ज़रा सोचिए, आप किसी जगह घूमने जाएँ लेकिन आपके साथ आपका favourite इंसान न हो तो क्या आपका मन लगेगा? नहीं न? वान्या का भी वरुण के बिना जाने का मन नहीं कर रहा था लेकिन अपने पापा के लिए उसने कसौली का ट्रिप cancel नहीं किया। दो दिन बाद flight थी| वान्या ने अपना और Mister Raizada का बैग पैक कर लिया था| Mister Raizada कसौली जाने के लिए काफी excited थे लेकिन वान्या का चेहरा उतरा हुआ था। उन्होंने देखा कि वान्या ट्रिप पर जाने के लिए बिलकुल भी खुश नहीं है तो उन्हें ये देखकर बड़ा अचंभा हुआ| उन्होंने वान्या से इस बारे में पूछा,

Mister Raizada – वान्या, तुम कसौली जाने के लिए खुश नहीं दिख रही हो? ट्रिप पर जाने का प्लान तो तुम्हारा ही था और अब तुम ही उदास हो| आज से पहले तो कभी मैंने तुम्हें कहीं घूमने जाने से पहले इतना उदास नहीं देखा।

वान्या (निराश होकर) – पापा, ये वरुण भी न.. उसे कितनी बार आने के लिए कहा लेकिन वो आने के लिए तैयार ही नहीं हुआ। वो भी हमारे साथ में चलता तो कितना अच्छा होता|

वान्या कि आवाज़ में निराशा थी। Mister Raizada को उसकी बात थोड़ी अजीब लगी| वो सोचने लगे कि वरुण के ना आने से वह उदास क्यूँ है? आज से पहले वान्या ने कभी ऐसे react नहीं किया था। कई बार ऐसा हुआ था कि उसके कोई न कोई फ्रेंड लास्ट moment पर trip cancel कर देती थी लेकिन वान्या को कभी फर्क नहीं पड़ा। फिर वरुण के मना करने से फर्क क्यूँ पड़ रहा है? Mister Raizada वान्या को अच्छे से समझते थे लेकिन इस वक्त वो वान्या के emotion समझ नहीं पा रहे थे| उन्होंने वान्या से पूछा,

Mister Raizada – वान्या, इतना sad मैंने तुमको तब देखा था जब मैं business trip पर कहीं बाहर जाता था और तुम घर पर अकेली रहती थी| इसके अलावा मैंने तुमको कभी किसीको मिस करते हुए नहीं देखा जितना तुम इस वक्त वरुण को कर रही हो|

वान्या भी Mister Raizada की बात सुनकर सोच में पड़ गयी| उसके मन में भी ये ख्याल आने लगा कि वो वरुण के ना आने से इतना उदास क्यूँ है? वो Mister Raizada को जवाब देती उस से पहले ही वरुण वहां आया| उसने goggles पहने हुए थे और हाथ में एक bag था|

वरुण – किसका wait कर रहे हो आप दोनों? flight निकल जाएगी| मैं तो कसौली जाने के लिए रेडी हूँ| कोई और भी आ रहा है क्या हमारे साथ?

जैसे ही वान्या को पता चला कि वरुण भी उनके साथ आ रहा है तो वो ख़ुशी के मारे उछल पड़ी| उसकी उदासी एक झटके में गायब हो गयी| Mister Raizada भी वरुण के आने से खुश थे| उन्होंने वान्या को आज से पहले इतना खुश कभी नहीं देखा था| वान्या वरुण को डांटते हुए बोली,

वान्या (डांटते हुए) – जब आने वाले थे तो मुझे बार-बार मना क्यों कर रहे थे? तुम्हारी वजह से… mood खराब हो गया था मेरा! वैसे मुझे लग ही रहा था कि तुम आओगे जरूर। इसीलिए मैंने तुम्हारी ticket cancel नहीं कारवाई थी।

वरुण – तुमने जब कसौली जाने की बात कही, मैं तो तभी ready हो गया था| बस, आप दोनों को surprise देना चाहता था|

