई में घर दिलवाने के चक्‍कर में हमेशा ज्‍यादा पैसे ऐठने की कोशिश में रहता था, उसकी कथनी और करनी में बहुत ज्‍यादा फर्क है। एक दो बार तो इसकी इस शॉप पर गोलियां भी चल चुकी थी.…डर के मारे आस पास की शॉप तब तक बंद थी जब तक पुलिस की गाड़ी नहीं आ गई, लोग उस प्रापर्टी डीलर को इतना समझाते थे कि ऐसे फ्राड मत किया करो अगर कभी किसी खतरनाक गैंग के हत्‍थे चढ़ गए तो लेने के देने पड़ जाएंगे। राशी तो कई बार निहारिका से यह शोरूम कहीं और शिफ्ट करवाने की मांग कर चुकी थी लेकिन यह पॉश एरिया था, यहां कस्‍टमर ज्‍यादा आते थे, नए जगह जाने का मतलब था कि अपने बहुत सारे कस्‍टमर को खो देना…पर अब शायद यह घटना देखकर नए बॉस शोरूम किसी और जगह बनाने की परमिशन दे सकते हैं, ऐसा मीरा ने अंदाज लगाया। 

लेकिन यह शोर बगल की शॉप से नहीं उसके खुद के ऑफिस से आ रहा था, बहुत पास से शायद ऑफिस की एंट्री गेट के पास बने रिसेप्‍शन से.…तभी निधि का गिड़गिड़ाना उसे सुनाई दिया, मीरा श्‍योर हो गई, हमारे ऑफिस में ही कुछ गड़बड़ी है। 

 

वह झट से उठी और ऑफिस के हॉल में पहुंची जहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। पूरे ऑफिस में पेपर फैले हुए थे, सामने सोफे पर धैर्य ओबेरॉय बैठा हुआ था…ब्‍यूटी कान्‍टेस्‍ट का कर्ताधर्ता, देश के बड़े-बड़े ब्‍यूटी कान्‍टेस्‍ट यही करवाता था, बड़े-बड़े ड्रेस डिजाइनर अपने ड्रेस फैशन शो में प्रदर्शित करने के लिए इसके आगे पीछे मंडराते रहते हैं, इसके तलवे चाटने तक को तैयार रहते हैं। 

निधि, शांतनु, राशी और बाकी का स्‍टाफ उसके सामने खड़ा होकर कांप रहा था मानों वही इस निका ब्रांड का सर्वेसर्वा हो। वह एक-एक को जलती निगाहो से घूर रहा था....मीरा समझ ही नहीं पा रही थी कि आखिर यह माजरा क्‍या है? कुछ ही मिनटों में आफिस की यह हालत कैसे हो गई?

मीरा ने इशारे से राशी से पूछा....राशी ने कंधे उचकाकर इशारे से कहा कि उसे कुछ नहीं पता है।

धैर्य ने उन सभी से कहा, ‘’धैर्य ओबेरॉय के धैर्य का एग्‍जाम मत लो, मेरे अंदर जरा भी पेशेंस नहीं है, सच-सच बताओ मेरे ऑफिस से यह डिजाइन किसने चुराया है?‘’ 

कहकर धैर्य ने अपने सामने रखी एक फाइल खोली और उसमें से एक कागज निकालकर सबको दिखाया।

‘’यह डिजाइन तो हमारी ऑफिस की एक नई डिजाइनर आहना ने बनाया है सर....पर वह चोरी नहीं कर सकती, यह उसका अपना ओरिजनल डिजाइन है, और मेरे ही सामने बनाया था।‘’ राशी ने वह डिजाइन देखकर कहा, आज तो आहना भी नहीं आई थी।

