आर्यन की हर हरकत मीरा को इस हद तक चौंका देती थी कि वह सोच भी नहीं सकती थी, वो शादी के लिए प्रपोज करने वाला है।
आर्यन यह बात उससे कहकर ऐसे देख रहा था जैसे यह कोई मामूली-सी बात हो, क्या आजतक कोई शादी के लिए प्रपोज करने से पहले से ऐसे आकर बताता है? वह भी इस तरीके से।
पहले तो पता लगाकर लव लेटर भेजता है, फिर अचानक से खुद ही सामने आ जाता है और अपने बॉडीगार्ड की मौत की खबर ऐसे सुनाता है जैसे कुछ हुआ ही न हो, यह दुख और तकलीफों से कितनी जल्दी उबरता है, और फिर अगले ही पल मुझसे शादी का प्रस्ताव…मीरा के होठों पर हल्की सी मुस्कराहट आकर चली गई। उसे बहुत खुशी नहीं हो रही थी, दुख भी नहीं पर कहीं से कुछ अजीब सा लग रहा था।
राघव से रिश्ता टूटने के बाद तो उसने शादी का ख्याल ही मन से निकाल दिया था। मां ने कितनी बार कहा था, उसकी सारी फ्रेंड के बारे में बात करती थी कि देखो सबकी शादियां हो गई हैं, कुछ तो मां भी बन गई है, कुछ के बच्चे तो स्कूल भी जाने लगे हैं, और तुम अभी तक ऐसे ही घूम रही हो। मीरा ने तपाक से कहा था, ‘मेरी शादी जिससे होनी थी वह हो चुकी है, मैंने राघव से मन ही मन शादी कर ली थी, कहकर नीता को चुप करा देती थी।
‘’यह क्या बकवास कर रही हो तुम, तुम आजकल की जेनरेशन का एक बार प्यार मोहब्बत में दिल टूट जाता है तो फिर प्यार शादी करना ही नहीं चाहते हो, अरे बाहर निकलकर देखो, क्या पता भगवान ने तुम्हारे लिए किसी और को बनाया हो?
मीरा अपनी बात पर दृढ़ रही, ऊपर वाले ने मेरे लिए केवल राघव को बनाया था…हां यह मेरी बदकिस्मती है कि हम मिल नहीं सके, पर हम जरूर मिलेंगे...’’
‘’कब मिलोगे तुम दोनों? जब तुम्हारे बालों में सफेदी आ जाएगी तब?‘’
‘’शायद तभी मिल जाएं हम दोनो।‘’
उसके बाद मीरा और नीता ने इस बारे में कभी कोई बात नहीं की थी। आज आर्यन ने मीरा का मन बदलने पर मजबूर कर ही दिया...उसके अंदर बात ही कुछ ऐसी थी, वह दूसरे लड़कों से एकदम अलग था।
उसने मीरा की कभी तारीफ नहीं की, गिफ्ट नहीं दिया, इम्प्रेस करने के लिए कोई ऐसी वैसी हरकत भी नहीं की, केवल अपने पैसे पॉवर और बांउसरों के दम पर जब मरजी हुआ मीरा को सड़क से, ऑफिस से उठवाकर अपने साथ ले गया।
मीरा को कहीं ना कहीं आर्यन की ये हरकतें पसंद आ गई थी।
क्या सोच रही हो? आर्यन ने कहा, और मीरा का ध्यान भंग हो गया।
मैंने कहा कि मै तुम्हें प्रपोज करने वाला हूं, और कल करूंगा ठीक है, क्योंकि आज मेरी दो मीटिंग है और इम्पॉटेंट मीटिंग है इसलिए नहीं कर सकता, तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं है?‘’
कैसा अजीब आदमी है यह? शादी का प्रपोजल रखने वाला है और ऐसे रूखे सूखे और थकी हुई भाषा में बात कर रहा है।
मीरा ने अपनी नजरें इधर उधर देखते हुए कहा, ‘’मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है, यह सब क्या है और कैसे हो रहा है?‘
आर्यन ने कहा, ‘’ इसमें समझने वाली क्या बात है, अब मैं तुम्हें हर बार उठाकर अपने घर ले जाकर एक रात के लिए तो नहीं रख सकता हूं ना....अब मैं चाहता हूं कि तुम परमानेंट मेरे साथ मेरे घर में रहो, अब तुम तो ऐसे रहने वाली नहीं हो, इस रिश्ते को कुछ तो नाम देना ही होगा, तो क्यों ना हम शादी कर ले?‘’
मीरा की हंसी छूट रही थी पर उसने बहुत मुश्किल से खुद पर कंट्रोल किया, क्या बढ़िया तरीका है शादी का प्रस्ताव रखने का? इसकी इसी हरकत की वजह से कोई लड़की इससे पट नहीं पाई थी, इसलिए आजतक अकेला ही रहा है, न जाने इसने मुझमें क्या देख लिया?
