काव्या एक पार्क में बेंच पर बैठे यही सोच रही थी। ‘क्या उसे आर्यन को एक और मौका देकर अपना पसंदीदा फ्लैट ले लेना चाहिए?’
काव्या के आस पास कई सारे ओल्ड कपल्स पार्क में टहल रहे थे। उन्ही मे से एक कपल काव्या के पास बेंच पर बैठ गया और एक बूढ़ी आंटी ने काव्या को देख कर एक स्माइल दी और कहा,
बूढ़ी आंटी : “यू आर ब्यूटीफुल, गर्ल!”
ये सुनकर काव्या का चेहरा और खिल गया और उसने उन दोनो कपल को कॉम्प्लीमेंट करते हुए कहा,
काव्या: “आप दोनो साथ में काफी अच्छे लग रहे हो! ज़रूर आपकी लव मैरिज हुई होगी।”
इस बात पर बूढ़े अंकल जोर से हंसे और उन्होंने कहा,
बूढ़े अंकल : “नहीं पुत्तर! हमारी तो अरेंज ही हुई थी। पर बाद में लव हो गया।”
अंकल आंटी को यूं साथ में हंसता देख कर काव्या ने अपने मन में आया सवाल पूछ लिया,
काव्या: “आपको क्या लगता है, कि आपके इतने साल साथ रह जाने का सबसे बड़ा कारण क्या था?”
इस पर अंकल ने मजाक में कहा,
बूढ़े अंकल: “तुम्हारी आंटी के लुक्स”
वह ज़ोर से हंस पड़े। आंटी ने उनके पेट में कोहनी मारी और काव्या को देख कर बोलीं,
बूढ़ी आंटी : “बेटा! साथ तो निभाया जाता है। जिंदगी में रिश्ता तोड़ने की वजह अगर एक ही हो तो रिश्ता बचा लेना ज्यादा सही है। और अगर वजहें ज्यादा है तो सबसे पहले तो बात कर के देख लो। फिर भी न सुलझे, तब समझ लो आप किसी गलत इंसान के साथ रास्ता तय कर रहे हो।”
आंटी की बात सुनकर काव्या को अपना पुराना इतिहास याद आ गया। और उसकी आंखे भर आईं। ऐसा लगा जैसे उसे अपने सवाल का जवाब मिल गया हो। उसे लगा आर्यन को जानने का एक और मौका उसे देना चाहिए। इतने समय बाद कोई लड़का उसको पसंद जो आया था।
पार्क से सीधे काव्या निकिता के घर ही पहुंची। पर अफसोस वहां पर आर्यन नहीं था। काव्या के जाने के कुछ बाद ही वो वहां से निकल गया था।
निकिता ने बताया कि आर्यन किसी बुक स्टोर गया हुआ था। काव्या ने आर्यन का नंबर निकिता से ले कर ट्राई किया। पर वहां से कोई जवाब नहीं आया।
काव्या इतनी एक्साइटेड थी कि वो आर्यन से मिलने उसी बुक स्टोर की तरफ निकल पड़ी जहां आर्यन गया था।
स्टोर पर पहुंचने के बाद काव्या ने हर जगह नजर दौड़ाई। पर उसे आर्यन नजर नहीं आया।
जैसे ही वो बुक स्टोर से बाहर निकली उसकी नजर सामने कॉफी शॉप में बैठे आर्यन पर पड़ी। जो वहां बुक लिए पढ़ रहा था।
काव्या सीधे काफी शॉप में आई और उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए बोली,
काव्या: “लगता है, आपको भी रोमांटिक नोवेल का शौक लग गया है।”
उसकी आवाज सुनते ही, आर्यन हैरान हो गया। दरअसल आर्यन हाथ में भले किताब लिए बैठा था पर उसके दिमाग में सिर्फ काव्या का ही ख्याल चल रहा था। और काव्या को अपने सामने यूं देख कर आर्यन ने कहा,
आर्यन: “तुम यहां? तुम्हे कैसे पता कि मैं यहां हूं!”
काव्या ने मुस्कुराते हुए कहा,
काव्या: “मेरे पास एक सुपरपावर है, जिससे मुझे पता लग जाता है। मेरे आस पास वाले इंसान कहां हैं? और क्या कर रहे हैं?”
