हमज़ा: “तो तुम क्या ऑर्डर करना चाहोगी? वैसे यहां का पास्ता बड़ा फेमस है। रूही को वो काफ़ी पसंद था!”

हमज़ा ने काव्या से जब ये कहा।

तो काव्या सोच में पड़ गई थी कि ये रूही कौन है! इसके पहले वो पूछती।

हमज़ा ने कहा,

हमज़ा: “वैसे रूही मेरी एक्स थी। सॉरी मैंने तुम्हें अगर उसके बारे में पहले नहीं बताया हो!”

उसकी एक्स का जिक्र दोबारा सुन कर काव्या को अपने शक पर यकीन होने लगा था कि वो शायद हमज़ा के साथ डेट पर आ कर गलती कर चुकी थी। उसने फिर भी हमज़ा को बेनेफिट ऑफ डाउट देने के लिए, उससे बातचीत करते रहना जारी रखा।

काव्या ने उसकी एक्स के बारे में ही सवाल पूछ लिए।

काव्या: “नहीं, तुमने कभी नहीं बताया! पर अभी बता सकते हो!”

ये सुनकर हमज़ा ने अजीब सी हसी हंसी। और उस हंसी में उसकी आंखो में तैरता हुआ सा कुछ ऐसा दिखा जिससे चेहरे पर उदासी और गुस्से का भाव चेहरे पर ज़रा सा आया हो पर फिर उस हंसी सब कुछ छुप गया हो।

तभी वहां पर वेटर ने आ कर पूछा, “हेलो सर, हेलो मैम! क्या ऑर्डर है आपका?”

हमज़ा ने काव्या की तरफ देख कर इशारा किया कि वो क्या लेना चाहती थी, पर काव्या ने हमज़ा से कहा,

काव्या: “जैसा तुम बोलो वैसा कर लेंगे! हम पास्ता भी मंगा सकते हैं।”

हमज़ा ने मुस्कुराते हुए पास्ता का ऑर्डर दे दिया। उसके चेहरे से हंसी जा नहीं रही थी जिसको देख कर काव्या को अजीब सा लग रहा था। उसने हमज़ा से पूछा,

हमज़ा: “हां तो तुम रूही की बारे में क्या बता रहे थे?”

हमज़ा ने सिर हिलाते हुए कहा,

हमज़ा: “नहीं छोड़ो! हम अपनी डेट पर मेरी एक्स के बारे में बाते करने नहीं आए हैं!”

काव्या ने सोचा, चलो इस आदमी को पता तो चला और फिर उसने हमज़ा से सवाल किया।

काव्या: “तुमने मुझे जब पहली बार देखा तो क्या सोचा था?”

हमज़ा ने मुस्कुराते हुए बोला,

हमज़ा: “पहली बार देखा तो मुझे ऐसा लगा था कि इतनी खूबसूरत सी लड़की कैसे घर से बाहर रहकर रोजाना जिंदगी की दिक्कतों को फेस कर रही है। कभी पानी की दिक्कत, कभी जॉब में दिक्कत।”

इस पर काव्या ने कहा,

काव्या: “तो खूबसूरत लड़कियों को काम नहीं करना चाहिए! घर पर ही रहना चाहिए!”

हमज़ा ने तुरंत डिफेंसिव होते हुए बोला,

हमज़ा : “तुम गलत समझ रही हो! मुझे बस ये लगता है। सारे काम लड़कियों को करने भी नहीं चाहिए। हालांकि मैं उनके काम करने के खिलाफ़ नहीं हूं। फिर भी बस उन्हे इस तरह स्ट्रगल करते देख कर बुरा लगता है!”

काव्या गौर से हमज़ा की बात सुन रही थी। उसने हमज़ा की इस बात पर जवाब देते हुए कहा,

काव्या: “स्ट्रगल तो घर के अंदर भी होता है। घर के अंदर भी रहते हुए उतनी कठिनाइयों  का सामना करना पड़ता है, जितना बाहर। लेकिन बात ये है कि घर की चीज़ों से लड़ना आपकी चॉइस नहीं होती। जबकि बाहर रहकर अपनी जिंदगी को  इंडिपेंडेंट  तरीके से जीने के लिए आपकी दिक्कतें और चैलेंजेस आपके चॉइस से ही आते हैं। जिनको आप बिना किसी को ब्लेम किए झेल सकते हो!”

हमज़ा काव्या की बात सुनकर थोड़ा डिफेंसिव होता जा रहा था। उसने कहा,

हमजा: “खैर छोड़ो! शायद मैं अभी समझा नहीं सकता। या तुम समझ नहीं सकती!”

