एथन की गाड़ी एक सुनसान इमारत के सामने आकर रुकी। हल्की बारिश हो रही थी, नीना खिड़की से बाहर देख रही थी। निऑन की रोशनी में उसे अपनी परछाई दिखाई दी, उसकी आँखों में डर और चेहरे पर थकान के निशान थे। घाव अभी भी ताज़े थे। भरोसा करना अब मुश्किल था। खासकर एथन पर।

एथन ने एक नजर चारों ओर दौड़ाई, फिर बिना उसकी ओर देख कार का दरवाजा खोलते हुए बोला, “चलो।”

नीना कुछ सेकंड तक वहीं बैठी रही, फिर झिझकते हुए बाहर निकली। बारिश की ठंडी बूँदें उसके चेहरे पर गिरीं, और उसने हल्के कंपकंपाते हुए अपने हाथों को आपस में रगड़ा।

वह इमारत की तरफ देखने लगी। यह जगह उसके लिए बिल्कुल अजनबी थी, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं उसे जानी-पहचानी लग रही थी। शायद यह सिर्फ उसका भ्रम था।

एथन सतर्क निगाहों से चारों ओर देख रहा था, जैसे कुछ ढूंढ रहा हो। उसकी आँखें लगातार हरकत में थीं, हर परछाईं को जाँच रही थीं।

उसने धीमी आवाज़ में कहा,"यहाँ कोई नहीं होना चाहिए,लेकिन मैं निश्चिन्त नहीं हो सकता।"

इमारत पुरानी थी, शायद किसी जमाने में कोई warehouse रही होगी। जर्जर दीवारों पर समय की दरारें साफ दिखाई दे रही थीं। एथन ने एक साइड डोर की ओर इशारा किया, और नीना बिना कुछ कहे उसके पीछे चल पड़ी।

उनके कदमों की आवाज़ खाली गलियारे में गूँज रही थी। हर आहट किसी अनदेखी उपस्थिति का एहसास करा रही थी।

चलते-चलते, अचानक नीना को अजीब-सा अहसास हुआ। वह रुक गई, धीरे से मुड़कर पीछे देखा।

एथन उसकी हरकत को गौर से देख रहा था। उसने संदेह से पूछा, “कोई पीछा कर रहा है?”

नीना आहिस्ता से बोली,, “पता नहीं... मुझे ऐसा महसूस हुआ... जैसे कोई देख रहा है।”

एथन उसकी बात पर ध्यान नहीं देता हुआ आगे बढ़ गया। वे एक तंग, अंधेरे stairway से होकर तीसरी मंज़िल पर पहुँचे।कमरे के अंदर घुसते ही एथन ने दरवाजे को लॉक कर दिया और खिड़कियों पर मेटल shutters गिरा दिए। अंदर सिर्फ एक पुराना लकड़ी का टेबल, दो कुर्सियाँ और एक जंग लगा monitor रखा था।

एथन ने उसके सामने कुर्सी खींची और बोला,"यहाँ कोई नहीं आएगा," 

 

नीना चुपचाप खड़ी रही। उसके दिमाग में विचारों का तूफान उमड़ रहा था। कहीं यह कोई जाल तो नहीं? एथन सच में उसकी मदद कर रहा था या फिर कोई और खेल चल रहा था?

उसने जल्दी से पूरे कमरे का जायजा लिया। कोई और exit है क्या? सिर्फ़ एक ही दरवाज़ा नज़र आ रहा था वही जिससे वे अंदर आए थे।

एथन बोला, “बैठो।”

नीना धीरे-धीरे कुर्सी पर बैठ गई। उसकी आँखें अब भी हर कोने को स्कैन कर रही थीं।

 

एथन ने बोतल आगे बढ़ाते हुए पूछा, “पानी?”

नीना हिचकिचाई।एथन हल्की मुस्कान के साथ बोला,"विश्वास नहीं है?"

फ़िर उसने खुद बोतल खोलकर एक घूंट लिया और फिर नीना की ओर बढ़ा दी।

नीना ने धीरे से बोतल थामी। उसका गला सूख रहा था। उसने थोड़ा सा पानी पिया, लेकिन उसकी नज़रें एथन से नहीं हटीं। एथन ने गंभीरता से  "नीना...तुम्हें क्यों किडनैप किया गया?"