आर्यन ने काव्या की बातों में इंटरेस्ट लेते हुए कहा,
आर्यन: “तो आप इस सुपरपावर से ये भी पता लगा लेती हैं कि आपके आस पास वाले इंसान क्या सोच रहा है?”
काव्या ने आर्यन की बात को नकारते हुए कहा,
काव्या: “जी अभी नहीं! अभी हमारा सिस्टम अपग्रेड नहीं हुआ है। लेकिन जल्द ही इसका भी पता लगा लेंगे!”
आर्यन ने शर्माते हुए अपने पीछे की बालों पर हाथ फेरा तभी वेटर ने आ कर ऑर्डर पूछा।
आर्यन के बोलने से पहले ही काव्या ने वेटर से कहा,
काव्या: “ 2 कॉफी प्लीज!”
इस पर आर्यन तपाक से बोला,
आर्यन: “अरे मोहतरमा जी लगता है सुपर पावर आपकी काम नहीं कर रही। मुझे कोल्ड काफी नहीं पसंद। मुझे हॉट काफी पसंद है वो भी अमेरिकेनो।”
काव्या से बोलने के बाद आर्यन ने वेटर से अपने लिए हॉट काफी लाने लिए कहा।
आर्यन और काव्या की चॉइस एकदम उल्टी थी। दोनो की पर्सनेलिटी भी उल्टी थी। इस सिचुएशन में कॉमन बस एक ही चीज थी। दोनो ही अपने स्पेस के लिए एक फ्लैट ढूंढ रहे थे।
काव्या ने आर्यन को अपने फोन में उस फ्लैट की वीडियो दिखाते हुए कहा,
काव्या: “ये फ्लैट देखो! मुझे ये काफी अच्छा लगा है। इसके बाहर का व्यू काफी अच्छा है। और ये मेट्रो के पास भी है।”
आर्यन को ढंग से समझ नहीं आया कि आखिर काव्या उसे फ्लैट की वीडियो क्यूं दिखा रही थी।
आर्यन ने वीडियो देखी और कहा,
आर्यन: “ये तो बहुत अच्छा है! ये तो बेस्ट है तुम्हारे लिए!”
काव्या ने उसके शब्दों को ठीक करते हुए कहा,
काव्या: “हमारे लिए!”
काव्या के मुंह से सुने शब्दों को सुनकर आर्यन को यकीन नहीं हुआ। उसने दुबारा पूछा,
आर्यन: “मतलब? हम दोनों के लिए?”
काव्या आर्यन के पास झुक कर बोली,
काव्या: “मेरे पास और कोई चॉइस नहीं है। और मुझे यही घर चाहिए। तुम इतने भी बुरे नहीं हो।”
आर्यन की खुशी का ठिकाना नहीं था। धीरे धीरे हंसते हुए उसकी हंसी तेज होती गई और वहां बैठे सबकी नजरें आर्यन को देख रही थीं।
काव्या ने आर्यन की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा,
काव्या: “तो डील पक्की! मिस्टर फ्लैटमेट!”
दोनों ने हाथ मिलाया और घर में शिफ्ट होने की तैयारी शुरू कर दी।
काव्या के पास सिर्फ एक सूटकेस था। पर आर्यन के पास पूरा बोरिया बिस्तर। आर्यन के सामान को देखकर काव्या ने सोचा कि ये बंदा अपने साथ पूरा घर ढो कर चल रहा था। आजतक इतना सामान उसे किसी भी लड़के के घर पर नहीं देखा था।
काव्या शुरू से ही अपने घर में अलग अलग तरह की पेंटिंग्स, शो पीस चाहती थी और अब उसके पास मौका था अपने घर को सजाने का। इंटीरियर डिजाइनर होने का सारा हुनर उसने अपना कमरा सजाने में लगा दिया।
वहीं आर्यन ने कमरे में भूसे की तरह अपना सामान भर रखा था। उन दोनो की मदद करने निकिता और विवेक भी आए थे।
निकिता ने घर में लाइट्स लगाईं जिसके बाद उनका फ्लैट काफी खूबसूरत दिखने लगा था। घर को सेट करते करते चारों बुरी तरह थक चुके थे। चारों हॉल में ही एक एक कोने में लेटे थे। निकिता और आर्यन कुछ देर बाद वहां से निकल गए।
काव्या और आर्यन अभी भी हॉल में लेते-लेते छत की तरफ बस, देखे जा रहे थे।
काव्या ने धीरे से कहा,
काव्या: “तुम्हें कभी कभी डर नहीं लगता कि अचानक ये पंखा चलते चलते तुम्हारे ऊपर गिर पड़े।”
आर्यन को काव्या की बात सुनकर हंसी आई। पर उसने सीरियस होते हुए कहा,
आर्यन: “मुझे लगता है, पंखा कभी सीधा मेरे ऊपर नहीं गिरेगा। हमेशा टेढ़ा साइड में गिरेगा।”
आर्यन की बातों को सुनकर काव्या ने टेढ़ी मुस्कान के साथ कहा,
काव्या: “तुम एक्शन नोवेल पढ़ते समय खुद को मेन हीरो समझते हो न?”