ये सुन कर काव्या भी ऑफेंड हो गई थी। तभी वहां पर वेटर पास्ता ले कर आ गया। जब वेटर प्लेट में सर्व करने लगा तो गलती से उसने ब्लैक पेपर पाउडर पास्ता के ऊपर डाल दिया। जिससे शायद हमज़ा को एलर्जी थी। उसने तुरंत वेटर को चिल्लाते हुए कहा,

हमज़ा: “ये क्या किया! क्या मैने आपसे कहा था इसमें कुछ भी डालने को!”

हमज़ा की आवाज़ सुनकर आस पास के सब लोग उसे गौर से देखने लगे थे। वेटर ने सॉरी बोलते हुए गिड़गिड़ाए जा रहा था। तभी पीछे से होटल के मैनेजर आए। जिनके सामने हमज़ा ने चिल्लाना शुरू कर दिया था। काव्या ये सब देख कर सहम गई थी। उसने हमज़ा को शांत कराते हुए कहा,

काव्या: “कोई नहीं हमज़ा! हम इसे रिप्लेस करवा लेंगे। दूसरा आ जायेगा!”

काव्या के इतना बोलते ही हमज़ा ने उसको गुस्से से देखा। ऐसा लग रहा था जैसे हमज़ा उनके बीच हुई पुरानी बातों से ट्रिगर हो चुका था। उसने गहरी सांस ली और काव्या से धीरे से कहा,

हमजा: “नहीं कोई नहीं। रहने दो! हम कहीं और चलते हैं। इंडिया गेट चलना चाहिए हमें!”

काव्या हमज़ा के इस तरह का बर्ताव देख कर काफ़ी डर गई थी। इतनी सी बात पर हमज़ा रेस्टेयरेंट से निकलने को तैयार हो गया था, ये देख कर उसे और ताज़्जुब हो रहा था।

उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे हमज़ा के साथ जाए कि नहीं। पर हमज़ा से वो मना कर पाती इससे पहले हमज़ा ने बोला,

हमज़ा: “मैंने कैब बुक कर दी है। बस २ मिनट में चलते हैं। तब तक वाशरूम से आया!”

काव्या २ मिनट खड़े अपने इस फैसले को कोस रही थी। उसे खुद के लिए रोना आ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे आज वो हमज़ा से नहीं उसकी कोई और शख्सियत से मिल रही हो।

उधर वाशरूम में हमज़ा शीशे के सामने गहरी सांसे लेते हुए अपने आपको शांत कराने की कोशिश में लगा हुआ था।

खुद को शांत कराके हमज़ा बाहर आया। और काव्या के पास आ कर स्माइल करते हुए बोला,

हमजा: “कैब आ चुकी है! चलें?”

रास्ते भर दोनों चुप चाप बैठे थे। काव्या खिड़की से बाहर आसमान में अलग अलग आकार के बादलों को देखती जा रही थी। फिर दोनों इंडिया गेट पर पहुंचे। काव्या चुप चाप खड़ी हुई थी। उसे इस वक्त पर समझ नहीं आ रहा था कि इस हमज़ा के साथ वो अब किस तरह से रहे।

हमज़ा ने खामोशी को तोड़ते हुए कहा,

हमज़ा: “माफ करना मुझे! अगर तुम्हें आज कुछ भी अजीब लगा हो। दरअसल जब भी मैं कुछ चीजें अच्छी करना चाहता हूं और गड़बड़ हो जाती है तो मुझे चिढ़न मचने लगती है!”

काव्या चुपचाप बस हमज़ा को सुन रही थी। थोड़ी थोड़ी ठंड हवाएं बहना चालू हो गई थी जिससे उसके शरीर में एक अलग ही तरह की सिरहन पैदा हो रही थी।

काव्या को फिर भी चुप खड़े देखकर हमज़ा ने पूछा,

काव्या: “क्या हुआ तुम कुछ क्यों नहीं बोल रही हो? तुम्हे अच्छा तो लग रहा है न?”

इस पर काव्या ने हमज़ा की तरफ देखकर कहा,

काव्या: “पता नहीं हमज़ा, पर आज तुम्हारा अपने एक्स को ले कर बात करना, अचानक वेटर पर गुस्सा करना, सब कुछ ऐसा लग रहा है जैसे तुम अंदर ही अंदर कई चीजें छुपा रहे हो!”

हमज़ा: “मतलब?”

