अपनी बेस्टफ्रेंड निकिता के घर के सामने खड़े हो कर काव्या ने बेल बजाई।

जब दरवाज़ा खुला तो निकिता हैरान रह गई। हाथ में सूटकेस लिए काव्या उसके घर के सामने खड़ी थी।

निकिता ने पूछा,

निकिता: "काव्या? तू यहाँ अचानक?"

काव्या ने निकिता को गले लगाते हुए कहा,

काव्या: "यार! तूने जो सलाह दी थी। मैने वह मान ली। मैं अपने घरवालों को छोड़ आई।"

इतना कहते हुए काव्या घर के अंदर ख़ुद ही आ गई। निकिता ने बोला,

निकिता: "पर मैंने ये थोड़े न कहा था कि अपना घर छोड़ कर मेरे घर ही आ जा!"

काव्या बच्ची-सी बन कर बोली,

काव्या: "तो तू क्या चाहती है, मैं ज़िन्दगी को अपनी मर्जी से जीने के लिए रोड पर घूमती फिरूं!"

तभी अंदर से विवेक सिर्फ़ हाफ नेकर में बाहर निकल आया। दरअसल विवेक और निकिता साथ में लिव इन में रह रहे थे। विवेक के इस हालत में बाहर आते ही काव्या थोड़ी हिचकी और उसने कहा,

काव्या: "हाय विवेक!"

विवेक ने बिदांस फ्रिज से बॉटल निकालते हुए कहा,

विवेक: "ओह! मिस आलिया! आप आज हमारे यहाँ कैसे? वह भी पूरा सामान ले कर!"

आलिया सुनकर निकिता समझ नहीं पाई और उसने कहा,

निकिता: "कौन आलिया? ये काव्या है, विवेक तुम भूल गए क्या?"

इस पर काव्या ने अपना रोना सुनाते हुए कहा।

काव्या: "अरे नहीं! वह मुझे आलिया इसलिए कह रहा है।खैर छोड़! वैसे मैं अब अपने घर में घरवालों के साथ नहीं रह सकती। मुझे अब अपना अलग स्पेस चाहिए!"

इस पर विवेक ने हंसते हुए कहा,

विवेक: "वाह! कमाल है! कहाँ हम जैसे लोग जो दूसरे स्टेट्स से यहाँ आए हैं और तड़प रहे हैं घर वालों के साथ रहने के लिए और यहाँ दिल्ली में रहने वाले बच्चों को अपने माँ बाप के साथ ही नहीं रहना। वाह क्या ज़माना आ गया है!"

विवेक की बातों को सुनकर निकिता ने कहा,

निकिता: "प्लीज डॉन्ट जज हर! और तुम ये क्या इस ज़माने को कोस रहे हो, तुम ख़ुद मुझे ओल्ड स्कूल कहते हो और ख़ुद बूढ़ों वाली बात करते हो!"

इस बात के बाद निकिता और विवेक की लड़ाई का महा संग्राम चालू हो गया। विवेक जो निकिता को पुराने ज़माने का समझता था क्योंकि वह किसी से इतनी जल्दी घुलती मिलती नहीं थी वहीं विवेक की हरकतें और सोच पुराने ज़माने में अंकलों जैसी होती थीं। विवेक का कहना था हर कोई इंसान कॉम्प्लेक्स होता है और हर बात में उसे टोकाटाकी पसंद नहीं आती।

कुछ देर तो काव्या ने दोनों की बातों में लॉजिक ढूँढा पर जब लड़ाई के मुद्दा बिना वज़ह के दिखा तो वह इस सोच में पड़ गई कि क्या उसका घर से निकलने का फ़ैसला सही था कि नही। पर वह इतना ज़रूर जान गई थी कि वह ज़्यादा समय तक नितिका के घर नहीं रह सकती।

वो दोनों बहस करते रहे और उन्हें पता भी नहीं चला काव्या कब अपना सामान अंदर बैडरूम में लगा कर घर से बाहर निकल गई।

बाहर आ कर काव्या ने गहरी सांस ली। उसे नहीं पता था कि उसकी ज़िन्दगी में आगे क्या होने वाला था? उसे सबसे पहले अपना घर ढूँढना था। जिसके लिए उसने फ़्लैट एंड फ्लैटमेट्स की मदद से कई घर देखे। पर हर जगह उसे कोई न कोई दिक्कत लगी। कहीं पर रेंट ज़्यादा था तो कहीं पर लड़कियों को अकेले रहने की इजाज़त नहीं थी। कहीं पर खुली हवा के लिए खिड़कियाँ नहीं थी तो कहीं घर फर्निश्ड नहीं था।

