ओरायन की अचानक से आंख खुली, वो अपना सिर पकड़ते हुए उठा। उसने आस-पास देखा, वो किसी और जगह पर आ गया था। तभी उसे सामने लूना बेहोश पड़ी हुई दिखाई दी। "लूना... अपनी आंखें खोलो...लूना...." कहते हुए ओरायन लूना को उठाने की कोशिश करने लगा। थोड़ी ही देर में लूना अपना सिर पकड़ते हुए उठी, उसने आस-पास देखते हुए कहा,
लूना:"ये हम कहां आ गए ओरायन... ये कौन सी दुनिया है, हमारे साथ क्या हुआ?"
ओरायन ने चारों तरफ़ देखा, उसे सामने बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स, उड़ती हुई गाड़ियाँ दिखाई दीं, जिन्हें देखते ही ओरायन ने हैरानी से कहा,
ओरायन:"हम वापस से टेक्नोटोपिया में आ गए हैं, लूना...."
ये सुनते ही लूना का दिल बैठ गया। पिछली बार जैसा उसका अनुभव रहा था, इस दुनिया में लूना दोबारा नहीं आना चाहती थी। मगर उसे पता नहीं था कि जब आर्केडिया में एटलस का सिस्टम हैंग हुआ, उससे पहले ही उसकी स्क्रीन पर गणना सेट हो चुका था और ना चाहते हुए एक छोटी सी गलती के कारण, वो वापस से टेक्नोटोपिया में आ गए थे। "ये जगह अभी भी मुझे अजीब लगती है। ना जाने मैं यहां कैसे रहूंगी..." लूना ने मुँह बनाते हुए कहा। ओरायन ने उसे समझाते हुए कहा,
ओरायन:"तुम इसे और करीब से जानोगी तो समझ पाओगी कि ये दुनिया कैसे काम करती है। यहाँ हर चीज़ का तर्क है, हर सवाल का जवाब है।"
लूना के पास इस वक्त और कोई रास्ता नहीं था। ओरायन उसे इस बार टेक्नोटोपिया के पश्चिमी हिस्से में ले जाने लगा, ताकि वो दोनों काउंसिल के लोगों से बच कर रह सकें। लूना अब टेक्नोटोपिया के और भी गहरे हिस्सों में जाने वाली थी। ये वो जगह थी, जहाँ केवल गणना, तकनीकी और तर्क का बोलबाला था।
ओरायन और लूना पैदल ही आगे बढ़ रहे थे, कुछ दूर तक चलने के बाद अचानक से ओरायन रुक गया। उसने अपने ए.आई. एटलस से पूछा,
ओरायन:"बडी.... अब तो तुम्हारा सिस्टम सही से काम कर रहा है....?"
"हां बॉस.... नहीं तो आर्केडिया में मेरी जान ही निकल गई थी.... बड़ी अजीब दुनिया है..." एटलस ने जैसे ही कहा, लूना ओरायन को मुँह बना कर घूरने लगी। ओरायन कुछ कहता, इससे पहले ही लूना ने बड़बड़ा कर कहा, "एक मशीन क्या ही समझेगा... मेरी दुनिया कैसी है?" इतना कहने के बाद, लूना ने चारों तरफ़ देखते हुए कहा, "वैसे हम कहां जा रहे हैं, ओरायन... इस तरह भटकना सही नहीं है।"
ओरायन ने लूना को रिलैक्स होने का इशारा किया और अगले ही पल उसने अपने चश्मा पहना। चश्मा पहनते ही ओरायन ने किनारे लगे एक लाल बटन को दबाया, उसके तुरंत बाद सामने एक ए.आई. नेविगेशन सिस्टम आ गया, जिसमें कई सारी चीज़ें दिखाई दे रही थीं।
ओरायन:"लूना हम इस हिस्से में जायेंगे.....यहां पर मेरा घर है, जिसे कॉलेज के दिनों में मैंने और मेरे दोस्त नोवा ने मिलकर खरीदा था। हम वहीं जायेंगे।"
लूना:"ओरायन... मुझे तुम्हारी उड़ती हुई कार में नहीं जाना है.... मुझे डर लगता है...."
