शहर की चमचमाती रोशनियों के बीच एक अंधेरा था जो नीना को निगल रहा था। उसकी सांसें तेज़ थीं, दिल धड़क रहा था और वो बस एक ही चीज़ जानती थी - उसे भागना है, जितना दूर हो सके। 

 

"ला सिएगा,यानि कि। अंधी लड़की" वो नाम जिससे कार्टेल और उसके लोग उसे जानते थे। नीना को वो इन्फॉर्मेशन मिल गई थी जो उसे नहीं पता होना चाहिए था। वही गलती थी उसकी। और अब वो गलती उसे अपनी जान से हाथ धो बैठने पर मजबूर कर सकती थी।

 

न्यूयॉर्क शहर के भीड़-भरे सड़कों पर नीना ने अपने आप को गुमनामी की चादर ओढ़ ली थी। एक आम लड़की की तरह दिखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी आंखों में एक डर था जो उसे अलग बना रहा था। हर आती-जाती कार, हर अजनबी चेहरा, हर अचानक आवाज़ उसे चौंका देती थी। 

 

नीना ने अपना हूडी का कॉलर ऊपर खींचा और सिर झुकाकर चलती रही। उसके जूतों के नीचे गीली सड़क चमक रही थी, बारिश की बूंदें अब भी उसके बालों पर टपकती हुई उसके चेहरे को भिगो रही थीं। वह रुकी नहीं, एक पल के लिए भी नहीं। वह जानती थी कि वे लगातार। उसका पीछा कर रहे हैं।

 

"वो आ रहे हैं," उसने खुद से कहा, अपने आप को याद दिलाते हुए कि आराम करने का समय नहीं है।

दूसरी तरफ एयरपोर्ट से दो शख़्स मिगुएल और कार्लोस निकल रहे थे जिनका मकसद सिर्फ़ एक था एक लड़की को खोजना, जिसके बारे में कार्टेल  ने कहा था "हर कीमत पर पकड़ो"।

"ला सिएगा न्यूयॉर्क में है," मिगुएल ने कार्लोस को बताया, 

मिगुएल और कार्लोस कार्टेल के सबसे खूंखार हत्यारों में से थे।  मिगुएल बोला, "बॉस ने कहा है कि इस बार गलती नहीं होनी चाहिए, वो लड़की बहुत कुछ जानती है।”

 

टैक्सी में बैठते हुए दोनों ने एक-दूसरे को देखा। उन्हें पता था कि नीना की खोज आसान नहीं होगी।

टैक्सी मंजिल की ओर बढ़ी, मिगुएल ने अपने फोन पर एक एप्लिकेशन खोला और नीना की आखिरी जानी-मानी लोकेशन चेक की। वह ट्रैकिंग डिवाइस उनके बॉस की खास टेक्नोलॉजी थी। अगर नीना अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करेगी, तो वह सिग्नल इमिट करेगी, और वे उसे खोज लेंगे।

 

मिगुएल ने कहा, "वो अभी भी हिडन मोड में है,"लेकिन वो ज्यादा देर तक अपनी पावर को दबा नहीं पाएगी। और जब वो उसका इस्तेमाल करेगी...तब हम वहां होंगे," 

 

वहीं नीना  एक छोटे से अपार्टमेंट में छुपी थी, जिसका किराया उसने नकद में दिया था। बिना किसी सवाल के, बिना किसी पहचान पत्र के ,मकान मालिक को बस पैसों से मतलब था। उसने अपना नाम सारा बताया था। कोई भी उसका असली नाम नहीं जानता था, कम से कम यहां नहीं।

 

अपार्टमेंट की खिड़की से वो सड़क पर नज़र रखे हुए थी। हर आने-जाने वाले व्यक्ति को देखती, हर रुकने वाली कार पर नज़र रखती। नीना जानती थी कि वो उसे ढूंढ रहे हैं। उसने देखा था कि वो क्या करते हैं। 

"कितने दिन और ऐसे छुपी रहूंगी?, उसने खुद से पूछा और अपने बालों को कांपते हाथों से पीछे धकेलते हुए। 

अपार्टमेंट में नीना के पास बहुत कम सामान था – एक बैकपैक, कुछ कपड़े, एक लैपटॉप जिसे वह सिर्फ एमरजेंसी के लिए रखती थी, और फिर भी इस्तेमाल करने से डरती थी। एक छोटा डायरी जिसमें वह कोड वर्ड्स में नोट्स लिखती थी, जिसे सिर्फ वही पढ़ सकती थी।

