लूना को समझ नहीं आया कि ओरायन किस जगह की बात कर रहा है। उसने आंखों से इशारा करके पूछा, ओरायन ने अगले ही पल एटलस को स्क्रीन प्रस्तुत करने को कहा और लूना से कहा,

ओरायन: "वो तुम्हारी दुनिया है लूना.... हमें वहीं जाना होगा..."

लूना के माथे पर शिकन आ गई, उसे पता नहीं था कि आर्केडिया में इस वक्त माहौल कैसा था? मगर लूना इस वक्त की परेशानी भी अच्छे से समझ रही थी। उसने हां में सिर हिला दिया, ओरायन स्क्रीन पर वापस से गणना करने लगा और पोर्टल खोलने की कोशिश करने लगा। काउंसिल के लोग उनके बहुत करीब आ चुके थे। एटलस ने चेतावनी देते हुए कहा,

एटलस: "बॉस.... जल्दी... वो लोग आ रहे हैं.."

ओरायन के हाथ पैर कांप रहे थे, उसे डर था कि अगर काउंसिल के लोगों को लूना के बारे में पता चला तो फिर लूना हमेशा के लिए कैद होकर रह जाएगी।

ओरायन: "लूना पोर्टल खुलने वाला है...रेडी हो..."

ओरायन ने स्क्रीन पर आ रहे ग्लिच को देखते हुए कहा। लूना ने ओरायन का हाथ पकड़ लिया, देखते ही देखते पोर्टल खुलने लगा और दोनों उसके अंदर समाने लगे। उधर रोबोट पुलिस ने आसमान से ओरायन को देख लिया था। वो जैसे ही नीचे आए, उन्होंने देखा वहां से ओरायन गायब हो चुका है। "कहां गया वो... उसे चारों तरफ़ ढूंढो..." काउंसिल के एक सदस्य ने कहा।

इधर दूसरी तरफ़ उसी बरगद के पेड़ के अंदर से लूना और ओरायन बाहर आए। उनके बाहर आते ही पोर्टल बंद हो गया। ओरायन और लूना आर्केडिया आ चुके थे, एक ऐसी दुनिया जहां जादू और इमोशंस का राज चलता था।

ओरायन उस बरगद के पेड़ को देख हैरान था, उसने कहा,

ओरायन: "ओह्ह!!... तो ये पोर्टल इसी पेड़ के अंदर खुलता है... ये काफ़ी अजीब बात है?"

"क्यों तुम्हें कोई दिक्कत है क्या?" वहां पर आवाज़ आई, ओरायन ने हैरानी से चारों तरफ़ देखा। क्योंकि वो आवाज़ लूना की नहीं थी, वो एक भारी आवाज़ थी। वो सोच ही रहा था कि तभी वो आवाज़ फिर से आई, "इधर उधर क्या देख रहे हो...इतना बड़ा शरीर नहीं दिखाईं दे रहा है?"

ओरायन ने जैसे इस आवाज़ पर गौर किया, वो हड़बड़ा गया। उसके सामने खड़ा बरगद का पेड़, उससे इंसानों की तरह बात कर रहा था।

"लूना...लूना ये पेड़ तो बात कर रहा है...." ओरायन ने हैरानी से कहा, लूना ने उसे शांत किया और कहा,

लूना: "मेरी जादूई दुनिया आर्केडिया में तुम्हारा स्वागत है ओरायन.... और हां इस दुनिया को अगर जानना चाहते हो तो यहां दिल से सोचना... दिमाग से नहीं..."

ओरायन के लिए ये बहुत बड़ी बात थी कि वहां के पेड़ बात कर रहे थे। वो उसके पीछे का कारण जानने को बेकरार हो गया, ना चाहते हुए भी उसका सायंटिस्ट दिमाग लॉजिक लगाने से पीछे नहीं हट पाया। ओरायन ने अपने ए.आई. एटलस को वहां सब कुछ एनालाइज करने को कहा, तभी अचानक से एटलस के सिस्टम में एक धमाका हुआ।