हमज़ा ने पूछा।

काव्या बोली,

काव्या: “मतलब ये है कि तुम इससे पहले तक कभी ऐसे नहीं दिखे। क्या कोई ऐसी बात है, जिसकी वजह से तुम अभी भी परेशान हो?”

इस बात पर हमज़ा फिर से डिफेंसिव होने लगा था। उसने कहा,

हमज़ा: “मैं कहां से परेशान लग रहा हूं? मैं तो मस्त मौला हूं। और एक्स की बात करना तो मुझे वफादार बनाती है किसी नए इंसान से जब मिलते हो उसे पुराने पास्ट के बारे में बताना तो सच्चे दिल की निशानी है।”

काव्या को लगा जैसे हमज़ा उसकी बातें समझ नहीं रहा था। उसने फिर से हमज़ा को समझाते हुए कहा,

काव्या: “पास्ट के बारे में बताने और अपनी डेट पर आई बंदी को एक्स की तरह कपड़े पहनवाने में फर्क होता है!”

हमज़ा को ऐसा लग रहा था जैसे काव्या बात को खींच रही थी, उसने मुंह बनाते हुए बोला,

हमज़ा: “अरे यार! तो पहले मना कर देती अगर तुम्हें नहीं पहनना था। मैं तो बस चाह रहा था कि तुमसे और कनेक्ट हो पाऊं!”

काव्या को लगा अब तक उसने हमज़ा को काफ़ी बेनिफिट of doubt दे दिया था पर अब वो समझ चुकी थी। ये वो हमज़ा नहीं जिसको पहले वो मिली थी। काव्या ने हमज़ा से सीधी तरह कहा,

काव्या: “मुझे नहीं लगता कि तुम बात को समझ पा रहे हो। इसलिए यही अच्छा होगा कि हम इस बारे में कोई बात न करें! मुझे नहीं लगता कि तुम अभी किसी को भी डेट करने के लिए रेडी हो!”

ये बात सुनते ही हमज़ा का दिमाग फिर गया। उसने काव्या का हाथ तेज़ी से ऐसे पकड़ा कि काव्या को दर्द होने लगा था। उसने हाथ पकड़ते हुए कहा,

हमज़ा: “ऐसा क्यों कहा कि मैं किसी को डेट नहीं कर सकता? तुम अपना बताओ न, कि तुम्हें मेरे साथ नहीं रहना क्योंकि तुम्हारे मन में तो वो आर्यन ही है!”

काव्या अचानक से डर गई थी जब हमज़ा ने उसका हाथ तेज़ी से पकड़ा था। फिर हिम्मत लाते हुए उसने अपने हाथ को छुड़ाते हुए कहा,

काव्या: “देखो हमज़ा! मुझे नहीं पता कि तुम्हारे साथ, तुम्हारी क्या प्रोब्लम चल रही है! लेकिन तुम किसी के साथ भी इस तरह बर्ताव नहीं कर सकते। मैं अभी तक तुमको समझ रही थी पर अगर तुमने एक और बार बदतमीजी करने की कोशिश की। तो मैं पुलिस को बुला लूंगी। जबकि मुझे पता है तुम ऐसे इंसान नहीं हो।”

काव्या की बात सुनते ही अचानक हमज़ा को धक्का सा लगा जैसे उसे ये सब नहीं करना था। पर अपने किसी ट्रिगर की वजह से वो इतना आगे तक चला गया। उसने तुरंत काव्या से माफी मांगते हुए कहा,

हमज़ा: “सॉरी! सॉरी! यार, मैं ये सब नहीं करना चाहता था। मैं आराम से बात करना चाहता था। पर शायद मैं कुछ ज़्यादा ही अपनी फीलिंग में कैरी फॉरवर्ड हो गया!”

काव्या ने फोन से तब तक कैब बुक कर ली थी। उसने हमज़ा से कहा,

काव्या: “हमज़ा! मैं घर निकल रही हूं। मेरी कैब आने वाली है! तुम देख लेना अपना, मैं अकेले ही कैब से जाऊंगी!”

अचानक से काव्या को यूं जाता देख कर हमज़ा ने उसे खूब रोकने की कोशिश की। उसने कहा,

हमज़ा; “प्लीज! काव्या रुक जाओ। मुझे खुद को समझने के लिए थोड़ा और वक्त दे दो। या तो हम घर चल कर बैठ सकते हैं। वहां बातें कर लेंगे!”

काव्या ने उसकी नहीं सुनी। वो चुप चाप कैब जहां खड़ी थी। उस तरफ चलती रही। हमज़ा बार बार यही कह रहा था।

हमजा: “तुम मुझे खुद को समझाने एक मौका और तो दो!”