‘’तुम बार-बार चुप क्यों हो रही हो, मैंने ऐसी कोई बात तो नहीं कर दी है, जिससे तुम इतना सोचने पर मजबूर हो रही हो, आखिर एक समय के बाद हम सभी को सेट तो होना ही है।‘’
मीरा ने कहा, ‘’आपको नहीं लगता कि हम दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं।‘’
‘’जो लोग एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं, उनमें ही बहुत पटती है, जो एक जैसे होते हैं, उनका रिश्ता या तो होता ही नहीं है और अगर होता है तो बहुत ही जल्दी टूट जाता है।
आर्यन ने जैसे ही यह कहा, मीरा को राघव की याद आ गई...आर्यन ने सच में कितनी गहरी बात कही थी, यह सच था कि मीरा और राघव काफी हद तक एक जैसे ही थे।
क्या इसलिए....नहीं नहीं ऐसा कोई रीजन ही नहीं था हमारी शादी टूटी नहीं थी, खुद राघव ने तोड़ी थी इसका कारण मैं नहीं थी, कारण क्या था आज तक राघव ने नहीं बताया था, काश वह बता तो देता, आज तक मुझे यह बात सताती रहती है कि उसने सबकुछ अकेले क्यों झेला?
‘’तुम फिर से सोचने लगी, यह पहली बार है जब मैं तुमसे कुछ कह रहा हूं, देखो तुम इतना मत सोचो, इससे कुछ हासिल नहीं होगा, और हमें एक दूसरे के बारे में और जानने की जरूरत नहीं है, तुम मेरे लिए एकदम परफेक्ट हो और जहां तक मुझे लगता है मैं भी तुम्हारे लिए परफेक्ट हूं। ओके तो मैं इतना ही कहने आया था, अभी मुझे मीटिंग के लिए निकलना है, कल रेडी रहना....दोपहर बाद आउंगा कनाट प्लेस चलेंगे, वहां मेरे फ्रेंड की एक ज्वेलरी शॉप है, वहां से हम इंगेजमेंट रिंग खरीदेंगे, ओके।‘’
कहकर आर्यन ने अपनी रिस्ट वाच पर टाइम देखा, और मीरा से कहा, ‘अब चलता हूं, अपना ध्यान रखना और हां, मुंबई वापस चलकर मेरी कम्पनी ज्वाइन करनी है इस बात का ध्यान रखना तुम, इसलिए अभी यह सब जितना इंजॉय कर सकती हो कर लो।‘ एक सांस में कहकर आर्यन तेजी से निकल गया।
मीरा कुछ देर तक तो बुत के जैसी खड़ी रही, उसकी समझ में नहीं आया कि अभी कुछ सेकेंड पहले हुआ क्या था..? क्या सच में आर्यन यहां आया था? उससे वह सब बातें की थी या फिर वह दोपहर मे जागते हुए कोई सपना देख रही थी? ...कुछ सेकेंड का सपना..नहीं नहीं वह सच में आया था..उसकी जानी पहचानी खुशबू अभी तक उस रूम में फैली थी वह आर्यन सच में आंधी की तरह आया और तूफान की तरह चला गया।
वह तो आर्यन का लिखा लव लेटर पढ़ रही थी...कैसा पागल सा आदमी है, लेटर में तो बड़ी ही रोमांटिक बातें लिखता है सामने आकर कहता है कि मैं दूसरे लड़कों की तरह तुम्हें प्रपोज नहीं कर सकता हूं, शायद उसे प्रपोज करना आता ही नहीं है।
मीरा के पेट में जैसे गुदगुदी सी होने लगी थी...इतने सालों के बाद उसे कुछ अच्छा शायद बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था।
क्या आर्यन जैसा साइको लड़का ही मेरी लाइफ में लिखा है? अगर ऐसा है तो, ठीक है मुझे वो स्वीकार और मेरे स्वीकार करने न करने की तो कोई बात भी नहीं है, अगर मैं उसे मना करती भी हूं तो भी वह मुझे उठाकर ले जाएगा और जबरदस्ती शादी भी कर लेगा।
