तभी अयाना पीहू को शांत करती है-"रिलेक्स
बच्चा,कुछ नहीं होगा सब ठीक हो जाएगा,सुनो मेरी बात,पिहू तुम बाहर जाओ मैं बात करती हूं इनसे!"
पीहू माहिर को घूरते हुऐ -"दी मैं नह़ी जाऊंगी?"
अयाना-"मैनैं कहा ना बाहर जा़ओ,एंड डोंट वेरी जिसने बिगाड़ा है वहीं समेटागा भी (माहिर की ओर गुस्से से देखते हुए)तुम्हारे साथ किसी भी वजह से मैं गलत नहीं होने दूंगी पिहू...ना तो मैं इनकी बात मानूंगी और ना ही इनको तुम्हारे साथ ये सब करने दूंगी जो ये कर रहे है,क्योकि गलत गलत होता है है और गलत.... सही कभी नहीं हो सकता है जानती हो ना,यकीन है ना मुझ पर!"
पिहू ने हां में सिर हिलाते-"खुद से भी ज्यादा है दी,ओके मैं बाहर जाती हो"....इतना कह पिहू माहिर की ओर देखते बाहर चली जाती है!"
तभी माहिर मुंह से फूंकते हुए-"उप्स....जैसे तुम बातें करती हो वैसे ही तुम्हारी बहन बातें करती है,जुड़वा बहन है ये तुम्हारी नो नो जुड़वा तो नहीं है पक्का तुम इसको क्लासिज देती होगी ?"
अयाना माहिर की ओर जाते-"ये.... आपका न्यू प्लान है ना,फिर नयी चाल चली है ना आपने,ये ब्लैकमेलिंग की,पहले खुद ही मेरी मामी को पैसे देकर महान बन गये,फिर उनको अपनी शर्तों मे उलझा डाला,मैं जॉब लेने गयी मिस्टर बजाज के यहां तो इंटरव्यू कैंसल करवा दिया और अब फिर नया ड्रामा,मेरी बहन पिहू के रिजल्ट के साथ छेड़कानी,आप इतने बड़े आदमी है और सोच आपकी कितनी छोटी होगी मिस्टर खन्ना पर सच में आपने अपनी इन हरकतों के चलते प्रूफ कर दिया आपकी सोच छोटी ही नहीं बहुत ही गिरी हुई है क्यों किया है आपने ये सब?"
माहिर अपने बालों में हाथ घुमाते हुऐ-"तुम नहीं जानती क्या....मेरा कॉल नहीं उठाया,मुझसे बात नही की तुमनें .....और तो और मेरे काम को भी साफ मना कर दिया,....एंड जैसे मुझे वेट करना पंसद नहीं वैसे ही मुझे ना सुनना भी मुझे पंसद नहीं!"
अयाना मुस्कुराते हुए-"तो आदत डाल लिजिऐ मिस्टर खन्ना,मेरी ना कभी हां में नहीं बदलेगी,
आपको लगता है आप ब्लेकमेल कर मुझे मना लेगें,मैं कभी आपके साथ काम नही करूंगी आप मान लिजिए और ये करूरते करना बंद किजिए जो कर रहे है आप!"
माहिर अयाना की अंगुली कर उसे हिलाते हुऐ-"
सेम यही,तुम्हारा ये कहना,बोलना मुझे बिल्कुल पंसद नहीं आया और फिर से वहीं कर रही हो,
आदत मैं नहीं तुम डालो मिस अयाना मेरी,और लगता है मुझे,ऑफकोर्स लगता है मुझे कि अच्छे से मुझे ना?हां में बदलनी आती है!"
अयाना-"तो गलत लगता है आपको?"
माहिर-"और देखो तुमने फिर वहीं किया ,मुझसे जुबान लड़ा रही हो फालतू में,जो पंसद नहीं मुझे सो मुझे तो ये सब करना पड़ा मिस अयाना सोचा मिलना भी हो जाएगा,और एक मौका भी दे दूं ना को हां में करने का,कैसा लगा सरप्राइज!"
अयाना ना में सिर हिलाते हुए-"आपके जैसे ही घटिया!"ये सुनते ही माहिर टेबल पर हाथ मारते हुए चेयर से खड़ा हो गया-"व्हाट द हेल?"