"बडी.... ये कैसी आवाज़ है...सब ठीक है...?" ओरायन ने घबराते हुए पूछा, मगर एटलस ने कोई जवाब नहीं दिया। ओरायन का दिल जोरों से धड़कने लगा, वो अपने ए.आई. सिस्टम को चेक करने की कोशिश करने लगा, मगर तभी ओरायन को एहसास हुआ कि वो अपने सिस्टम को खोल नहीं पा रहा है।

तभी एटलस की धीमी आवाज़ आई,

एटलस:"बॉस...यहां की एनर्जी मुझसे मेल नहीं खा रही...मैं पूरी तरह से काम नहीं कर पाऊँगा... अगर ऐसा ही रहा तो मेरा पूरा सिस्टम एब्रप्ट हो जाएगा..."

ये सुनते ही ओरायन को एक बड़ा झटका लगा, उसकी हालत देख लूना ने ओरायन को समझाते हुए कहा,

लूना:"ओरायन घबराओ नहीं... मैंने तुम्हें कहा था ना... तुम्हें यहां जादू की ज़रूरत पड़ेगी, तर्क नहीं।"

अगले ही पल ओरायन ने अपने बेल्ट में लगा बटन दबाया, डिजिटल बॉक्स खोलने के लिए मगर वो भी नहीं खुला। ओरायन पसीने से लथपथ हो चुका था। "लूना यहां पर ना तो मेरा एटलस काम कर रहा है और ना ही कोई गैजेट्स.... लूना मेरी मदद करो..." ओरायन ने परेशान होते हुए कहा।

लूना: "ठीक है तो अभी तुम अपने सिस्टम को बंद कर दो... जैसे ही तुम अपनी दुनिया में जाओगे...सब कुछ पहले जैसा कर देना..."

लूना ने आइडिया दिया, ओरायन बिना सोचे एटलस का सिस्टम शट डाउन करने लगा। इसी दौरान उसकी आंखों के सामने वो पल याद आ गया, जब ओरायन ने 500 ट्रायल करने के बाद एटलस को बनाया था। आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था, जब ओरायन बिना एटलस के रहा था। उसकी नम आंखों को देख, लूना को क्रीना का एहसास हुआ। लूना ने ओरायन को समझाते हुए कहा,

लूना: "ओरायन फिक्र मत करो... इस दुनिया में तुम्हारा ए.आई. तुम्हारे साथ नहीं है तो क्या हुआ.... मैं हूं ना..."

ओरायन पहली बार आर्केडिया की जादुई दुनिया में कदम रख रहा था। ये एक ऐसी दुनिया थी, जहां हर चीज़ में जीवन था—पेड़, बादल, पानी, और जानवर सब एक जादुई तालमेल में थे। लूना जानती थी कि अगर वो आर्केडिया के शहरी इलाके में गई तो एल्डर्स को उसके बारे में पता चल जाएगा, इसलिए लूना ओरायन को जंगल से होते हुए शहर के किनारे वाले हिस्से में ले जाने लगी।

"ये तो कोई शहरी बाबू लगता है..."

"हां इसका पहनावा तो देखो...कहां से आया होगा ये?"

"हमारी दुनिया का तो नहीं लगता..."

कुछ इस तरह से सारे पेड़ आपस में ओरायन को देख कर बातें कर रहे थे। ओरायन को ये सब सुनकर अजीब लग रहा था। लूना उसके चेहरे को देख मंद मंद मुस्कुरा रही थी। थोड़ा आगे जाने पर, दोनों जंगल से बाहर आए। ओरायन को सामने उल्टे बहने वाला झरना दिखाई पड़ा, तभी उसने देखा कि आकाश में बादल और नीचे बहती नदी आपस में एक सुंदर जुगलबंदी कर रहे हैं। ओरायन को लग रहा था कि वो कोई सपना देख रहा है या फिर कोई 9डी मूवी।

ओरायन ने चारों तरफ़ देखते हुए कहा,

"ये नज़ारा किसी कला से कम नहीं है। लूना तुम्हारी दुनिया तो सच में अद्भुत है लूना..."

लूना: "आगे चलो... तुम्हें अभी और भी बहुत कुछ दिखाना है...."

