ब्‍लोअर की गर्म हवा मीरा के शरीर पर पड़ रही थी, हल्‍की हल्‍की पियानो की मीठी और उदासी भरी धुन मीरा के कान में पड़ रही थी....धुन सुनकर मीरा की नींद खुल गई। 

उसने चारों ओर देखा, वह अपने कमरे में नहीं थी….यह कोई अनजान जगह थी। मीरा को अचानक एहसास हुआ कि वह ऐसी जगह थी जिसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। वह हड़बड़ाकर उठ गई.…उसे याद आया वह तो मुंबई जाने के लिए अपनी पैकिंग कर रही थी, फिर मां आई और एक नशीला चरणामृत दिया उसके बाद उसे कुछ भी याद नहीं। 

तभी मीरा के रोंगटे खड़े हो गए…’’मां तो किसी बाबा के पास चलने के बारे में बात कर रही थी, उनके दो शिष्‍य और आश्रम में ले जाकर झाड़फूंक करने की बातें कर रही थी....मैंने मना कर दिया तो मां ने बेहोशी की दवा मिलाकर चरणामृत पिला दिया।

नहीं नहीं..तो क्‍या मैं उसी बाबा के आश्रम में हूं....उस बाबा और  उनके शिष्‍यों ने झाड़फूंक के नाम पर मेरे साथ कहीं कुछ गलत तो नहीं किया?‘’ सोचते ही मीरा की सांसे अटक गई, सिर से पांव तक कांप उठी। बाबाओं के गंदे कारनामों के बारे में उसने बहुत कुछ सुन रखा था…भोली भाली आस्‍था और विश्‍वास से भरी, दुखों से घिरी जनता को भगवान के कोप का डर दिखाकर बाबा लोग उनका मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण करते हैं, इन्‍हीं सबके कारण मीरा ऐसे बाबाओं से सख्‍त नफरत करती थी।

मीरा को अपनी मां पर बेतहाशा गुस्‍सा आने लगा, ऐसा वे कैसे कर सकती हैं…अपनी ही बेटी को नरक में झोंक दिया...उन्‍हें पता भी है कि उन्‍होंने क्‍या कर डाला। 

मीरा ने खुद को देखा....उसके शरीर पर एक कलरफुल ब्‍लैंकेट पड़ा हुआ था, ब्‍लैंकेट हटाकर उसने खुद को देखा, उसने जो कपड़े पहने थे वो जस के तस उसके शरीर पर थे, यहां तक कि लम्‍बी गोल्‍डन लेस वाली सैंडल जिसे मीरा ने पहना था उसके पैरों में ही थी। 

बेड के एक ओर उसका सूटकेस और वह पर्स जो वह मुंबई ले जाने वाली थी रखा था, मीरा ने एक लम्‍बी सांस ली…मतलब मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ नहीं हुआ है।

मीरा उस कमरे को ध्‍यान से देखने लगी - यह आश्रम जैसा तो बिल्‍कुल नहीं लग रहा था, कमरा काफी बड़ा था, छत से महंगा झूमर लटक रहा था, बेड के बगल में एक सोफा रखा था, जिस पर एक लैपटॉप ऑन रखा था....ऐसा लग रहा था जैसे अभी कोई इसपर काम कर रहा था।

बेड के बगल में एक छोटा सा स्‍टूल  था, उस पर एक म्यूजिक सिस्‍टम रखा था, पियानो की उदासी भरी धुन उसी में बज रही थी।

‘’हो सकता है कि यह आश्रम ही हो, आजकल के आश्रम भी तो फाइव स्‍टार होटल जैसे ही होते हैं, मम्‍मी कहां है, क्‍या वो मुझे बाबा को सौंप कर यहां से चली गई हैं?‘’ 

 

‘’तो तुम उठ गई…’’ एक अनजान लड़की की आवाज़ मीरा के कान में पड़ी। 

पहले से ही घबराई हुई मीरा का ध्‍यान भंग हो गया वह और भी ज्‍यादा  डर गई, वह उस आवाज की ओर देखने लगी। बाई ओर दरवाजे की ओर से एक लड़की कमरे के अंदर आते हुए मीरा से बोली, उसके चेहरे पर अजीब तरह की मुस्‍कान थी, वह न तो दोस्‍ती वाली मुस्‍कान थी और ना ही दुश्‍मनी वाली। वह शैतानी और कुटिल मुस्‍कान थी, या शायद वह जानबूझकर मीरा को डराने के लिए ऐसे भाव चेहरे पर ला रही थी। 

