ये बाबू शब्द भी कमाल का शब्द है । पहले इस शब्द के साथ जी लगाया जाता था और इस शब्द को किसी बड़े बुज़ुर्ग के लिए इस्तेमाल किया जाता था । उस ज़माने में कहा जाता था  “बाबू जी” खाना खा लीजिए , “ बाबू जी दवा का समय हो गया है “  मगर अब ज़माना बदल गया है।   
 
अब इस शब्द से “जी” को हटा दिया गया है । अब “बाबू जी” से यह शब्द सिर्फ़ बाबू बनकर रह गया है । और यह शब्द अक्सर नए-नए लव बर्ड्स यूज़ करते है । अब वो एक दूसरे को कहते हैं , “बाबू अपने खाना खाया “ , “अरे मेरा बाबू तो गुस्सा हो गया “ । 
कुछ ऐसे ही शब्द के साथ ऋषि को भी मैसेज आया था जिसमें लिखा था “बाबू कैसे हो आप, स्टिल आई मिस यू” । गुस्से में भरी प्रिया यह मैसेज पम्मी आंटी को दिखा रही थी । यह सब देखकर ऋषि भी घबरा गया था , उसने पम्मी आंटी से कहा।  
 

पम्मी आंटी ! मुझे सच में नहीं पता ये मैसेज किसने भेजा है । देखो ये मैसेज अननोन नंबर से आया है।  
 

ऋषि को शक़ हो रहा था कि उसकी एक्स गर्लफ्रेंड ने ही यह मैसेज किया होगा , वो तो बेचारा अब बस बात को संभालने की कोशिश कर रहा था । प्रिया का गुस्सा तो सातवें आसमान पर पहुंच गया था । इन सब बातों से बेफिक्र पप्पू मस्ती से कार चलाए जा रहा था । 
पम्मी आंटी अब प्रिया का गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रही थी , उन्होंने प्रिया से कहा।  
 

पम्मी- प्रिया बेटा तू तो गुस्से में कमली होइ जा रही है , थोड़ा ठंड रख । आज कल फ्रॉड मैसेज भी बहुत आते हैं । तुझे मैं अपना मोबाइल दिखाती हूं उसमें मैसेज आया है “ आपकी पांच करोड़ की लॉटरी लगी है , पैसे निकलवाने के लिए अपना एटीएम नंबर भेजो”। 
 

प्रिया ने रोते हुए कहा - आंटी जी लॉटरी वाले फ्रॉड मैसेज सबको आते हैं , लेकिन यह “बाबू आई मिस यू” वाले मैसेज तो किसी को भी नहीं आते। 
 

बात बिगड़ती ही जा रही थी और अब तो कार ऋषि की शॉप के पास पहुंच गयी थी। प्रिया ने बच्चों की तरह ज़ोर-ज़ोर से रोना शुरू कर दिया था। वो जान चुकी थी कि यह रिश्ता अब टूट जाएगा। उसका दिल फिर से टूट गया था। फाइनली कार ऋषि की शॉप के बाहर रुक गयी थी। 
फ्रंट सीट पर बैठी हुई पम्मी आंटी ने सबसे कहा।  
 

पम्मी- जब तक मेरी बात पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी कार से नहीं उतरेगा।  
 

पम्मी आंटी की गुस्से भरी आवाज़ सुनकर, ऋषि और प्रिया के साथ-साथ पप्पू भी घबरा गया था। पम्मी आंटी ने अपनी बात शुरू करते हुए कहा।  
 

पम्मी- प्रिया पहले रोना बंद करो तुम्हारे आंसू कम और नाक ज्यादा बह रही है। वैसे जिस मैसेज को देखकर तुम इतना परेशान हो गयी हो वो मैसेज मेरी ही एम्प्लोयी गुड़िया ने भेजा है और यह मैसेज मेरे कहने पर ही उसने ऋषि को भेजा है । बेचारा ऋषि तो यह भी नहीं जानता कि यह मेरी एम्प्लोयी का नंबर है। 
 

ऋषि ने हैरान होते हुए कहा - लेकिन पम्मी आंटी आपने ऐसा क्यों किया।  
 

पम्मी-ऋषि पुत्तर तुम दोनों छोटी-छोटी बातों पर गधों की तरह लड़ रहे थे।  
 

ऋषि ने खुद को कंट्रोल करते हुए कहा की- आंटी जी गधों की तरह नहीं लड़ रहे थे । 
 

पम्मी-अरे मेरा मतलब तुम दोनों पागलों की तरह छोटी बात का भी बड़ा मुद्दा बना रहे थे । मैं तुम्हें बस यह एहसास दिलाना चाहती थी कि अगर सच में यह रिश्ता टूट गया तो तुम दोनों को बहुत बुरा लगेगा । तुम दोनों रंगों के पीछे लड़ रहे थे , लेकिन जब से गुड़िया का मैसेज आया है , तुम दोनों की शक्लों के रंग उड़ गए थे।   
 

