पम्मी आंटी ने दो और हंसते खेलते सिंगल लोगों को शादी के कुएं की तरफ धकेल दिया था। ऋषि और प्रिया की एंगेजमेंट हो चुकी थी और इसी के साथ पम्मी आंटी ने एक और केस सॉल्व कर लिया है। उसी एंगेजमेंट में पम्मी आंटी को एक हैंडसम सा लड़का छिप-छिपकर देख रहा था । कद 6 फुट 1 इंच तक था, हल्की सी दाढ़ी थी और लम्बे बालों के साथ पूरी मॉडल जैसा स्टाइलिश लुक था इस लड़के का। अगले दिन यही लड़का अचानक पम्मी आंटी के ऑफिस में भी पहुंच गया था । इस वक्त ऑफिस में पम्मी आंटी और गुड़िया के अलावा वो लड़का भी मौजूद था। पम्मी आंटी ने बात की शुरुआत करते हुए कहा।
पम्मी- आपका नाम क्या है?
उस लड़के ने बेहद सोफ़ेस्टिकटेड तरीके से कहा - जी मेरा नाम जतिन है।
पम्मी- जतिन जी, आप कल ऋषि की एंगेजमेंट में भी मुझे ऐसे घूर कर देख रहे थे, जैसे मैंने आपके उधार लिए हुए पैसे मोड़ने से मना कर दिया हो ।
जतिन ने पम्मी से कहा - “नहीं ऐसा ऐसा कुछ नहीं है , वो तो मुझे किसी ने बताया था कि ऋषि का रिश्ता आपने करवाया है। ऋषि मेरा कज़न ब्रदर है और उसने ही मुझे आपके बारे में बताया था। इसलिए अब मैं भी अपना रिश्ता करवाने के लिए आपके पास आया हूँ।”
पम्मी आंटी को अब समझ आ गया था कि यह बेचारा अपना रिश्ता करवाने के चक्कर में ही पम्मी आंटी को देखे जा रहा था । पम्मी आंटी ने अपना बोलने के लहज़े में नमी बरतते हुए कहा।
पम्मी- लो कर लो बात ! तुसी उस टाइम ही मुझे बता देते के रिश्ता करवाना है मैंने अब तक तो किसी से बात भी चलवा देनी थी तुम्हारी।
जतिन ने पम्मी को उसके ऑफिस आने का कारण बताते हुए कहा- नहीं वो सबके सामने शर्म आती है ना ,इसलिए सोचा कि ऑफिस आकर आपसे बात कर लूं।
पम्मी- एक गल दस्सां जतिन ! तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हारे कद के हिसाब से तुम्हारी आवाज़ ज्यादा ही सॉफ्ट है । तुसीं किसे नू गाली वी दोगे तो ऐसा लगेगा जैसे कोई प्यार से बात कर रहा है हा हा हा।
पम्मी आंटी ने अपने वही मज़ाकिया अंदाज़ में बात करनी शुरू कर दी थी । लेकिन जतिन ने फिर से पम्मी आंटी की बात का जवाब दिया।
“नहीं वो मैं शुरू से ही ऐसे बोलता हूँ जी ।आपको मेरी आवाज़ सही नहीं लगी?”
