एथन को पीछे छोड़ नीना शहर की बाहरी सीमा पर एक सुनसान, जंग लगे गोदाम के अंदर बैठी थी। चारों तरफ गहरा सन्नाटा था। सिर्फ एक पुराना लैंप अपनी मद्धम रोशनी से उसकी लंबी परछाईं दीवार पर बना रहा था।
उसकी आंखें लाल थीं थकान से नहीं, बल्कि उस नयी शक्ति से जो अब उसकी रगों में दौड़ रही थी। वह अब पूरी तरह इंसान नहीं रही थी। उसकी आंख, जो अब एक साइबरनेटिक "आई" थी—मशीन और एडवांस्ड तकनीक का मिश्रण, नीना ने धीमी सांस ली और धीरे-धीरे, उसने आंख से उस कमरे में पड़े हर डिवाइस की तरफ देखा,वहां एक पुराना रेडियो, एक टूटा हुआ सीसीटीवी कैमरा, और कोने में पड़ा एक डेस्कटॉप पड़ा था,नीना के नज़र पड़ते ही सेकेंड्स में सब में जान आ गई। रेडियो से सिग्नल्स आने लगे, सीसीटीवी कैमरा मूव करने लगा, और डेस्कटॉप स्क्रीन जग गई।सामने रखे लैपटॉप की स्क्रीन पर "टर्न ऑन?" की लाल रौशनी चमक रही थी।
उसने धीरे से आंखें बंद कीं, फिर अचानक खोलीं नीली रोशनी उसकी आंख से निकली, और बिना किसी टच के लैपटॉप की स्क्रीन ऑन हो गई।
"यस," वह बुदबुदाई, जैसे खुद को कन्विंस कर रही हो कि ये सब वास्तविक है।
नीना मुस्कुराई एक अजीब सी हंसी, जो खुद उसे भी स्ट्रेंज लगी।
उसने खुद से कहा, "कितना कुछ छुपा है इस दुनिया में... और अब मैं सब देख सकती हूं, मैं बेकार में इस सबसे डर रही थी और भाग रही थी मुझे तो इसे इंजॉय करना चाहिए, मुझे शुक्रिया कहना चाहिए उसका जिसने मुझे यह आंखें दी है आखिर क्या नहीं पा सकती मैं इन आंखों से? सब कुछ, सब कुछ जो एक इंसान सोच सकता है या शायद जो इंसान के सोच से भी पड़े हो।"
इतना कह कर एक बार फिर नीना ठहाके लगाकर हंसने लगी, उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे नीना की आंखें ही नहीं उसकी पूरी पर्सनालिटी ही बदल गई हो।
अचानक उसके बॉडी में झटका आया। उसकी आंख की नीली रौशनी तेज हुई, जैसे कोई सिग्नल रिसिव कर रही हो। वह ध्यान से सुनने लगी,एक कोड जैसी आवाज़ उसके माइंड में गूंज रही थी।
“प्रोटोकॉल ए-17. लिमिट एक्सीडेड।”
वह मुस्कुराई, "ओह तो मेरी लिमिट्स हैं? चलो, टेस्ट करते हैं, देखूं तो सही मुझे कि लिमिट में बांधा गया है और क्या मैं उसे लिमिट को क्रॉस कर सकती हूं?।"
उसने सामने रखे एक छोटे डिवाइस को देखा जो कि एक मिलिट्री लैब से चुराया गया डिफेंस लॉक था, उसे देखते ही नीना ने उसकी पूरी कहानी जान ली थी। नीना ने आंखें स्कैन मोड पर डालीं, और डिवाइस के इंटरनल सर्किट उसके सामने होलोग्राम की तरह खुल गए। उसने धीरे-धीरे एक-एक वायर, एक-एक कोड लाइन को डिकोड किया।
कुछ सेकेंड्स में डिवाइस ने बीप की आवाज़ की और अनलॉक्ड।
वो खुशी से उछलते हुए बोली, “अमेजिंग ,पुलिस इसे पांच दिन से नहीं खोल पाई,और मैंने इसे देख भर लिया की खुल गया। सच में मैं इंसान से तो कई ज़्यादा ऊपर हूं।"
लेकिन अचानक उसके चेहरे पर एक्साइटमेंट से ज्यादा बेचैनी आ गई , वो सोचने लगी कि क्या वो खुद को खो रही है? क्या ये आंखें उस पर हावी हो रही हैं,इस से पहले उसे कुछ समझ आता दीवार के पार किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। नीना घबरा कर फ्रीज हो गई।