आर्यन काव्या की तरफ मुड़ा और पूछा,
आर्यन: “तुम्हे कैसे पता?”
काव्या ने बोला,
काव्या: “तुम्हारे एटीट्यूड को देखकर लगता है!”
इस बात पर आर्यन बहुत हंसा। जैसे किसी ने उसके पेट में जोर से गुदगुदी कर दी हो।
पर तभी अचानक उनके घर की घंटी बजी। दोनो चौंक गए क्योंकि आधी रात हो चुकी थी। और इतनी रात को कौन उनके घर पर आ सकता था?
दरवाजा खोलने के लिए आर्यन उठा। उसने दरवाजा खोला तो हैरान रह गया। उसके सामने एक कम हाइट की लड़की, प्रज्ञा खड़ी थी।
आर्यन को देखते ही प्रज्ञा उसके गले से लिपट गई। और उसने कहा,
प्रज्ञा: “सरप्राइज़ मेरे लड्डू! मैंने तुम्हारा नया घर ढूंढ लिया!”
अचानक से एक अनजान सी लड़की को आर्यन के गले में झूलते हुए देख कर काव्या के चेहरे का रंग उड़ गया। और उसने आर्यन से पूछा,
काव्या: “कौन हैं ये?”
आर्यन बुत बने वहां खड़ा था। काव्या की बात का जवाब आर्यन से पहले प्रज्ञा ने देते हुए कहा,
प्रज्ञा: “मैं कौन हूं? मैं आर्यन की गर्ल फ्रेंड हूं! तुम कौन हो?”
ये बात सुनकर काव्या को थोड़ा धक्का सा लगा। हालांकि उसने पहले आर्यन से उसके रिलेशनशिप स्टेटस के बारे में पूछा नही था पर उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि आर्यन पहले से किसी के साथ था।
काव्या ने अपने बारे ने प्रज्ञा को बताते हुए कहा,
काव्या: “मेरा नाम काव्या है! मैं आर्यन की फ्लैट मेट हूं!”
आर्यन ने काव्या की आंखों में अपने लिए एक नाराजगी महसूस कर ली थी। कि उसने अभी तक प्रज्ञा के बारे में काव्या को क्यों नही बताया। हालाकि वो किसी भी तरह से अपनी प्राइवेट चीजों को काव्या की बताने के लिए जिम्मेदार नही था। उसके बाद भी आर्यन को ऐसा लग रहा था जैसे ये न बता कर उसने काव्या के दिल को ठेस पहुंचाई थी।
इसके पहले काव्या अपने दिल का हाल अपनी आंखों से बताती वो अपने कमरे में चली गई।
रात भर बगल वाले कमरे से प्रज्ञा और आर्यन के लड़ाई झगडे की आवाज आती रही।
प्रज्ञा को ऐतराज था कि आर्यन किसी लड़की के साथ फ्लैट शेयर करके कैसे
रह सकता था। इस बात पर वो आर्यन पर चिल्लाए जा रही थी। आर्यन जो बार बार प्रज्ञा को धीरे बात करने के लिए बोले जा रहा था।
काव्या को अचानक ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके जख्मों को फिर से कुरेद दिया हो।
अगली सुबह काव्या ने देखा तो प्रज्ञा घर से निकल रही थी।
उसने जाते हुए आर्यन को बोला,
प्रज्ञा: “आज रात मेरी मॉम का बर्थडे है! और तुम्हे जरूर आना है!”
