माहिर की बात सुनते ही अयाना ने रूम में इधर उधर नजर दौड़ाई और अपने पीछे पड़े सोफे पर जाकर बैठ गयी-"हम्म हम आपके सामने खड़े रहने लायक नहीं,हम बैठ गये डोंट वेरी आपकी शान में कोई कमी नहीं आएगी हमारी वजह से,वैसे भी हम अपनी औकात से बाहर नहीं जाते,घरवाले कहते है जितनी औकात हो बस उतने ही पैर पसारने चाहिए हमारी औकात चद्दर जितनी,ज्यादा पैर पसारेगें तो ठंड लगेगी ना!"

"और खून पीने वाले खून पी जाएगें(माहिर की ओर हाथ करते)आप जानते है ना मच्छर,आज कल ना बहुत मच्छर हो गये है,खामख्वाह जीना हराम कर रखा है,ये नहीं कि चैन से रहने दे!"

अयाना की ये बातें सुन माहिर ने अपने हाथों की मुठ्ठियाँ बांध ली,वो अयाना को घूरते हुऐ उस पर गुस्से से चिल्लाने को हुआ कि अयाना सोफे से उठकर फट से उसकी ओर चली आई-"बैठ कर आराम से बात की जाए इतना वक्त नहीं,क्यों हम अपना...(खुद और माहिर की ओर इशारा करते)
वक्त बर्बाद करे,काम की बात करते है औकात का बाद में सोचेंगे,वैसे भी आप कहां हम कहां
है ना,सही कहा आपने आपका और हमारा मैच बिल्कुल नहीं,मरती होगी और लड़कियां आप पर,क्रश होगा लड़कियों को आप पर हमारा तो मन आपको मारने का(माहिर के गले की ओर हाथ ले जाते)और मारकर,क्रश(अपने दोनों हाथों को आपस में मसलते हुऐ)करने का है खैर आप हमें देखना नहीं चाहते,मेरी भी ऐसी कोई तमन्ना नहीं,सो हमारी जिंदगी में आप टांग अड़ाना बंद किजिए,मुझसे, मेरी फैमिली से दूर रहिए ओके हमें आपसे कुछ लेना देना नहीं!"

ये सुन माहिर ने मासूम बच्चे की तरह हां में सिर हिला दिया!!

_________

थोड़ी देर बाद

अयाना प्रिसींपल ऑफिस से बाहर आई तो पिहू फट से उसके पास चली आई-"अयू दी क्या हुआ
बात की आपने,माने वो हमारी बात,हमें परेशान क्यों कर रहे हो वो,क्या कहा आपने उनसे और उन्होनें आपसे,अब आपको वो ब्लेकमेल तो नहीं करेगें ना ,,,वो मेरा रिजल्ट खराब नहीं करेगें ना आईमीन ठीक करवा देगें ना,बोलो ना अयू दी
बोलो ना दी,मैं सच में फेल नहीं हुई दी माहिर खन्ना ने करवाया है,बोलो ना दी!"

अयाना पिहू की बात सुन कुछ कहती कि माहिर भी ऑफिस से बाहर चला आया,अयाना के पीछे से अयाना के बगल में खड़े होकर पिहू की ओर 
देखते बोला-"वेरी वेरी कांग्रेचुलेशन्स मिस टॉपर, पिहू मिश्रा यू ऑर वेरी इंटेलिजेंट,फुल टू फुल मार्क्स विद ए ग्रेड,वाव यू आर सच अ ब्रिलियंट 
स्टूडेंट!"

ये सुन पिहू अयाना की दूसरी तरफ उसकी बाहं
पकड़ खड़ी हो गयी और अयाना के कान के पास मुंह कर धीरे से फुसफुसाते हुऐ बोली-"दी ये इतना स्वीटली बात क्यों कर रहे है,पहले तो मेरा रिजल्ट खराब करवाया अब मेरी तारीफ!"

अयाना माहिर की ओर टेढी नजरों से देखती है,
तो वो मुस्कुराते हुऐ भोहें उचका देता है,अयाना उसे घूरती है कि पिहू उसके कंधा लगा लेती है,
अयाना पिहू की ओर मुड़-"क्या है पिहू!"

पिहू बोलती कि माहिर बोल.पड़ा-"मिस अयाना वेरी बैड इतनी अच्छी बच्ची को डांट रही हो तुम
तुम्हें तो प्राऊड होना चाहिए ,कितना नाम रोशन कर रही तुम्हारी छोटी बहन तुम्हारा!"

अयाना माहिर की ओर मुड़-"बहन किसकी है?"