 

बारिश के साथ शहर में रात गहरी होती गई थी। मोटरसाइकलों की गरज, हॉर्न की आवाजें, और रेस्तरां से निकलते लोगों की हंसी – सब एक साथ मिलकर न्यूयॉर्क का शोर बना रहे थे।

 

वो हत्यारे नजदीक थे। "यह वही इलाका है।" मिगुएल ने कहा। जैसे ही वे सड़क पर चलने लगे। उन्होंने आम अमेरिकियों की तरह कपड़े पहने थे - जींस, टी-शर्ट, जैकेट। लेकिन उनकी चाल, उनकी आंखें, वो सब कुछ अलग था। वे शिकारी थे और उनका शिकार करीब था।

 

कार्लोस ने कहा, “हर दरवाजे पर दस्तक दो अगर ज़रूरत पड़े ला सिएगा यहीं कहीं है।"

 

उन्होंने  हर बिल्डिंग की जांच शुरू कर दी। लोगों से पूछताछ की, दिखावा किया कि वे एक खोई हुई बहन की तलाश में हैं। कुछ लोग मददगार थे, अधिकतर अनजान थे, लेकिन हर किसी ने उनकी आंखों में एक ऐसी ठंडक देखी जो उन्हें असहज कर गई।

 

एक रेस्टोरेंट के मालिक ने उन्हें बताया, "हां, एक नई लड़की है, अकेली रहती है, ज्यादा बात नहीं करती। सातवीं गली के कोने पर वाली बिल्डिंग में।"

 

मिगुएल ने कार्लोस की ओर देखा, एक मुस्कान उसके होंठों पर फैली। "ला सिएगा," उसने धीरे से कहा।

 

दोनों आदमी तेजी से बिल्डिंग की ओर बढ़े। बारिश अब तेज हो रही थी, जैसे कि आने वाले खतरे की घोषणा कर रही हो। उनके कदम सड़क पर फैले पानी में छप-छप की आवाज़ करते हुए, वे नीना के अपार्टमेंट की ओर बढ़ते गए।

 

मिगुएल ने कहा, "याद रखो, बॉस उसे जिंदा चाहता है।”

 

कार्लोस ने सिर्फ सिर हिलाया। वह बात करने से ज्यादा काम करने में विश्वास रखता था।

उधर नीना अपार्टमेंट में अपने बैग में आखिरी जरूरी सामान पैक कर रही थी। उसे एक पल के लिए अजीब सा लगा, जैसे हवा में कुछ बदल गया हो।

 

नीना को अचानक एक अजीब सी बेचैनी महसूस हुई। जैसे हवा में कुछ बदल गया हो। उसने खिड़की से बाहर देखा और उसका दिल धड़क गया। वहां नीचे, सड़क पर, दो आदमी थे जो लोकल नहीं लग रहे थे। वे ऐसे लग रहे थे जैसे किसी की तलाश में हों, और नीना को पता था - वे उसी की तलाश में थे।

 

उसने जल्दी से अपना बैग उठाया, सिर्फ़ ज़रूरी सामान डाला और दरवाजे की ओर बढ़ी। लेकिन फिर रुक गई। अगर वे वास्तव में कार्टेल के आदमी थे, तो वे पहले से ही बिल्डिंग के सभी दरवाज़े पर नज़र रखे होंगे। वो फंस चुकी थी।

 

"सोचो, नीना, सोचो," उसने खुद को फुसफुसाया। उसकी आंखें कमरे में घूमीं, किसी भी रास्ते की तलाश में।

 

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। "सेनोरिता," एक आवाज आई, "हम आपकी मदद के लिए आए हैं। आपकी सुरक्षा के लिए।"

 

नीना जानती थी कि वे झूठ बोल रहे थे। वो जानती थी कि वे कौन थे। वो जानती थी कि वे क्या चाहते थे।

 

वक्त खत्म हो रहा था। ला सिएगा - अंधी लड़की - को अब अपनी आंखों का इस्तेमाल करने की ज़रूरत थी।

 

नीना के दिमाग में एक आइडिया आया। उसकी साइबेरियन आंखें, वह कुछ सेकंड के लिए अपनी आंखें बंद करके अपने अंदर की शक्ति को जगाने लगी।

 

" दरवाजा खोलो," आवाज़ फिर आई, इस बार ज़्यादा तेज।

 

