रेणुका की परफेक्ट बहू ढूंढने के plan ने एक मज़ेदार पार्टी के रंग में भंग घोल दिया था। जैसे ही लोगों को समझ आया कि रेणुका की इस पार्टी के पीछे का असली मकसद क्या है, चारों तरफ तरह तरह की बातें शुरू हो गयी। बात तो तब बिगड़ गई जब एक मेहमान ने ये कह दिया कि रेणुका वैभव की शादी के लिए मासूम लड़कियों की exhibition लगा रही है। ये बात सुनते ही वैभव का खून खौल गया।
वैभव को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर उसने अम्मा से वादा किया था कि वो इस पार्टी में कोई भी गड़बड़ी नहीं होने देगा। इसलिए वो इस situation को संभालने के लिए आगे आ गया। जब एक परिवार रेणुका की इस बात पर थोड़ा नाराज़ नज़र आया तो वैभव ने मुस्कराकर उनसे कहा,
वैभव- "मैं समझता हूं कि यह situation थोड़ी अजीब है, लेकिन मेरी मां चाहती है कि मैं अपनी जिंदगी में सही partner से मिलूं। मैं आप सभी से request करता हूं कि इसे एक normal पार्टी की तरह लें, न कि कोई बड़ा motivate ढूंढें। हम सभी यहां मज़े करने के लिए आए हैं, so let’s enjoy!!
वैभव की बात सुनने के बाद पार्टी का माहौल पहले से बेहतर हो गया था। कई लड़कियों और उनके परिवारों को वैभव की सरलता और समझदारी बहुत पसंद आई। कुछ लड़कियाँ तो वैभव से इतना ज्यादा impress हो गई कि वे खुद ही उससे बात करने के लिए आ गई।
सबसे पहले एक लड़की वैभव के पास आई , जिसके लंबे काले बाल और चमकती आँखें थी। उसने वैभव से पूछा, "आपको भोपाल में सबसे ज्यादा क्या पसंद है?"
वैभव ने मुस्कराकर कहा,
वैभव –"मुझे बड़े तालाब के सामने सनसेट देखना बहुत पसंद है।"
ये जवाब सुन कर उस लड़की के चेहरे पर एक चमक आ गई। उसे वैभव बहुत समझदार लगा।
इसके बाद, एक और लड़की आई, जिसने एक खूबसूरत गुलाबी लिपस्टिक लगाई हुई थी, उसने वैभव से पूछा, "वैभव जी, ऐसी कौनसी चीज़ है जो शादी के बाद आप अपनी पत्नी के साथ करना चाहेंगे?"
वैभव ने मुस्कराकर कहा,
वैभव – "मैं अपनी wife के साथ long drives पर जाना चाहूंगा, लेकिन मुझे लगता है कि मेरी wife मुझे रास्ते में ही छोड़कर भाग जाएगी क्योंकि मेरे दोस्त कहते हैं कि मैं बहुत boring हूँ।“
वैभव ये कहकर हंसने लगा पर मन ही मन ये बात वो शायद Elsie के लिए कह रहा था।
इस पर उस लड़की ने हंसकर कहा, "आपके दोस्त भी अजीब हैं। मुझे तो आप बहुत funny लगे, लेकिन सच बताईए कि आपको क्यों लगता है कि आपकी wife आपको छोड़कर भाग जाएगी?"
वैभव ( हंसकर)– "Well, शायद मैं उसे बहुत ज्यादा प्यार करूंगा, और वह डर के मुझसे दूर भाग जाएगी! आजकल बहुत ज्यादा प्यार भी लोग हजम नहीं कर पाते न।"
इसके बाद, एक और लड़की आई और उसने वैभव से कई सवाल पूछे। वैभव ने उन सभी सवालों के जवाब बड़ी समझदारी के साथ और funny way में दिए।
फिर, एक और लड़की आई जिसके सवाल ने वैभव को Elsie के ख्यालों में वापस पहुंचा दिया।
उसने पूछा, "वैभव जी, आपको कैसी बीवी चाहिए?