प्रिया जो पूरे कान्वर्सैशन मे रोए जा रही थी, अभी भी अपनी आँख में मोटे मोटे आँसू लिए पम्मी से कहती है - पम्मी आंटी आए एम सो सॉरी आगे से हम दोनों कोई झगड़ा नहीं करेंगे। 
 

पम्मी- बेटा सॉरी तुमने पहले भी बोला था , अब पता चला रिश्तों के क्या मायने होते हैं । पति पत्नी में थोड़े बहुत झगड़े तो होते ही हैं, लेकिन एक दूसरे के जज़्बातों की रिस्पेक्ट भी किया करो ।अब चलो अपने आंसू पोछो करो । और ऋषि बेटा अब प्रिया तेरी ज़िम्मेदारी है इसका ख्याल रखना। 
 

पम्मी आंटी ने दोनों को ऐसा डरा दिया था कि बेचारे ऋषि और प्रिया तो अपना झगड़ा ही भूल गए थे । लेकिन “बाबू आई मिस यू” वाले मैसेज ने पप्पू के दिल को चोट पहुंचा दी थी । चाहे गुड़िया ने प्लान के मुताबिक यह मैसेज किया था लेकिन पप्पू को बिलकुल भी पसंद नहीं था कि गुड़िया मज़ाक में भी किसी और को बाबू कहे ।  
फ़िलहाल बात सुलझ गयी थी और ये तीनों ऋषि , प्रिया और पम्मी आंटी अब ऋषि की शॉप में जा रहे थे । वहां पहले से ही ऋषि की मॉम इन तीनों का इंतज़ार कर रहीं थी । प्रिया की आंखों में आंसू देख कर ऋषि की मॉम बहुत घबरा गयीं थी । उन्होंने प्रिया को गले लगाते हुए कहा। 
 

प्रिया बेटा आप चिंता मत करो , अगर ऋषि से कोई गलती हुई है, तो मैं उसे छित्तर मरूंगी । पर अगर आपको रिश्ता नहीं पसंद तो मैं आप पर इस रिश्ते के लिए कोई प्रेशर नहीं डालूंगी। 
 

पम्मी - हाए प्रिया ! देख किनी केयर करने वाली सास मिली है तुझे । तेरी ख़ुशी के लिए रिश्ता तक तोड़ने को तैयार हो गए है बेचारे । ओ मिसेस मल्होत्रा जी आप फ़िक्र ना करो ये आंसू  ख़ुशी के हैं । प्रिया आपके घर की ही बहू बनेगी । 
 

पम्मी आंटी जिस काम की गारंटी लेती है , उस काम को वो पूरा करके ही रहती हैं । जैसे ही ऋषि की शॉप से बाहर आकर पम्मी आंटी संगीता की कार में बैठी तो पप्पू ने उनसे कहा।  
 

पप्पू -  पम्मी मैडम आप हमें बोल देती , तो हम ही किसी लड़की वाला फोटो अपने डीपी पर लगा कर ऋषि भइया को मैसेज कर देते।  
 

पम्मी-अरे आप तो हमारे सीक्रेट जासूस हो आपका नंबर हम सबको नहीं दे सकते ना । 
 

अब पम्मी आंटी को कौन बताए के पप्पू को यह बात पसंद नहीं आ रही थी कि, गुड़िया ने ऋषि को बाबू क्यों कहा । हमारे इकतरफा आशिक पप्पू भइया का दिमाग तो कहीं और ही भागने लग गया था । पप्पू ने फिर से ऋषि का ज़िक्र करते हुए पम्मी आंटी से कहा।  
 

पप्पू - मैडम जी हम यह सोच रहे थे कि, आज कल का ज़माना खराब है । अब गुड़िया मैडम ने भी व्हाट्सअप पर इतना खूबसूरत फोटो लगाया है । अगर ऋषि भइया का दिल कहीं गुड़िया पर फिसल गया तो क्या होगा ? 
 