उसके एक हाथ में शराब से भरा गिलास था और दूसरे हाथ में जलती हुई सिगरेट। वह मिनी स्‍कर्ट और क्रॉप टॉप पहने हुए थी। आते ही वह सोफे पर बैठ गई।  

मीरा खुद में ही सिमट गई, और पूरी तरह से आश्‍वस्‍त हो गई कि मैं पक्‍का किसी आश्रम में तो नहीं हूं....भले ही कुछ आश्रमों में गंदे काम होते हैं और बाबा के शिष्‍य शिष्‍या इनमें लिप्‍त रहते हैं, पर आम जनता के सामने तो वे ऐसे कभी नहीं आ सकते हैं। 

तभी मीरा को खटका...’’कहीं मैं उस चीफ के लोगों के हाथ तो नहीं लग गई..?’’ 

वह लड़की मीरा से बोली, ‘’मैं जानती हूं कि तुम क्‍या सोच रही हो, न तो तुम किसी आश्रम में हो और ना ही चीफ के चंगुल में....तुम हमारे पास हो जिसकी दुश्‍मनी चीफ से है और जहां तुम्‍हारे पापा फंसे हुए हैं....जहां हम फंसे हैं...जहां मेरे अपने फंसे हैं।

मीरा का डर थोड़ा कम हुआ, पर मन में कई सारे सवाल अभी भी घूम रहे थे, ‘’तो क्‍या वह अनजान नंबर से मैसेज भेजने वाली तुम्‍हीं हो..जो चाहती है कि मैं उस हत्‍यारे चीफ से प्‍यार का नाटक करूं जिसने न जाने कितनों की जान ली है और कितनों का घर बरबाद किया है?‘’ 

उस लड़की ने सिगरेट की राख मेज पर रखे एश ट्रे में गिराकर कहा, ‘’हां, मैं चाहती हूं कि तुम चीफ की कमजोरी बनो...पर मैं वह मैसेज वाली इंसान नहीं हूं, उसे तो अभी थोड़ी देर पहले ही गोली मार दी गई.....पर उसने ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ा जिससे पता चले कि उसने तुम्‍हें कोई मैसेज भी किया था। उसे पता था उसे मार दिया जाएगा इसलिए उसने तुम्‍हें एक आखिरी मैसेज किया और अपना फोन जला दिया। 

मीरा सन्‍नाटे में आ गई…वह बहुत बड़े जाल में फंस चुकी थी, ’’यह सच है कि तुम्‍हारी मां तुम्‍हें बाबा के पास ले जाने के लिए बेहोशी की दवा मिला चरणामृत देकर तुम्‍हारा विश्‍वास तोड़ा है, पर उन्‍होंने ऐसा क्‍यों किया है यह तुम्‍हें बाद में पता चल जाएगा।’’

मीरा ने कहा, ‘’उन्‍हें लग रहा है कि मुझ पर काला जादू किया गया है...मैंने पापा के ऊपर ऐसा इल्‍जाम लगाया है जिस पर मेरे लिए भी विश्‍वास करना मुश्‍किल था, पर मैंने सच अपनी आंखों से देखा है।‘’ 

‘’तुम कितना भी इल्‍जाम लगा लो…तुम कुछ नहीं कर पाओगी, जब तक तुम्‍हारे पास कोई ठोस सबूत न हो.।’’ 

‘’मुझे यहां कौन लेकर आया है, मैं किस जगह हूं, मेरा टिकट, मेरा सामान यहां क्‍यों पड़ा है?‘’

‘’क्‍योंकि अगर हम तुम्‍हें यहां नहीं लेकर आते तो तुम्‍हारी जान को बहुत बड़ा खतरा हो जाता.…कुछ लोग ऐसे है जो नहीं चाहते कि तुम मुंबई जाओ..तुम्‍हें प्रतापगढ़ भेजने की प्‍लानिंग की जा रही है।’’