आखिरी में जा कर उसे एक फ़्लैट दिखा जहाँ दो कमरे और एक हॉल था। साथ में किचन और पर्सनल वाशरूम थे। वह घर देखने के बाद काव्या को लगा कि ये वही घर है जिसकी तलाश उसे थी। पर दिक्कत ये थी कि अकेले उसके लिए इस फ़्लैट का बजट बहुत ज़्यादा था।

और साथ में रहने के लिए उसके पास कोई और नहीं था। अब इस फ़्लैट पर उसका दिल आ चुका था। रात में जब काव्या निकिता के घर पहुँची। तो उसने देखा विवेक और निकिता साथ में सोफे पर सो रहे थे। वह दोनों मूवी देखते-देखते साथ में सो गए थे।

ऐसा लग रहा था जैसे सुबह इतना लड़ने के बाद दोनों का साथ में इस तरह सोना सब कुछ पहले से डिसाइड नाटक हो। ऐसा नाटक जिसमें उसकी ज़िन्दगी बोरिंग न हो।

काव्या अंदर जा कर कमरे में लेट गई तो उसने फ़ोन चेक किया कि घर वालों का कोई मैसेज तो नहीं आया। अगर आया हो और उसने मिस कर दिया हो। पर घर में किसी की तरफ़ से कोई भी मैसेज नहीं था। ये देख कर काव्या का मन भारी हुआ। वह सोचने लगी कि क्या वह सही कर रही थी? और उदास मन के साथ काव्या सो गई।

अगले दिन जब उसकी आँख खुली तो घर में एक और नया बवाल चालू था। विवेक और निकिता इस बात पर लड़ रहे थे कि घर का राशन कितना मंगाना है।

उनके शोर को सुन कर काव्या ने गहरी सांस ली और फ्रेश हो कर बाहर आई तो उसके होश ही उड़ गए।

बाहर सोफे पर आर्यन बैठा हुआ था। वह शांति से उन दोनों को लड़ते हुए देख रहा था। आर्यन को देखते ही काव्या को पहले एक्साइटमेंट हुई फिर उसे बहुत ज़ोर का गुस्सा आया।

वो आर्यन से नहीं मिलना चाहती थी। इससे पहले कि आर्यन उसकी तरफ़ देखे, काव्या ने अपने कमरे में वापिस जाने के बारे में सोचा। वह जैसे ही मुड़ी।

तभी पीछे से विवेक ने कहा,

विवेक: "अरे! काव्या! तुम कहाँ जा रही हो? हमारा तो ये सब चलता रहता है। आओ, तुम आ कर हमारे आर्यन सर से मिलो। आई होप तुम इनको भूली नहीं होगी।"

काव्या जान गई थी कि अब पीछे हटने का कोई रास्ता नहीं। वह पीछे मुड़ी और उसने देखा, आर्यन अपने दांत दिखाता हुआ सामने खड़ा था। उसके चेहरे पर ऐसी ख़ुशी थी जैसे उसे याद ही नहीं हो कि पिछली मुलाकात में उसने क्या किया था।

आर्यन काव्या की तरफ़ हाथ बढ़ाता हुआ आगे बढ़ा और उसने कहा,

आर्यन: "अरे! आप यहाँ? हेलो!"

इस बार काव्या ने हाथ जोड़ लिए और कहा,

काव्या: "जी नमस्ते! मैं सुबह बिना नहाए किसी से हाथ नहीं मिलाती।"

काव्या का यूं उखड़ा मिज़ाज देख कर आर्यन समझ गया था कि काव्या किस बात से नाराज़ थी। फिर भी उसने बेशर्म होते हुए कहा,

आर्यन: "कोई नहीं चल कर पहले नहा लेते हैं, फिर हाथ मिला लेंगे!"

इस पर काव्या का चेहरा तिलमिलाने लगा। तभी निकिता ने पीछे से कहा,

निकिता; "तुम लड़कों की ये फ़र्ज़ी बकवास करने की आदत कभी नहीं सुधरेगी। लड़की दिखी नहीं कि लगे फ्लर्ट करने।"

इस पर आर्यन ने कहा,

आर्यन: "वाई नोट! लड़कियों से फ्लर्ट करना तो स्किल है। सबके पास नहीं होती! क्यों विवेक?"