दोनों बातें करते हुए आगे बढ़ रहे थे। चलते चलते दोनों मैदानी इलाके में आ पहुंचे, ओरायन ने देखा, दूर दूर तक जहां भी उसकी नज़र जा रही थी, चारों तरफ़ चमकते हुए घास दिखाई दे रहे थे। वो नज़ारा किसी कैनवस पेंटिंग से कम नहीं था।

"क्या मैं इन घासों के ऊपर चल सकता हूं...." ओरायन ने चारों तरफ़ देखते हुए पूछा, जिस पर लूना ने हां में सिर हिला दिया। ओरायन अगले ही पल बच्चों की तरह खुश होते हुए, उन घासों के बीच चला गया, ओरायन के जाते ही वो घास अपना रंग बदलने लगे। ओरायन पहली बार रंग बिरंगे घासों का मैदान देख रहा था।

ओरायन:"लूना इन्हें देख कर तो लग रहा है कि ये मेरा स्वागत कर रहे हैं...यह सच में अद्भुत है....मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं..."

लूना:"कहने की कोई जरूरत नहीं... तुम्हारा चेहरा सब कुछ बता रहा है।"

लूना ने ओरायन को जवाब दिया, उसका अंग्रेजी सुन ओरायन का मुँह खुला का खुला रह गया। ओरायन को नहीं लगा था कि लूना और उसकी दुनिया में कोई अंग्रेजी जानता होगा। ओरायन का हैरानी से भरा हुआ चेहरा देख कर, लूना ने आंख मारते हुए कहा,

"मि. ओरायन.... हम लोग अपने जादू से कोई भी भाषा सीख सकते हैं।"

ओरायन के पास कोई शब्द नहीं थे, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे रिएक्ट करे? ओरायन और लूना दोनों ही उसी घास के मैदान पर बैठ गए, इस वक्त शाम के 6 बज रहे थे। सूरज डूबने का वक्त हो चला था।

सूरज डूबते ही चारों तरफ़ अंधेरा हो गया। ओरायन को थोड़ी घबराहट होने लगी, वो कुछ कहने ही वाला था कि तभी उसे चारों तरफ़ छोटी छोटी रोशनी दिखाईं पड़ी। देखते ही देखते आस पास का पूरा माहौल जगमगा उठा।

ओरायन:"लूना... ये कैसा जादू है...समझ नहीं आया?"

लूना ने सामने पेड़ों की डाली की ओर इशारा किया, ओरायन ने देखा, डालियों पर छोटे बड़े पक्षी बैठे हैं, जिनके पंख जुगनू की तरह चमक रहे हैं। ओरायन ने आज से पहले ऐसा कुछ भी नहीं देखा था।

ओरायन:"ये पक्षी हैं या रोशनी लूना.... या मेरी आँखों का कोई भ्रम?"

लूना ने प्यार से बताया,

लूना:"ये आर्केडिया के जादुई पक्षी हैं, जिनका काम प्रकाश फैलाना है। जब अमावस में चाँद गायब रहता है....तो यही पक्षी रात में रोशनी फैलाने का काम करते हैं।"

ओरायन इस वक्त सारे लॉजिक और कैलकुलेशंस भूल कर, आर्केडिया की जादुई दुनिया में खो गया था। काफ़ी देर तक उस जगह पर बैठने के बाद अचानक से उसे एहसास हुआ कि उसने बहुत वक्त से कुछ खाया नहीं है। ओरायन ने छेड़ते हुए कहा

ओरायन:"लूना... तुम्हारी दुनिया में खाना मिलता है...या जादू से ही पेट भरते हैं...",

लूना:"टेक्नोटोपिया से बहुत अच्छा और स्वादिष्ट खाना मिलता है यहां...."

इधर दूसरी तरफ़ चारों एल्डर्स घर में बैठ कर, एक जादूई गोले में लूना का पता ढूंढने की कोशिश कर रहे थे। वो गोला हर मिनट में अपना रंग बदल रहा था। मार्को ने गोले से कहा,

"क्या हुआ.... आखिर अभी तक तुम लूना के बारे में पता क्यों नहीं कर पाए हो?"