नीना ने गहरी सांस ली।और अपनी आंखें खोली, "ठीक है," उसने आत्मविश्वास से कहा और धीरे से दरवाजा खोला।

 

मिगुएल और कार्लोस ने उसे देखते ही अपने हथियार निकालने की कोशिश की, लेकिन तभी नीना की आंखों ने उन्हें कंट्रोल कर लिया,वो बोली, "तुम मुझे नहीं देख सकते," उसकी आवाज़ अब हिप्नोटिक थी। "मैं यहां नहीं हूं। तुम्हें गलत जानकारी मिली है।"

 

दोनों आदमियों की आंखें खाली हो गईं। वे स्थिर खड़े थे, जैसे समय थम गया हो।

 

नीना ने ऑर्डर दिया, "तुम दोनों यहां से चले जाओगे और तुम्हारे बॉस को बताओगे कि ला सिएगा न्यूयॉर्क छोड़ कर चली गई है।" 

 

मिगुएल और कार्लोस ने मशीनों की तरह सिर हिलाया और मुड़कर चलने लगे। नीना जानती थी कि यह इफेक्ट ज्यादा देर तक नहीं रहेगा, लेकिन यह उसे भागने के काफ़ी था।

 

वह तेज़ी से अपने बैग को उठाकर उनके पीछे से निकली और सीढ़ियों की ओर दौड़ पड़ी, एलिवेटर के बजाय। अपार्टमेंट बिल्डिंग के पीछे की गली से वह भाग निकली।

 

बाहर बारिश अब धीमी हो गई थी, नीना ने मेट्रो स्टेशन की ओर भागना शुरू किया, उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।

 

लेकिन जैसे ही वह मेट्रो स्टेशन की ओर बढ़ी, उसके सिर में तेज़ दर्द होने लगा। और फिर उसे महसूस हुआ - उसके कान में एक हल्की सी आवाज, एक बीप जो लगातार बढ़ रही थी।

 

"स्ट्रांग सिग्नल," उसने फुसफुसाया, पसीने से तर होती हुई। कार्टेल के पास ऐसी तकनीक थी जो उसकी शक्तियों को ट्रैक कर सकती थी। हर बार जब वह अपनी आंखों का उपयोग करती, वे उसे खोज सकते थे। 

नीना ने अपने आसपास देखा, अपना दिमाग तेज़ी से काम कर रहा था। वह जानती थी कि अब वह अकेले सुरक्षित नहीं रह सकती। उसे मदद की जरूरत थी, लेकिन किसकी?

 

फिर उसे याद आया एक नाम, “वॉल” क्या वह उस पर भरोसा कर सकती थी? क्या वह उसकी मदद करेगा?

 

नीना जानती थी कि उसके पास ऑप्शन कम थे और समय और भी कम। सिग्नल तेज़ हो रहा था, जिसका मतलब था कि मिगुएल और कार्लोस जल्द ही उसके प्रभाव से बाहर आ जाएंगे और बाकी टीम को सतर्क कर देंगे।

 

उसने फैसला लेते हुए कहा। "मुझे उसे ढूंढना होगा।"

 

मेट्रो की गड़गड़ाहट में वह अपने ख्यालों में डूबी थी, उसके मन में एक सवाल गूंज रहा था, “ क्या वॉल को नीना पर यकीन होगा? क्या उसको नीना की कहानी पर होगा,?”

 

मेट्रो से बाहर निकलकर नीना ने अपने टैबलेट पर एक एड्रेस सर्च किया। उसकी उंगलियां कांप रही थीं। वॉल के बारे में उसे बहुत कम पता था - एक पता जो उसने  सुना था,  वह उस पते से कुछ मील की दूरी पर ही थी।

 

रात अब गहरी होती जा रही थी, और बारिश फिर से शुरू हो गई थी। नीना ने एक टैक्सी पकड़ी और पता बताया। टैक्सी ड्राइवर ने अजीब नज़रों से उसे देखा। वह जानता था कि वह इलाका सुरक्षित नहीं था, खासकर इस वक्त।

 

"आपको पूरा यकीन है मैंम की आपको इसी एड्रेस पर जाना है?”उसने पूछा।

 

"हां," नीना ने कहा, अपनी आंखों को नीचे रखते हुए। "मुझे जल्दी वहां पहुंचना है।"

 

टैक्सी चल पड़ी, न्यूयॉर्क की जगमगाती सड़कों से गुजरती हुई, धीरे-धीरे शहर के एक पुराने, उपेक्षित हिस्से में प्रवेश करती हुई। इमारतें अब पहले से भी ज्यादा टूटी फूटी और पतल,दिखाई दे रही थीं, सड़कें तंग और गलियां अंधेरी। 