‘’प्रतापगढ़.....वहां तो मेरी मां का घर है मेरा मतलब है कि मेरी मां का मायका...वहां मुझे कौन भेजना चाहता है?’’ मीरा ने चौंककर कहा। 

‘’शायद कुछ ऐसा है जो तुम्‍हें नहीं पता.....खैर समय आने पर तुम्‍हें वह भी पता चल जाएगा, अभी अगर अपने पापा को उस अंधेरी खाई से निकालना है तुम्‍हें कमर कसना होगी। मैं तुम्‍हें उस चीफ के बारे में और कुछ बताना चाहती हूं......वह केवल नकली वैक्‍सीन का बिजनेस ही नहीं करता है बल्‍कि वह एक गैंगस्‍टर है, स्‍मगलर है और अंडरवर्ल्‍ड से भी उसका कनेक्‍शन है....आज तक बहुत सी लड़कियां उसके पास गई हैं, उसे लुभाने इम्‍प्रेस करने की तमाम कोशिशें भी की पर अंजाम......’’ कहकर वह लड़की खामोश हो गई। 

मीरा ने उसकी बात को पूरा करते हुए कहा, ‘’अंजाम मौत हुई, यही ना.? और अगला टर्न मेरा है। मतलब कई लड़कियों की मौत के बाद तुम्‍हें लगता है कि वह चीफ इतना मूर्ख होगा कि मेरे प्रेम के जाल में फंस जाएगा.....मैं ऐसा क्‍यों करूं?‘’ 

‘’क्‍योंकि तुम्‍हारे पापा की ही नहीं बल्‍कि तुम्‍हारा पूरा खानदान खतरे में है...तुम्‍हारे भाई  का परिवार जो इस समय बंगलौर में है, तुम्‍हारी बुआ की फैमिली, कजिन्‍स और भी लोग।’’ उस लड़की ने मीरा को सचेत करने वाले भाव से कहा। 

मीरा का मन घृणा से भर उठा, ‘’इसके जिम्‍मेदार मेरे पापा हैं उन्‍होंने खुद को इस दलदल में धकेला है, अब शायद उनकी समझ में आ गया होगा कि उन्‍होंने क्‍या किया है?‘’ 

‘तुम अगर चाहो तो इन सबको बचा सकती हो।‘’ 

‘तुम बड़ी अजीब लड़की हो, यह कैसे संभव है? अभी तुम्‍ही ने कहा मेरा पूरा खानदान उस चीफ के निशाने पर है, तो जाहिर सी बात है कि मैं भी चीफ की नजरों में आ गई हूं...तो मैं कैसे उससे प्‍यार का नाटक कर सकती हूं?‘’ 

‘’क्‍योंकि चीफ को तो पता है कि अमरीश मल्‍होत्रा की एक बेटी है, पर उसका नाम मीरा है यह नहीं पता।‘’ 

‘’तो इसमें कौन सी बड़ी बात है, मेरा नाम आज नहीं तो कल पता लग ही जाएगा।‘’ 

 

वो लड़की अपने दोनों पैर मेज पर रखकर अपनी पीठ सोफे से टिकाकर आराम से बैठ गई, शराब आधी पीकर सिगरेट का एक लम्‍बा कश लिया और फिर मीरा से बोली, ‘’अब वह नाम पता नहीं चल पाएगा..।’’ 

‘’ऐसा क्‍यों?‘’ मीरा ने उसे अजीब नजरों से देखते हुए पूछा।

‘’क्‍योंकि चीफ को पता चल गया था कि अमरीश की बेटी उनके लैब में घुस आई थी और लैब के कई सीक्रेट अपनी आंखो से देख लिए थे इसलिए उन्‍होंने तुरंत ही अमरीश से अपनी बेटी को मारकर फार्महाउस के गटर में फेंकने का आर्डर दे दिया था।‘’

यह सुनते ही मीरा की सांसे उखड़ने लगी, वह झटके से बिस्‍तर से उठ खड़ी हुई.…पर पैर के निचले हिस्‍से में बहुत ज्‍यादा दर्द हो रहा था कि वह लड़खड़ाकर नीचे गिर गई और जोर जोर से सांसे लेने लगी….मानों अब उसकी सांसे छिनने ही वाली हैं।

