एक रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने खोज की है कि दुनिया में कुछ गिने-चुने ऐसे लोग भी हैं जिन्हें कभी डर नहीं लगता । अपनी पम्मी आंटी भी शायद इन्हीं गिने-चुने लोगों की प्रजाती से हैं । अरे इन्हें अगर कोई कह दे कि 10-20 करोड़ का शगुन ले लो लेकिन एलियन से शादी करवा दो । इसमें तो कोई शक़ नहीं कि यह रॉकेट में बैठकर एलियन ढूंढने चली जाएंगी ।
जतिन के घर में तो पम्मी आंटी ऐसे बैठी हुई थी जैसे ये उनका अपना घर हो । जतिन के पापा भी अब मुस्कुराकर पम्मी आंटी से बात कर रहे थे । जतिन को उसकी मॉम उसके कमरे के बाहर ड्राइंग रूम में ले आयी थी।
जतिन भी सुनील के साथ रिश्ता पक्का हो जाने पर ख़ुश था । पम्मी आंटी तो मज़ेदार लंच करके जतिन के घर से बाहर आयीं थी । जैसी ही वो कार में बैठी तो पप्पू ने कहा।
पप्पू - मैडम जी हमारा जानकारी सही था ना।
पम्मी - “बाज़ जैसी तेज़ नज़र है पम्मी की” मैं तो पहले दिन ही तुम्हें देखकर समझ गयी थी कि तू बड़े काम का बंदा है।
पप्पू - अरे मैडम जी मैं बंदा नहीं हूँ, अभी तो मैं सिर्फ 23 साल का लड़का हूँ।
पम्मी - कमलया बाद में तो वड्डा होकर बंदा ही बनेगा ना । सारी उम्र लड़का थोड़े रहेगा ! तूं खोते दा पुत्तर ही है पूरा । सारी गल ही भुला दी तूने , अब याद नहीं आ रहा कि क्या कहने वाली थी।
पप्पू - अरे मैडम जी वो बाज़ वाली आँख जैसा कुछ बोल रहे थे आप।
पम्मी - हां हां याद आ गया , बाज़ जैसी नज़र है पम्मी की, तेरे को पहचान गयी थी कि तू काम का लड़का है । जतिन के परिवार के बारे में तेरी सारी जानकारी सही निकली है। जतिन का रिश्ता तुम्हारी वजह से ही पक्का हुआ है।
पम्मी आंटी अपने ऑफिस में आ गयी थी । पप्पू भी जतिन के घर की सारी कहानी सुनने के लिए बैठा हुआ था । गुड़िया ने एक्साइटिड होते हुए पम्मी आंटी से पूछा।
गुड़िया - पम्मी मैडम इतना मुश्किल रिश्ता आपने एक ही दिन में कैसे पक्का करवा दिया । मुझे तो लगा था कि जतिन के घरवाले आपको घर से निकाल देंगे।
पम्मी - लै ऐसे कैसे कोई पम्मी को हाथ लगा देगा मैं नासां ना भन दूं उसकी ।
पप्पू - मैडम जी ये नासां भन दूं का क्या मतलब होता है।
पम्मी - पप्पू जी नाक के दोनों छेदों को हम नासां बोलते हैं , और भन दूं का मतलब होता है तोड़ दूंगी। अगर अब तुसी बीच में बोले तो त्वाड्डी वी नासां भन दूंगी । अब आराम से सुनो के वहां हुआ क्या था ।
जतिन की मॉम रिश्ते के लिए मान गयी थी , लेकिन जतिन का डैडी लड़े जा रहा था । मैंने जतिन की मम्मी को चाय बनाने भेज दिया था ।फिर मैंने जतिन के डैडी से कहा की पड़ोस वाली ज़मीन का सारा राज़ मुझे पता लग गया है ।
जतिन की फैमिली के बारे में सिर्फ़ पप्पू और पम्मी आंटी को ही पता था । लेकिन यह बात सुनकर गुड़िया हैरान हो गयी थी । उसने पम्मी आंटी से पूछते हुए कहा ।
गुड़िया- पम्मी मैडम मुझे समझ नहीं आ रहा कि, जतिन के रिश्ते में उसके पड़ोस वाली ज़मीन का क्या लेना देना है ।