उसने अपनी आंख को ट्रैकिंग मोड पर डाला और देखा कि कौन है, बाहर एक आदमी था। काले कोट में, आंखों पर शेड्स, और कान में कम्युनिकेशन डिवाइस। वो कोई आम आदमी नहीं था।
नीना के होंठ थरथराए, "कार्टेल?" उसने झटपट सारे डिवाइसेज बंद कर दिए। वो गोदाम अंधेरे में डूब गया।
नीना दीवार के पास खड़ी हो गई, सांस रोके। बाहर से हल्की सी आवाज़ आई,"टारगेट एक्वायर्ड, शी इज हियर।"
उसकी आंख इस बार पावर से नहीं, डर से चमकी।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, कैसे निकले। तभी उसकी नजर एक छोटे से वेंटिलेशन वाली खिड़की पर पड़ी। नीना फुर्ती से उस पर चढ़ गई, लेकिन दूसरी तरफ ऊँचाई ज़्यादा थी। अगर वह यहां से गिरती, तो जाहिर है उसकी हड्डियां टूट जातीं।
पीछे से लगातार दरवाजे पर ज़ोर-ज़ोर से धमाके हो रहे थे, जैसे किसी भी पल लोग दरवाज़ा तोड़कर अंदर आ जाएंगे।
नीना के पास गंवाने के लिए समय नहीं था। उसने देखा कि एक जंग लगी पाइप नीचे जा रही है। नीना बिना कुछ सोचे उस पाइप के सहारे फुर्ती से फिसलती हुई नीचे पहुँच गई।
गोदाम की उस रात के बाद, नीना को एक बात क्लियर हो गई वो छुपकर नहीं रह सकती। वो पावर जो उसे मिली थी, वो सिर्फ गिफ्ट नहीं, एक रिस्पांसिबिलिटी भी थी। उसे छुपाने के लिए एक सुरक्षित जगह चाहिए था लेकिन ज़ाहिर बात थी ऐसी किसी भी जगह जो सुनसान हो वहां उसे आसानी से ढूंढा जा सकता था इसलिए उसने भीड़भाड़ वाले इलाके में ही रहना सही समझा और यह फैसला करके।उसने शहर की ओर रुख किया। इस बार वो एक छुपी हुई हंटर थी हर कैमरे को ब्लाइंड करती हुई, हर ट्रैकिंग सिंगनल को अपनी साइबरनेटिक आंख से हैक करती हुई आगे बढ़ रही थी।
अब वो सिर्फ देख नहीं सकती थी, वो डाटा को पढ़ सकती थी, डिकोड कर सकती थी, और मैनिपुलेट भी कर सकती थी। यह सब करके मीणा को मजा आ रहा था वह अपने आप से बोली, “ अगर वह मुझे ट्रैक कर सकते हैं तो मैं भी उन्हें ट्रैक कर सकती हूं।”
वह काफी देर से चली जा रही थी और अब काफी थक चुकी थी, उसे ब्रेक की जरूरत थी लेकिन वह कहां रुके उसे समझ नहीं आ रहा था उसे जरूरत थी एक ऐसे भीड़भाड़ वाले जगह की जहां वह आसानी से मिक्स अप हो सके और ऐसी ही जगह जल्दी उसके सामने आई "रॉयल जैक" कैसिनो।
उस वक्त रात के एक बज रहे थे, नीना ने खुद को देखा और बोली इस होली में तो मुझे कसीनो में एंट्री नहीं मिलेगी पहले मुझे अपना हुलिया सुधारना होगा बस में ही उसे एक कपड़ों का शोरूम नजर आया, नीना फुर्ती से अंदर गई और बड़ी आसानी से अपने काम की चीज लेकर वह बाहर आ गई।उसने डार्क ब्लू जैकेट और कैप में कैसिनो में एंट्री मारी। उसकी चाल में एक डेंजरस कॉन्फिडेंस था। वह आ तो गई थी लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें तभी उसके दिमाग में एक शैतानी आइडिया आया और वह अपने आप से बोली, “ अगर आ गई हूं तो क्यों ना इस मौके का फायदा उठाऊं?आखिर पता तो चले कि मेरी यह आंखें कितनी कमल की है।”
उसने अपनी आंख को ' पैटर्न स्कैन' पर सेट किया। सामने बैठे लोगों के कार्ड्स उसे फ्लैश में दिखने लगे, किसके पास क्या है, कौर बल्फ कर रहा है, सब कुछ ट्रांसपेरेंट था।
वो एक टेबल पर बैठ गई और जीत पर जीत हासिल करने लगी।
उसकी जीत से इंप्रेस हो कर किसी ने कहा,"आज तो लकी हो तुम!"