विवेक जो अब तक अपने वर्कआउट करने में बिजी हो गया था, उसने डम्बल उठाते हुए कहा

विवेक: "हाँ बेटे, सही सीख रहे हो!"

काव्या को आर्यन जो उस रात सबसे अलग लगा था अचानक आंखों में खटकने लगा और वह वहाँ से निकल कर अंदर चली गई।

अंदर जाते ही उसके मन में एक सवाल कुलबुला रहा था। आख़िर उस रात आर्यन गायब कहाँ हो गया था?

ये सवाल ने काव्या को इतना परेशान कर दिया कि वह कुछ देर बाद नहा धो कर बाहर आ गई। सब खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे थे।

निकिता ने काव्या के पास आते हुए कहा,

निकिता: "आ बैठ जा काव्या! इधर खाना लग गया है।"

काव्या ने देखा सिर्फ़ आर्यन में पास वाली कुर्सी खाली थी। वह मजबूरी में आर्यन के पास आ कर जैसे ही बैठी। आर्यन ने तुरंत हाथ बढ़ाते हुए कहा,

आर्यन: "नहा कर आ चुकी हो, अब तो हम हाथ मिला सकते हैं।"

आर्यन के चेहरे पर एक ऐसी मासूमियत नज़र आती थी कि कोई भी उससे ज़्यादा समय तक नाराज़ नहीं हो सकता था। काव्या ने हाथ मिला लिया।

तभी निकिता ने खाना सर्व करते हुए सवाल पूछा,

निकिता: "तेरे घर का क्या हुआ? कोई मिला?"

आर्यन: "अभी नहीं ढूँढ रहा हूँ!"

काव्या: "अभी नहीं ढूँढ रही हूँ।"

आर्यन और काव्या दोनों ने एक साथ ये जवाब दिया। दोनों के मुंह से एक साथ जवाब सुनकर सब हैरान हो गए।

काव्या ने भी आर्यन को उतनी हैरानी से देखा जितना आर्यन ने काव्या को।

आर्यन ने काव्या से पूछा,

आर्यन: "तुम भी घर ढूँढ रही हो? पर तुम्हारे पास तो अपना एक घर है न?"

काव्या ने ये कहकर कि लंबी कहानी है बात को टाल दिया और उल्टा आर्यन से सवाल किया,

काव्या: "तुम भी नया घर ढूँढ रहे हो? पर तुम तो...तुम शायद...तुमने क्या बताया था कि तुम कहाँ रहते हो?"

आर्यन ने मुस्कुरा कर बोला,

आर्यन: "मैने बताया ही नहीं था। दरसल मैं जिनके साथ रहता था उनके साथ कुछ इशू हो गया था और अब मुझे एक नया स्पेस चाहिए, नए लोग चाहिए!"

निकिता ने आर्यन की बातों को सुन कर बोला,

निकिता: "यही तो हमारी काव्या जी को भी चाहिए! तुम दोनों साथ में ही फिर रूम क्यों नहीं ले लेते?"

इस बात पर विवेक जो शांति से अभी तक खाना खा रहा था, हंसी निकल गई। उसने कहा,

विवेक: "ये दोनों साथ में कैसे रह सकते हैं, आई डॉन्ट थिंक ये लोग रह पाएंगे?"

इस बात का जवाब तपाक से निकिता ने दिया और कहा,

निकिता: "क्यों नहीं रह पाएंगे? आपके अकॉर्डिंग तो हम भी नहीं रह सकते थे। पर हम रह रहे हैं न?"

विवेक ने तंज कसते हुए जवाब दिया,

विवेक: "ये तो काव्या को भी पता चल गया होगा हम किस तरह रह रहे हैं।"

विवेक की बात सुनकर काव्या को सच में यही लगा कि वह उन दोनों की तरह लड़ते हुए कभी नहीं रह सकती थी।

काव्या के चेहरे पर पड़ी शिकन को देखकर निकिता ने काव्या को समझाते हुए कहा,

निकिता: "देख! काव्या इसकी बात मत सुन। हमारे बीच झगड़ा होना जायज है। तुम दोनों तो फ्लैटमेट रहोगे जो कि एकदम अलग रिश्ता है।  तुम लोग अपने लिए अलग रुल्स बनाओगे और हमेशा एक दायरा होगा एक दूसरे को कुछ कहने का। हम तो कपल हैं, हमारा तो हक़ है एक दूसरे को कुछ भी कहने का।"

निकिता की इस बात के बाद उन दोनों की बहस वापिस शुरू हो गई। विवेक और निकिता इस बात पर लड़ने लगे कि काव्या और आर्यन को साथ में रहना चाहिए या नहीं।

दोनों में से किसी ने ये नहीं सोचा कि क्या काव्या और आर्यन एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं कि नहीं?