पम्मी - कमलिये ! यही तो कमाल की जानकारी लेकर आया था अपना पप्पू । जतिन के डैडी जी ने हर तरफ ये बताया था कि आज से 28 साल पहले उन्होंने प्रॉपर्टी का बिज़नेस शुरू किया था, और इसमें परवीन सेठी उनकी पार्टनर थी। परवीन ने धोखे से उनके घर के साथ वाली ज़मीन अपने नाम करवा ली थी, और वहां अपना घर बना लिया था ।
गुड़िया- ओके उसके पापा के साथ हुए धोखे का जतिन के इस रिश्ते के साथ क्या लेना-देना है।
पम्मी - लेना-देना कुछ नहीं था लेकिन मैंने तो बस जतिन का रिश्ता करवाने के लिए उस ज़मीन वाली बात का इस्तेमाल किया है। जतिन का डैडी गुस्से में बैठा बड़बड़ा रहा था । जैसे ही जतिन की मम्मी किचन में चाय बनाने गयी, तो मैंने जतिन के डैडी से कहा “ प्रकाश कुमार जी पड़ोसन के बेटे की शक्ल आपसे बहुत मिलती है ।”
गुड़िया - अरे बाप रे ! इसका मतलब वो पड़ोसन .....
पम्मी - आहो ! जतिन के डैडी ने चुपके से 28 साल पहले परवीन सेठी से शादी की थी । इसकी खबर उन्होंने आज तक किसी को भी होने नहीं दी। ख़ुद ही परवीन को घर बनाकर दिया और शोर मचा दिया कि इसने मेरी ज़मीन हड़प ली है । इससे किसी को शक़ भी नहीं हुआ कि उनका चक्कर चल रहा है । इस राज़ को राज़ रखने के लिए वो जतिन और सुनील के रिश्ते के लिए राज़ी हो गए थे।
गुड़िया- मैडम जी आप तो बहुत तगड़े जासूस निकले , आपने उनकी हिस्ट्री कैसे निकाली ।
इसमें आधा कमाल था अपने पप्पू जी का , इसने ही बताया था कि इनकी पड़ोसन ने इनकी ज़मीन हड़प ली थी । एक दिन मैं जतिन के घर के सामने वाले पार्क में बैठ कर जतिन के घर की जासूसी कर रही थी । मैंने देखा कि जतिन के डैडी बालकनी में खड़ी पड़ोसन को बड़ी सी स्माइल दिखाते हुए अपने कार में बैठे थे।
तुझे तो पता ही है बाज़ जैसी नज़र है पम्मी की , मुझे तो पड़ोसन का लड़का देखते ही पता चल गया था कि इसकी शक्ल जतिन के डैडी जी से मिलती है।
गुड़िया - इसका मतलब आपने बस तुक्का लगाया था कि वो जतिन के डैडी का ही बेटा है।
पम्मी - तुक्का नहीं पुत्तर , तीर ही चलाया था ।
पम्मी आंटी के कॉन्फिडेंस का जवाब नहीं है । उन्हें तो किसी के डी एन ए टेस्ट करवाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती । पम्मी आंटी ने इतने कॉन्फिडेंस के साथ जतिन के पापा पर इलज़ाम लगाया था कि वो यह समझ बैठे थे कि पम्मी आंटी को सब पता चल गया है । पम्मी आंटी को जतिन के डैड पर इसलिए शक़ हुआ था , क्योंकि प्रॉपर्टी का बिज़नेस करने वाले इंसान को बेवकूफ़ बनाकर ज़मीन हड़पना कोई बच्चों का खेल नहीं था ।
जतिन के डैड ने यह बोलकर पड़ोसन पर केस करने से मना कर दिया था कि “इस केस में पैसे बर्बाद होंगे और प्रॉपर्टी के बिज़नेस में भी नुकसान हो सकता है।” ज़मीन के बारे में सबसे पहले पप्पू ने पम्मी आंटी को बताया था और फिर बाकी बातें उन्हें जतिन से पता चलीं थीं । ये कहानी सुनकर गुड़िया अपनी हंसी नहीं रोक पा रही थी , उसने पम्मी आंटी से पूछा।
