एक रिपोर्ट के अनुसार 8 अरब से भी ज्यादा इंसान रहते हैं इस धरती पर फिर भी कई लोगों को ज़िंदगी में अकेलापन लगता है । 140 करोड़ से ज़्यादा  लोग तो अपने भारत में ही रहते हैं। इतनी आबादी होने के बावजूद कई लोगों को अपना जीवन साथी नहीं मिल पाता। जैसे टाइल बेचने वाले अपनी दूकान पर लिखते हैं “टाइलें ही टाइलें” और प्लॉट बेचने वाले लिखते है “प्लॉट  ही प्लॉट”  वैसे ही आज कल रिश्ते करवाने वाले भी लिखते हैं “रिश्ते ही रिश्ते”   

आज कल सोशल मिडिया पर बहुत सारे प्रेमी जोड़े अपनी पोस्ट शेयर करते रहते हैं । इसलिए लोगों को लगता है कि अरेंज मैरिज हुई पुरानी और अब ज़माना है लव मैरिज का । यहीं पर आप गलत हो जाते हो , अजी आज भी लव मैरिज से ज्यादा अरेंज मैरिज ही होती हैं । सोशल मिडिया पर शोर मचाने वाले प्रेमी जोड़ों के जब ब्रेकअप हो जाते हैं तो इनके माता पिता उन्हीं दुकानों की तरफ जाते हैं जहां लिखा होता है  “रिश्ते ही रिश्ते”.  
अपनी पम्मी आंटी का काम भी लोगों के रिश्ते पक्के कराना ही है, लेकिन पम्मी आंटी ने “रिश्ते ही रिश्ते" जैसी लाइन कभी भी अपने ऑफिस के बाहर नहीं लिखवाई । उनके ऑफिस के बाहर तो सिर्फ़ एक शानदार बोर्ड लगा हुआ है जिस पर लिखा है “पम्मी मैरिज कंसल्टैंट” । उस बोर्ड पर उनके ऑफिस के दो मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं। 

एक नंबर उनके पास रहता है और दूसरा उनकी पीए गुड़िया के पास । 
ऑफिस में सिर्फ़ एक टेबल और चार कुर्सियां हैं । बड़ी कुर्सी पर वो बैठती हैं और बाकि सामने वाली चार कुर्सियां क्लाइंट्स के लिए हैं । इन्हीं  4 कुर्सियों में से किसी भी कुर्सी पर गुड़िया बैठ जाया करती है । पम्मी आंटी जब जतिन की रिसेप्शन के लिए दिल्ली में थी तो गुड़िया ने उन्हें फोन पर एक नई के क्लाइंट बारे में बताया था । आज ऑफिस में पम्मी आंटी गुड़िया से उसी क्लाइंट के बारे में पूछ रहीं हैं।  
 

पम्मी - गुड़िया अपने दिन कमाल चल रहे हैं, एक के बाद एक केस हाथ में आ रहे हैं। तूने उस दिन जिस क्लाइंट के बारे में बताया था, उसके साथ दोबारा कोई बात हुई  ?      
 

गुड़िया - जी पम्मी मैडम ! वो औरत तो बड़ी लग्ज़री सी कार में आयी थी । उसे अपने बेटे के लिए कोई सुंदर-सुशील और शरीफ परिवार की लड़की चाहिए।  
 

पम्मी - हम भी तो शरीफ परिवारों के ही रिश्ते करवाते हैं । हमने कौन सा किसी डाकू की लड़की का रिश्ता भेज देना है । ख़ैर और क्या बोल रही थी वो मैडम ।   
 

गुड़िया - वो बोल रही थी कि “जब पम्मी मैडम दिल्ली से वापस आ जाएं तो उन्हें मेरे घर भेज देना , उनके साथ घर में ही बैठकर कुछ बातें करनी है।” 
 

पम्मी - बड़े लोगों के नख़रे भी बड़े होते हैं। मैं जानती हूँ ऐसी औरतों को अपने बड़े घर का रोब दिखाने के लिए ही बुला रही है । चल कोई ना उसका अड्रेस और नंबर दे, आज ही उससे मिलकर आती हूँ। 
 

