अर्जुन को जब लगा कि अब कुछ सही नहीं हो सकता..... कि कुछ दूर जाकर रेड लाइट हो गई और एकाएक जैसे उसकी पूरी दुनिया पलट गई। अपनी आंखों के सामने के नज़ारे को देखकर,उसकी आँखें बेहिसाब हैरत और अविश्वास से फट गई थीं। उसके मुंह से बमुश्किल सिर्फ़ एक ही लफ़्ज़ निकल पाया था।
"अनाया".....????
उसकी सारी परेशानियों का हल जैसे ठीक उसके बिल्कुल बराबर में आ खड़ा हुआ था..... अर्जुन की नज़र अचानक अपने साइड में ट्रैफ़िक में खड़ी ध्रुवी की गाड़ी पर पड़ी, जिसमें ध्रुवी कार ड्राइव कर रही थी। अर्जुन ने जब ध्रुवी को देखा, तो पहले तो उसे अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ और वह अविश्वास और हैरानी से बस एकटक ध्रुवी की दिशा में देखता रहा, जैसे खुद को अपने सामने दिख रहे दृश्य को समझाने की कोशिश कर रहा हो।
अर्जुन(अविश्वास और शॉक्ड से बड़बड़ाते हुए): क्या यह जो हम देख रहे हैं यह सब कुछ हकीकत में है या यह सिर्फ़ हमारा वहम है??
अर्जुन ने ये सोचते हुए कुछ पल के लिए अपनी आँखें बंद करके खोलीं कि शायद यह उसका वहम हो, लेकिन आँखें खोलने के बाद भी, जब अर्जुन को ध्रुवी ज्यों की त्यों नज़र आई, तो शॉक्ड और हैरानी से उसके मुँह से सिर्फ़ फिर से वही लफ़्ज़ निकला!
अर्जुन(शॉक्ड होकर): अनाया???..…
अर्जुन के लिए अपने सामने अचानक..... अपनी पत्नी अनाया का चेहरा आना..... किसी बड़े अविश्वास और हैरानी के साथ..... किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं था..... वह भी उस पत्नी का चेहरा..... जो कुछ अरसे पहले ही इस दुनिया से जा चुकी थी..... जब तक अर्जुन की आंखों को ध्रुवी का चेहरा नजर आता रहा..... तब तक अर्जुन अपलक बस उसकी दिशा में..... शॉक्ड और हैरानी से एकटक देखता रहा..... लेकिन जैसे ही ध्रुवी ने अपनी गाड़ी आगे बढ़ाई..... तो जैसे अर्जुन होश में आया.....!
अर्जुन(होश में आते हुए): अनाया??..... (ड्राइवर से)..... जल्दी से उसे गाड़ी का पीछा कीजिए..…
अर्जुन ने ड्राइवर से फौरन ध्रुवी की गाड़ी का पीछा करने का आदेश दिया..... ध्रुवी स्पीड से अपनी गाड़ी आगे बढ़ाए जा रही थी.....!
अर्जुन(बेसब्री से): ड्राइवर गाड़ी की स्पीड बढ़ाएं और अपनी गाड़ी उस गाड़ी के आगे ले जाकर उसका रास्ता ब्लॉक कीजिए!
ड्राइवर(स्पीड बढ़ाते हुए): जैसा आप कहें हुकुम सा
अर्जुन ने ड्राइवर से जल्द से जल्द..... ध्रुवी की गाड़ी के आगे अपने गाड़ी लगाने का आदेश तो दे दिया था..... मगर ध्रुवी की गाड़ी की स्पीड काफी ज्यादा थी..... इसलिए वो उसके हाथ नहीं आ पाई..... और कुछ दूरी पर जाने के बाद..... आखिर में ध्रुवी अपनी गाड़ी एक बड़े से मेंशन के अंदर लेकर चली गई.....!