नीना स्टाइल से बोली,"लकी नहीं, स्मार्ट हूं,"
हर बेट के साथ उसका कॉन्फिडेंस बढ़ता गया।
तभी, उसे एक शॉक लगा उसकी आंख ने टेबल के नीचे एक हिडेन कैमरा डिटेक्ट किया। उसकी फीड किसी प्राइवेट सर्वर में जा रही थी।
"कौन वॉच कर रहा है मुझे?" उसने सोचा और फौरन गेम छोड़कर निकल गई।लोग उसे आवाज़ देते रहे लेकिन नीना ने पीछे मुड़ कर देखना भी सही नहीं समझा। पूरी रात उसने यूं ही भटक कर गुजारी थी अगली सुबह नीना एक अवैंडेड सरकारी बिल्डिंग में घुसी,यहां लोग कम आते थे, पर वाईफाई अभी भी एक्टिव था। वह बैठी, अपनी आंख से डायरेक्ट एक गवर्मेंट सर्वर से कनेक्ट हुई और बोली,"अब टाइम है असली सच्चाई जानने का।"
उसकी आंख की नीली रोशनी डीप हो गई। सामने वर्चुअल स्क्रीन खुलने लगीं, मिलिट्री प्रोजेक्ट, क्लासीफाई फाइल्स , सिक्रेट कम्युनिकेशन.
और फिर, एक नाम स्क्रीन पर फ्लैश हुआ:
"प्रोजेक्ट: अज़राएल"
स्टेटस: क्लासिफाइड — लेवल 9 एक्सेस ओन्ली
नीना ने एक्सेस किया, और कुछ सेकंड्स बाद एक प्रोटेक्टेड वीडियो फीड खुली। उसमें कुछ ब्लरी फेसेस थे, एक सर्जिकल रूम और... एक यंग लड़की, जिसकी आंख में वैसी ही साइबरनेटिक डिवाइस इन्सर्ट की जा रही थी जैसी नीना के पास थी।
"व्हाट द हेल..." नीना का गला सूख गया।
उसने वीडियो पॉज की, और फाइल का एंड नोट पढ़ा,
"सब्जेक्ट 07: टर्मिनेटेड। सब्जेक्ट 08: एक्टिव – रोग।"
नीना शॉक में थी। उसी पल उसकी आंख में वार्निंग आई—"अनऑथराइज्ड एक्सेस डिटेक्टेड। लोकेशन ट्रेस्ड।"
नीना ने फटाफट सब क्लोज किया और भागी। वह एक रेलवे टनल में छिपकर बैठ गई। कांपते हाथों से सिर पकड़े। उसकी आंख स्लोली डिम हो रही थी, जैसे एनर्जी कम हो रही हो। तभी उसकी आंख ऑटोमेटिकली फिर एक्टिव हो गई—उसके सामने एक नई फीड खुली। एक एन्क्रिप्टेड चैट, जिसे उसकी आंख ने डीकोड कर दिया:
"सब्जेक्ट 08 लोकेटेड। मोबिलाइज़िंग स्ट्राइक टीम।"
उसने देखा तीन लोग, उसी ब्लैक कोट और ईयरपीस में, अब उसी टनल के एन्ट्रेन्स पर आ रहे थे। उनके पास एडवांस्ड वेपन्स थे साइबरनेटिक न्यूट्रलाइज़र्स, जो शायद उसकी आंख को डिसेबल कर सकते थे। वो उसे मारना नहीं, रीकैप्चर करना चाहते थे जैसे वो कोई टेक्नोलॉजी हो, इंसान नहीं। नीना ने डिसाइड किया अब एस्केप नहीं, फाइट करेगी।
वह धीरे से टनल के अंदर मूव हुई। उसकी आंख ने सराउंडिंग्स को स्कैन किया, पुराने केबल्स, ब्रोकन स्विचेज़, और अबैन्डन्ड सिक्योरिटी पैनल दिखाई दिए। "परफेक्ट," वह मुस्कुराई।
जैसे ही पहला आदमी टनल में एंटर हुआ, नीना ने अपनी आंख से पावर पैनल को एक्टिवेट किया, पूरा सेक्शन सडनली ब्राइट लाइट से भर गया, उन्हें टेम्पररिली ब्लाइंड करते हुए।
"शी इज़ जैमिंग आवर सिस्टम्स!" एक आदमी चिल्लाया।
नीना ने अगला मूव किया, अपनी आंख से उनके कम्युनिकेशन डिवाइसेज़ को हैक किया, जिससे उनके ईयरपीसेस में पेनफुल फीडबैक क्रिएट हुआ।
दो आदमी अपने ईयरपीसेस निकालने को मजबूर हुए। तीसरा हालांकि प्रिपेयर्ड था।
एक छोटा डिवाइस निकालते हुए वो बोला, "नाइस ट्राई, 08, लेकिन तुम्हारी आई टेक्नोलॉजी हमने ही डेवलप की है, वी नो हाउ टू शट इट डाउन।"
नीना ने उसकी ओर देखा, शॉक में, वो आदमी वही डॉक्टर था जिसे उसने अपनी इन नई आंखों से पहली बार देखा था।
डॉक्टर ने आगे बढ़ते हुए कहा, "हम तुम्हें सेकंड चांस दे रहे थे, नीना, तुम सब्जेक्ट 08 हो, हमारे रक्तनेट प्रोग्राम की पहली सक्सेसफुल टेस्ट केस।"
नीना पीछे हटी, “तुमने मुझे बताया क्यों नहीं?”