अगले ही पल दूसरे एल्डर, येंसन ने कहा, "मैं तो कहता हूँ.... हमें उस लड़की तारा को पकड़ कर पूछना चाहिए..."

"नहीं.... इससे कुछ फायदा नहीं होगा... तारा को कुछ नहीं पता है...और एक और बात..... लूना के घर वालों को ये पता नहीं चलना चाहिए कि उनकी लड़की जेल से भाग चुकी है..."

दोनों एल्डर्स बात कर ही रहे थे कि अचानक से उस जादूई गोले में लूना का चेहरा दिखने लगा। चारों एल्डर्स इस सिग्नल को समझने की कोशिश करने लगे।

थोड़ी ही देर में मार्को को एक कनेक्शन महसूस हुआ, उन्होंने कुटील मुस्कान से कहा, "वो लड़की आर्केडिया में है...."

इधर दूसरी तरफ़ लूना ओरायन को लेकर उस मैदानी इलाके से निकल चुकी थी। तभी ओरायन ने आसमान में कुछ उड़ते हुए जानवर देखें।

ओरायन:"लूना यहां तो हाथी हवा में उड़ता है... और ये क्या उसका दांत हीरे के जैसा चमक रहा है..."

अगले ही पल लूना ने एक आवाज़ निकाली और उस उड़ते हुए हाथी को अपने पास बुलाते हुए कहा,

लूना:"ओरायन सवारी करना चाहोगे?"

ओरायन ने उस हाथ के चमकते हुए दांत को छु कर देखना चाहा मगर इससे पहले ही हाथी चिंघाड़ा। ओरायन डर के मारे, दो कदम पीछे हट गया।

लूना उस पर हंसते हुए बोली,

लूना:"घबराओ मत... तुम्हें इसके दांत छूने से पहले परमिशन लेना चाहिए था ना..."

ओरायन:"यार!...देखो मुझे यहां का नहीं पता....तुम मुझे किसी और चीज़ से यहां से ले चलो... मैं नहीं करने वाला किसी जीव की सवारी..."

ओरायन ने डरते हुए कहा, उसकी हालत देखने लायक हो गई थी। तभी उसे चारों तरफ़ से हंसने की आवाज़ आई, ओरायन ने देखा, आस पास हवा में उड़ रहे सारे जीव जन्तु उस पर हंस रहे हैं।

"लूना ये लोग मेरी बेइज्जती कर रहे हैं. .....इनको नहीं पता कि अपनी दुनिया में मैं इनसे भी बड़े बड़े जानवरों को पकड़ कर उन पर एक्सपेरिमेंट करता हूं..." ओरायन ने चारों तरफ़ घूरते हुए कहा, उसकी बात सुनते ही लूना को झटका लगा।

उसने हैरानी से पूछा, "क्या तुम लोग जानवरों को बंदी बनाते हो ओरायन?"

ओरायन:"हां... अब एक्सपेरिमेंट करने के लिए करना ही पड़ता है... तुम्हें भी पता है मेरी दुनिया में यहां के जैसे लोग इमोशनल नहीं हैं...."

ओरायन ने जवाब दिया, जिसे सुन कर लूना के चेहरे पर उदासी आ गई और आगे बढ़ गई। ओरायन को एहसास हुआ कि उसने कुछ ज़्यादा ही सच बोल दिया था।

वो लूना के पीछे जाते हुए समझाने लगा,

ओरायन:"लूना.... बुरा मत मानो...मगर मेरी दुनिया का यही सच है... तुम तो देख चुकी हो वहां सब कुछ लॉजिक और कैलकुलेशंस पर चलता है...इमोशंस पर नहीं।"

लूना:"कोई बात नहीं...तुम्हारी गलती नहीं है..."

इतना कहने के बाद लूना ने क्रीना से जादूई खिड़की निकालने को कहा। अगले ही पल जादूई खिड़की सामने आ गई, ओरायन ये सब हक्का बक्का होकर देख रहा था। उस जादुई खिड़की की मदद से लूना ओरायन को एक सुनसान जगह पर ले गई, जहां से शहर पास ही था।

"तुमने दरवाज़ा खोला, बिना कुछ छुए!" ओरायन ने चौंक कर पूछा, जिसके जवाब में लूना ने कहा, "यहां जादू ही काफी है... ख़ैर ये सब छोड़ो और बताओ क्या खाना चाहोगे?"