 

नीना ने गहरी साँस ली और बोली,"मुझे नहीं पता।"

एथन ने आँखों में सख़्ती के साथ कहा, "झूठ बोल रही हो।"

 

उसने अपनी कुर्सी खींची और थोड़ा और करीब आ गया। उसकी आँखें अब नीना के चेहरे पर टिकी थीं।

बाहर बिजली कड़की। एक पल के लिए पूरा कमरा तेज़ रौशनी से भर गया।

 

नीना के चेहरे पर डर और संदेह की छाया साफ़ झलक रही थी। उसने उसकी आँखों में देखा। वहाँ सिर्फ़ शक नहीं था... कुछ और भी था... कुछ ऐसा जिसे वह समझ नहीं पा रही थी।

नीना धीमे से बोली,"मैं सच कह रही हूँ।"

 

उसकी उंगलियाँ मेज़ के नीचे हल्के से काँप रही थीं।

एथन ने धीरे से आगे झुकते हुए कहा,"तुम्हारी आँखें कुछ और कह रही हैं।कोई तुमसे कुछ छिपा रहा है... या तुम कुछ छिपा रही हो?"

 

नीना ने नज़रें फेर लीं। तभी उसके सिर में तेज़ दर्द उठा, जैसे कोई भूली हुई याद बाहर आने की कोशिश कर रही हो।उसे याद आई सफ़ेद दीवारें... लैब की चमचमाती मशीनें... और एक आवाज़,

"वह जागने वाली है..."

 

 

एकदम से नीना जैसे सपने से जागी उसने अपनी कलाई पर हाथ फेरा। वहाँ एक छोटा सा निशान था... किसी बारकोड की तरह... कुछ ऐसा जो उसने पहले कभी नहीं देखा था।वो हैरानी से बोली, “यह क्या है?”

एथन ने उसका हाथ पकड़ लिया और निशान को गौर से देखा। उसके चेहरे पर कुछ पहचानने जैसा भाव आया।उसने सख़्ती से पूछा,"तुम्हें सच में नहीं पता? या यह बस एक और झूठ है?"

 

नीना अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली,"मुझे नहीं पता तुम मुझ पर भरोसा क्यों कर रहे हो।"

एथन ने ठंडी आवाज़ में कहा,"मैं भी नहीं जानता। शायद इसलिए कि मैंने तुम्हें बचाया था। और अब मुझे जवाब चाहिए।"

 

उसने टेबल पर रखे मॉनिटर को चालू किया। स्क्रीन पर कुछ धुँधली तस्वीरें उभरीं,सिक्योरिटी कैमरों की रिकॉर्डिंग।

एथन कुछ बटन दबाने लगा। स्क्रीन पर एक फाइल खुली।

 

एथन  बोला,"तुम्हारा नाम नीना है। लेकिन तुम्हारा पूरा नाम? अनजान। उम्र? अनिश्चित। पिछली बार देखी गई? नेक्स्ट-जेन रिसर्च फैसिलिटी में।"

नीना स्क्रीन पर देखती रही। वहाँ उसकी ही तस्वीर थी। लेकिन उसके बारे में जो लिखा था, उसने उसे भीतर तक हिला दिया।

 

“प्रोटोटाइप एन-7... उन्नत साइबरनेटिक इंटीग्रेशन... मेमोरी सप्रेशन...”

नीना चीखते हुए बोली,"यह बकवास है!"

 

वह झटके से कुर्सी से उठी।

एथन शांत हो कर बोला, "मुझे भी ऐसा ही लगा था... जब तक..."

 

उसने जेब से एक फ्लैशड्राइव निकाली और मॉनिटर में लगा दी।स्क्रीन पर एक वीडियो चला।नीना एक लैब में स्ट्रेचर पर लेटी थी। डॉक्टर्स उसके शरीर पर कुछ कर रहे थे। कैमरा उसके हाथ पर ज़ूम करता है,जहाँ वही बारकोड उकेरा जा रहा था।

 

ये सब देख कर नीना की साँसें तेज़ हो गईं।वो काँपती आवाज़ में बोली, “यह... यह तो...”

तभी उसे एहसास हुआ,जो सपने उसे आते थे, वे सिर्फ़ सपने नहीं थे। वे हकीकत के टुकड़े थे।वो खुद से बोली,"मैं क्या हूँ?"

 

एथन उसकी ओर देख कर बोला, “यही मैं भी जानना चाहता हूँ।”

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।ठक-ठक-ठक…

एथन  तुरंत सतर्क हुआ। गन निकाल ली और नीना की तरफ देख कर बोला,"पीछे हटो!"

 

नीना दीवार से सट गई। गला सूख गया, शरीर सुन्न होने लगा।

ठक-ठक-ठक...पहले से ज़्यादा ज़ोर से आवाज़ आई।

 

एथन  मोशन सेंसर्स ऑन किए। स्क्रीन पर कुछ नहीं था।वो हैरानी से बोला,"कोई नहीं है..." 