इस नई क्लाइंट ने अपना नाम मिसेस सिंह बताया था । पम्मी आंटी ने अपनी स्कूटर को स्टार्ट किया और ट्रैफिक को चीरते हुए अपनी आज की मंज़िल की और चल पड़ी थी। पम्मी आंटी सब जानती थी कि कहां स्कूटर पर जाना है और कहां संगीता की कार में। पटियाला सूट पहने हुए आँखों में काला चश्मा लगाकर अपने मन में गाने गुनगुनाते हुए पम्मी आंटी 15 मिनट में ही मिसेस सिंह के घर के बाहर पहुंच गयीं थी । मिसेस सिंह का घर शास्त्री नगर में था और इनका बंगला शास्त्री नगर में सबसे अच्छे बंगलों में से एक था ।  
इतना खूबसूरत बंगला देखकर तो पम्मी आंटी की आंखें भी खुली की खुली रह गयी थी । पम्मी आंटी ने अपनी स्कूटर बंगले के बाहर ही खड़ी कर दी थी । बंगले के गेट पर खड़े गार्ड ने बड़ी रिस्पेक्ट से पम्मी आंटी को अंदर आने को कहा । मिसेस सिंह ने पम्मी आंटी के आने के बारे में पहले ही अपने घर के स्टाफ को बता दिया था। बंगले के अंदर आते ही एक हाउस हेल्पर पम्मी आंटी को ड्राइंग रूम में लेकर गयी । मिसेस सिंह वहां पहले से सोफे पर बैठी हुईं थी।  
पम्मी आंटी इतने बड़े ड्राइंग रूम को देखकर हैरान रह गयी थी । वैसे ही मिसेस सिंह घर में ही सुंदर सी साड़ी पहन कर सज-धज कर बैठी थीं , इसलिए उन्हें देख कर पम्मी आंटी ने ख़ुद से ही बात करते हुए कहा।  
 

पम्मी- हाय ! ये औरत तो घर में ही मेकअप करके बैठी है , इसका मतलब टीवी में जो दिखाया जाता है वो सच है । ये औरतें सोते टाइम भी मेकअप करके गहने पहन कर सोती होंगी।  
 

मिसेस सिंह बहुत अमीर औरत थी लेकिन पम्मी आंटी नहीं चाहती थी कि कोई उन्हें मिडल क्लास फैमिली की औरत समझ कर हल्के में बात करे । इसलिए पम्मी आंटी आज भी पुरे कॉन्फिडेंस से बात करने का मन बना कर आयी थी । पम्मी आंटी के ड्राइंग रूम में आते ही मिसेस सिंह सोफे से उठीं और चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाते हुए पम्मी आंटी से कहा। आइए पम्मी जी आप ही का इंतज़ार था , आपसे मिलकर बहुत ख़ुशी हुई , आइए बैठिये।  

 
पम्मी - जी मुझे भी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।    
 

कुछ ही देर में सोफे के सामने रखे बड़े से टेबल पर कई टाइप की कुकीज़ और नमकीन आ चुकी थी । (Tea cup plat sfx ) चाय की चुस्कियों के साथ बातों की शुरुआत हो चुकी थी। मिसेस सिंह ने रिश्ते के बारे में बात शुरू करते हुए कहा।  
 

पम्मी जी मेरी एक बेटी है जो अमेरिका में अपने पति के साथ रहती है , और यहां मैं मेरे हसबैंड और मेरा बेटा राघव रहता है । हम राघव के लिए ऐसी लड़की ढूँढना चाहते हैं जो सिंपल फैमिली से हो और हमारे राघव को संभाले।  
 

पम्मी - लेकिन आप तो इतनी हाई प्रोफ़ाइल फैमिली वाले हो , आपको मिडल क्लास से कोई लड़की क्यों चाहिए। 
 

मिसेस सिंह ने बड़े ही रुआबदार अंदाज मे कहा - हमारे दादा-परदादा भी कभी मिडल क्लास फैमिली वाले ही थे । अगर आज हम अपना अतीत भूल जाएं तो यह बहुत बुरी बात होगी । मुझे लगता है कि मेरे राघव को और इस घर को कोई सिम्पल फैमिली से आई लड़की ही संभाल सकती है।  
 

मिसेस सिंह की बात सुनते-सुनते पम्मी आंटी की नज़रें पूरे ड्राइंग रूम पर घूमे जा रहीं थी । उन्होंने ड्राईंग में बैठे-बैठे ही दूर किचन में लगी टाइल्स का कलर भी नोट कर लिया था। अरे ऐसी बात नहीं थी कि पम्मी आंटी बंगले की फैन हो गयी हैं ।  वो तो बस इसलिए घर देख रहीं थी क्योंकि उन्हें आगे जिस लड़की के लिए रिश्ता भेजना है , उसे भी तो बंगले के बारे में बताना होगा।  बातें करते-करते पम्मी आंटी ने मिसेस सिंह से पूछा।   
 

पम्मी - वैसे आपका लड़का करता क्या है ? मेरा मतलब कि मिस्टर सिंह के साथ अपनी स्टील की इंडस्ट्री संभालता है , या फिर अपना ही कोई बिज़नेस करता है। 
 

मिसेस सिंह ने अपने बेटे के बारे में बताते हुए कहा की - “फ़िलहाल तो कुछ नहीं कर रहा , इतना बड़ा बिज़नेस है । हम एक दो साल में उसे बिज़नेस में लॉन्च कर ही देंगे ।”  
 

मिसेस सिंह की बात सुनने के बाद पम्मी आंटी ने ख़ुद से बात करते हुए कहा।  
 

Pammi ( Whispering ) - कैसे घुमा फिरा कर बात कर रही है । सीधा नहीं बता रही कि बेटा कामचोर है । (funny sfx )  
 

मिसेस सिंह के कानों मे पम्मी की बात पड़ गई थी, फिर भी उसने पूछा - अपने कुछ कहा पम्मी जी ? 
 