"तुम्हारा जो मन....और जो इस जगह पर आसानी से मिल जाए..." ओरायन ने कहा, उसे लग रहा था कि लूना उसे कोई फल या सब्जी खिलाएगी। मगर उसने देखा, लूना ने जैसे ही हवा में हाथ उठाया, उसके हाथ से जादूई ऊर्जा निकलने लगी और अपने आप सामने खाने का टेबल लग गया। ओरायन की आंखों के सामने एक के बाद एक तरह तरह का खाना हाज़िर हो गया।

"वाओ!...लूना यहां तो खाना भी जादू से आ जाता है...कितनी मस्त लाइफ है तुम लोगों की...." ओरायन ने कहा, मगर इसके बाद भी लूना खुश नहीं हुई, वो अंदर से जान रही थी कि इतना सब करने के बाद भी वो आर्केडिया की छोटी जादूगरनी कहलाती है। उसने ये बात ओरायन से छुपा रखी थी।

ओरायन खाना खाते हुए, आस पास की चीजें देख रहा था, उसने देखा, सामने एक औरत अपने छोटे से बच्चे को प्यार कर रही है, ऐसा कुछ ओरायन ने अपनी दुनिया में नहीं देखा था। वहां पर रोबोट्स बेबी केयर होते थे, जो बच्चों का पालन पोषण करते थे।

इस दृश्य को देख ओरायन ने इमोशनल होते हुए कहा,

ओरायन:"यहां के लोग इतने भावुक कैसे हो सकते हैं?"

लूना:"मैंने कहा ना ओरायन यहां हर रिश्ता दिल से होता है... दिमाग से नहीं... तुम कुछ दिन यहां रहोगे सब समझ जाओगे..."

ओरायन ने काफ़ी देर तक सोचने के बाद कहा, "तुम्हारी दुनिया में लोग दिल से जुड़े होते हैं। मैं अब समझ रहा हूँ कि यहां इमोशंस कितने महत्वपूर्ण हैं।" दोनों बात कर ही रहे थे कि अचानक से क्रीना ने लूना को सावधान करते हुए कहा, "लूना...एल्डर्स को पता चल गया है कि तुम इसी दुनिया में हो..."

ये सुनते ही लूना घबरा गई, उसने जल्दी से सारा खाना जादू से गायब किया और फिर ओरायन का हाथ पकड़ सामने नदी की तरफ़ भागने लगी। ओरायन को समझ नहीं आ रहा था कि लूना नदी की तरफ़ क्यों भाग रही है।

थोड़ी ही देर में ओरायन को नदी के पानी में कुछ ऐसे जीव दिखाई पड़े, जो पानी से ही बने हुए थे और जुगनू की तरह चमक रहे थे। लूना ने अपनी जादू का इस्तेमाल किया और ओरायन को लेकर, एक पानी से बनी बड़ी मछली पर बैठ गई।

लूना:"ओरायन... तुम जल्दी से पोर्टल खोलने की कोशिश करो... हम जब तक पानी में हैं... सुरक्षित हैं... मगर हम ज्यादा देर तक सुरक्षित नहीं रह पाएंगे..."

अगले ही पल ओरायन ने अपने ए.आई. एटलस को ऑन किया और फिर अपनी गाड़ी में लगे बटन को दबाया। उसका सिस्टम बहुत ज्यादा हैंग कर रहा था। इसी बीच क्रीना ने फिर से लूना को सावधान हो गया, एल्डर्स के गार्ड्स करीब आने लगे थे। ओरायन अपनी घड़ी में लगे स्क्रीन को सेट करने में लगा हुआ था, मगर उसका पूरा सिस्टम हैंग हो चुका था। ओरायन ने चिल्ला कर कहा, "लूना.... हम फंस चुके हैं... मेरे ए.आई. एटलस का सिस्टम हैंग हो गया है...." ओरायन के कहते ही वहां पर एक धमाका हुआ और एक तेज़ रौशनी निकली। 

क्या हुआ आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए।  

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