अयाना-"येस जैसे काम आप कर रहे है,ना हेल में ही जाऐगें,नरक समझ पा रहे है ना.....किसी बेकुसूर के साथ ये सब कर के आप कोई अच्छा काम कर रहे है नहीं मिस्टर खन्ना ऐसा कर आप ना उसकी मेहनत उसकी लगन उसके सपने,उस
की लाईफ सब बर्बाद कर रहे है जिसने रात दिन कोशिश की है कुछ पाने के लिऐ ,कुछ बनने के लिए,आपके जैसे नही पैसें फैंको और सब काम हो जाए,पर आपकी इस हरकत की वजह से उसकी कोशिश,उसके ड्रीम,उसके विश्वास सब पर पानी फिर जाएगा,...क्या होगा सोचा भी है आपने जो किया है आपने उसके बाद,क्या बीत रही है उस पर उसके परिवार पर आप जानते भी है,बिना कोई गलती के आप उनको ऐसी सजा दे रहे है जो आपको नहीं करना चाहिऐ,प्रोब्लम मुझ
से है ना तो मेरी पिहू को क्यूं तकलीफ दे रहे है,
मुझसे टक्कर लिजिए मेरे अपनों को आप क्यों निशाना बना रहे है मुझे हराकर जीतना चाहते है
आप वो भी ऐसे घटिया प्लान बनाकर,मैं सोच भी नहीं सकती थी कि आप इतना गिर जाएगें मिस्टर खन्ना?"
अयाना की बातें सुन माहिर हंस दिया मानो उसे कोई फर्क ही न पड़ रहा हो,ऐसा लग रहा था उसे देख कि उसने जो किया उसे उसका कोई गिल्ट ही नहीं,वो अयाना की ओर चला आया-" तुम सोच भी नहीं सकती हो मैं क्या क्या कर सकता हूं अब तुम सिर्फ ये सोचो....मैंने तुमसे बात की,कहा नोर्मली मेरी बात मान लो पर नहीं तुम हो कि जिद्द पर अड़ी हो,सो मुझे ये वे चूज करना पड़ा क्योकि मैं जान चुका हूं तुम्हारी जान तुम्हारी फैमिली में बसती है,तुम्हारे मामा मामी
तुम्हारी बहन,यही है ना फैमिली में तुम्हारी,तुम्हारे अपने जिनसे तुम बहुत सारा प्यार करती हो!
"सो जो मैनैं करना था कर दिया अब आगे क्या कर सकता हूं मैं वो सुनो(अयाना के चारों ओर घूमते हुऐ)अभी तो फेल करवाया जब तक ना चाहूं तक तब रियल रिजल्ट भी नही मिलेगा उस
को जिसम़े उसने सच में टॉप किया है,सो उस
के ड्रीम फ्यूचर ये बाद का है हम प्रेजेंट की बात करते है,सोचो मैं चाहू तो उसे कॉलेज से बाहर निकाला जा सकता है ,फिर कही भी एडमिशन नहीं,ग्रेजुएशन में ही अटकी रह जाएगी तुम्हारी बहन,और तुम्हारी मामी...... वो भी सीधा जेल जाएगी....वो जो मेरे पैसे नहीं लौटा पाएगी और तुम्हारे मामा सोचो वो जो किसी कंपनी में बीस पच्चीस हजार वाली नौकरी करते है ना तो उन
को वहां से भी बाहर निकलवा दूं फिर क्या होगा,
तुम्हारा सबकुछ छिन जाएगा मिस अयाना क्या होगा तुम्हारे परिवार का.....तुम्हारी ना से सबको प्रोब्लम होगी पर तुम्हारी हां सबको इस सब बचा सकती है (अयाना के सामने रूक भोहें उचकाते हुए)सो थिंक अबाऊट दिश!"
ये सब सुन अयाना का जबड़ा कस जाता है वो अपनी मुठ्ठी भींचते माहिर पर गुस्से से चिल्लाते हुऐ कहती है-"आप अपने इरादो में कामयाब होने के लिए मेरी फैमिली को मोहरा बना रहे है,
आपको शर्म आनी चाहिए,उन्होनें कुछ भी नहीं बिगाड़ा है,आपकी इगो इतनी बड़ी है कि अपनी जिद्द के लिए आप किसी भी हद तक जाएगे!"
माहिर मुस्कुराते हुए-"मैं बिजनेसमैन हूं,अपने फायदे का ही सोचूंगा ना,दूसरो के नुकसान का सोचता तो आज यहां थोड़ी होता और जो मुझे चाहिए ना उसके लिऐ मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं किसी भी हद तक!"