पम्मी - अरे नहीं नहीं  ! मैं तो बस घर के बारे सोचने लग गयी थी । बहुत सुंदर बंगला है आपका।  
 

मिसेस सिंह ने जी बहुत शुक्रिया।” कहते हुए चाय का कप आगे बढ़ाया।  
 

पम्मी - वैसे आपके बेटे की हॉबी क्या-क्या हैं ? 
 

मिसेस सिंह से जब जब कोई उनके बेटे के बारे में पूछता था वो एक ही जवाब देती थी, और वही रटा  रटाया जवाब उसने आज भी दिया - “जी उसे गाड़ियों  का बहुत शौंक है । कुछ दिन पहले ही एक नई स्पोर्टस कार मंगवाई है अमेरिका से ।”  
 

पम्मी - मतलब बापू के पैसे उड़ाने की हॉबी है । (Funny sfx ) 
 

मिसेस सिंह ने पम्मी की बात बुरी लगी इसलिए उसने फिर से एक बार पूछा -  जी आपने कुछ कहा पम्मी जी ? 
 

पम्मी - नहीं नहीं ! मैं तो बस कह रही थी कि काफी अच्छी हॉबी है । रिच फैमिली में तो बच्चों को महंगी कारें भी आसानी से मिल जाती है । हमारी मिडल क्लास फैमिली में तो, बच्चों को रिमोट वाली कार खरीदने के लिए भी मॉम डैड के आगे आंसू बहाने पड़ते हैं हा हा हा ।  
 

मिसेस सिंह ने हँसते हुए कहा - आप बहुत मज़ाकिया नेचर वाले हो।  
 

पम्मी - अरे सही बता रही हूं । हम मिडल क्लास फैमिली वाले अपने बच्चों को जल्दी अपने साथ बाजार नहीं लेकर जाते । हमें पता होता है कि हमारे बच्चों को अगर कोई टॉय पसंद आ गया तो ये वहीं भरे बाज़ार में ज़मीन पर बैठकर टॉय खरीदने की ज़िद करने लगते हैं हा हा हा।  

पम्मी आंटी ने माहौल को बहुत हल्का बना दिया था , उन्होंने मिसेस सिंह से काफी सारी बातें की थी । अब दो औरतें एक साथ बैठी थीं तो बातें तो होनी ही थीं , लेकिन राघव के बारे में सिर्फ 5 मिनट ही बात हुई थी । बाकी तो शहर की टूटी सड़कों की बुराई , बढ़ रहे पॉल्यूशन से लेकर ग्लोबल वार्मिंग तक पर गंभीर चर्चा हो रही थी ।  
पम्मी आंटी समझ गयी थी कि इस केस में उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी ।  

बड़ा घराना था इसलिए शगुन की कीमत भी 2 लाख 21 हज़ार तय हुई थी । एक घण्टे बाद बातों पर पूर्ण विराम लगाकर पम्मी आंटी जी ने मिसेस सिंह से इजाज़त ली और अपने ऑफिस वापस आ गयीं थी ।  ऑफिस में पम्मी आंटी से गुड़िया ने पूछा।  
 

गुड़िया - पम्मी मैडम बड़ी देर लगा दी आपने आने में , लगता है रिश्ता पक्का करके आए हो।  
 

पम्मी - अरे कहां ! बंगला तो बहुत बड़ा है उनका लेकिन मुझे लड़के पर कुछ शक़ हो रहा है। मुझे पक्का यक़ीन है कि मिसेस सिंह कोई बात ज़रूर छिपा रहीं हैं। हुन फेर पैन वाला है रोला।   
 
 

पम्मी आंटी का अंदाज़ा जल्दी गलत नहीं होता । उन्होंने आख़िर मिसेस सिंह की बातों पर शक़ क्यों था ? पम्मी आंटी ने उस बंगले में ऐसा क्या देखा था जिससे उन्हें यह रिश्ता ठीक नहीं लग रहा था ? पम्मी आंटी आगे क्या धमाल मचाने वाली हैं यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।    
 
    
 
 
 
   

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