वरुण ने मुस्कुराते हुए कहा| वान्या की जान में जान आयी कि आखिरकार वरुण भी उन लोगों के साथ चल रहा था| वो तीनों flight में बैठ कर चंडीगढ़ airport पहुंचे| वहां पर वान्या ने पहले से taxi book करके रखी थी| दिन ढलने के पहले, तीनों, कसौली पहुँच गए| वान्या ने होटल की जगह 2 bhk rent पर लिया था| उन्हें ये घर थोडा महंगा पड़ा था लेकिन वान्या अपने पापा को किसी भी तरह से तकलीफ नहीं पहुँचाना चाहती थी| होटल से ज़्यादा better घर था। घर में कुछ सर्वेन्ट्स और कुक भी थे जो उनकी help के लिए थे। Servants ने बताया कि पास में लोकल बाज़ार है जहाँ कसौली के लोग handmade products बेचते है| वान्या, Mister Raizada और वरुण उस बाज़ार में shopping करने चले गए। उसने कुछ झुमके लिए और वरुण से पूछने लगी कि उस पर कैसे लग रहे हैं? Mister Raizada वान्या के इस बर्ताव को नोटिस कर रहे थे| वो सोचने लगे कि पहले वान्या अपने लिए जो कुछ भी लेती थी तो उनसे पूछती थी लेकिन आज वरुण से पूछ रही है! क्या बात है! वान्या ने काफी सारी shopping की| वरुण ने अपने लिए तो कुछ भी नहीं लिया लेकिन अपनी माँ के लिए पायल और झुमके लिए| कुछ देर तक बाज़ार में घूमने के बाद वो तीनों वापस घर आ गए| रसोइया खाना बना रहा था और वो तीनों लूडो खेलने में बिज़ी थे।

वान्या – मैं कितने सालों से कसौली आना चाहती थी लेकिन मौका ही नहीं मिल रहा था| यहाँ का माहौल सब से अलग है| यहाँ की हवा में एक नशा है जो आप को यहाँ से वापस जाने नहीं देता|यहां की मार्केट भी कितनी अच्छी है। पापा, आपको मेरे झुमके कैसे लगे?

Mister Raizada – तुमने मुझे झुमके दिखाए ही कहाँ हैं? देखूंगा नहीं तो पता कैसे चलेगा कि design कैसी है? भूल गई तुम तो अपने पापा को।

Mister Raizada की आवाज में शिकायत जहलक रही थी। वान्या को याद आया कि उसने जो कुछ भी खरीदा था, वो पापा को दिखाने की बजाय, वरुण को दिखाया था। उसने पापा को sorry कहा और अपना सारा सामान उन्हें दिखाने लगी| कुछ देर बाद खाना टेबल पर लग चुका था। तीनो ने डिनर किया| डिनर के बाद Mister Raizada को वरुण रूम में ले गया और वो अपनी दवाई खाकर, सो गए। वान्या इतनी जल्दी सोना नहीं चाहती थी| वो कसौली की night life explore करना चाहती थी लेकिन अकेले बाहर जाने से डर रही थी| उसने वरुण को अपने साथ नाईट वाक पर चलने के लिए कहा लेकिन वरुण ने मना कर दिया क्यूंकि Mister Raizada को उसकी कभी भी जरुरत पड़ सकती थी| वान्या ने कहा कि Mister Raizada का ध्यान रखने के लिए सर्वेन्ट्स है| ये सुनकर वरुण वान्या के साथ walk पर चलने के लिए तैयार हो गया| वरुण ने घर से बाहर निकलने से पहले कपड़ों की 3-4 लेयर पहन ली थी। उसे ठंड बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होती। वान्या उसे देखकर हँस रही थी। दोनों बातें करते हुए पहाड़ी पर चलते जा रहे थे| रास्ता एकदम सुनसान था और दूर-दूर तक कोई भी नहीं दिख रहा था| कुछ देर पहले वान्या को घर से बाहर निकलने में डर लग रहा था लेकिन वरुण के साथ होने से उसका डर दूर भाग गया था| वान्या चलते-चलते आसमान की ओर देखने लगी। आज चाँद रोज़ से ज्यादा बड़ा दिख रहा था या शायद पहाड़ों पर चाँद की भी अलग ही लेवल की खूबसूरती नजर आती है।

वान्या – ऊपर देखो, आसमान कितना साफ़ है| चाँद कितना बड़ा दिख रहा है और स्टार्स भी कितने चमक रहे हैं! शहर में तो pollution की वजह से स्टार्स ठीक से दिखते ही नहीं हैं।