तभी अयाना माहिर का कोट अपने हाथों में कस
कर पकड़ लेती है माहिर की मुस्कुराहट इस वक्त अयाना को चुभ रही थी क्योकि वो अपनी इगो और जिद्द के चलते .....अयाना की फैमिली को तकलीफ दे रहा था जो अयाना से बर्दाश्त न हो रहा था,....उसकी आखों में उस वक्त नमी और माहिर के प्रति बेदद गुस्सा नजर आ रहा था तभी वो दांत पीसते माहिर की आखों में झांकते हुऐ जोर से चिल्लाते हुऐ बोली-"क्यों कर रहे है आप ऐसा?आखिर क्यों?"
तभी माहिर ने अयाना की कमर में अपनी बाहं फंसाई और उसे अपने करीब कर एटीट्यूड वाले लहजे में अयाना की आखों में झांकते हुऐ बोला -"बिकोज आई लव यू!"
माहिर के मुंह से "आई लव यू"सुन अयाना का मुंह बन गया,वो कुछ कहती कि माहिर हंस पड़ा
उसको हंसते देखकर अयाना समझ गयी उसकी बात का मतलब वो उसी पल उससे दूर हो गयी,
तभी माहिर हंसते हंसते उसकी ओर देखते बोला
-"मजाक कर रहा था सिरियश मत ले लेना,मुझे और तुमसे प्यार नेवर!"
अयाना बतीसी दिखाते-"रियली मिस्टर खन्ना (एक पल रूककर)मैं फालतू की ऐसी कोई खुश
फहमी पालूंगी आप इस तरह की गलतफहमी में नहीं रहिएगा!"
ये सुन माहिर का हंसना बंद हो गया,वो अयाना को घूरते हुऐ-"तुम खुद को समझती क्या हो?"
अयाना अपने हाथ बांधते हुए-"वहीं तो आप मुझे समझ ही नहीं पा रहे हैं!"
माहिर एटीट्यूड वाले लहजे में-"समझना भी नहीं चाहता!"
अयाना हंस दी-"समझना चाहेगें तब भी आपको हम समझ नहीं आएगें,,,पता है क्यों क्योकि हम आपकी समझ से बाहर है,आपकी समझ इतनी विकसित नहीं है कि आप हमें समझ सके,कैसे समझेगें आप,आपको तो अच्छा बुरा कुछ भी समझ ही नहीं आता,समझ आता तो हमारे पीछे यूं हाथ धोकर नहीं पड़ते,बहुत बड़े बिजनेस मैन है ना आप,आपके पास कोई काम धंधा नहीं है क्या जो आप हमारी और हमारी फैमिली की बैंड बजाने पर तुले है जबकि हमनें तो आपका कुछ नहीं बिगाड़ा,आप गलत थे हमनें आप को गलत कह दिया तो आपकी इंसल्ट हो गयी और आपने हमारे साथ जो बेतुकी बातें की वो क्या था,बोलो
आपने कोई हमारी तारीफ में कसीदे तो नहीं पढ़े थे ना,हिसाब बराबर मान लिजिऐ,किस्सा-मसला जो भी है अब खत्म किजिए ना,आप अपने रास्ते जाईऐ हमें हमारे रास्ते जाने दिजिऐ!"
माहिर मुस्कुराते हुऐ अयाना के पास चला आया-
"रास्ते में आई थी तुम,हटने को कहा था मैनैं तुम नहीं हटी ,तुम्हें क्या लगता है तुम्हारे कहने से मैं हट जाऊंगा,जानती तो तुम भी नहीं हो मुझे,मैं माहिर खन्ना हूं ,,,जिसकी कोई इंसल्ट करे तो उसकीं भरपाई किस कदर होती है तुम सोच भी नहीं सकती,कैसे बराबर मान लूं तुम हो क्या मेरे बराबर,कहां तुम कहां मैं,तुमनें म़ुझसे पंगा लिया है अब भुगतना तो पड़ेगा,जो मैं चाहता वो होकर रहता मिस(एटीट्यूड के साथ भोहें चढ़ाते हुऐ)
अयाना होकर रहता है!"
