शख्स ने ध्रुवी की ओर देखते हुए कहा, “आइए.......आइए ध्रुवी.....हम आपका ही इंतज़ार कर रहे थे!!!”

ध्रुवी ने असमंजस भरे भाव से उस शख्स की ओर देखते हुए कहा, “कौन हो तुम???”

शख्स ने एक शाही अंदाज़ में कहा, “अर्जुन.....अर्जुन राणावत!!!”

ध्रुवी ने अभी भी असमंजस भरे भाव से अर्जुन को देखते हुए कहा, “आपका नाम जो भी हो.....असल में कौन हैं आप????.....और क्या चाहते हैं मुझसे या आर्यन से???.....और इस तरह से ये सब करने का आखिर मतलब क्या है???”

अर्जुन ने अपने नवाबी शाही अंदाज़ में कहा, “अर्जुन.....अर्जुन प्रताप सिंह नाम है हमारा.....और हम इंडिया के प्रतापगढ़ के शाही खानदान से हैं.....या फिर अगर हम यूं कहें.....कि हम वहाँ के भावी राजा हैं.....तो ये कहना भी बिल्कुल गलत नहीं होगा!!”

ध्रुवी ने असमंजस भरे भाव से कहा, “लेकिन आप ये सब बातें मुझे क्यों बता रहे हैं???”

अर्जुन ने गंभीर भाव से कहा, “क्योंकि जिस मकसद के लिए हमने आपको यहाँ बुलाया है.....उसे पूरा करने के लिए आपको हमारे और हमारे निजी जीवन के बारे में जानना बेहद ज़रूरी है!!!”

ध्रुवी ने असमंजस भरे भाव को ही बरकरार रखते हुए कहा, “आप कहना क्या चाहते हैं??.....साफ-साफ कहें पहेलियाँ मत बुझाएँ.....मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है....आखिर आपका मुझसे और आर्यन से क्या लेना-देना है???.....जबकि हम तो असल में आपको जानते तक भी नहीं हैं???”

अर्जुन ने अपनी स्कॉच के ग्लास को हिलाते हुए कहा, “जानते हैं.....आप हमें नहीं जानती.....लेकिन हम आपको अच्छे से जानते हैं......आप से भी ज़्यादा.....आपके बारे में जानते हैं......(एक पल रुक कर).....ध्रुवी.....ध्रुवी सिंघानिया....लंदन के फेमस बिज़नेस टायकून मिस्टर सिंघानिया की इकलौती बेटी और वारिस.....जिनके ज़िंदगी के बहुत ही कम शौक..... और ख्वाहिशें हैं.....और जिनमें से सबसे बड़ी ख्वाहिश है.....आर्यन.....आर्यन मल्होत्रा से शादी करना.....फिलहाल के लिए यही आपकी इकलौती और इतनी बड़ी ख्वाहिश और चाहत है.....कि जिसके लिए आप किसी भी हद से गुज़र सकती हैं.....और इसे साबित करने के लिए.....ना आपने सिर्फ़ अपनी जान खतरे में डाली..... बल्कि आर्यन के लिए आपने एक पल की भी देरी किए बिना.....अपनी सारी दौलत और अपने पिता को भी पल में ठुकरा दिया....(एक पल रुक कर)....वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी.....कि हम आपकी इस बेइंतेहा मोहब्बत के वाकई में फैन हो गए हैं.....क्योंकि बहुत ही कम और किस्मत वाले ऐसे लोग होते हैं.....जिन्हें ऐसी शिद्दत और सच्ची मोहब्बत करने वाले लोग मिलते हैं!!!”

ध्रुवी ने शक भरी नज़रों से अर्जुन को देखते हुए कहा, “आपका मकसद क्या मुझे आर्यन से अलग करना है??.....या फिर मेरे डैड ने आपको यहाँ भेजा है.....ताकि मेरा और आर्यन का रिश्ता कभी ना जुड़ पाए???”

