अयाना - "तुझे लगता है इतने अच्छे पेपर देने के बाद सब सब्जेक्ट में तू फेल हो सकती है, एक दो का समझ आता है छ के छ सब्जेक्ट पॉसीबल है क्या?"

पिहू ना में सिर हिलाते हुए - "कभी....नहीं दी नेवर।"

अयाना - “तो बस खुद पर यकीन रख जो हो नहीं सकता है वो हुआ है तो पक्का कहीं तो कमी रही होगी या पेपर चेक करने वाले ने गलती की है या रिजल्ट शो करने वाले ने, एंड डोंट वेरी पिहू, जब तू सही है तेरे साथ गलत नहीं होगा, हम जा रहे है ना बात करने प्रिंसिपल से सही रिजल्ट लेकर ही आएगें।”

इतना सुनते ही पिहू अयाना के गले लग गयी - "थैंक्यू दी थैंक्यू हमेशा मेरा सपोर्ट करने के लिए, आप जब साथ होते हो ना तो कितनी ही बड़ी प्रोब्लम हो बहुत छोटी लगती है और डर भी नहीं लगता है।"

अयाना पिहू के गाल पर हाथ रखते हुए - "मैं, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और डरने की कोई जरूरत नहीं है…अब चले "...और फिर दोनों कॉलेज में प्रिसिंपल ऑफिस के सामने जा पहुंची।

अयाना पिहू को लेकर...प्रिसिंपल ऑफिस के अंदर जाने लगी कि बाहर खड़े पिओन ने हाथ आगे कर उन्हें रोक दिया, अयाना पिओन से - "सामने से हटिए हमें प्रिसिंपल से मिलना है।"

पिओन - "आप अंदर नहीं जा सकती है मैम!"

अयाना - "क्यों नहीं जा सकते है?"

तभी पिहू धीरे से अयाना से कहती है - "अयू दी वो पहले परमिशन ली जाती है।"

तभी अयाना पिओन की ओर देखते बोली - "तो क्या परमिशन लेटर.…प्रधानमंत्री से लिखवाकर लाऊं जो प्रिसिंपल सर से मिलना हो पाएगा।"

पिहू - "अरें नहीं दी मेरा मतलब…ये पहले जाकर उनको बोलते है कि कोई मिलना चाहते है जब वो परमिशन दे तभी प्रिसिंपल से मिल पाते है हम लोग।"

अयाना "ओह" कहती है और फिर पिओन से - "जाइए प्रिसिंपल सर से कहिए कि हमें उनसे मिलना है बहुत अर्जेट है और अभी मिलना है।"

पिओन - "नहीं मिल सकती है आप।"

अयाना - "व्हाट, क्यों नहीं मिल सकती?"

पिओन - "क्योकि प्रिसिंपल सर ऑफिस में नहीं है।"

अयाना - "तो कहां है, कहां मिलेगें?"

पिओन साफ शब्दों में - "कॉलेज में नहीं है और कहीं नहीं मिलेगे।"

अयाना - "क्यों?"

पिओन - "वो बिजी है बहुत!"

अयाना - "फ्री तो होगें ना? कब होगें?"

तभी पिओन कुछ कहता कि पिहू अयाना को पीछे कर धीरे से बोली - "झूठ बोल रहे है दी, यही बहाने होते है….दो चार बार तो स्टूडेंट्स को मना करना ही होता है।"

अयाना पिहू से - "प्रिसिंपल है प्रधानमंत्री थोड़ी जो इतना भाव खा रहे है और मना क्यों करते है जरूरी काम भी तो हो सकता है।"

पिहू - "आप बोल तो ऐसे रही हो दी जैसे कॉलेज नहीं गये हो, अयू दी ये कॉलेज है स्कूल नहीं जहां हम जब चाहे ऑफिस में जा सके, ये कॉलेज है यहां ऐसा ही होता है।"

अयाना - "तेरे इस कॉलेज में ही होता है ऐसा, मेरे कॉलेज में तो ना हुआ कभी, जब मिलना होता था मैं तो मिलती थी प्रिसिंपल से और आज भी मिलकर रहूंगी, मैं भी देखूं कौन रोकता है मुझे, तू चुप कर और अब देख!"

तभी अयाना पिओन की ओर देख मुस्कुराती है और कहती है - "तो आपके मुताबिक हम आज नहीं मिल पाऐगें ना प्रिंसिपल सर से, शायद कल भी नहीं, है ना?"