दोनो बुत बनकर विवेक और निकिता की बहस को सुन रहे थे।

धीरे से आर्यन ने काव्या के कान के पास आ कर कहा,

आर्यन: "वैसे मटर पनीर अच्छा बना है। हमें इस पर फोकस करना चाहिए।"

आर्यन की बात सुनकर काव्या हंस पड़ी। उसने आर्यन की आंखों में देखते हुए कहा,

काव्या: "तुमने तो कहा था तुम मूवीज नहीं देखते और ये तो 3 इडियट्स का डायलॉग है।"

इस बार आर्यन ने कहा,

आर्यन: मैने कब कहा मैं मूवीज नहीं देखता। मैने कहा था मैं शाहरुख की मूवीज नहीं देखता। आमिर तो मेरा फेवरेट है। अपनी तो पाठशाला...मस्ती की पाठशाला! "

ऐसा गाते हुए आर्यन बैठे-बैठे गाने का स्टेप भी करने लगा।

आर्यन की हरकतें देखकर काव्या मुस्कुराई। पर तभी उसे याद आया अभी भी उसके सवालों का हिसाब बकाया था और बिना जवाब लिए वह आर्यन को उसके साथ घुलने मिलने के लिए इतना आगे बढ़ने नहीं दे सकती थी।

वो बैककग्राउंड में चल रहे विवेक और निकिता के झगड़े को शांत कराते हुए चिल्लाई।

काव्या: प्लीज! इनफ! हम दोनों एडल्ट्स हैं और अपने डिसीजन ख़ुद ले सकते हैं। तो हमारे लिए आप लोग लड़ना बंद कीजिए और शांति से खाने का आनंद लीजिए। "

काव्या के इस अवतार को देख कर आर्यन ने उसे सैल्यूट किया। पर काव्या ने कोई भी रिएक्शन नहीं दिया। विवेक और निकिता भी अचानक शांत हो कर खाना खाने में लग गए।

ऐसा लग रहा था जैसे एक तूफान थम गया हो और गहरा सन्नाटा छा गया हो। पर काव्या के पेट में तितलियाँ उड़ रही थीं और उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं था। तितलियों के उड़ने का कारण उसे भी नहीं पता था।

वहीं आर्यन बीच-बीच में बार काव्या को आंखों के किनारे से देख रहा था।

चारो ने खाना ख़त्म किया और जैसे कि कोई नाटक का सीन हो। विवेक और निकिता साथ में चुप चाप बैडरूम में चले गए। बाहर हाल में निकिता और आर्यन बैठे थे।

दोनों शांत हो कर सामने चल रहे टीवी को देख रहे थे। तभी आर्यन ने काव्या से पूछा,

आर्यन: "क्या तुम मेरा फ़्लैट पार्टनर बनना चाहोगी?"

आर्यन के मुंह से ये सवाल सुन कर काव्या दिल अचानक धकधक-सा करने लगा। पर अभी भी काव्या को उसके सवाल का जवाब नहीं मिला था। आर्यन के सवाल के बदले सवाल करते हुए कहा,

काव्या: “तुम उस रात अचानक कहां गायब हो गए थे?”

आर्यन ने अपना सिर झुकाया और धीरे से बोला,

आर्यन: “मैं फिलहाल तुम्हारे सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगा।”

ये सुनकर काव्या का मन उदास हो गया और उसने कहा,

काव्या: “तो मैं भी तुम्हारे सवाल का कोई जवाब नहीं दे सकती।”

उतना कहकर काव्या ने अपना बैग उठाया और कमरे से बाहर निकल गई। आर्यन ने उसे रोककर काव्या के सवाल का जवाब नहीं दिया। वो बस मुंह लटकाए अपने फोन की तरफ देख रहा था। क्योंकि वो जानता था कि काव्या के सवालों का जवाब वो अभी नहीं दे सकता था।

आखिर क्यों आर्यन काव्या के सवाल का जवाब नहीं दे पाया? क्या काव्या को अपना पसंदीदा फ्लैट मिल पाएगा? क्या काव्या आर्यन के साथ रहने के लिए राजी हो जायेगी? जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड। 

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