अर्जुन ने एक पल के लिए ध्रुवी के चेहरे को गंभीरता से देखकर कहा, “नॉट एट ऑल.....हमारा दूर-दूर तक भी ऐसा कोई इरादा या चाहत नहीं है.....और ना ही हमें आपके पिता ने यहाँ भेजा है.....और इन सबसे अलग हम दो सच्चे प्यार करने वालों के बीच.....दीवार बनना तो दूर बल्कि ऐसा दूर-दूर तक तसव्वुर भी नहीं कर सकते!!!”

ध्रुवी ने संजीदगी से अर्जुन को नोटिस करते हुए एक पल बाद कहा, “आपकी बातें सुनकर.....और मोस्ट इम्पॉर्टेन्ट.....आपका लाइफस्टाइल देख कर.....एक बात तो हंड्रेड परसेंट पक्की है.....कि ये जो कुछ भी आप कर रहे हैं.....फॉर श्योर ये सब पैसों के लिए तो बिल्कुल नहीं है.......और अगर मेरे डैड ने भी आपको नहीं भेजा है....तो आप हो कौन.......और आखिर आपका मकसद क्या है???”

अर्जुन ने इम्प्रेसिव लहजे से कहा, “आई मस्ट से दैट....यू आर अ परफेक्ट एग्जांपल ऑफ़ ब्यूटी विद ब्रेन.....हमारे बिना कुछ बोले ही आप ने आधी बात समझ ली.....इम्प्रेसिव!!!”

ध्रुवी ने अर्जुन की बात को पूरी तरह इग्नोर करते हुए संजीदगी से कहा, “मुझे आर्यन से मिलना है.....अभी और इसी वक्त!!”

अर्जुन ने अचानक से बिल्कुल अलग और बदले स्वर में कहा, “बिल्कुल मिल सकती है आप.....लेकिन उससे पहले आपको हमारा काम पूरा करना होगा!!!”

ध्रुवी ने अपनी घबराहट को छुपाने की कोशिश करते हुए कहा, “कै...कैसा काम???”

अर्जुन ने एक फ़ाइल ध्रुवी की ओर बढ़ाते हुए कहा, “इसे देखिए.....आपको सब समझ आ जाएगा.....और ये भी समझ आ जाएगा.....कि ये सब कुछ जो भी हम कर रहे हैं.....आपको यहाँ लाना.....आर्यन का हमारे पास होना.....हमारा असल मकसद.....या आपके जितने भी सवाल हैं.....(फ़ाइल की ओर इशारा करते हुए).....उन सबका जवाब इस फ़ाइल में है!”

ध्रुवी ने असमंजसता भरी घबराहट के साथ कहा, “आ...आखिर क्या है इस फ़ाइल में.....और क्या चाहते हैं आप हमसे???”

अर्जुन ने गंभीर भाव से कहा, “हम ने कहा ना कि आपके सारे सवालों के जवाब इस फ़ाइल में हैं.....तो खुद जान लीजिए.....कि हमारा मकसद क्या है.....और असल में हम आपसे चाहते क्या हैं!!!”

अर्जुन की बात सुनकर, ध्रुवी ने धड़कते दिल और घबराते भाव के साथ, हल्के कांपते हाथों से, वो फ़ाइल अर्जुन के हाथ से ले ली और अपने खुश्क होंठों को अपनी जुबान से तर करते हुए, अंदर की तरफ़ एक गहरी साँस खींच कर, ध्रुवी ने आखिर में वो फ़ाइल खोली। लेकिन जैसे ही ध्रुवी ने वो फ़ाइल खोल कर उसे पढ़ा, तो कुछ पल तक, पढ़कर भी, जैसे समझकर भी उसे कुछ समझ ही नहीं आया। मगर कुछ पल बाद, जब उसे फ़ाइल में लिखी बातें समझ आईं, तो जैसे उसके पैरों तले ज़मीन ही निकल गई और एक पल के लिए वो शॉक्ड हो गई और अनायास ही वो फ़ाइल उसके हाथ से छूटकर नीचे ज़मीन पर गिर गई और वो हैरानी, शॉक्ड, गुस्सा और अविश्वास भरे मिले-जुले भाव से, आँखें फाड़े अर्जुन की दिशा में देखने लगी।