पम्मी- ओ नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है ! त्वाड्डी आवाज़ तां बहुत अच्छी है । आज कल तो कोरियन ड्रामा देख-देख के लड़कियों को भी कोरियन हीरो जैसे सॉफ्ट-सॉफ्ट लड़के पसंद आ रहे हैं । तुसीं फ़िक्र ना करो त्वाड्डे लइ तां कुड़ियां दी लाइन लगा दवांगी । दस्सो किस तरह की लड़की पसंद है । घरेलू या फैशन वाली , छोटे कद की या लम्बी हाइट वाली । जे पैग वगैरा लगाते हो तो पैग लगाने में कंपनी देने वाली पत्नी भी मिल जाएगी ।
जतिन ने हिचकिचाते हुए कहा- नहीं नहीं मैडम मुझे ऐसा कोई भी रिश्ता नहीं चाहिए।
पम्मी- अच्छा-अच्छा समझ गयी बाहर की कंट्री में जाने का प्लान होगा। आपको कोई ऐसी लड़की चाहिए जिसके साथ स्पाउस वीज़ा लगवाकर विदेश में सैटल होना चाहते हो । कोई ना जी ऐसी लड़की ढूंढ़ के लाऊंगी, जिसके आइल्स में टॉप के बैंड होंगे । बस फिर हमने आपका रिश्ता करवाकर शादी का बैंड बजवा देना है।
पम्मी आंटी की बातें सुनकर जतिन और भी कंफ्यूज हो गया था । पम्मी आंटी और गुड़िया समझ नहीं पा रहे थे कि जतिन को आख़िर कैसा रिश्ता चाहिए । पम्मी आंटी की बात ख़त्म होने के बाद जतिन कुछ देर ख़ामोश रहा, फिर उसने बात करने की हिम्मत जुटाते हुए पम्मी आंटी से कहा।
“पम्मी मैम मैं इसलिए आपके पास आया हूं क्योंकि मुझे शादी किसी लड़की से नहीं करनी बल्कि मुझे एक लड़का पसंद है।”
जतिन की बात सुनकर पम्मी आंटी कुछ देर के लिए खामोश हो गयीं थी । ऑफिस में बिलकुल सन्नाटा छा गया था । पम्मी आंटी गुड़िया की और देख रहीं थी और गुड़िया पम्मी आंटी की और देख रही थी और इन दोनों के सामने बैठा जतिन कभी पम्मी आंटी को देख रहा था तो कभी गुड़िया को । पम्मी आंटी तो वैसे भी हर बात संभालने में होशियार थीं । इसलिए उन्होंने ऑफिस में इस सन्नाटे को ख़त्म करते हुए जतिन से कहा।
पम्मी- ओके ओके तो आपको लड़कियों में इंट्रेस्ट नहीं है । आए एम सो सॉरी मेरे पास अभी कोई ऐसा रिश्ता नहीं आया है । आप अपना नंबर दे दीजिए जब भी आपके लिए कोई अच्छा रिश्ता मिला तो मैं आपको कॉल कर दूंगी।
जतिन ने बेहद नर्म लहज़े में पम्मी को अपनी बात समझाते हुए कहा - नहीं नहीं मैडम आपको रिश्ता ढूंढ़ने की ज़रूरत नहीं है , लड़का तो मैंने ढूंढ लिया है । आपको तो बस मेरे मॉम-डैड को इसके लिए मनाना है । आप जितनी फ़ीस कहेंगी मैं दे दूंगा।
पम्मी- जतिन तुम्हारा केस तो सबसे डिफरेंट वाला है । चलो कोई ना तुम्हारा रिश्ता करवाने की ज़िम्मेदारी मेरी । मॉम डैड को मनाने के 51000 रुपए लगेंगे और अभी एडवांस 11000 जमा करवा दो ।
जिस केस में क्लेश होने का ख़तरा होता है पम्मी आंटी को ऐसे केस हैंडल करने में ज्यादा मज़ा आता है । जतिन ने बताया था कि उसका बॉयफ्रेंड दिल्ली में रहता है और उसके मॉम डैड को कोई प्रॉब्लम नहीं हैं। पम्मी आंटी को तो बस जतिन के मॉम डैड को मनाना था।
जतिन का घर साकेत नगर में था । उससे उम्र में 2 साल बड़ा उसका भाई अपनी पत्नी के साथ मुंबई में सेटल था। वैसे तो जतिन कानपुर में ही प्राइवेट जॉब करता है। एक बार वो मीटिंग के सिलसिले में वो अपनी कम्पनी के दिल्ली हेड ऑफिस गया था । इसी दौरान जतिन की मुलाकात सुनील से हुई थी।
धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गयी थी और इन दोनों ने साथ रहने का फैसला कर लिया था। पम्मी आंटी ने जतिन से उसके परिवार के साथ-साथ सुनील के परिवार की भी सारी जानकारी ले ली थी ।
सारी जानकारी देने के बाद जतिन 11000 जमा करवाकर चला गया था। अब ऑफिस में सिर्फ पम्मी आंटी और गुड़िया ही थे , गुड़िया ने घबराते हुए पम्मी आंटी से कहा।
गुड़िया- पम्मी मैडम ! यह कैसा केस पकड़ लिया है आपने । अगर कहीं फंस गए तो ?