वह लड़की मीरा को ऐसी हालत में देखकर भी सामान्‍य होकर बैठी थी और अपने शराब से भरे गिलास को हाथ में पकड़े गोल-गोल घुमा रही थी। 

सिगरेट का कश खींचने के बाद मुंह से धुंआ छोड़कर उस लड़की ने मीरा से कहा, ‘’तुम्‍हारा सांस लेना भी दुश्‍वार हो जाएगा.....अगर तुमने हमारा कहना नहीं माना तो, हम तुम्‍हें ज्‍यादा समय तक नहीं बचा पाएंगे....तुम्‍हें अपनी प्रोटेक्‍शन खुद करनी है।‘’ 

मीरा ने बेहद धीमे स्‍वर में कहा, ‘’अब मैं खुद को कैसे बचा पाऊंगी, जब मेरे पापा ही मुझे गोली मारने आएंगे।‘’ 

उस लड़की ने मीरा से कहा, ‘’अमरीश ने तो अपनी बेटी को अभी कुछ समय पहले ही मार दिया, जब तुम्‍हारे पापा सुबह तुमसे मिलने आए थे...वे एक प्‍लान बनाकर आए थे, वे बाथरूम गए उन्‍होंने तुम्‍हारे कपड़े उठाए जो तुमने फार्महाउस में घुसते समय पहने थे, फिर वे अपने दोस्‍त शशिभूषण के साथ चले गए।‘’ 

‘’क्‍योंकि जिस लड़की का मर्डर करना है वह तो लगना चाहिए कि तुम ही हो।‘’

मीरा अभी भी अचम्‍भे में थी, उसकी समझ में अभी भी कुछ नहीं आ रहा था।‘’

उस लड़की ने अपना शराब का गिलास मेज पर और सिगरेट एश ट्रे में रखी, मीरा के पास आकर उसे सहारा देकर खड़ा किया बेड पर बैठाते हुए बोली, ‘’अब अमरीश को अपनी बेटी को गोली मारना था, और फार्महाउस के स्‍टाफ के मुताबिक तुमने क्‍या पहना था और तुम्‍हारा डीलडौल, मेरा मतलब है कदकाठी कैसी थी, यह चीफ को बताया गया, अब अमरीश तुम्‍हें तो नहीं मार सकते थे तुम्‍हारी ही बॉडी टाइप की एक लड़की को पकड़ा गया, उसे तुम्‍हारे कपड़े पहनाए गए और फिर उसके सिर पर गोली मारकर उसकी फोटो खींचकर चीफ को भेज दी गई, चीफ के मुताबिक अमरीश की बेटी मर चुकी है, फार्महाउस के स्‍टाफ ने भी कन्‍फर्म कर दिया कि मरने वाली लड़की अमरीश की बेटी ही है, क्‍योंकि उसने वही कपड़े पहने हैं जो कल रात तुमने पहने थे।‘’

 

मीरा बड़ी मुश्‍किल से बोली, ‘मतलब मेरी जगह किसी और बेगुनाह लड़की को मार दिया गया?‘’

‘’तुम्‍हारे पापा ने मारा, अब चीफ को अपनी मरी हुई बेटी की फोटो तो दिखानी थी…वह लड़की कौन थी हमें नहीं पता? इतना पता है कि नोएडा के किसी छोटे कालेज की स्‍टूडेंट थी....जैसे ही चीफ का आर्डर आया कि फार्महाउस में घुसने वाली लड़की को मार कर उसकी फोटो मेरे पास भेजी जाए तो अमरीश घबरा गए, पर नैना ने उन्‍हें यह आइडिया दिया कि मीरा जैसी कदकाठी वाली लड़की ढूंढी जाए और उसे किसी तरह किडनैप कर के मीरा के कपड़े पहना दिए जाए, फिर उसके सिर में दो तीन गोलियां दागी जाए, जिससे उसके चेहरे का नैन-नक्‍श बिगड़ जाए और केवल कदकाठी से लगे कि वह तुम ही हो। प्‍लान के मुताबिक सब कुछ हुआ…..वह लड़की अब फार्महाउस के गटर में मरी पड़ी होगी, तुम सुरक्षित कैसे बची हो…यह शायद तुम नहीं जानती.....तुम्‍हारे पापा बहुत गलत काम कर रहे हैं पर वे तुमसे प्‍यार भी बहुत करते हैं।‘’