वरुण – बिलकुल सही कह रही हो| यहाँ की हवा भी कितनी साफ़ है| पहाड़ों में सब कुछ कितना शुद्ध है| मैं बहुत साल पहले हिमाचल प्रदेश आया था| जब वापस घर गया तो मन ही नहीं लग रहा था! यहाँ पर जो एक बार आता है तो उसका वापस जाने का मन नहीं करता|

वो दोनों जिस रास्ते पर चल रहे थे उसके एक तरफ गहरी खायी थी और दूसरी तरफ बहुत पहाड़। वान्या बेपरवाह होकर गाने गाते हुए, उछल कूद मचाते हुए रास्ते पर चल रही थी। वरुण ने कई बार उसे खाईं की तरफ से दूर किया था लेकिन वो बार बार रास्ते के किनारे जा रही थी। उन दोनों को ख्याल ही नहीं रहा कि वो घर से बहुर दूर आ चुके थे। चलते-चलते वान्या ने अपने बचपन के किस्से छेड़ दिए,

वान्या – तुम्हें पता है वरुण, मैं हमेशा से ही बहुत जिद्दी थी! पापा ने भी मेरी सारी जिद पूरी की है| उन्हें जमीन आसमान एक क्यूँ ना करना पड़े, वो मेरी हर एक जिद पूरी करते थे लेकिन एक बार उन्होंने मेरी जिद पूरी नहीं की थी| स्कूल ख़त्म होने के बाद मैं लंदन जाकर पढ़ना चाहती थी| जब मैंने पापा को इस बारे में बताया तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया| मैं जिद पर अड़ गयी और खाना-पीना छोड़ दिया लेकिन पापा फिर भी नहीं माने| पापा ने कहा कि वो सब कुछ सह सकते है लेकिन मुझ से दूर नहीं रह सकते| अगर मैं दूसरी कंट्री चली गयी तो वो लम्बे टाइम तक मुझसे मिल भी नहीं पाएंगे| मुझे इंडिया में रहकर ही कॉलेज करनी पड़ी| उस वक्त मुझे पापा पर बहुत गुस्सा आया था लेकिन अब जाकर समझ आ रहा है कि उन्होंने मुझे क्यूँ मना किया था| जिस से हम बहुत ज्यादा प्यार करते हैं उस से हम ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकते|

वरुण – बिलकुल सही कह रही हो| मैं भी अपनी माँ से दूर नहीं रह सकता| कसौली आने के लिए भी मुझे मेरी माँ ने ही मनाया था वरना मैं नहीं आता।

धीरे-धीरे ठंडी बढ़ रही थी| वान्या, जो heroine बन कर बाहर निकली थी, उसे भी अब ठंड लगने लगी। गर्माहट के लिए वो अपनी हथेलियाँ घिसने लगी| वरुण ने देखा कि वान्या ठंड के मारे कांप रही थी तो उसने अपना जैकेट निकाला और वान्या को पहना दिया| वरुण के इस जेस्चर के लिए वान्या ने उसको thank you कहा| वो सोचने लगी कि वरुण उसका कितना ख्याल रख रहा है| आज से पहले उसने कभी ऐसा फ़ील नहीं किया था, जो वरुण के साथ उसे फ़ील होने लगा था। अचानक से वान्या रोड पर दौड़ने लगी| वरुण उसे रोकने के लिए उसके पीछे-पीछे भागने लगा....  

वरुण – वान्या, रुको! stop it! ये बच्चों वाली हरकतें क्यूँ कर रही हो? Its not safe! दूसरी तरफ खाईं हैं, संभल कर।

वान्या वरुण की बात को अनसुना कर के भागे जा रही थी| उसे जैसे कसौली की ठंड का नशा चढ़ रहा था| भागते हुए अचानक उसका पैर फिसल गया और वो सड़क के दूसरी तरफ गिर गई। वान्या को खायी में गिरता देख वरुण जोर से चिल्लाया| वो भाग कर वहां गया और नीचे की ओर देखने लगा लेकिन उसे वान्या कहीं भी नज़र नहीं आ रही थी| वान्या क्या, उसे तो रात के अंधेरे में, कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था।

क्या वरुण वान्या को बच पाएगा? कसौली की ये रात वान्या के लिए कौन सी नयी मुसीबत लाने वाली थी?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
   

 

Continue to next

No reviews available for this chapter.