माहिर अयाना की ओर इशारा कर देता है,इसी के साथ अयाना फिर बोल पड़ी-"हां तो बहन मेरी,,, डांटू मारूं आपको क्या,आपको जो काम करना है ना आप वो किजिए आईमीन जो रायता फैलाया है आपने मेरी बहन की जिंदगी में,,उसे समेट लेगे़ तो बेहतर रहेगा!"

माहिर सामने की तरफ हाथ करते-"समेट लिया
"ये सुन अयाना के साथ पिहू ने भी माहिर के हाथ के इशारे की ओर देखा,,,पिहू के नाम का उसका रिजल्ट विद उसकी फॉटो बड़ा सा बोर्ड उनके सामने खड़ा किया जा रहा था,ये देखकर पिहू की आखें बड़ी बड़ी हो गयी और अयाना की भोहें चढ़ गयी,पिहू सरप्राईजिंग लहजे में-"
ये क्या है अयू दी!"

अयाना ने माहिर की ओर देखा,माहिर मुस्कुराते हुऐ उसकी ओर आई विंक कर देता है!!
 माहिर को आई विंक करते देख अयाना ना में सिर हिलाते उससे अपनी नजरें हटा लेती है पिहू ने अयाना की ओर देखा तो अयाना मुस्कुरा दी और उसका चेहरा हाथों में भर बोली-"मेरी बच्चा
मेरी पढ़ाकू कांग्रेचुलेशन्स,कहा था ना सब ठीक हो जाएगा देखो सब ठीक हो गया!"

ये सुन पिहू ने हां में सिर हिलाया और अयाना के गले लग गयी,माहिर दोनों बहनो को देख रहा था तभी वहां कॉलेज के प्रिसींपल और कुछ टीचर्स चले आते है,रिजल्ट का दिन था तो स्टूडेंट्स की छुट्टी थी बट प्रिसींपल टीचर्स कॉलेज में हाजिर थे,,,,सबने आते ही पिहू को B.Com के फर्स्ट  ईअर जैसे ही सैकिड ईअर में भी टॉप करने पर कांग्रेचुलेशन्स कहा और होनहार स्टूडेंट्स होने पर ढेर सारी शाबाशी भी दी,इतना ही नहीं पिहू को माहिर खन्ना के साथ टॉपर होने पर ट्रॉफी भी दी गयी,इस मूंमेट को अयाना ने अपने फोन में केप्चर कर लिया!

इस सबसे पिहू की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा,उसका मासूम सा चेहरा खुशी से चमकने भी लगा,उसे खुश देख अयाना की आखों में हल्की नमी उतर आई और होठों पर मुस्कुराहट भी,तभी अयाना का फोन रिंग किया,वो फोन की सक्रीन की ओर देखती है और साइड में जाकर कॉल को रसीव करती है-"हां मामा जी!"

दूसरी साईड से प्रकाश जी-"कहां हो बेटा,कुछ पता चला क्या हुआ है हमारी पिहू के रिजल्ट के साथ,क्या खराबी हुई है बेटा!"

अयाना पिहू की ओर देख जिसे प्रिसींपल टीचर्स घेरे खड़े थे-"जो भी खराबी आई थी वो ठीक हो
गयी है मामा जी,हमारी पिहू ने टॉप किया हैं,फुल में से फुल मार्क्स,स्कूल में ही झंडे नहीं गाड़े मामा जी हमारी पिहू ने,,,कॉलेज में भी खूब झंडे गाड़ रही है!"

प्रकाश जी खुश होते-"सच बेटा!"
अयाना-"हां मामा जी,हम आ रहे है,घर आकर 
आपको सब बताते है!"
प्रकाश जी-"ठीक है बेटा जल्दी आ जाओ?"
अयाना ने"जी"कह फोन कट कर दिया,तभी उस
की नजर पिहू के रिजल्ट बोर्ड पर चली गयी,उस ने उसकी फॉटो भी अपने फोन में केप्चर कर ली,
तभी माहिर खन्ना उसके पास चला आया-"मिस अयाना?"

अयाना उसकी ओर मुड़ी,माहिर ठीक उसके पीछे अपने पैंट की जेब में दोनों हाथ डाले खड़ा था,अयाना ने उसके और अपने दरमियान की दूरी को देखा जो कि ज्यादा नहीं थी,अयाना माहिर के चेहरे की ओर देख इधर उधर देखने लगी तभी माहिर ने अपने कदम थोड़े पीछे ले लिये-"आदत डाल लो मेरी,मेरे पास ही तो रहना है तुमको,ऐसे अनकम्फर्टेबल महसूस करोगी तो कैसे चलेगा!"