पिओन - "जी आप जाइए!"

अयाना - "पर हमें ना आज मिलना है उनसे और ना ही कल।"

पिओन - "मतलब?"

अयाना - "मतलब ये कि हम अभी मिलेगें।"

पिओन - "कैसे मिलोगी प्रिंसीपल तो अंदर है ही नहीं?"

अयाना सोचते हुए - "हां...…ये तो है, सच कहा आपने जब वो अंदर ही नहीं है तो हम अंदर कैसे मिलेगें बाहर तो (भोहें उचकाते हुऐ) मिल सकते है ना?"

पिओन हैरान होते - "बाहर कहां?"

अयाना दूसरी ओर हाथ से इशारा करते - "वो खड़े प्रिंसिपल सर।"

अयाना के इतना कहते ही.…पिओन, अयाना ने जिस ओर इशारा किया था उस ओर देखने लगा, तभी पिहू हैरान होते बोली - "कहां है दी?"

अयाना पिहू का हाथ पकड़ते हुए - “तुझे देखने को थोड़ी कहा” और तभी अयाना पिहू को लेकर प्रिसिंपल ऑफिस में जा घुसी, जैसे ही अयाना पिहू को लेकर प्रिसिंपल ऑफिस में जा घुसती है तो पिओन उनको रोकने के लिए उनके पीछे पीछे ही अंदर आ जाता है - "आप बाहर चलिए मैडम, आप ऐसे अंदर नहीं आ सकती है, एक तो परमिशन भी नहीं ऊपर से जबरदस्ती अंदर घुस गयी है, चलिए बाहर ये प्रिंसिपल सर का ऑफिस है।"

पिओन बोल ही रहा था कि अयाना बीच में ही बोल पड़ती है - "आईनो ये प्रिसिंपल ऑफिस है और हमें इसी ऑफिस में काम है, जब आने नहीं देगें तो ऐसे ही घुसेगें ना, आराम से कहा था हमें अर्जेट काम है प्रिंसिपल सर से, मिलने दीजिए हमें….बट आपको रूल की पड़ी है, कभी किसी की एमरजेंसी हो सकती है, एनीवे अब अंदर आ ही गये है तो हम मिलकर ही जाएगें प्रिंसिपल सर से हम बिना मिले (हाथ बांध खड़ी होते) तो न जाने वाले है, है हिम्मत तो निकालकर देखिए।"

पिहू कभी अयाना को देख रही होती है तो कभी पिओन को और मन ही मन खुद से कहती है - "अब क्या होगा माता रानी, अयू दी तो जिद्द पर अड़ गये है, ये निकाल न दे हमें….प्लीज हम जिस काम के लिए आए है वो हो जाए, वरना मेरा पूरा साल वेस्ट चला जाएगा, प्लीज!"

तभी पिओन फिर कहता है - "देखिए मैं आप से आराम से कह रहा हूं, नहीं तो धक्के मारकर भी निकाल सकता हूं, आप चली जाइए यहां से, वरना मुझे अभी सिक्योरिटी गार्ड बुलाने पड़ेगे और कह तो दिया आपसे यहां प्रिंसिपल सर नहीं है फिर भी भागी चली आई आप।"

ये सुन अयाना मुस्कुरा देती है - "ठीक है तो बुला लीजिए जिसको बुलाना है पर हम तो नहीं हिलेगें यहां से और हां झूठ तो कम से कम ऐसा बोलिए जो हजम हो, प्रिंसीपल यहां नहीं है तो वो कौन है वो जो कुर्सी पर बैठे है, प्रिंसिपल सर का भूत!"

अयाना के हाथ के इशारे की ओर.....पीहू और पिओन दोनों की नजरें घूम गयी, जहां उनके ठीक सामने उन सबकी ओर पीठ किए कुर्सी पर कोई बैठा है।

अयाना वापस पिओन की ओर देख - "दिखे ना.....ऐसे ही कुछ भी बहाने बना रहे है आप, हमें काम है इसलिए आए है और हम बिना हमारे काम के हुए नही जाने वाले है इससे अच्छा है आप हमारा और अपना वक्त जाया न करे….बोल अयाना सामने की ओर कुर्सी पर बैठे शख्स की देखते बोली - "एक्सक्यूज मी सर?"

पिओन कुछ कहने को हुआ कि तभी कुर्सी पर बैठा शख्स उनकी ओर घूम गया - "हेल्लो मिस अयाना!"

