जतिन लम्बे कद का एक बहुत हैंडसम लड़का है और वो अभी अपनी ही कंपनी में काम करने वाले सुनील के साथ रेलशनशिप में है । जतिन ने अपने माँ बाप को मनाने की ज़िम्मेदारी पम्मी आंटी को दे रखी थी ।  

आज दोपहर 1 बजे पम्मी आंटी को जतिन के घर जाना था और अच्छा इम्प्रेशन जमाने के लिए आज फिर संगीता की कार मंगवाई गयी थी। पप्पू को तो आज-कल सिर्फ़ बहाना चाहिए होता है, पम्मी आंटी के ऑफिस में आने का। पम्मी आंटी को क्या पता कि पप्पू तो उनके लिए फ्री में भी काम करने को तैयार हो सकता है ।  

   
फ़िलहाल घड़ी में 11:30 बजे हुए थे और ओवर एक्ससाइटिड पप्पू आज पहले ही संगीता की कार लेकर पम्मी आंटी के ऑफिस में पहुंच गया था। पम्मी आंटी ने पप्पू को ऑफिस में आता देखकर उससे कहा।  
 
 

पम्मी - हां जी पप्पू पाजी आज कल टाइम तो पहिलां ही पहुंच जांदे हो । तुसी तो ऐसे तैयार होकर आये जो जैसे हम आपका ही रिश्ता कराने जा रहे हैं।  
 

पम्मी आंटी की बात पर गुड़िया हंस पड़ी थी , और गुड़िया को हंसता देखकर पप्पू तो भूल ही गया था कि पम्मी आंटी ने उससे क्या कहा था। अपनी ही धुन में खोये हुए पप्पू ने ऑफिस में आते ही कहा।  
 

पप्पू- हैलो पम्मी मैडम जी कैसे हैं आप, हैलो गुड़िया जी आप बताइये कैसी चल रही है लाइफ।  
 

गुड़िया - लाइफ तो बढ़िया चल रही है पप्पू जी, आज पम्मी मैडम के साथ ख़तरनाक मिशन पर जाना है आपको। 
 

पम्मी - लै करदी ना वही बात ! इसमें ख़तरनाक क्या है । अरे रिश्ते की बात करनी है , हमने कौन सा जतिन के घर बंदूकें  चलाने जाना है। 
 

पप्पू- लेकिन पम्मी मैडम जी आपकी बातें भी बंदूक की गोली से कम तेज नहीं हैं। 
 

पम्मी -  मैनू  तुहाडे नेचर दा पता है पप्पू जी । अगर पाव भाजी के इलावा सबसे ज्यादा मक्खन  कोई लगाता है तो वो आप ही हो । गुड़िया देख पप्पू जी कैसे मक्खन लगा-लगा कर बातें कर रहे हैं।  
 

चाहे कितनी भी टेंशन वाली सिचुएशन क्यों ना हो , पम्मी आंटी के ऑफिस में माहौल ऐसे ही कूल रहता है । इधर-उधर की बातें करते-करते घड़ी पर साढ़े बारह बज चुके थे, पम्मी आंटी पप्पू के साथ बैठकर जतिन के घर को रवाना हो गयीं।  पम्मी आंटी का ऑफिस भी व्यस्त सड़क के पास ही था , इसलिए जैसे ही कार थोड़ी आगे बढ़ी तो ट्रैफिक जाम ने पम्मी आंटी की कार को वहीं रोक दिया था। गुड़िया के ख़यालों  में खोये हुए पप्पू जी AC भी ऑन करना भूल गए थे । पम्मी आंटी ने पप्पू की ओर देखकर कहा।  

 

पम्मी - पप्पू जी कार में ए.सी चलाने का कोई बिल नहीं आता , फुल स्पीड ते AC चलाओ मेरे को गर्म दिमाग ठंडा करना है। 
 
 

पप्पू - लो मैडम जी AC ऑन कर दिया है. अगर आपका दिमाग गर्म है, तो गाड़ी किसी डाक्टर की तरफ घुमा लें । हो सकता है बुखार के कारण आपका माथा गर्म हो गया हो।  
 

पम्मी - हाय मरजानेया तू वी गुड़िया जैसा कमला ही है ! ओए मैंने मुहावरे में बात की है। चलो ट्रैफिक हट गया है अब कार तेज़ी से भगाओ।  
 

पप्पू को पम्मी आंटी की बात में सबसे ज्यादा यह चीज़ पसंद आयी थी कि पम्मी आंटी ने पप्पू को कमला बोलकर उसका नाम गुड़िया के साथ जोड़ा था । खैर 15 मिनट ड्राइव करने के बाद ये दोनों जतिन के घर पहुंच गए थे । पम्मी आंटी जतिन के घर चलीं गयीं थी और पप्पू कार में ही बैठा था । 
जतिन के मॉम डैड पम्मी आंटी को देखकर काफी ख़ुश थे । उन्हें लगा था कि उनके बेटे को कोई लड़की पसंद आई है, और पम्मी आंटी उस लड़की का रिश्ता ही लेकर आयीं हैं । पम्मी आंटी ने बातों की शुरुआत करते हुए कहा । 
 

पम्मी - सुरेखा जी आपका घर बहुत सुंदर है । मैं भी कानपुर में ऐसा ही एक सुंदर घर खरीदने के लिए सोच  रही हूँ.   