वैभव ( मुस्कराकर ) –"मुझे लगता है कि मेरी wife ऐसी हो जो मुझे समझे, और मेरे हाथ के खाने की थोड़ी तारीफ कर दे।
इसके बाद वैभव ने हल्के से हंस दिया और बात पूरी की…
वैभव – …लेकिन सबसे ज्यादा, मुझे लगता है कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त बने।"
उन सभी लड़कियों ने वैभव की बातें सुनकर उसकी तारीफ की। लड़कियां इतनी ज्यादा impress हो गयी थी कि अगर उनका बस चलता तो वो तुरंत वैभव से शादी कर लेती।
दूसरी तरफ रेणुका जैसे खुद को इस पार्टी का हिस्सा ही मानना भूल गई थी। पार्टी की ऐसी तैसी करने के बाद रेणुका बड़े प्यार से किसी Bollywood की हीरोइन की तरह टहल रही थी। उसे आसपास की बातों से फर्क तो पड़ रहा था पर वो उन्हें नज़र अंदाज करके बस अपने लिए बहू ढूंढने में busy थी।
तभी उसकी नज़र hall के कोने में खड़ी एक लड़की पर पड़ी। वह लड़की पार्टी में चल रही हलचल के बाद भी एक दम शांत थी। मानो उसे कोई लेना देना ही नहीं हो उस पार्टी या पार्टी में मौजूद लोगों से। उस लड़की की आंखों में एक अजीब सी शांति थी, जो रेणुका को अपनी तरफ खींच रही थी। रेणुका ने देख लिया था कि वैभव के आसपास बहुत सारी लड़कियां खड़ी है पर फिर भी उस की नज़र उस लड़की पर जाकर रुक गई।
बहुत देर तक उसे देखने के बाद, रेणुका का मन नहीं माना और वो उस लड़की के पास पहुंच गई। वो लड़की रेणुका को पास आते देख थोड़ी सतर्क हो गयी। जैसे उसे किसी ने रंगे हाथों चोरी करते हुए पकड़ लिया हो।
रेणुका – "नमस्ते बेटा, मैं रेणुका हूं। तुम बहुत सुंदर लग रही हो। तुम्हारा नाम क्या है?”
वो लड़की दिल ही दिल में बहुत डर रही थी लेकिन उसने मुस्कराकर कहा,
अमृता – "नमस्ते रेणुका जी, मेरा नाम अमृता है।"
अमृता की beauty से जितना रेणुका impress हुई थी, उसकी आवाज सुनकर तो मानो उसका दिल ही खुश हो गया हो।
रेणुका– " अमृता। तुम क्या करती हो?"
अमृता ने मुसकुराते हुए जवाब दिया,
अमृता – "मैं ग्रीक language की प्रोफेसर हूं। कॉलेज के बच्चों को पढ़ाती हूँ।"
ये सुनते ही रेणुका की आंखें हैरानी से फैल गईं। वो मन ही मन अमृता से बहुत ज्यादा impress हो गई थी। इसीलिए बातों-बातों में रेणुका अमृता से सारी information लेने की कोशिश करने लगी।
रेणुका – “वाह, यह बहुत अच्छा है। तुम भोपाल में कहां रहती हो? मैंने तुम्हें पहले कहीं देखा नहीं है।”
अमृता ( प्यार से) – “जी मैं भोपाल में नहीं रहती हु! मैं इंदौर में रहती हूं।”
ये सुन कर रेणुका ने जब अमृता से उस के मां बाप के बारे में पूछा तो वो दो मिनिट चुप रह गई। जैसे वो इस सवाल से भाग रही हो। उसकी आँखों में उदासी थी।
अमृता – “मेरे parents का divorce हो गया था। मैं अपनी मां के साथ रहती थी, लेकिन अब वह नहीं हैं।”
रेणुका का दिल अमृता की बात सुनकर दुखी हुआ पर वह इस बात से और भी प्रभावित हो गई कि बिना मां बाप के भी, अमृता इतनी सुलझी हुई है। बिना देर किए रेणुका के दिमाग ने सोच लिया कि अमृता वैभव के लिए एक परफेक्ट बहू हो सकती है।
इसलिए उसको लगा कि अमृता को वैभव से मिलवाना चाहिए। उस ने अमृता से कहा,
रेणुका – "अमृता, मैं तुम्हें मेरे बेटे वैभव से मिलवाना चाहती हूं। वो भी कुछ कुछ तुम्हारी ही तरह है।“
अमृता के चेहरे पर एक हल्की उदासी दिखाई दी, लेकिन उसने मिलने के लिए हाँ कह दिया।
रेणुका ने अमृता की आंखों में एक हल्की सी उदासी महसूस की और उसे वो बहुत अकेली लगी। इसलिए उसे अब अमृता पर अचानक से और भी ज्यादा प्यार आ गया।
तो रेणुका बिना देर किए अमृता को वैभव से मिलवाने के लिए ले गई लेकिन अमृता के मन में कुछ और ही बात चल रही थी। ना जाने क्यों वह वैभव से मिलने के बारे में सोचकर घबरा रही थी, उसे अंदर ही अंदर अजीब सी घबराहट महसूस हो रही थी, लेकिन वो चाहते हुए भी रेणुका से मना नहीं कर पाई। इसलिए वह सिर्फ मुस्कराकर रेणुका के साथ चली गई।
जब रेणुका अमृता को अपने साथ लेकर वैभव के पास गई, तब वैभव कुछ लड़कियों से बात कर रहा था। अमृता थोड़ी देर अपना सिर नीचे ही करे वहां खड़ी रही।
जब वैभव ने अमृता को देखा, तो उसका दिल एक पल के लिए रुक गया। वो उन सारी लड़कियों से बात पूरी किए बिना ही अमृता की तरफ आ गया। उस की beauty, उसका dressing sense, सब कुछ इतना perfect था कि वैभव को लगा जैसे वह एक आसमान से उतरी कोई परी हो।
पहली बार वैभव Elsie को कुछ पल के लिए भूल गया था। उसे खुद भी समझ नहीं आया कि वो अमृता की तरफ इतना क्यों खींचा चला जा रहा है?