इस बात पर ओरायन मुस्कुरा पड़ा। ओरायन ने तभी लूना को अपना भेष बदलने को कहा, लूना ने एक मिनट के अंदर क्रोनोस की जादूई लॉकेट से अपना भेष बदल लिया और फिर ओरायन के साथ जाने लगी। ओरायन लूना को ज़मीन के अंदर बने एडवांस पब्लिक व्हीकल स्टेशन ले गया, जो सब कुछ सोलर एनर्जी पर चलता था।
लूना ने देखा, काफ़ी सारे लोग वहां खड़े हैं मगर कोई भी उसकी दुनिया के जैसे आपस में बात नहीं कर रहा था। ओरायन ने जल्दी से जाकर ऑटोमेटिक मशीन से दो टिकट लिए और एक छोटे कमरे जैसी गाड़ी में बैठ गया। ये गाड़ियां प्रोग्रामिंग के जरिए बिना ड्राइवर के चलती थीं।
लूना इस वक्त सीट पर बैठी ओरायन को देख रही थी, जो नेविगेशन सिस्टम को सेट कर रहा था।
थोड़ी ही देर में वो गाड़ी तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ने लगी, लूना ने आस-पास देखा, बाकी गाड़ियां भी पूरी रफ्तार में चल रही थीं और उनके अंदर बैठे लोग अपने टैब पर काम कर रहे थे।
लूना:"तुम्हारे यहाँ लोग बिना बोले ही हर काम कर लेते हैं... और ये गाड़ियां भी अपने आप चलती हैं..."
ओरायन:"हां लूना...यहाँ सबकुछ तर्क से चलता है। किसी चीज़ के लिए शब्दों की ज़रूरत नहीं है...और अभी हम जहां जा रहे हैं... वहां तुम्हें और भी कई सारी चीज़ें देखने को मिलेंगी।"
लूना सोच में पड़ गई कि आख़िर अब उसे और क्या देखने को मिलेगा। वो अभी शीशे से बाकी गाड़ियों को देख ही रही थी कि अचानक से वो चिल्लाई, "ओरायन... इसे रोको...अभी इसी वक्त?"
"क्या हुआ लूना... अचानक?" ओरायन ने चौंक कर पूछा, मगर लूना ने फिर से चिल्लाते हुए कहा, "ओरायन सवाल मत करो... इस मशीन को अभी इसी वक्त रोको...सामने देखो, उस गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है...." इतना कहने के बाद लूना ने सामने की ओर इशारा करते हुए कहा, "उसके अंदर बैठे दो लोग घायल हो गए हैं..."
लूना को परेशान देख, ओरायन ने उसे समझाते हुए कहा,
ओरायन:"लूना मैं इसे नहीं रोक सकता... यहाँ हर गाड़ी एक सिस्टम में चलती है.... अगर मैंने इसे बीच में रोक दिया तो फिर भारी जाम लग जाएगा... और हम रोबोट पुलिस की नज़रों में आ जायेंगे..."
लूना ने देखा, जिन लोगों का एक्सीडेंट हुआ था, उनको कुछ रोबोट्स उठा कर ले जा रहे थे। लूना को समझ नहीं आ रहा था कि जब टेक्नोटोपिया में सब कुछ मशीनों के जरिए एक सिस्टम में चलता है तो फिर एक्सीडेंट क्यों होता है। उसने जैसे ही ये सवाल पूछा, ओरायन ने समझाया,
ओरायन:"कभी कभी प्रोग्रामिंग में कुछ खराबी आने के कारण ये एक्सीडेंट्स हो जाते हैं..."