गुड़िया - पम्मी मैडम ज़मीन की बात तो समझ आ गयी लेकिन आपको कैसे पता के 28 साल पहले जतिन के डैड ने परवीन सेठी से शादी की थी।
पम्मी - मेरी बात सुनकर जतिन का डैडी ऐसे कांप रहा था जैसे किसी की कॉल आने पर मोबाइल वाइब्रेट होकर कांपने लगता है । जब रिश्ते की बात पक्की हो गयी तो जतिन की मम्मी जतिन को बुलाने उसके ऊपर वाले कमरे में चली गयी थी । दोनों ने 15 मिनट लगा दिए थे आने में । बस इसी बीच घबराये हुए प्रकाश कुमार जी ने अपने सारे राज़ मुझे बता दिए थे ।
गुड़िया - वाह वाह पम्मी मैडम मान गए आपको ! वैसे इसका मतलब यह है कि परवीन सेठी अपने बेटे के डॉक्युमेंटस में जतिन के डैड का नाम इस्तेमाल करती होगी।
पम्मी - ओ नहीं नहीं ओ वी मरजानी बड़ी चलाक औरत है , किसी और बंदे का नाम ही लिखवाया है डाक्यूमेंट्स पर । चल छड्ड आपां नू की लेना , मैंने तो रिश्ता पक्का करवाना था सो करवा दिया।पर इस केस में पप्पू पाजी के फट्टे चक दिए ।
गुड़िया के सामने अपनी तारीफ़ होते देखकर पप्पू की तो छाती ही चौड़ी हो गई थी । वो तो अब फूला नहीं समा रहा था । अभी पम्मी आंटी के ऑफिस में बातों का सिलसिला जारी ही था कि वहां जतिन भी आ गया था । जतिन के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट थी । उसने सबसे पहले पम्मी आंटी को गले लगाया और थैंक्स कहा और फिर गुड़िया को भी गले लगाकर शुक्रिया बोला।
पास खड़े पप्पू से भी जतिन ने हाथ मिलाकर उसका धन्यवाद कहा । पप्पू को जतिन कि यह बात बिलकुल भी पसंद नहीं आई थी ।
उसे इस बात का बुरा नहीं लगा था कि जतिन ने बाकियों को गले लगाया और पप्पू से सिर्फ़ हाथ मिलाया था। उसको तो इस बात का बुरा लगा था कि उसने गुड़िया को कैसे गले लगा लिया।
ख़ैर पम्मी आंटी ने एक और रिश्ता पक्का करवा दिया था । कुछ दिनों बाद पम्मी आंटी को जतिन ने दिल्ली में रिसेप्शन पार्टी पर बुलाया था । जतिन और सुनील की रिसेप्शन पार्टी दिल्ली के 5 स्टार होटल में हो रही थी ।
सन्नी किसी काम से आउट ऑफ़ कंट्री गया है इसलिए इस पार्टी में पम्मी आंटी और उनके पति आये हुए थे । होटल की शानदार डेकोरेशन देखकर पम्मी आंटी ने अपने पति से कहा ।
पम्मी - देखो जी किनी सोहनी सजावट कित्ती है । सन्नी की शादी में हम ऐसा ही होटल बुक करेंगे ।
मनोहर - पैसे पेड़ों पर नहीं उगते पता है कितना महंगा होटल है।
पम्मी - लो फिर करदी ना गरीबों वाली बात । मैं कौन सा पूरा होटल खरीदने की बात कर रही हूं , सिर्फ़ एक दिन के लिए ये ऐसा हाल बुक करना है।
पम्मी आंटी अभी होटल के बारे में बातें कर ही रहीं थी कि अचानक उनके फ़ोन पर गुड़िया का कॉल आया। जैसे ही पम्मी आंटी ने कॉल पर गुड़िया की बात सुनी तो उनके मुंह से निकला।
पम्मी - लो जी आ गया नवां केस , हुन फेर असीं चक देने फटे।
पम्मी आंटी के पास एक और नया केस आ गया था लेकिन इस केस में कौन से कलेश होंगे यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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