धैर्य ने अपने सामने पड़े मेज पर तेजी से मुक्‍का मारते हुए कहा, ‘’धैर्य ओबेरॉय को डबल क्रॉस करने की कोशिश मत करो, तुम लोग क्‍या सोचते हो कि हमारा डिजाइन चुरा कर हमारी बराबरी कर लोगे.…एक झटके में तुम लोगों का यह ब्रांड बंद करवा दूंगा, अगले ही पल तुम लोग सड़क पर आ जाओगे, धैर्य ओबेरॉय को जिसने आंख दिखाई है वह केवल बरबाद हुआ है, फैशन इंडस्‍ट्री में तुम लोग नए हो, अपनी औकात मत भूलो, शार्टकट अपनाने के बजाय हार्ड वर्क करो।‘

शांतनु, धैर्य ओबेरॉय की पॉवर को जानता था......सर पता नहीं यह डिजाइन आपकी डिजाइन से कैसे मिल गया?‘’ 

मिल गया, साफ साफ दिख रहा है कि यह पूरी तरह से कॉपी किया गया है, किसने किया है यह सब? बहुत जल्‍दी ऊंचा उड़ना चाहते हो…अच्‍छे अच्‍छों को बरबाद किया है मैंने, तुम लोगों को यही इसी वक्‍त तुम्‍हारी औकात दिखा सकता हूं, यहां तुम्‍हारे इस निका ऑफिस में ही।‘’ 

मीरा, धैर्य के सामने आकर खड़ी हो गई, बाकी सब तो उससे डर रहे थे पर मीरा के चेहरे पर डर और शिकन नाम की चीज नहीं थी, वह धैर्य से आंखे मिलाकर बोली, ‘’देखिए मिस्‍टर धैर्य या शौर्य जो भी नाम हो आपका.…इतना तो आपको भी पता होना चाहिए अगर यह डिजाइन आपका है तो हमारे स्‍टाफ के पास कैसे आया? जरूर आपका ही कोई गदृार है जिसने यह डिजाइन बाहर लीक कर दी है, हो सकता है आहना ने कहीं ऐसे ही देख लिया होगा और ऐसा ही डिजाइन बना दिया हो।‘’

‘’इस डिजाइन का हमारे पास कापीराइट है,’’ धैर्य मीरा पर चिल्‍ला उठा।  

‘’होगा, हमें इससे क्‍या..? आप पहले अपने ऑफिस में पता कीजिए कि यह किसका काम है।‘’

‘’अच्‍छा तो धैर्य ओबेरॉय से पंगा, चौबीस घंटे के अंदर अंदर इस निका ब्रांड पर ताला नहीं लगवाया तो मैं अपना नाम बदल दूंगा,’’ कहकर धैर्य बाहर जाने लगा तो मीरा ने कहा, सोच लेना की क्‍या नाम रखना है मिस्‍टर धैर्य जी, वैसे सच में यह नाम आप पर सूट नहीं करता।‘’ 

धैर्य ने मीरा को घूरकर देखा और बाहर निकल गया। 

 

शांतनु के चेहरे के तोते उड़ गए…मीरा यह क्‍या किया तुमने..? तुम्‍हें पता है ना यह हमें सच में बरबाद कर देगा, अगर हम इसके सामने गिड़गिड़ाते तो शायद यह हमें माफ कर देता और आगे किसी फैशन शो में हमारे ब्रांड को भी जगह दे देता….पर तुमने तो सब खत्‍म कर दिया। क्‍या जरूरत थी उससे पंगा लेने की, निहारिका वाला केस कम डरावना था जो तुमने यह कांड कर दिया।‘’ 

राशी मीरा के पास आकर बोली, ‘’इस ब्रांड को तो बंद ही होना था, पहले तो अमित बजाज और अब यह धैर्य ओबेरॉय, न जाने किसकी हमारे इतने प्‍यारे निका ब्रांड को नजर लग गई है। 

 

क्‍या मीरा ने धैर्य से पंगा लेकर सही किया? 

मारिया करन के साथ क्‍या करेगी? 

क्‍या करन को पता चल पाएगा कि मारिया जिंदा है?

जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्‍बत।

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