अयाना गहरी सांस भरते-"बस अपनी ही करनी है आपको चाहे वो सही हो या नहीं है ना,,,इगो हर्ट क्या हुई मतलब आप चाहते है सारी दुनिया आपको सलाम ठोके,दुनिया ऐसा कर भी देगी पर हमसे ऐसी उम्मीद रखना बेकार है,हम उन्हीं के आगे झुकते है जो सच्चे हो जो भरोसे के भी लायक हो,आपके मैनेजर की भी चार बातें मान सकते है हम ,पर आपकी नहीं मानेगें,आप कैसे इंसान है ये जानने के बाद तो बिल्कुल नहीं,आप को किस बात का इतना घंमड है अपने पैसे का
एक बात बोले,, होगें आप पैसे वाले अमीर पर आप इंसानियत के मामले में बहुत गरीब है बहुत गरीब ,आपके पास दिमाग तो है पर उसके पेच डीले हो चुके है जाकर मरम्मत करवाईऐ!'
"दिल है आपके पास जिसके चलते आप जिंदा पर उसमें भावनाओं का अकाल सा पड़ा हुआ है,
इमोशन नाम की चीज हो तब कुछ महसूस हो ना
आपको आप जो कर रहे है वो,हमें आपको नहीं जानना है ,क्या बोला था आपने आपको मुझसे प्यार(हंसते हुऐ)मजाक था ना आपका,मजाक के लायक भी नहीं था,मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं कि आप जैसे शख्स का प्यार बनूं या मुझे जिससे प्यार हो वो आपके जैसा हो,इस मामले में मैनैं ना अच्छा अच्छा सोचा हुआ है इतना भी बुरा मत कहिऐ!"
दिन में एक बार जुंबा पर सरस्वती मां विराज
मान होती है कहीं पता चले आपका बोला हुआ अशुभ सच हो जाए,हम तो मारे ही जाएगें,आप
से मिले हम हमारा जीना दुर्भर हो गया,कही श्राप लग गया तो हमें (दोनो़ हाथों का क्रोस बनाकर अपनी गालों को टच करते)तोबा तोबा,अच्छा कहिऐ ना हमारी इतनी भी बड़ी दुश्मनी नहीं,जो है उसको सुधारा भी तो जा सकता है!"
ये सुन माहिर अयाना को बड़े ही गौर से देखने लगा वो भी एकटक बिना पलकें झपकाऐ,माहिर को ये करते देख अयाना थोड़ा पीछे हो गयी और हैरान होते तपाक से बोली-"क्या कर रहे आप?"
माहिर अपनी कमर से हाथ टिकाते-"तुम कैसी लड़की हो,मेरी इंसल्ट भी कर रही हो और मुझे
नसीहत भी दे रही हो,मैं कैसा हूं ये भी बोल रही हो जो अच्छा लगे वो तो बिल्कुल नहीं,और मुझे क्या करना चाहिए वो भी बता रही हो,मतलब
थप्पड़ भी मार रही हो मुझे और कह रही हो रोना मत!"
ये सुन अयाना दूसरी तरफ देखने लगी और मन ही मन खुद से-"जिस तरह की बेवकूफी भरी हरकतें कर रहे है उतने बेवकूफ है नहीं,समझते है फिर भी नासमझी कर रहे है पता नहीं क्यों इन की अक्ल पर पत्थर पड़ गये है ,माता रानी इन की अक्ल ठिकाने ले आईए ना हमारा भी भला हो जाएगा?"अयाना खुद से मन ही मन बड़बड़ा रही थी कि माहिर उसके सामने आ खड़ा हुआ,
अयाना के अपने कदम फट से पीछे ले लिए और वो मासूमियत भरे लहजे में वो अपनी पलकों को झपकाते बोली-"मैनैं आज आपको थप्पड़ भी नहीं मारा,उस दिन मारा क्यूं जानते है ना आप,मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं और ना ही मैं आपको चाहने वालों में से!"
माहिर खुद की ओर इशारा करते-"दुनिया भर की लड़कियां मरती है मुझपर,तुम तो काऊंट भी नहीं कर पाओगी कितनों का क्रश हूं मैं और तुम कोई हूर की परी नहीं हो जो माहिर खन्ना का तुम्हारे साथ मेच हो,कोई मेच नहीं है,तुम्हें देखूं भी ना मैं और तुम मुझे चाहो इतनी औकात है क्या तुम्हारी?मेरे सामने खड़े रहने लायक भी नहीं हो तुम!"
(क्रमशः)
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