‘’और उस लड़की के घरवाले......क्‍या वे उस लड़की को ढूंढ नहीं रहे होंगे?‘’ मीरा ने पूछा।

‘’शायद नहीं, या फिर शायद हां....क्‍योंकि यह लड़की, इसका नाम अनिका है और यह किसी लड़के से प्‍यार करती थी। इनका रिश्‍ता इनके घरवालों को मंजूर नहीं था, अनिका का बॉयफ्रेंड अपनी फैमिली को धमकी दे चुका था कि अगर वे इस रिश्‍ते के लिए राजी नहीं हुए तो वह और अनिका भागकर शादी कर लेंगे।

यह जानकारी नैना के लिए प्‍लस प्‍वांइट साबित हुई.…आज वे दोनो भागकर शादी करने का प्‍लान कर रहे थे, अनिका अपने कॉलेज के बाहर अपने लवर का वेट कर रही थी, उसका लवर आया और बाइक पर बैठाकर शहर से बाहर ले जाने लगा। नैना ने अपने गुंडे इनके पीछे लगा रखे थे, एक सुनसान जगह देखकर दोनों को रोक लिया, किडनैप कर के कार में बैठा दिया, इनकी बाइक भी उठवा ली और फिर उसके बाद दोनों को बेहोश कर के सिर पर गोली मारकर एक आसान मौत दे दी गई, अब उनके घरवाले ढूंढते रहेंगे....थक हार कर बैठ जाएंगे कि कहीं दूर भाग गए होंगे, कुछ समय बाद यह मामला दब जाएगा।‘ 

मीरा का पूरा शरीर झनझना उठा…’’पापा ने आज दो मर्डर कर दिए?‘’

‘’तुम्‍हारे पापा के हाथ आज से नहीं बहुत पहले से ही खून से रंग चुके हैं और नैना को तुम कोई छोटी चीज मत समझना...वह हमेशा दस कदम आगे सोचती है।’’

कहकर उस लड़की ने अपना फोन ऑन किया और एक फोटो मीरा को दिखाई.....देखते ही मीरा दहशत से भर उठी - वह अनिका की फोटो थी, जिसने मीरा के कपड़े पहने थे…मीरा ने कल ग्रीन कलर की कुर्ती और जींस पहनी थी....वही अनिका को पहना दिया गया था। उसका चेहरा मांस का लोथड़ा बन गया था, चेहरे पर तीन गोली मारी गई थी, जिससे की उसका चेहरा विकृत हो जाए और अगर फार्महाउस के मेंबर जिन्‍होंने मीरा को देखा था, वे कदकाठी और कपड़े देखकर ही पहचान सकते थे कि यह अमरीश की बेटी ही है।

फोन साइड में रखकर उस लड़की ने कहा, ‘’अब तुम्‍हें क्‍या करना है यह तुम अच्‍छे से जानती हो, और मुझे पता है कि तुम यह करने को तैयार हो.....वैसे मेरा नाम मारिया है....फार्महाउस से जो लड़का तुम्‍हें मैसेज भेज रहा था....वह मेरा हसबैंड जॉन था.......अब उसका अधूरा काम मैं करूंगी...मैं तुम्‍हारी जितनी खूबसुरत तो नहीं हूं, वरना चीफ को मैं ही फंसा लेती…अब तुम ही मेरी आखिरी उम्‍मीद हो..…चलो इस दलदल में हम दोनों भी कूदते हैं।

 

क्‍या मारिया सच बोल रही है? 

कई लोगों का कत्‍ल करने वाले अमरीश मीरा को कब तक चीफ से बचा पाएंगे? 

वह कौन है जो मीरा को प्रतापगढ़ भेजना चाहता है? 

मारिया अपने हसबैंड की मौत का बदला अमरीश से कैसे लेगी? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए ‘बहरूपिया मोहब्‍बत’!

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