उसने कोल्ड वॉइस में कहा, "क्योंकि टेस्ट सब्जेक्ट्स को बताया नहीं जाता,"
नीना गुस्से में बोली, "मैं कोई टेस्ट सब्जेक्ट नहीं हूं!"
उसकी आंख से तेज़ नीली रौशनी फूटी, और अचानक टनल की सारी लाइट्स फ्लिकर करने लगीं। सभी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट एक्टिवेट हो गए, ओल्ड स्पीकर्स से स्टैटिक, अबैन्डन्ड वेंडिंग मशीन्स से बीपिंग।
डॉक्टर के हाथ से न्यूट्रलाइज़र डिवाइस गिर गया। "व्हाट्स हैपनिंग?"
नीना ने कहा, “मैंने न्यू ट्रिक्स सीखे हैं, डॉक्टर, स्लोली फॉरवर्ड चलते हुए, आप मुझे टेक्नोलॉजी दे सकते हैं, लेकिन कंट्रोल नहीं कर सकते।”
दो गार्ड्स ने अपने वेपन्स निकाले, लेकिन नीना तेज़ थी। उसने अपनी आंख से उनके वेपन सिस्टम्स को हैक किया, जिससे वे शॉर्ट सर्किट हो गए।
डॉक्टर बोला, “तुम नहीं जानती तुम क्या कर रही हो। रक्तनेट कोई खिलौना नहीं है!”
नीना ने पूछा, “तो मुझे बताओ क्या है, क्यों बनाया तुमने इसे? और कितने लोगों को गिनी पिग बनाया है?”
डॉक्टर ने हार मानी, "रक्तनेट एक इंटेलिजेंस गैदरिंग सिस्टम है। हम चाहते थे ऐसे एजेंट्स क्रिएट करना जो टेक्नोलॉजी से डायरेक्टली कम्युनिकेट कर सकें बिना किसी डिवाइस के। तुम हमारा फर्स्ट सक्सेसफुल केस हो।"
नीना ने पूछा, “और बाकी? सब्जेक्ट 07? और दूसरे?”
डॉक्टर बोला, "फेल्ड एक्सपेरिमेंट्स, उनके बॉडीज़ ने टेक्नोलॉजी रिजेक्ट कर दी।"
नीना ने तुरंत अगला सवाल किया, “और अब? क्या प्लान है मेरे लिए?”
डॉक्टर ने कहा, "वापस आ जाओ,जो टेक्नोलॉजी तुम्हारे अंदर है वो वर्थ मिलियन्स है, और अब नेशनल सिक्योरिटी मैटर भी।"
नीना हंसी, “मैं कोई डिवाइस नहीं हूं जिसे तुम रीप्रोग्राम कर लो, डॉक्टर। मैं अब भी ह्यूमन हूं।”
डॉक्टर ने इनसिस्ट किया, "तुम एक्सपेरिमेंट हो, और एक्सपेरिमेंट लैब में वापस आते हैं।"
अचानक, उसके फोन पर एक मेसेज आया। डॉक्टर ने जैसे ही अपने फोन की स्क्रीन की तरफ देखा इतने में नीना वहां से निकल गई, डॉक्टर गुस्से में भरकर चिल्लाया लेकिन तब तक बात हाथ से निकल चुकी थी। नीना वहां से निकाल तो गई थी लेकिन ऑटोमेटिक उसके आंखों ने कुछ ऐसे फोल्डर्स खोल दिए थे जिससे वे लोगों से आराम से ट्रेस कर सकते थे।और अब नीना भाग कर भी उनके चंगुल में फंस चुकी थी।
क्या नीना पकड़ी जाएगी? नीना जीस एक्सपेरिमेंट का हिस्सा थी उसका मकसद क्या था? क्या नीना अपने साथ हुए इस हादसे की हकीकत कभी जान पाएगी? क्या नीना अपने इन आंखों को अपना लेगी? जानने के लिए पढ़ते रहिए “कर्स्ड आई।”
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