यह बिल्कुल भी रोमांटिक नहीं है, पर मुझे पसंद है। अब समय आ गया है कि मैं राघव को अपने दिल से पूरी तरह से निकाल दूं, वह कभी मेरा था ही नहीं, शायद ऊपर वाले ने आर्यन जैसे टेढ़े स्वभाव वाले लड़के को ही मेरी किस्मत में लिखा था, और उससे मिलवाने के लिए इतना सबकुछ करना पड़ा।
आर्यन के बारे में सोचते-सोचते रात हो चली थी... इस बीच वह बहुत कुछ भूल गई थी...कल राघव की शादी होने वाली थी इसका ध्यान नहीं रहा, मारिया की मौत...और नेहा के घर जाकर उसकी डायरी और एल्बम लाना..वह तो डायरी पढ़ना ही भूल गई थी।
आर्यन ने अपनी चौकाने वाली हरकतों से मानों मीरा के दिल और दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था। अब मीरा ने आने वाले उस सुंदर पल के लिए खुद को तैयार कर लिया था जो सालों पहले उसके साथ घटित होते-होते रह गए थे।
रूम में अकेले उसका मन नहीं लग रहा था...वह गेस्ट हाउस के छत पर चली गई, मीरा ने ऊपर फैले अनंत आसमान को देखा...वही पुराना आसमान वही पुराने तारे टिमटिमा रहे थे वही पुराना चांद चमक रहा था। पर मीरा के अंदर कुछ नया जगमग करने लगा था, आज का दिन ही नहीं आज की रात भी कुछ खास थी। मीरा को ऐसा लगा मानों आसमान में टिमटिमाते तारे उसे अचरज के साथ घूरते हुए पूछ रहे थे, ‘’क्यों मीरा, आखिर तुमने अपना फैसला बदल ही लिया ना, आज से पांच साल पहले ही नहीं हमेशा से तुम यही कहती आई थी कि तुम अब शादी नहीं करोगी, देखो तो तुम तैयार हो गई।
आर्यन की खुशबू मानो आसपास बहती हल्की हवाओं में बसी हुई थी। गेस्ट हाउस के बाहर सुंदर सा बगीचा था और बगीचे के बीच में एक बहुत ही प्यारा सा फव्वारा हल्का-हल्का संगीतमय शोर मचा रहा था।
वहां फव्वारे के आस पास छोटे-छोटे चबूतरे बने थे जिनमें कुछ प्रेमी जोड़े हाथों में हाथ डाले या एक दूसरे से लिपटे हुए बहुत ही धीमी आवाज मे बातें कर रहे थे।
‘’क्या बातें कर रहे होंगे? मीरा ने मन ही मन कहा, जरूर प्यार भरी बातें, अपनी पहली मुलाकात की बातें अपने फ्युचर की बातें।
मैं और आर्यन जब भी ऐसे किसी रोमांटिक प्लेस में बैठेंगे तो हमारे पास कितनी रोमांटिक बातें होगी करने के लिए। हमारी पहली मुलाकात तो ऊफ्फ वह तो याद करने लायक ही नहीं, न जाने क्यों मीरा को राघव से पहली मुलाकात याद आ गई....वह एक रोमांटिक...रंगीन...भीनी और ठंडी रात थी, जब अलाव के सामने हम एक दूसरे के सामने बैठे थे, वह रात तो भुलाए नहीं भूल सकती मैं’’
मीरा ने अपना सिर झटका..ओह यह मैं क्या कर रही हूं? अब मुझे राघव के बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए। यह मुझे क्या हो जाता है? ऐसी सिचुएशन में मुझे राघव का ही ख्याल क्यों आ जाता है? अब मुझे उसे सच में पूरी तरह से भूलना होगा, वह मेरा पास्ट है, और पास्ट को बहुत लम्बे समय तक साथ लेकर नहीं चलना चाहिए।