अयाना उसकी ओर देख-"आपको फर्क पड़ता है क्या हमारे कम्फर्टेबल होने न होने से,आपको तो सिर्फ खुद से मतलब है औरों से आपको क्या?"

ये सुन माहिर तिरछा मुस्कुरा दिया-"ऑफकोर्स,
सच कहूं मिस अयाना जितने अच्छे से तुम जान रही हो ना कोई नहीं जान पाया,चंद मुलाकातों में मुझे काफी अच्छे से पहचान लिया है तुमनें!"

अयाना मुस्कुरा दी-"अपना असली रूप सबके सामने लेकर तो आईए फिर जमाना भी जान जाएगा?"

माहिर एटीट्यूड वाले लहजे में-"मैं चाहता भी नहीं जमाना मुझे जाने!"

अयाना-"ओह तो आप सबको भ्रम में रखना चाहते है सही है,हकीकत सामने आई तो फिर आपकी शान शौकत में कमी आ जाएगी ना,
सबको पता चल जाएगा आप आखिर चीज क्या है!"

माहिर-"क्या चीज हूं तुम बता दो?"

अयाना हाथ बांध खड़ी होते-"जरूर,आप बहुत चीजी पर्सन है,उदाहरण हमें ही ले लिजिए,हमारी लाईफ में आप चिपक चुके है दीमक की तरफ,
खोखला करना चाहते है आप हमारी जिंदगी को,
खैर दीमक कितनी ही खराब हो मिडिल कलास लोगों को उससे बचाव करना आता है,,,,हम भी खुद को आपसे बचा ही लेगें जो जाल बिछाया है आपने उससे निकल जाएगें,जिस जीत की आप खुशी मना रहे है वो आपकी जीत नहीं है मिस्टर मेहरा,हम आपका असली रूप अच्छे से जान गये है,,,,, रखिए आप दुनिया वालों को धोखे में जिस दिन इस धोखे से पर्दा हटा ना तब देखेगें अंजाम क्या होता है माहिर खन्ना सब के दिलों में बसता है या सबके दिलों से उतरता है!"

माहिर हंस दिया-"बहुत बड़ी बड़ी बाते करती हो तुम,वार्न कर रहा हूं सोच समझ कर बोला करो,
मंहगा पड़ सकता है कही ऐसा ना हो ये तुम्हारी कैंची की तरह चलती जुबान की,,,,,,गलती की वजह से सारी जिंदगी तुम भरपाई करते रह जाओ,मैं जो चाहता था ,,,,वो हो गया तुमने जो चाहा वो होने से रहा फिर भी तुम मुझसे जुबान लड़ा रही हो,इतनी हिम्मत तुम्हारी तुम बोल रही हो मेरी रेपुटेशन की धज्जियाँ उड़ेगी,रियली कौन उड़ाएगा तुम औकात है इतनी तुम्हारी,बचाओगी तुम खुद को मुझसे कैसे बोलो कैसे,सच तो ये है तुम खुद को मुझसे बचा ही नहीं पाई,तैयार हो जाओ मिस अयाना माहिर खन्ना के अकोर्डिग चलने के लिए!"

"कही ऐसा ना हो कि आपकी चाल आप पर ही भारी पड़ जाए,कर्मों का हिसाब यही होता है,मैनैं आपकी बात मानी है,खुद को आपको सौंपा नहीं
मेरी फैमिली को टारगेट कर आपने मजबूर किया
है मुझे पर याद रखना किसी दिन आप भी हमारी तरह मजबूर होगें,जो चाहेगे वो नहीं होगा ना तब अहसास होगा आपको!"...इस वक्त अयाना की आखों में माहिर खन्ना के प्रति गुस्सा उतर आया था वहीं माहिर खन्ना ने सोचा था अयाना ने उस की बात मान ली है सो वो उसको अब कंट्रोल कर पाएगा बट उल्टा ही हो रहा था,अयाना अब भी उसके सामने अपनी हाजिरजवाबी के साथ सिर उठाये खड़ी थी,इससे माहिर का जबड़ा कस गया और दोनों ही एक दूजे को घूरते हुऐ एकटक देखने लगे!!

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थोड़ी देर पहले प्रिसिंपल ऑफिस में अयाना और माहिर दोनों एक दूजे के सामने खड़े थे,अयाना की बात पर ज्यों ही माहिर खन्ना ने मासूम बच्चे की तरह हां में सिर हिलाया तो अयाना की भोहें हैरानी से सिकुड़ गयी,तभी माहिर हंस पड़ा!