पम्मी- हाए रब्बा ! पप्पू जी आप कैसी बातें करते हो । इतने रिश्ते करवा दिए मैंने, लेकिन आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई गुड़िया को आँख उठाकर देख जाए । अगर उसे कोई परेशान करेगा, तो सबसे पहले मैंने ही उसके छित्तर लगा देने है। 
 

पप्पू तो गुड़िया के मोबाइल से ऋषि का नंबर ब्लॉक करवाने का प्लान बना रहा था । लेकिन पम्मी आंटी की धमकी भरी बातें सुनकर, तो उसे अब अपनी लव स्टोरी ख़तरे में लग रही थी।  = 
फाइनली वो दिन आ ही गया था, जब ऋषि और प्रिया की एंगेजमेंट होने वाली थी। साकेत नगर में एक बहुत ही बढ़िया होटल बुक किया गया था । शाम का वक्त था और मेहमानों का आना शुरू हो चुका था । पम्मी आंटी का बेटा भी अपने फॉरेन के ट्रिप से लौट आया था, और आज पम्मी आंटी अपने बेटे और पति के साथ आयी हुई थी । मिसेस अग्रवाल ने उनका स्वागत करते हुए कहा।  
 

आइये, पम्मी जी हम आपका इंतज़ार ही कर रहे थे।  
 

पम्मी-मेरा इंतज़ार ? अरे कहीं फिर कोई सियापा तो नहीं हो गया।  
 

मिसेस अग्रवाल खुश होते हुए पम्मी से कहती है -  अरे नहीं नहीं ! मेरा मतलब था कि आपकी बदौलत ही हमें यह ख़ुशियों भरा दिन देखने को मिला है। 
 

पम्मी-जी बिलकुल मेरी कोशिश कामयाब हो गयी वरना आपके बच्चों ने तो कलेश ही कर रखे थे। ख़ैर शगना वाला दिन चढ़या है आज तो भंगड़ा पावांगे।  
 
 

एंगेजमेंट की पार्टी शुरू हो चुकी थी । पम्मी आंटी अपने बेटे और पति के साथ एक टेबल पर बैठे हुए थे । पम्मी आंटी की नज़र तो एंगेजमेंट में आए हुए लड़के लड़कियों पर टिकी हुईं थी । उनको तो हर कुवारें लड़के और लड़की में अपना क्लाइंट नज़र आता है । लेकिन उन्हें अपने बेटे की शादी की भी फ़िक्र है । पम्मी आंटी ने एक सुंदर सी लड़की की और इशारा करते हुए अपने बेटे से कहा।  
 

पम्मी- सन्नी बेटा वो देख किन्नी सोहनी कुड़ी है , मैं तो सोच रही हूँ तेरा रिश्ता उसके साथ  ही करवा दूँ।  
 

सनी - मम्मी कितनी बार बता चुका हूँ मेरा मन नहीं है अभी शादी का।  
 

पम्मी-मैंने कौन सा आज ही सात फेरे करवा देने है , कहीं बात भी नहीं चलाने देता । पूरा खोते दा पुत्तर है तू।       
 

मनोहर - ओ पम्मी मुझे क्यों खोता बोल रही है।  
 

पम्मी- लै मैंने कब आपको खोता बोल दिया ? 
 

मनोहर - सन्नी हम दोनों का ही बेटा है , तू उसे खोते का पुत्तर बोलेगी तो खोता तो मैं ही हुआ ना ।  
 

पम्मी- तुसी वी कमाल ही करदे हो , मैंने तो ऐसे ही बोल दिया था।   
 

बातें करते हुए भी पम्मी आंटी की नज़र एंगेजमेंट में आए लोगों पर घूम रही थी । पम्मी आंटी ने महसूस हो गया था कि पार्टी में आया हुआ एक लड़का उन्हें छिप-छिपकर देख रहा है , लेकिन उन्होंने उस वक्त इस बात पर ज्यादा गौर नहीं किया।  
 
आख़िरकार ऋषि और प्रिया की एंगेजमेंट हो चुकी थी और पम्मी आंटी ने एक और जोड़ी बना दी थी। अगले दिन जब पम्मी आंटी अपने ऑफिस में गुड़िया के साथ बैठीं हुई बातें कर रहीं थी ।  
 
अचानक एक उनके ऑफिस का दरवाज़ा खोलकर बाहर खड़े हुए एक लम्बे और हैंडसम लड़के ने कहा।  
 

पम्मी मैम ! क्या मैं अंदर आ सकता हूँ ? 
 

यह वही लड़का था जो ऋषि और प्रिया की एंगेजमेंट में पम्मी आंटी को छिप-छिप कर देख रहा था । यह लड़का आज अचानक पम्मी आंटी के ऑफिस में क्या करने आया था ? क्या पम्मी आंटी की लाइफ में नया केस आने वाला है या फिर से कोई नया कलेश शुरू होने वाला है ? अब क्या होगा आगे कौन सा कलेश पड़ने वाला है जानने के लिए पढ़ते रहिए।  

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