कल मुझे आर्यन प्रपोज करेगा उससे पहले मैं उसे बता दूंगी कि मेरा एक पास्ट था, कोई था जिससे मैंने टूटकर प्यार किया था...नया रिश्ता शुरू करने से पहले अपने बारे में सबकुछ बता देना सही होगा..वरना क्या पता कभी भी कहीं और से पता चले तो यह भी अच्छी बात नहीं है, वैसे भी मैं तो आर्यन के बारे में सबकुछ जानती हूं, पर आर्यन मेरे बारे में अभी तक कहां कुछ जान पाया है।
मीरा ने आर्यन को अपने बारे में सबकुछ बताने का फैसला कर लिया और नीचे आ गई...बेड पर वह लेटर रखा था, और वह डायरी और एल्बम भी जिसे मीरा नेहा के घर से लेकर आई थी।
ओ नो, जब से आर्यन आया था और उसके जाने के बाद तो मैं इसे पढ़ना ही भूल गई, डिनर कर के तब आराम से पढ़ती हूं, वैसे भी पता नहीं फिर कब टाइम मिलेगा, कल शाम को आर्यन मुझे लेने आएगा।
मीरा ने खाना आर्डर किया और फिर अपनी ड्रेस चेंज की, डिनर करके रूम समेटकर नेहा की डायरी उठाई पर पहले उसने तीनो एल्बम के फोटो देखे, जो वह जल्दी-जल्दी में नेहा के घर से उठाकर ले आई थी।
एल्बम में चीफ का कोई फोटो नहीं था, सब नेहा की फैमिली की फोटो थी, ज्यादातर किसी फैमिली फंक्शन फेस्टिवल या फिर यूं ही चलते फिरते खींच लिए गए थे। मीरा ने नेहा को ध्यान से देखा, वह वाकई में एक सुंदर लड़की थी, सादगी और खूबसूरती की गजब मिसाल, इतनी प्यारी लड़की असमय ही काल के गाल में समा गई।
काश वह औरत थोड़ी देर बाद आती तो कितना अच्छा होता, मैं कम से कम कुछ एल्बम और चेक कर लेती।
तीनों एल्बम उसके लिए बेकार थे, अब उन्हें नेहा के घर जाकर वापस करना भी एक सिरदर्द से बढ़कर कुछ भी नहीं था, इसे मीरा अपने पास रख भी नहीं सकती थी क्योंकि यह उसके किसी काम के नहीं थे, और फेंक भी नहीं सकती थी भले ही यह मीरा के लिए बेकार हो पर नेहा और उसकी फैमिली के लिए किसी अनमोल धरोहर से कम नहीं।
फिर मीरा ने वह डायरी उठा ली, अचानक से उसमें से दो तीन फोटो और कुछ सूखे गुलाब की पंखुड़ियां बेड पर गिर पड़े।
मीरा की आंखे हैरत से फटी रह गई, वे तो चीफ की फोटो थे....वही गहरी सुनहरी आंखो वाली फोटो, जो मारिया ने उसे दिखाया था और बाद में डिलीट कर दिया था।
चीफ की फोटो से तो पता लगाया जा सकता है कि प्लास्टिक सर्जरी के बाद इसका चेहरा कैसा होगा।
कल दोपहर तक चीफ का नकली चेहरा मीरा के सामने आने वाला था...चीफ अब तुम नहीं बचोगे, तुम्हारा चेहरा मेरे सामने है।‘’ मीरा ने चीफ की आठ साल पुरानी फोटो को अपने हाथ में लेकर देखते हुए कहा।
क्या मीरा आर्यन की शादी का प्रस्ताव मान लेगी?
क्या मीरा अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने के लिए रेडी हो चुकी है?
क्या वाकई में चीफ का चेहरा सामने आ पाएगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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