ध्रुवी ने गुस्से के मिले-जुले भाव से अर्जुन की ओर देखते हुए कहा, “पहले मुझे लगा था कि शायद मेरे डैड ने.....आर्यन को मुझसे दूर करने के लिए ऐसा किया हो.....लेकिन नहीं मेरे डैड ऐसा करना तो दूर.....ऐसा करने का कभी सोच तक भी नहीं सकते.....(सख्त भाव से)........तो अब मुझे सीधे-सीधे बताओ.....कि आखिर हो कौन तुम....(फ़ाइल की ओर इशारा करते हुए)......और क्या बकवास है ये.....और मतलब क्या है इस घटिया मज़ाक का.....???”

अर्जुन ने सामान्य भाव के साथ कहा, “हमें तो नहीं लगता.....कि आप इतनी नादान और नासमझ हैं.....कि इस फ़ाइल में लिखे सीधे और साफ़ अल्फ़ाज़ भी आपको समझ नहीं आए.....या फिर हमें आपको इन्हें समझाने की ज़रूरत भी है.....और रही बात हमारी पहचान की तो वो हम आपको पहले ही बता चुके हैं....और हम पहले भी ये भी साफ़ कर चुके हैं.....कि हमारा यहाँ आना....या आपको यहाँ लाना....इस सब में आपके पिता का हमारे साथ दूर-दूर तक कोई भी लेना-देना नहीं है.....और रही बात हमारी आपको यहाँ लाने की वजह की.....तो वो हम बखूबी और साफ़-साफ़ आपको ये बात इस फ़ाइल के थ्रू बता चुके हैं!!!”

ध्रुवी ने गुस्से से कहा, “ज़्यादा ओवर स्मार्ट बनने की ज़रूरत नहीं है.....अब मुझे चुपचाप आर्यन का पता बताओ वरना.....”

अर्जुन ने अचानक बदले भाव के साथ ध्रुवी की बात को बीच में ही काटते हुए कहा, “वरना.....वरना क्या करेंगी आप???.....(एक पल रुक कर)......आप शायद भूल रही हैं.....लेकिन आप ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी नहीं हैं.....कि आप हमें धमका सकें.....भूलिए मत कि आपकी जान बसे तोते की गर्दन अभी भी हमारे हाथ में ही है.....और हमारे एक इशारे की देर है.....और आपके चहेते आशिक की गर्दन मरोड़ कर....उनके धड़ से अलग होने में कुछ पल की देरी भी नहीं लगेगी!!!!”

ध्रुवी ने घबराकर, परेशान होकर, बेबसी भरे लहजे से कहा, “दे...देखो प्लीज....(एक पल रुक कर).....हमने बिगाड़ा क्या है आखिर तुम्हारा.....और चाहते क्या हो तुम आखिर मुझसे???”

अर्जुन ने अपनी स्कॉच के ग्लास को टेबल पर रखकर झुककर फ़ाइल उठाकर संजीदगी से ध्रुवी की ओर देखते हुए कहा, “वैसे तो हम आपको बता चुके हैं.....कि आखिर हम आपसे चाहते क्या हैं.....लेकिन फिर भी अगर आप हमारी जुबानी ही ये सुनना चाहती हैं.....तो यही सही.....(फ़ाइल की ओर इशारा करते हुए).....इस कॉन्ट्रैक्ट में लिखी बातों और शर्तों के मुताबिक.....अगले कुछ अरसे के लिए.....(एक पल रुक कर).....आपको हमारे साथ.....हमारे घर में.....हमारी पत्नी बनकर रहना होगा.....!!!”

 

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