 

टैक्सी ड्राइवर ने मिरर में पीछे बैठी नीना को गौर से देखा जैसे वह समझना चाहता हूं कि यह लड़की ऐसी जगह पर क्यों जा रही है,आखिर में जब उसे सस्पेंस बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने सवाल पूछ लिया, “ माफ करिएगा मैडम लेकिन क्या मैं जान सकता हूं कि आप न्यूयॉर्क के इन अंधेरी गलियों में क्यों जा रही हैं? मैं सिर्फ इसलिए पूछ रहा हूं ताकि अगर आपको कोई हेल्प लगे तो मैं कर सकूं।”

 

नीना ने कड़े लफ्जों में कहा, “उससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए, आपको जो काम बोला है वह कीजिए अपने पैसे लीजिए और यहां से जाइए।”

 नीना का जवाब सुनकर ड्राइवर खामोश हो गया।

 

जब टैक्सी एक ईंट के बने पुराने वेयरहाउस के सामने रुकी, नीना का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। नीना ने अपनी हुडी कसकर सिर पर खींची और एक जंग लगे भारी दरवाज़े के सामने आकर रुकी। 

उसने एक गहरी सांस ली... और दरवाज़ा धीरे से धक्का दिया।

दरवाज़ा आवाज़ करते हुए खुला... और नीना भीतर चली गई।

 

चलते हुए वह खुद से पूछ रही थी, “क्या मैने यहां आकर सही किया है? क्योंकि मैं जिससे मिलने जा रही हूं वह कोई मामूली इंसान नहीं है, उसके जैसा हैकर शायद ही कोई हो इस दुनिया में दूसरा।”

 

लेकिन उसने खुद को तसल्ली दिया और कदम बढ़ाती गई।

 

सामने एक लंबा संकरा कॉरिडोर था। दीवारों पर पुरानी ईंटें, छत से टपकती बूंदें, और एक अजीब सी ठंडक। वो धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई। हकॉरिडोर के अंत में एक हल्की नीली रोशनी चमकी। नीना थमी नहीं, आगे बढ़ी।

 

कमरे में कदम रखते ही, उसकी आंखों के सामने दर्जनों मॉनिटर की रोशनी फैल गई। हर स्क्रीन पर कुछ न कुछ चलता हुआ—कोड्स, सिक्योरिटी फीड्स, डेटा फ्लो।

 

कुर्सी पर कोई बैठा था। उसकी पीठ नीना की ओर थी। सिर झुका हुआ, उंगलियां कीबोर्ड पर लगातार चल रही थीं।

 

नीना ने एक पल रुककर सांस ली, और कहा, "मुझे... तुम्हारी मदद चाहिए।"

 

एक पल को कमरे में सन्नाटा छा गया।

फिर उसी सन्नाटे को चीरती हुई एक शांत, लेकिन पैनी लड़की की आवाज गूंजी, "मुझे पता था... नीना।

तुम यहां जरूर आओगी।"

 

नीना की आंखें चौड़ी हो गईं। वो वहीँ रुक गई...

उसके चेहरे पर हैरानी थी। उसने शक भरी आवाज में पूछा,"तुम्हें... कैसे पता?"

 

कुर्सी हल्के से घूमी... लेकिन चेहरा अब भी अंधेरे में छिपा रहा।

स्क्रीन की हल्की रोशनी में बस एक जोड़ी चमकती आंखें दिखाई दीं।

 

कमरे की हर स्क्रीन पर नीना की ही तस्वीरें चल रही थीं—अलग-अलग जगहों से, अलग-अलग तारीखों में। कुछ तो ऐसी थीं जिन्हें नीना ने कभी नहीं देखा था।

उसके चेहरे पर सन्नाटा उतर आया।

 

उस पल, नीना को एहसास हुआ कि वो जितना वॉल को खोज रही थी। वो उससे कहीं पहले से वॉल की निगाह में थी।

 

सवाल ये नहीं कि नीना वाल तक कैसे पहुंची...

सवाल ये है कि वाल उसे कब से देख रही थी...और क्यों? क्या वॉल पर भरोसा करना एक बेवकूफी थी? जानने के लिए पढ़ते रहिए “कर्स्ड आई!”

 

 

 

 

Continue to next

No reviews available for this chapter.