पम्मी- नी मरजानिये ! एक ता तू टेंशन बहुत लेती है । पप्पू चाय वाले को कॉल लगा वो भी साकेत नगर में ही रहता है।
पप्पू चाय वाला भी साकेत नगर में किराये के कमरे में रहता था। अपने फोन पर गुड़िया की कॉल देखकर पप्पू की धड़कन तेज़ हो गयी थी । जैसे ही उसने फोन उठाया तो सामने से पम्मी आंटी की आवाज़ आ रही थी । पप्पू का दिल उदास हो गया था कॉल पर पम्मी आंटी ने पप्पू से कहा।
पम्म - हैलो, पप्पू जी कैसे हो आप ,सब ठीक-ठाक।
पप्पू - हांजी- हांजी मैडम जी सब ठीक है, आप बताओ आज कइसन याद कीये है ।
पम्मी- एक नया केस आया है , तुम्हारे मोहल्ले का ही है । किसी के बारे में जानकारी चाहिए थी।
पम्मी आंटी की पार्टनर संगीता भी लम्बे फॉरेन ट्रिप पर चली गयी थी , इसलिए पम्मी आंटी का कुछ काम पप्पू संभाल रहा था। वैसे तो जतिन ने अपने माँ बाप और परिवार के बारे में काफी बातें बता दी थीं, लेकिन पम्मी आंटी को इस केस को हैंडल करने के लिए और भी जानकारी जुटानी थी।
ये केस थोड़ा अलग किस्म का था, इसलिए पप्पू को भी एडवांस 1100 रुपए देकर जासूसी करवाई जा रही थी । पप्पू का काम था, जतिन के मॉम डैड की डेली रूटीन की सारी जानकारी इकट्ठा करके देना ।
पप्पू ने दो दिनों बाद पम्मी आंटी को कॉल करके जतिन के पूरे परिवार की कई ऐसी बातें बता दीं थी जो जतिन ने भी पम्मी आंटी को नहीं बताईं थी । जतिन के परिवार की सारी हिस्ट्री जानने के बाद पम्मी आंटी ने जतिन को कॉल लगाकर कहा।
पम्मी- हैलो ! हाँ जतिन , कल घर पर ही रहना एंड अपने मॉम डैड को बोल देना के मैं उनसे मिलने आ रही हूं ।
जतिन ने पम्मी आंटी से पूछा - लेकिन आप क्यों मिलने आ रहे हो ?
पम्मी- खोते दे पुत्तर तेरे रिश्ते के लिए उन्हें मनाने आ रही हूं । तू उनको झूठ बोल देना कि मैं किसी लड़की का रिश्ता लेकर आ रही हूँ । बस एक बार बात शुरू हो जाए , फिर बाकी काम मैंने अपने आप संभाल लैणा है।
जतिन की आवाज में खुशी थी, उसने पम्मी आंटी को कहा - अरे वाह थैंक यू सो मच मैडम। वैसे मैं आपको बता दूँ कि मैं खोते का पुत्तर नहीं बल्कि एक आदमी का ही पुत्तर हूँ हाहा।
पम्मी- हा हा मरजाना कमलेयां वाली गल करदा है , चल ठीक है फोन कटदे और कल के लिए चाय समोसे की तैयारी कर ले।
पम्मी आंटी और जतिन में हुई बात को पास बैठी गुड़िया भी सुन रही थी । उसने पम्मी आंटी से कहा।
गुड़िया- पम्मी मैडम आप तो इतने कॉन्फिडेंस से बात कर रहीं थी जैसे आपके एक बार कहने पर ही जतिन के मॉम डैड उसकी शादी के लिए मान जाएंगे ।
पम्मी- तू रही ना कमली दी कमली ! अगर मैंने गारंटी ली है तो काम तो पूरा कर के ही रहूंगी । अब शादी करवाकर रहूंगी क्योंकि हुन ते “पै गया रोला।”
पम्मी आंटी अपनी कमिटमेंट को हमेशा पूरा करती हैं । लेकिन वो जतिन के माँ बाप को उसकी शादी के लिए कैसे मनाएंगी। पम्मी आंटी का अगला प्लान क्या होने वाला है यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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