तभी रेणुका ने वैभव और अमृता का introduction करवाया।
रेणुका – “वैभव, यह अमृता है।”
जैसे ही वैभव ने अमृता का नाम सुना, उसकी दुनिया मानो एक दम से रुक गई। वह अमृता की ओर एक टक देखे जा रहा था। उसका नाम सुनते ही वैभव किसी दूसरी दुनिया में चला गया।
फिर उसने मुस्कुराकर कहा,
वैभव- “Hi अमृता!”
अमृता ने वैभव की आँखों में देखा और देखती रह गयी। कुछ देर बाद जब रेणुका ने उसे आवाज़ लगाई तब अमृता को होश आया और बोली,
अमृता- “Hi वैभव!”
दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। वैभव ने अमृता से कई सवाल किए और हर सवाल के साथ जैसे वैभव खुद को अमृता के और करीब महसूस कर रहा था।
वहीं अमृता के चेहरे पर एक अजीब सी झिझक थी पर वो पूरी कोशिश कर रही थी कि वैभव को वो झिझक नज़र न आए।
वैभव को अमृता के बारे में जानने की इच्छा बार बार हो रही थी।
इसलिए बात को आगे बढ़ाने के लिए उसने पूछा,
वैभव –"वैसे, आप क्या करती हो?"
अमृता- “मैं ग्रीक language की प्रोफेसर हूं।”
ये सुनते ही वैभव चुप रह गया। अमृता भी न जाने क्यों वैभव से ज्यादा सवाल नहीं कर रही थी और इधर रेणुका उसके कम बोलने वाली आदत से बहुत ज्यादा impress हो गई क्योंकि उसका मानना है कि जो लड़कियां बड़ों के सामने कम बोलती हैं वो अच्छी बहू साबित होती हैं। इसलिए रेणुका के दिमाग में अमृता हर मायने में उसकी बहू बनने के लिए number one candidate बन गई।
वैभव तो अमृता की आवाज़ का ही दीवाना हुआ जा रहा था। उसे लग रहा था कि अमृता बोलती रहे बस बोलती रहे। कुछ देर बाद, अमृता ने रेणुका से कहा,
अमृता – रेणुका aunty, मुझे अब चलना चाहिए!
रेणुका का बस चलता तो वो अमृता और वैभव के अभी के अभी फेरे करवा कर अमृता को अपने घर हमेशा के लिए रख लेती पर वो ऐसा नहीं कर सकती थी। तो उसने मुस्कुराते हुए कहा,
रेणुका ( मुस्कुराते हुए)– बेटा थोड़ी देर और रुक जाती तो…
अमृता – रुक सकती तो ज़रूर रुक जाती, पर अब बहुत देर हो गई है, मुझे जाना चाहिए।
वो वैभव की तरफ देखने लगी और उसने देखा कि वैभव उसकी तरफ पहले से ही देख रहा था। वो बिना बोले दो सेकंड बस उसे देखती रही! कुछ था अमृता की आंखों में! जैसे वो वैभव से कुछ कहना चाहती थी पर वो सिर्फ वैभव को bye ही कह पाई। वैभव ने उससे हाथ मिलाया और थोड़ी देर वो भी उसे देखता रहा। उसे भी ऐसा लग रहा था जैसे वो कुछ सुनना चाहता था अमृता से, पर पता नहीं क्या?
वैभव अमृता को देखते हुए मन ही मन अपने सवालों में फंस गया था कि क्यों वो उसकी ओर खिंचा चला जा रहा है? उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कौन है ये अमृता? और क्यों वो उसके बारे में सब कुछ जानने के लिए इतना बेकरार हो रहा है?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
No reviews available for this chapter.