सुरेखा ने पम्मी की तारीफ सुनने के बाद कहा- सबसे पहले तारीफ के लिए शुक्रिया , वैसे मैं आपको बता दूँ कि जतिन के पापा प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करते हैं । नया घर ढूंढ़ने में ये आपकी मदद कर देंगे।  
 

पम्मी - जी बहुत बहुत शुक्रिया।  

सुरेखा ने पम्मी से कहा-  पम्मी जी , हमें जतिन ने बताया था कि आप इसके लिए किसी लड़की का रिश्ता लेकर आयीं है । इसने तो हमें लड़की की फोटो भी नहीं दिखाई है।  

पम्मी -  जी फोटो में तो आजकल हर कोई फिलटर लगाकर सुंदर बन जाता है , मैं आपको लड़की से ही मिलवा दूंगी । पर मुझे आप अपने जतिन के बारे में तो कुछ बताइये । लड़की की शादी का मामला है मुझे भी लड़की वालों को जवाब देना होगा कि लड़का उसे ख़ुश रख पाएगा या नहीं।  

पम्मी आंटी की शब्दों में इतनी ज्यादा पकड़ है कि सामने वाला सोच में पड़ जाता है कि वो जवाब क्या दें । पम्मी आंटी की बात सुनकर जतिन के मॉम और डैड के माथे पर घबराहट के कारण हल्का सा पसीना आ गया था । फिर भी चेहरे पर नकली मुस्कान बनाकर जतिन की मॉम सुरेखा ने कहा।  
“जी मेरा बेटा अच्छे मार्क्स से ग्रेजुएट है! होनहार है! और अब तो अच्छी सैलरी पर जॉब भी कर रहा है।” 
 

पम्मी -  ठीक है सुरेखा जी आपका बेटा होनहार है, अच्छी बात है! लेकिन मैंने आपके घर आने से पहले आपके परिवार के बारे में कुछ बातें सुनी थी।  मुझे यह भी पता चला है कि जतिन की 2 बार सगाई टूट चुकी है। क्या आप इसका कारण बता सकती हैं । मैं नहीं चाहती कि जिस लड़की का रिश्ता मैं लेकर आयी हूँ उसकी सगाई भी टूट जाए।    
 

पम्मी आंटी की बातों ने जतिन के मॉम डैड को बैकफुट पर धकेल दिया था । पम्मी आंटी जतिन की शादी की बात करने से पहले उसके मॉम डैड को असलियत से रू-ब-रू करवाना चाहती थीं और इसमें वो कामयाब भी हो गयी थीं । जतिन की मॉम ने घबराते हुए कहा।  
 

“पम्मी जी , जो होना था सो हो गया । हम प्रॉमिस करते हैं आप जिससे भी जतिन का रिश्ता करवाएंगी हम जतिन की शादी वहीं करवाएँगे । इस बार कोई रिश्ता नहीं टूटेगा।” 
 

पम्मी - देख लीजिये सुरेखा जी आप मुझसे प्रॉमिस कर रहीं है , बाद में अपनी बात से पलटना मत। 
 

पम्मी आंटी की बातों से जतिन की मॉम इतनी इमोशनल हो गयीं कि उन्होंने तो बच्चों की तरह कसम ही खा ली थी । “पम्मी जी मैं अपने कसम खा कर कहती हूँ, जहां आप कहोगे रिश्ता वहीं होगा।” 
 

पम्मी आंटी तो इस पल का ही वेट कर रहीं थी , उन्होंने झट से टेबल पर सुनील की फोटो रख दी थी ।  
 
सुनील की फोटो देखकर जतिन के मॉम डैड हैरान भी थे और गुस्से में भी थे । जतिन के डैड ज्यादा बातें नहीं कर रहे थे इसलिए जतिन की मॉम ने ही पम्मी आंटी से कहा। “ये कैसा मज़ाक कर रहीं हैं आप । मेरे लड़के के लिए इस सुनील का रिश्ता लेकर आयीं हैं । हम जतिन को पहले ही इस शादी के लिए मना कर चुके हैं । समाज में लोग हमसे नाता तोड़ लेंगे।” 
 

पम्मी आंटी वैसे इमोशनल होती नहीं हैं लेकिन जतिन की मॉम को मनाने के लिए उन्हें इमोशनल होने की एक्टिंग करनी पड़ गयी थी । आज वो अपने ऑफिस से ही एक इमोशनल सी स्पीच रट कर आयीं थी । उन्होंने वही स्पीच जतिन की मॉम को सुना दी।  
 

पम्मी- सुरेखा जी जिस समाज की बात आप कर रही हैं वो समाज तब कहां था जब आपके सिर पर लाखों का कर्ज़ था । वो समाज कहां था जब आपके पड़ोसियों ने धोखे से आपकी ज़मीन हड़प ली थी । समाज की नहीं अपने बच्चों की ख़ुशी के बारे में सोचिये ।  
 