फ़िर आवाज़ आई,ठक-ठक-ठक...नीना ने एथन की ओर देखा। आँखों में सवाल था,"ये क्या है?"

 

एथन दरवाजे की ओर बढ़ा। नीना को इशारा किया,"तैयार रहो!"

दरवाजे के छेद से झाँका।कोई नहीं था।

धीरे से सिक्योरिटी लॉक खोला। गन कसकर पकड़ी। सावधानी से दरवाजा खोला।हवा का झोंका अंदर आया।कोरिडोर खाली था।

एथन ने कहा,"कोई नहीं है..." 

अचानक...बीप-बीप-बीप!

 

सिस्टम का अलार्म बज उठा। मॉनिटर पर लाल रोशनी चमकने लगी।एथन   घबराकर मुड़ा और बोला,"हमें ढूँढ लिया गया है!"मेटल शटर तेज़ी से नीचे गिरने लगे।नीना की  साँसें अटक गईं।

एथन  मॉनिटर पर तेज़ी से कमांड टाइप करने लगा। स्क्रीन पर सीक्रेट पैसेज का नक्शा उभर आया।

एथन ने कहा,"मुझे यह ठिकाना पहले से पता था... इसी लिए यहाँ आए थे!"

नीना शक से बोली, "पहले क्यों नहीं बताया?"

 

एथन ने जवाब दिया,"क्योंकि मुझे नहीं पता था कि तुम पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं।"

एथन ने सिक्रेट दरवाजा खोला। बाहर अंधेरा था। बारिश तेज़ थी।उन्होंने पीछे से कदमों की तेज़ आवाज़ सुनी।

 

धप-धप-धप!

किसी के दौड़ने की आवाज़। एथन ने बिना रुके, नीना का हाथ पकड़ा और खींच लिया।वे दौड़ने लगे।

गली तंग थी। आगे जाकर दो हिस्सों में बँटती थी।नीना घबराकर रुकी और बोली,"अब किधर?"

 

एथन ने एक पल को सोचा और कहा,"बाएँ!"

 

वे बाईं ओर मुड़े।गली और संकरी हो गई।पीछे से फुटस्टेप्स की आवाज़ तेज़ हो गई।

एथन गंभीर आवाज़ में बोला, "वे नज़दीक आ रहे हैं।"

 

नीना के दिमाग में अजीब विचार आने लगे। क्या वह सच में वही है जो वह सोचती है? या कुछ और… कुछ बनाया गया…?

 

वे मुख्य सड़क पर पहुँचे। चारों तरफ रोशनी थी, लेकिन उनके लिए यह कोई सुरक्षा नहीं थी।

 

एथन जल्दी से, नीना का हाथ खींचते हुए बोला,"इधर!"

वह उसे एक संकरी गली में ले गया। बारिश लगातार गिर रही थी, उनके कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे।

 

एथन बोला, "हमें अलग होना होगा।"

 

नीना ने घबरा कर कहा, “क्या? नहीं!”

एथन ने समझाया, "वे हम दोनों को एक साथ नहीं पकड़ सकते। मैं उन्हें दूसरी तरफ ले जाऊँगा।"

 

नीना ने उसका हाथ पकड़ते हुए पूछा, “तुम मुझे बताए बिना नहीं जा सकते कि यह सब क्या है! मैं क्या हूँ, एथन?”

एथन एक पल के लिए रुका। उसके चेहरे पर चिंता आई, जैसे वह कुछ कहना चाहता हो लेकिन कह नहीं पा रहा हो।

 

एथन  गंभीरता से, "नीना, मैं तुम्हें सब कुछ नहीं बता सकता। लेकिन तुम वह नहीं हो जो वे कहते हैं कि तुम हो।"

 

नीना घबरा कर पूछा, “तो मैं क्या हूँ?”

एथन सीधा उसकी आँखों में देखते हुए बोला, "तुम... खास हो। और वे तुम्हें वापस चाहते हैं।"

 

नीना ने धीरे से पूछा"क्यों?"

 

एथन एक पल की चुप्पी के बाद, गहरी आवाज़ में बोला,"क्योंकि तुम पहली हो जो भाग गई। पहली जिसने सिस्टम को धोखा दिया।"

नीना ने तेज़ी से सांस खींची। उसी वक्त, गली के मोड़ पर एक ग्लास बिलबोर्ड चमका। लाल रोशनी में एक ब्रेकिंग न्यूज़ फ्लैश हुई

 

वॉन्टेड: डेंजरस साइबरनेटिक फ्यूजिटिव

और तस्वीर नीना की थी।उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा।एथन ने उसका हाथ खींचा और बोला, "चलो!"