ये बोल कर प्रज्ञा वहां से निकल गई। उसके निकलते ही आर्यन काव्या के पास आया और बोला,
काव्या: “प्लीज काव्या मेरे बारे में कोई भी राय बनाने से पहले मेरी बात सुन लो!”
ये सुनकर काव्या ने अपने डिफेंस में कहा,
काव्या: “राय? कैसी राय? ये तुम्हारा पर्सनल मैटर है। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि तुम किसके साथ क्या करते हो!”
काव्या की बातों को सुनकर आर्यन और भी ज्यादा बुरा महसूस करने लगा। उसने काव्या के पास आ कर कहा,
आर्यन: “मुझे फर्क पड़ता है! और मुझे तुम्हारे हर सवालों का जवाब देना है। शायद यही सही टाइम है।”
काव्या बिना आर्यन को देखे अपनी काफी बनाने में लगी थी। वो इंतजार कर रही थी कि आखिर आर्यन के पास जवाब देने को कौन सी चीजें हैं।
आर्यन ने कहा,
आर्यन: “उस रात जब हम आर्ट गैलरी गए थे। तो मैं अचानक वहां से गायब इसलिए हुआ था क्योंकि उस टाइम प्रज्ञा का ही कॉल आया था जिसने मुझे तुरंत वापस उसके पास आने की बोला था और अगर मैं तुरंत नहीं जाता तो वो अपने हाथ की नस काट लेती। उसने मुझे ये धमकी दी थी।”
काव्या ने आर्यन की तरफ हल्का सा देखा ये देखने के लिए आर्यन कितना सच बोल रहा था। आर्यन ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा,
आर्यन: “देखो! मैं जानता हूं मुझे ये बात तुमको बता देनी चाहिए थी। पर हमारी सिचुएशन थोड़ी कॉम्प्लेक्स थी। मैं और प्रज्ञा एक दूसरे को डेट कर रहे थे पर मुझे एक टाइम के बाद लगा शायद हम दोनो एक दूसरे के लिए सही नहीं है। उससे इतनी बार ब्रेकअप करने के बाद भी प्रज्ञा बार बार खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे कर मुझे खुद से दूर नहीं जाने देना चाहती। और अब मैं चाह कर भी उससे दूर नहीं जा पा रहा हूं।”
आर्यन अचानक चुप हो कर काव्या को देखने लगा। थोड़ी देर बाद काव्या आर्यन की तरफ मुड़ी और उसने आर्यन की आंखों में आंखें डाल कर सवाल किया,
काव्या: “ये सब बातें मुझे बताने का कारण? तुम मुझे ये सब एक्सप्लेन क्यों कर रहे हो?”
आर्यन ने ये सवाल सुनते ही काव्या का हाथ पकड़ कर कहा,
आर्यन: “क्योंकि आई लाइक यू! मुझे तुम अच्छी लगती हो। और मैं तुम्हारे साथ आगे साथ में सफर तय करना चाहता हूं।”
काव्या ये सुनकर ठिठक सी गई। वो चाहती तो थी ये सारे शब्द सुनने पर वो अपने पास्ट की चीजों से सबक ले चुकी थी। उसने खुद को संभालते हुए आर्यन से कहा,
काव्या: “मेरे साथ आगे बढ़ने के लिए तुम्हे पहले प्रज्ञा का हाथ अच्छे से छोड़ना होगा। ऐसा करके ही तुम एक रिश्ते की शुरुआत कर सकते हो।”
ऐसा कहकर काव्या काफी का एक कप आर्यन को पकड़ा कर अपने कमरे में चली गई। आर्यन कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा। उसने प्रज्ञा के साथ रिश्ता खत्म करने की बहुत कोशिश की थीं। पर वो चाहकर भी खत्म नहीं कर पाया। पर आर्यन को एक बात की खुशी थी। कम से कम काव्या ने उसके प्रपोजल को ठुकराया नही।
इस बात से उसका चेहरा खुशी से खिल उठा। और काफी का सिप लेते हुए उसने खुद से कहा,
आर्यन: “वक्त आ गया है पुराने चैप्टर को बंद करने का।”
क्या आर्यन प्रज्ञा के साथ अपना रिश्ता खत्म करने में कामयाब हो पाएगा? क्या काव्या अपने पास्ट से उभर पाएगी? क्या काव्या आर्यन के साथ रिलेशनशिप में आने के लिए रेडी होगी? जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड।
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