"और मान लो इसी में किसी इंसान की जान चली जाती है...तो फिर उसका जिम्मेदार कौन होता है..." लूना ने एक ज़रूरी सवाल पूछा, जिसका जवाब ओरायन नहीं दे पाया, क्योंकि टेक्नोटोपिया में सब कुछ इंसानों ने ही लॉजिक और गणना के दम पर ये सब बनाया था और कहीं ना कहीं अगर कोई हादसा होता था तो वो इंसान ही जिम्मेदार होते थे मगर इस दुनिया में फीलिंग्स और इमोशंस का कोई मतलब नहीं था इसलिए यहां किसी के मरने पर कोई आंसू तक नहीं बहाता था। थोड़ी ही देर में ओरायन लूना को अपने घर के अंदर ले गया, जहां पर वो कभी कॉलेज के दिनों में रहता था। उस घर में लूना ने जैसे ही क़दम रखा, चारों तरफ़ से सायरन बजने लगा। लूना घबरा गई, तभी ओरायन ने समझाते हुए कहा,
ओरायन:"लूना... तुम यहां दरवाज़े के पास आकर खड़ी हो जाओ...इस घर का सिस्टम तुम्हारा डेटा ले लेगा...उसके बाद तुम अंदर आ सकती हो।"
लूना ने वैसा ही किया, उसे वो पल याद आ गया जब आर्केडिया में वो बिना बताए किसी के भी घर चली जाती थी, मगर टेक्नोटोपिया में अनजान घर जाने पर पहले डेटा कलेक्ट करवाना पड़ता था। लूना जैसे ही कमरे में आई, उसने देखा सामने एक बड़ा गोला रखा हुआ है, जिसके अंदर से हरी रोशनी निकल रही थी। ओरायन उस गोले में कुछ सेटिंग्स कर रहा था, ठीक तुरंत बाद गोले से पूरे शहर का 3D मॉडल दिखाई देने लगा।
लूना:"ओरायन ये क्या चीज़ है... इसमें तो तुम्हारा पूरा शहर दिखाई दे रहा है..."
ओरायन:"इसे स्मार्ट होलोग्राम कहते हैं... मैं इसमें ये देखने की कोशिश कर रहा हूं कि मेरे अपार्टमेंट का क्या हाल है... वहां अभी भी रोबोट पुलिस है या नहीं..."
यह कहते हुए ओरायन ने अपने अपार्टमेंट वाले हिस्से में ज़ूम किया, उसने देखा उसके अपार्टमेंट में बड़ा सा डिजिटल लॉक हुआ है और तो और उसी लॉक के कारण ओरायन अपने घर के अंदर कुछ भी देख नहीं पा रहा था। "काउंसिल के लोग काफ़ी चालाक निकले... उन्होंने पूरा इंतज़ाम कर रखा है कि मैं अपने घर के अंदर ना देख सकूं..." ओरायन ने चिढ़ते हुए कहा।
"तो क्या ओरायन... तुम इस कमरे में बैठ कर पूरे शहर में कहां क्या हो रहा है, तुम देख सकते हो?" लूना ने कुछ सोचते हुए पूछा, कहीं ना कहीं वो ऐसी दुनिया में आई थी, जिसके बारे में उसने ना तो कभी सोचा था और ना ही कभी सुना था, इसलिए वो जब भी कुछ नया देखती, उसके मन में ऐसे ही कई सवाल उठने लगते। ओरायन ने गंभीरता से उसके सवाल का जवाब दिया,
ओरायन:"यहां सब कुछ पारदर्शी है लूना... यहां कोई भी चीज़ छिपी नहीं रहती, जो कि अच्छा भी है और कहीं ना कहीं ख़राब भी।"
लूना अब धीरे-धीरे टेक्नोटोपिया की टेक्नोलॉजी समझ रही थी और उसे कहीं ना कहीं हैरानी भी हो रही थी, सब कुछ जानने के बाद भी। सुबह से दोपहर हो चुका था, लूना और ओरायन उसी घर में अब तक ठहरे हुए थे। तभी लूना ने देखा कि ओरायन काफ़ी बेचैन नजर आ रहा है।
लूना:"क्या हुआ ओरायन... सब ठीक है ना..."
लूना ने सीरियस टोन में सवाल किया, जिसके जवाब में ओरायन ने कहा,
ओरायन:"मैं नोवा से कनेक्ट करने की कोशिश कर रहा हूं...मगर कनेक्शन फेल हो जा रहा है...."