सुरेखा जी को समझ नहीं आया की पम्मी आंटी को ये सब कहाँ से पता चला। उन्हें तो पहले ही अपने बेटे की सच्चाई भी पता थी, वो तो बस अपने पति की वजह से जतिन और सुनील के रिश्ते से इंकार कर रहीं थी । पम्मी आंटी की स्पीच से सुरेखा जी का दिल पिघल गया था। उन्होंने पम्मी आंटी से कहा,   

पम्मी जी आपने मेरी आँखें खोल दीं हैं । मेरे बेटे की ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है । समाज चाहे मेरे बेटे का साथ दे या ना दे , लेकिन मैं अपने बेटे का साथ ज़रूर दूंगी । आप बस जतिन के पापा को इस शादी के लिए मना लीजिए।”  
 

पम्मी आंटी ने अपना आधा काम हो चुका था लेकिन इस रिश्ते में असली मुश्किल थी कि जतिन के पापा को कैसे मनाया जाए । सुरेखा जी की बात सुनते ही जतिन के पापा तो आग बबूला हो गए थे । उन्होंने गरजते हुए कहा “ ऐसे कैसे इस रिश्ते को मंज़ूरी दे दूँ। तुम सब चाहे जो मर्ज़ी कहो, मेरे होते हुए यह रिश्ता कभी भी नहीं हो सकता।” 
जतिन के पापा ने आज उसके चाइल्डहुड ट्रॉमा के तार छेड़ दिए थे उसने इमोशनल होते हुए कहा,  

“पापा मैं दुनिया का सबसे अच्छा शेफ बनना चाहता था , लेकिन आपकी ख़ुशी के लिए इंजीनियरिंग की । मैं यू एस ए में सेटल होना चाहता था लेकिन वहां की जॉब भी छोड़ दी क्योंकि आप मुझे इंडिया में ही सेटल होते देखना चाहते थे । मैं आपकी ख़ुशी के लिए हर सैक्रिफाइस करने को तैयार हूँ क्या आप मेरी ख़ुशी के लिए इस रिश्ते को मंज़ूरी नहीं दे सकते।  
 

जतिन की बातों का उसके पापा पर कोई असर नहीं हुआ था । उसके पापा ने फिर से इस रिश्ते के लिए मना कर दिया था । पापा का गुस्सा देखकर जतिन रोता हुआ अपने कमरे में चला गया था । एक पल के लिए तो ऐसा लग रहा था कि अब इस रिश्ते को कोई भी जोड़ नहीं सकता । अपनी पम्मी आंटी ने गारंटी ली थी , उन्होंने अपने आख़िरी चाल चलते हुए जतिन की मॉम से कहा।  
 

पम्मी - सुरेखा जी बुरा ना मानें तो क्या आप एक कप चाय और बना कर ला सकती हैं । तब तक मैं जतिन के पापा से कुछ बातें शेयर कर लूंगी । 
 

सुरेखा जी किचन में चाय बनाने चली गयीं थी ।  ड्राइंग रूम से जतिन के पापा की गुस्से भरी आवाज़ किचन तक आ रही थी । लेकिन अचानक वो गुस्से भरी आवाज़ बंद हो गयी थी ।  
सुरेखा जी को समझ ही नहीं आ रहा था कि, आख़िर ड्राइंग रूम में ऐसा क्या हुआ कि जतिन के पापा की आवाज़ का गुस्सा गायब हो गया था । 10 मिनट बाद जब जतिन की मॉम चाय लेकर ड्राइंग रूम में आयीं तो जतिन के पापा के तेवर बदल चुके थे ।  
जतिन की मॉम ने चाय सर्व कर दी थी और पम्मी आंटी ने चाय की चुस्की लेते हुए हल्की मुस्कुराहट के साथ जतिन की मॉम से कहा। 
 

पम्मी - लो जी ‘पै गया रोला ‘ ! सुरेखा जी त्वान्नु बहुत-बहुत मुबारकां जतिन दे पापा वी रिश्ते लइ मन गए ने ।   
 

जब जतिन की मॉम ने जतिन के पापा की ओर देखा तो जतिन के पापा ने भी हल्की दबी मुस्कुराहट के साथ हां में सिर हिला दिया था । पम्मी आंटी ने ऐसा क्या कहा था कि गुस्से में बैठे हुए जतिन के पापा अचानक  मुस्कुराते हुए जतिन और सुनील के रिश्ते के लिए मान गए थे । पम्मी आंटी ने कौन सा कारनामा किया था ये जानने के लिए जब जतिन की मॉम ने जतिन के पापा की ओर देखा तो जतिन के पापा ने भी हल्की दबी मुस्कुराहट के साथ हां में सिर हिला दिया था ।  

पम्मी आंटी ने ऐसा क्या कहा था कि गुस्से में बैठे हुए जतिन के पापा अचानक  मुस्कुराते हुए जतिन और सुनील के रिश्ते के लिए मान गए थे । पम्मी आंटी ने कौन सा कारनामा किया था ये जानने के लिए पढ़ते रहिए।  
 

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