ये सुनते ही अयाना की आखें हैरानी से फेल गयी, उसके ठीक सामने माहिर खन्ना अपने पैर पर पैर रख कर बड़े ही स्टाईल से कुर्सी पर पसरा यानि बैठा मुस्कुरा रहा था।

पिहू माहिर खन्ना की ओर देखते तपाक से बोली - "ये तो माहिर खन्ना है ना अयू दी!"

अयाना अपनी पलकें झपकाते हुए जोर से बोली "आप?"

माहिर खुद की ओर हाथ से इशारा कर - "यस, माहिर खन्ना, पहचाना? ऑफकोर्स मैं भूल जाने वालों में से नहीं हूं....अगर एक बार कोई मुझसे मिल ले और भूल जाए, ये तो होने से रहा। एक बार मिल लूं (फुल एटीट्यूड के साथ खुद की तारीफ करते हुए) जिनसे मैं उनके दिलो-दिमाग पर हमेशा छाया रहता हूं।"

तभी पिओन बोला - "सॉरी सर मैने इनको रोका था पर ये मानी ही नहीं, आपने मना किया था, कहा था इनको अंदर न आने दूं पर ये देखिए जबरदस्ती चली आई।"

ये सुनते अयाना अपनी आखें हैरानी से सिकोड़ते हुए पिओन की ओर देखते बोली - "इन्होनें मना किया, अंदर नहीं आने के लिए?" और फिर वापस माहिर खन्ना की ओर देखते कुछ कह पाती कि तभी माहिर खन्ना बोल पड़ा - "हां मैनैं मना किया था, वो एक्चुअली मैं देखना चाहता था कि ये अंदर कैसे आती है रोकने के बाद, जानता भी था हर हाल में ये अंदर तो आएगी और देखो आ भी गयी एनीवे तुम जाओ (पिओन से) आई हैंडल!"

पिओन "जी सर" कहता है और अयाना की ओर देखते वहां से उसी वक्त बाहर चला जाता है तभी माहिर ने चेयर की ओर इशारा करते हुए कहा - "आइए बैठिए (कंधे उचकाते हुए अयाना पिहू दोनों से) अपना ही ऑफिस है।"

अयाना अपना एक कदम माहिर की ओर बढ़ाते - "आप यहां क्या कर रहे है, इस कॉलेज में आप क्यों आए है, ये तो प्रिंसिपल का ऑफिस है और आप उन्हीं के (हैरानी और सवालिया नजरों से माहिर को घूरते हुए) ऑफिस और उनकी चेयर पर क्यों बैठे है?"

ये सुन माहिर खन्ना जोर से हंस पड़ा, उसे हंसता देख अयाना पिहू दोनों ने एक दूजे की ओर देखा तभी माहिर अपनी बाहें फैलाकर बोला - "यहां का प्रिंसिपल तो मैं ही हूं और ये ऑफिस.....ये कॉलेज मेरा ही तो है मिस अयाना!"

ये सुन अयाना चौंक पड़ी - "क्या?"
 
तभी पिहू अयाना के पास होकर कहती है - "याद आया दी, माहिर खन्ना इस कॉलेज के सबसे बड़े ट्रस्टी है सबसे ज्यादा कॉलेज में फंड इनकी ओर से ही आता है।"

पिहू की बात सुन अयाना एक पल तो अपनी आखें मूंद लेती और दूजे ही पल माहिर की ओर देखते कहती है - "ट्रस्टी है तो क्या? प्रिंसीपल तो नहीं है ना!"

तभी टेबल पर रखा पेपर स्टोन घुमाते हुए माहिर बोला - "यस, पिहू मिश्रा इज़ राईट, सी इज राईट, सो ये कॉलेज भी मेरा और प्रिंसिपल भी मैं हूं.....ट्रस्टी कुछ भी बन सकता है मिस अयाना, कॉलेज जिन के सहारे चलता है उनको कौन रोकेगा, समझ रही हो ना (भौहें उचकाते हुए), सो मिस अयाना तुम यहां प्रिंसिपल से मिलने आई हो? तो बताइए क्या प्रोब्लम है आपकी?"

अयाना गुस्से से दांत भींचते हुए - "आप बहुत खराब है"

ये सुन माहिर हंस पड़ा - "रियली?"