लूना भी घर में बोर हो रही थी, वो अपनी दुनिया में जब भी बोर होती थी तो नदी के किनारे तारा और अपनी बाकी सहेलियों के साथ चली जाती थी, अपनी इसी आदत से मजबूर लूना ओरायन को बता कर घर से बाहर आ गई, उसने देखा आस-पास काफ़ी सारे बच्चे अपने-अपने टैब में गेम्स खेल रहे हैं और मन ही मन में एक दूसरे से बात कर रहे हैं।
लूना:"मैं इन बच्चों के पास जाकर अपना जादू दिखाती हूं... इन्हें बहुत पसंद आएगा..." कहते हुए लूना एक बच्चे के बगल में बैठ गई, उसकी उम्र 15 साल होगी।
लूना ने अपनी जादू से एक चॉकलेट को हाथ में प्रकट किया और बच्चे को देते हुए कहा, "इसे खाना चाहोगे?" बच्चे ने अपनी कलाई में बंधी घड़ी के रे से उस चॉकलेट को स्कैन करने के बाद कहा, "इसमें चीनी है.... और तुम कौन हो...डेंजर...डेंजर..." बच्चा चिल्लाने लगा, लूना एक पल के लिए बुरी तरह से घबरा गई, उसने बच्चे को समझाते हुए कहा, "नहीं... नहीं मैं तो प्यार से तुम्हें ये चॉकलेट दे रही थी..." अगले ही पल वहां पर कुछ रोबोट्स आ धमके, उन्होंने लूना के हाथ में जैसे ही चॉकलेट का पैकेट देखा, उन्होंने उसे डस्टबिन में डाल दिया और लूना का हाथ एक डिजिटल रस्सी से बांध दिया।
लूना:"ओरायन... ओरायन.... मुझे बचाओ.... ये लोग मुझे गलत समझ रहे हैं..."
उसकी आवाज़ सुन, ओरायन हड़बड़ाते हुए बाहर आया, उसने रोबोट्स से कहा, "रिलैक्स... ये मेरे साथ है...." इतना कहने के बाद ओरायन ने एटलस से कहा, "बडी इनके सिस्टम में जाकर इनको समझाओ कि लूना उस बच्चे को डरा नहीं रही थी.... बल्की दोस्ती करना चाह रही थी।"
अगले ही पल एटलस ने ऐसा ही किया, रोबोट्स ने लूना को वार्न किया, लूना का दिल अब भी जोरों से धड़क रहा था। ओरायन उसे घर के अंदर लाते हुए बोला, "लूना... मैंने तुम्हें समझाया था ना.... कि यहां इमोशंस की कोई वैल्यू नहीं है... अब हम तुम्हारे कारण बड़ी मुसीबत में फंस जाते..."
लूना:"लेकिन मैं तो उस बच्चे को बस ये चॉकलेट दे रही थी... इसमें क्या गलत किया मैंने?"
ओरायन:"देखो लूना.... इस दुनिया में हर बच्चा अपनी हेल्थ को लेकर बहुत कॉन्शियस है...और तो और बिना जान पहचान के अगर तुम सामने से किसी भी दोस्ती करने जाओगी तो वो तुम्हें गलत समझेगा..."
लूना:"मगर तुम तो ऐसे नहीं हो... तुम्हारे लिए मैं भी तो अनजान थी न... फिर..."
लूना ने बातों ही बातों में एक बेहद जरूरी सवाल पूछ दिया। ओरायन अब मन में बड़बड़ाने लगा, "इसलिए तो मैं इस दुनिया में इमोशंस को लाना चाहता हूं...टेक्नोटोपिया को इसकी ज़रूरत है।" अपनी आदत के अनुसार ये बात ओरायन ज़ोर से बोल गया, लूना ने सुनने के बाद पूछा, "और कैसे करोगे ये तुम ये सब, बताना ज़रा।" ओरायन कुछ बोल ना पाया। तभी अचानक से बगल वाले कमरे से एक बीप बीप की आवाज़ आने लगी। ओरायन और लूना जैसे ही उस कमरे में आए, उन्होंने देखा सामने प्रक्षिप्त पर नोवा दिखाई दे रहा है। ओरायन ने लूना को दरवाज़े के पास ही रहने को कहा, वो उसके बारे में नोवा को नहीं बताना चाहता था।
ओरायन:"नोवा.... सब कुछ कैसा चल रहा है और तुझे इस तरह मीटिंग करने की क्या ज़रूरत पड़ गई भाई?"