ये देख अयाना समझ गयी माहिर खन्ना कुते की दुम की तरह है जो इतनी जल्दी तो सीधी नहीं होने वाली,वो उसकी ओर सवालिया नजरों से देखने लगी,माहिर हंसते हंसते टेबल पर जा बैठा
और हंसी रोक अयाना से बोला-"बात तुम्हें मेरी माननी है ना कि मुझे तुम्हारी,सो तुम अपनी बात अपने पास रखो,वो यहां वेलिड नहीं,सच में तुम चाहती हो टाइम वेस्ट ना हो तो अपनी ना को हां में बदल लो और अपनी बहन के उदास चेहरे को खुशी वाले चेहरे में बदल डालो,मैं तुमको बता चुका था जो करना है अब तुम पर है तुम्हें क्या करना है मेरी बात मान अपने परिवार को बचाना है मुझसे या मेरी बात ना मानकर अपने परिवार को सड़क पर लाना है,सोचो मिस अयाना सोचो,
तुम्हारी एक हां से तुम्हारी फैमिली तुम्हारे अपने बर्बाद होने से बच जाएगें?"

"आप इतना कैसे गिर सकते है आपके भी तो अपने होगें आपकी भी तो फैमिली होगी कोई उन के साथ ऐसा करे तो?"

"तुम मेरी फैमिली को बीच में ला रही हो?"

"आप ला रहे है वो,मसला हमसे है तो हम तक रहते ना!"

"पता है,मेरी फैमिली तुम्हारी तरह मेरी कमजोरी नहीं!"

"ओह तो इसी बात का घंमड है, आपकी कोई कमजोरी नहीं,मेरी कमजोरी जान मुझसे बदला लिया जा रहा है क्योकि सिर्फ मुझसे बदला लेना तो आपके बस का नहीं,....है ना,किसी दिन कोई कमजोरी बनी ना आपकी तब आपको अच्छे से पता चलेगा कितना हर्ट होता है .....और हां मेरी कमजोरी ही नहीं मेरी फैमिली मेरी ताकत भी है,
सुना आपने,आपको सिर्फ कमजोरी नजर आई है मेरी ताकत नहीं!"

"ताकत का क्या करना है तुम्हें हराने के लिए तुम्हारी कमजोरी ही काफी है,फैमिली को ताकत बनाने से अच्छा खुद को बनाती तो शायद मुझ से बचना आसान रहता ,एनीवे ये अब पॉसीबल नहीं,पता है मेरे पास सिर्फ पॉवर है नो विकनेस
और मेरी पॉवर के चलते मेरी फैमिली का क्या कोई मेरा भी बाल बांका नहीं कर सकता,सो तुम मेरा छोड़ो और जल्दी बताओ रेडी हो मेरे यहां काम करने के लिऐ,मेरी मानने के लिऐ!"कहते माहिर ने भोहें उचकाई,

अयाना अपनी मुठ्ठियां बांधते-"तो आप नहीं मानेगें,आप सच में जो करने को कह रहे है वो कर देगें हमारे साथ हमारे परिवार के साथ!"

माहिर टेबल से उतर उसकी ओर आते-"मेरे अगेंस्ट जाना मतलब खुद के लिए मुश्किलों को बढ़ाना,मैं जो कह रहा हूं वैसा होकर ही रहेगा,
शुरूआत हो चुकी है अंजाम और भी बुरा होगा 
थिंक अबाउट दिश ,अभी तो कुछ हुआ भी नहीं
एक तरफ तुम्हारी फैमिली की खुशी और उनका भला,दूजी तरफ जिद्द मेरी बात को न मानने की,
तुम्हारी एक हां तुम्हारी मुश्किलें कम कर सकती है और तुम्हारी फैमिली को सेफ रख सकती है!"

ये सुन अयाना ने अपनी आखें मूंद ली,अयाना के सामने उसके मामा जी,मामी जी और पिहू के उदास चेहरे नजर आने लगे.....वो मन ही मन-"
माहिर खन्ना की बात न मानी तो सब खराब कर देगा ये,मामी जी को जेल,मामा जी की जॉब भी छीन लेना और पिहू उसका आज,आने वाला कल सब बर्बाद हो जाएगा,मेरी जिद्द से मेरा भला हो सकता है पर माहिर खन्ना की जिद्द से सबका बुरा हो जाएगा,नहीं ऐसा नहीं हो सकता है,मैं अपने परिवार को तकलीफों में नहीं देख सकती!"

(क्रमशः)

 

 

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