 

वे दौड़ते रहे। नीना के दिमाग में सब कुछ घूम रहा था। क्या यह सच है? क्या वह वाकई एक…?

नीना अपनी सांसें काबू में रखने की कोशिश करते हुए बोली, "मैं इंसान हूँ…हां मैं इंसान ही हूँ…"

 

एथन उसे एक छोटे से रेस्टोरेंट के अंदर ले गया। वहाँ कुछ ही लोग थे, सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त।

वे कोने की एक मेज़ पर बैठे।एथन धीमी आवाज़ में, लेकिन सतर्कता से चारों तरफ देखते हुए बोला, "यहाँ कुछ देर रुकेंगे। मुझे एक कॉल करनी है।"

 

नीना ने अपने हाथों को देखा। उसकी उंगलियाँ कांप रही थीं। क्या ये वाकई उसके अपने हाथ थे? या किसी प्रयोगशाला में बनाए गए?फिर अचानक उसने सिर उठाया।

 

नीना ध्यान से एथन को देखते हुए, संदेह और बेचैनी से पूछा,"तुम कौन हो, एथन?"

एथन ने उसे देखा। कुछ कहने से पहले एक पल रुका, जैसे सही शब्द तलाश रहा हो।

 

एथन धीमी आवाज़ में बोला,"मैं तुम्हारी तरह कोई नहीं हूँ, अगर यही पूछ रही हो।"

नीना ने शक भरी आवाज़ में पूछा, "तो फिर तुम क्या हो?"

 

एथन थोड़ी झिझक के बाद, गहरी सांस लेते हुए बोला, “मैं… मैं एक जासूस हूँ।”

नीना ने लगभग गुस्से से सवाल किया,"किसके लिए काम करते हो?"

 

एथन ने हल्का सा सिर झुका लिया। उसके चेहरे पर तनाव साफ़ दिख रहा था।उसने जवाब दिया, “ये बता पाना मुश्किल है।”

नीना उसके करीब झुक कर बोली,"मुझे सच बताओ, एथन। मैं अभी भी तुम पर भरोसा कर रही हूँ, जबकि हो सकता है कि तुम मुझे धोखा दे रहे हो।"

 

एथन ने गहरी साँस ली फिर बोला,"मैं 'रेज़िस्टेंस' के लिए काम करता हूँ। हम नेक्सट-जेन के खिलाफ लड़ रहे हैं - वही जो तुम्हें बनाने के पीछे हैं।"

 

नीना हैरानी से बोली,"बनाने?" 

एथन ने उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर कहा, "मैंने ग़लत शब्द का इस्तेमाल किया। वे मानते हैं कि तुम उनकी संपत्ति हो। लेकिन मैं जानता हूँ कि तुम उससे कहीं अधिक हो।"

 

तभी शीशे के बाहर, एक काली वैन रुकी। उसमें से काले सूट में कुछ लोग निकले।नीना तेज़ी से भागी,पीछे से एथन की आवाज आई,"नीना, रुक जाओ!"

 

लेकिन वह अब और नहीं रुक सकती थी। वह सच जानती थी। और उसे पता था—अब यह सिर्फ भागने की बात नहीं थी। अब यह जिंदा रहने की लड़ाई थी।

नीना तेज़ी से दरवाजे की ओर भागी, पीछे देखे बिना।

 

"नीना!" एथन चिल्लाया।

नीना एक गली में मुड़ी, फिर दूसरी में। उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था।

 

उसके सामने एक बड़ी इमारत दिखाई दी , पुराना अस्पताल जैसा लगता था। इसके ऊपर एक साइन चमक रहा था “नेक्सट-जेन रिसर्च”

नीना रुक गई,वो हैरान थी कि क्या यह इत्तेफाक था? या कुछ और?

 

वह वापस मुड़ी, भागने के लिए और सामने से आते हुए एथन से टकराई।

 

वह साँस फूली हुई आवाज़ में बोला,"नीना, मेरी बात सुनो," 

उसने पूछा,"तुम मुझे धोखा दे रहे थे?तुम मुझे यहीं लाना चाहते थे है ना?”

उसी वक्त नीना को अपने ऊपर घूमते हुए ड्रोन नज़र आए,जिसका मतलब था उस पर लगातार नज़र रखी जा रही थी।

 

क्या एथन नीना को धोखा दे रहा था? क्या नीना एथन की जाल में फंस चुकी थी? क्या वजह थी कि मौके पर एथन उसकी मदद को पहुंच गया था? जानने के लिए पढ़ते रहिए “कर्स्ड आई”

 

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