अयाना - "कोई शक भी नहीं है.…एनीवे मैं यहां आप से नहीं इस कॉलेज के प्रिंसिपल से मिलने आई हूं और आपको क्या लगता है आप के ये सब करने से, आप प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठ प्रिंसिपल बन जाएंगें, आप ट्रस्टी ही रहेगें..कोई एक दिन में प्रिंसिपल नहीं बन जाता है। चल पिहू, हमारा इनसे वैसे भी कोई काम नहीं है"...इतना कह अयाना पिहू का हाथ पकड़ वहां से जाने लगी कि तभी माहिर बोल पड़ा - आपको इस कॉलेज में कोई प्रिसिंपल नहीं मिलेगा, आपके लिए मैं ही हूं.…जो हूं!"

ये सुनते ही अयाना पिहू दोनों उसकी ओर देखती है तो माहिर फिर बोलता है - "नहीं समझे....बड़ी जल्दी रहती है मिस अयाना तुमको यहां से जाने की, जरा सुनती तो जाओ, मैं यहां आपसे मिलने के लिए ही तो बैठा हूं....मुझे पता था तुम जरूर आओगी और तुम हो कि भागे जा रही हो और रही बात यहां के प्रिंसिपल की तो आज बन गया हूं मैं प्रिंसिपल ओनली फॉर यू सी (खुद की ओर इशारा करते) बाई द वे, द टॉपर ऑफ यूनिवर्सिटी, द टॉपर ऑफ पूणे, द टॉपर ऑफ कॉलेज, हमेशा टॉप पर रहने वाली लड़की पिहू मिश्रा कैसा लग रहा है पहली बार फेल होकर वो भी सभी सब्जेक्ट में?"

ये सुनते ही अयाना पिहू दोनों ने फट से एक दूजे की ओर देखा तभी माहिर हंसते हुए फिर बोला “आईथिंक मिस अयाना आप सब समझ चुकी है, राइट?”

तभी अयाना कुछ बोलती कि पिहू बोल पड़ती है - "ये....ये आपने किया है मेरे साथ, बट व्हाई? आपने मुझे फेल क्यों करवाया है, अयू दी पूछो ना इनसे (अयाना की ओर देख माहिर की ओर हाथ करते), इनकी बातों से लग रहा है अयू दी इन्होनें ही किया है आज जो हुआ है। वो पहले मुझे फेल फिर यहां प्रिसिंपल की चेयर पर बैठे है, बट ये क्यों किया है आपने मेरे साथ, बहुत बड़े ट्रस्टी है यह अयू दी, इनकी चलती है कॉलेज में बहुत, इन्होने ही मुझे फेल करवाया है पर क्यों दी मैंने तो कुछ किया ही नहीं, क्यों किया आपने बताइए?"

माहिर क्लेपिंग करते हुए - "मानना पड़ेगा, बहुत इंटलीजेंट हो पिहू मिश्रा तुम, ओह हां तभी तो हर साल टॉप करती हो, अपनी दी से जल्दी तुम मुझे समझ गयी कि ये मैंने किया है वाव दट्स गुड, यस, ये मैने किया है बट अफसोस हर साल टॉप पर रहने वाली लड़की पिहू मिश्रा इस साल जीरो फेल। एंड ये क्यों किया है मैने इसका जवाब तुम्हारी दीदी ज्यादा अच्छे से दे पाएगी तुम्हें, पूछो पूछो मिस अयाना बताओ अपनी छोटी बहन को!"

तभी पिहू अयाना से जो कि माहिर को खा जाने वाली नजरों से देख रही थी - “देखो ना दी ये मान भी रहे है.....इन्होने ही किया है और ये आपसे बदला लेने के लिए कर रहे है ना दी, ताकि आप इनकी बात मान लो? पर अयू दी ये गलत कर रहे है, ऐसा कैसे कर सकते है आपने मना कर दिया इनको काम करने को, ये इनका पक्का प्लान है आपको मजबूर करने का, पर दी आप ना मत मानना इनकी….ये अच्छे नहीं बुरे इंसान है, मैने तो सोचा भी नहीं था मैगजीन के फ्रंट पेज पर हाईलाइट में रहने वाले हैंडसम टॉल माहिर खन्ना सच में ऐसे इंसान है जो अच्छे नहीं है, आप ऐसा कैसे कर सकते है मेरी दी और मेरे साथ, क्या बिगाड़ा है हमने (माहिर पर गुस्से से चिल्लाते हुए) आपका?”

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