पर काव्या हमज़ा को एक मौका और नहीं देना चाहती थी। वो समझ गई थी कि हमज़ा के साथ डेट पर आना उसका फैसला भले गलत था। पर यहां आ कर उसे आर्यन की याद आ रही थी। भले आर्यन उसे कभी कभी मैच्योर नहीं लगता था पर उसमें कुछ ऐसी बात थी जिसकी वजह से काव्या को घर से बाहर निकलने के बाद भी घर की कमी नहीं लगी।

कैब के पास आते ही उसने हमज़ा की तरफ मुड़कर देखते हुए कहा,

काव्या: “अगर तुमने गौर किया हमज़ा तो मैंने मौके तो तुम्हे बहुत दिए थे, पर मुझे अब लग यकीन हो गया है कि आप अब किसी मौके के लायक नहीं हैं।”

ये कहते हुए काव्या कैब में बैठ कर वहां से निकल गई, और हमज़ा वहीं खड़ा रहा।

रास्ते भर काव्या का मन रोने का कर रहा था। उसे बहुत बुरा लगा था कि हमज़ा इतनी तहज़ीब से बात करने वाला इंसान उसके साथ इस तरह पेश आएगा। उसने अभी भी वही गाउन पहन रखा था। जिसमें उसे अब घुटन होने लगी थी। उसका मन कर रहा था कि वो वहीं गाउन को फाड़ कर अपने शरीर से अलग कर दे।

हमज़ा के इतनी तेज़ हाथ पकड़ने से उसके हाथ पर जो लाल निशान पड़ गया था, काव्या उसको देखती जा रही थी। आजतक कभी किसी ने उसके साथ ऐसा सुलूक नहीं किया था। पीयूष के साथ भी उसका रिलेशनशिप जितना टॉक्सिक रहा हो पर पीयूष ने कभी भी इस तरह की हरकत नहीं की थी। वहां पर उसे सबसे मानसिक दर्द सहना पड़ा था।

काव्या अपनी बिल्डिंग के पास पहुंची तो उसके मन में आर्यन को ले कर ही हवाएं बहना चालू हो गई थीं। वो अपने फ्लैट का दरवाजा खोल कर जैसे ही घुसी, उसने देखा मोहम्मद रफी साहब के गाने बज रहे थे। सबसे ताज़्जुब की बात ये थी चंचल और आर्यन हाथ में शराब से भरे कांच का ग्लास लिए एक साथ जमीन पर बैठे हुए थे।

जैसे ही उन्होंने काव्या को अंदर घुसते देखा। तो चंचल ने कहा,

चंचल: “ डेविल हैस कम!”

काव्या को लगा था कि वो आर्यन के साथ अकेले में टाइम स्पेंड करेगी। पर यहां तो नज़ारा अलग था। चंचल और आर्यन एक साथ बैठे हुए रम  का आनंद ले रहे थे। चंचल से बात करने का काव्या को वैसे भी मन नहीं था। दोनों को साथ में इस तरह देख कर उसका मूड और ख़राब हो गया।

आर्यन ने चोर नज़रों से काव्या की तरफ देखा। उसके दिल में यही सोच सोच के दर्द हो रहा था कि हमज़ा और काव्या डेट पर क्या कर रहे होंगे। हालांकि सच उसकी हर सोच से विपरीत ही था। उसने काव्या को अपनी नशीली आंखों से देखा तो काव्या इधर उधर हॉल में देख रही थी जैसे कुछ टटोल रही हो।

काव्या समझ नहीं पा रही थी कि अपने घर के इस माहौल में वो कैसे अपनी फीलिंग को एक्सप्रेस करे। कुछ देर बाद उसे कुछ समझ नहीं आया और वो सीधे अपने कमरे की तरफ चली गई। और धड़ से दरवाजा बंद कर लिया।

अचानक से चंचल की जोर दार हंसी छूट गई। उसने आर्यन की तरफ देखते हुए कहा,

आर्यन: “मुझे तो लगता है तुझे एग्जाम में अब बैठना ही नहीं चाहिए!”

आर्यन का मन और उदास हो गया था। और उसने मन ही मन सोच लिया था कि वो अब और यहां नहीं रहेगा।

क्या होगा अब आर्यन और काव्या की जिंदगी में नया मोड़? क्या काव्या आर्यन को जाने से रोक पाएगी? क्या आर्यन एग्जाम का आखिरी पड़ाव पार कर पाएगा? जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड। 

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