नोवा: "मैं बॉस को कह कर आया हूं कि मैं एक इम्पॉर्टेंट मीटिंग करने जा रहा हूं.... ताकि उनको शक ना हो.... भाई ओरायन तू कहां है...कैसा है?"
ओरायन:"मैं हमारे पुराने घर में हूं... अगर मौका मिला तो मिलूंगा तुझसे और कुछ बताऊंगा..."
इतना कह कर ओरायन ने सामने से ही प्रक्षिप्त बंद कर दिया। तभी लूना ने वहां आकर कहा,
लूना:"ये अब कौन सी मशीन है ओरायन?"
ओरायन:"इसे फ्लोटिंग प्रक्षिप्त कहते हैं...और ये पूरा कमरा ही इस तरह से डिज़ाइन किया है कि तुम यहीं से बैठ कर किसी भी मीटिंग हॉल में वर्चुअली जाकर मीटिंग कर सकती हो...जैसे नोवा ने वर्चुअली ऑफिस से यहां मेरे सामने आकर बात की।"
लूना को आधा समझ आया और आधा उसके सिर के ऊपर से पार चला गया। ओरायन को पता नहीं था कि उसने जैसे ही प्रक्षिप्त को नोवा के सिस्टम से कनेक्ट किया था, काउंसिल को उसके लोकेशन के बारे में पता चल गया। ओरायन लूना से बात कर ही रहा था कि एटलस ने वार्निंग देते हुए कहा, "बॉस... काउंसिल के लोगों को यहां का लोकेशन पता चल गया...."
"ओह गॉड... कहीं नोवा ने तो ये सब नहीं किया..." इतना कह ओरायन ने लूना से कहा, "लूना हमें भागना होगा..."
"मगर हम कहां जाएंगे....अब अचानक से?" लूना ने पूछा, जिसके बाद ओरायन भी सोच में पड़ गया। तभी बाहर से डेविड की आवाज़ आई, "ओरायन... आख़िरकार तुम यहां छुपे हो?" ये आवाज़ सुनते ही लूना का बदन सिहर गया। उसने धीरे से कहा, "ओरायन अब क्या करें..." तभी ओरायन लूना को लेकर सोफे के पीछे छुप गया, ताकि कुछ सोच सके। इधर दूसरी तरफ़ दो से तीन बार डेविड ने ओरायन का नाम लिया, मगर जब ओरायन ने दरवाज़ा नहीं खोला तो डेविड ने दरवाज़ा तोड़ने का इशारा किया। तभी उसके एक आदमी ने कहा, "सर ये दरवाज़ा एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है..." ये सुनते ही डेविड के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई। उसने अपनी घड़ी में लगे बटन को दबाते हुए कहा, "बस अब बहुत हुआ...अब मुझे ही इनवॉल्व होना होगा..." इतना कहने के साथ ही, डेविड के पूरे शरीर में एक आयरन सूट आ गया, जो काफ़ी एडवांस था।
डेविड ने बिना कुछ सोचे समझे, अपना हाथ आगे बढ़ाया और ओरायन के घर की दीवार को ही तोड़ डाला मगर अब भी घर के चारों ओर एक ट्रांसपेरेंट डिजिटल सुरक्षा दीवार लगी थी। मगर डेविड का काम हो चुका था, दीवार टूटने के कारण, उसे घर के अंदर सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। उसकी नज़र सामने सोफे की ओर गई, उसने जो देखा, उसे देख उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई।
क्या हुआ ऐसा? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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