ड्राइवर(अर्जुन की ओर पलट कर): हुकुम सा वह गाड़ी तो उस मेंशन के अंदर चली गई अब क्या करना है
अर्जुन(सपाट लहजे से): आप अपनी गाड़ी भी उस मेंशन अंदर लेकर चलें..…
ड्राइवर(गाड़ी आगे बढ़ाते हुए): जी हुकुम सा
अर्जुन ने ड्राइवर को अपना फरमान सुना दिया लेकिन मेंशन के दरवाजे पर खड़े गार्ड ने..... अर्जुन की गाड़ी अंदर ले जाने से साफ इनकार करते हुए..... उसे बाहर ही रोक दिया..... और ध्रुवी की गाड़ी अंदर होते ही..... गार्ड ने मेन डोर फौरन बंद कर दिया..... यह देखकर अर्जुन गाड़ी से नीचे उतरा..... और अंदर जाने के लिए..... उसने दरवाजे पर खड़े गार्ड से बात करने की..... उसे कन्वेंस करने की कोशिश की!!!
अर्जुन(गार्ड्स की ओर बढ़ते हुए मिले-जुले भाव के साथ): देखिए हमारा अंदर जाना बेहद जरूरी है..... यह समझे ये हमारे लिए..... मौत और जिंदगी का सवाल है..... प्लीज हमें अंदर जाने दीजिए!!!
गार्ड(अर्जुन को ऊपर से नीचे देखते हुए): देखिए सर आप जो भी हो..... लेकिन हम आपको अंदर नहीं जाने दे सकते..... क्योंकि अलाउ नहीं है..... कि हम किसी भी बाहर वाले अनजान इंसान को अंदर जाने दे!!
अर्जुन(गार्ड्स को समझाने की कोशिश करते हुए): देखिए हम अर्जुन है..... अर्जुन सिंह राणावत..... और हम बिलासपुर के शाही खानदान से ताल्लुक रखते हैं..... और हमारा अंदर जाना बेहद जरूरी है..... हम कह तो रहे हैं..... कि ये समझिए..... कि यह किसी की मौत और जिंदगी का सवाल है!!!
गार्ड्स एक दूसरे की ओर एक नजर देख कर..... अर्जुन की ओर देखते हुए!!!
पहला गार्ड(सपाट लहजे से): देखिए साहब..... आप जो भी हैं..... या जहां से भी आए हों.... लेकिन हम आपको अंदर जाने की इजाजत नहीं दे सकते..... अगर आपको अंदर जाना ही है..... तो आप पहले साहब से परमिशन लीजिए..... और अपॉइंटमेंट मिलने के बाद ही आप अंदर जा सकते हैं!!!
दूसरा गार्ड: हां..... हम आपके लिए अपनी नौकरी और जान खतरे में नही डाल सकते!!
अर्जुन(गार्ड्स को समझाते हुए): देखिए आप हमारी बात समझने की कोशिश कीजिए..... हमारा अंदर जाना बेहद जरूरी है..... चाहे तो आप अपने मालिक से हमारी बात करा दीजिए??
पहला गार्ड(गंभीरता से): देखें साहब हमने आपको कहा ना कि हमें यूं किसी को भी अंदर भेजना..... सर से बात कराने की परमिशन नहीं है..... इसके लिए आपको अपॉइंटमेंट लेनी होगी.....!
दूसरा गार्ड: अब आप चाहे एक बार ये बात कहें..... या 10 बार लेकिन रूल नहीं बदल सकता!
अर्जुन ने गार्ड्स की बात सुनी..... तो फ्रस्ट्रेशन भरी एक गहरी सांस ली..... उसने उन्हें लाख समझाने की कोशिश की..... लेकिन आखिर में उसे ना कामयाबी ही हासिल हुई..... और गार्ड्स ने उसे अंदर जाने की इजाजत नहीं दी..... हारकर अर्जुन ने फ्रस्ट्रेशन से..... गुस्से में अपनी कार पर हथेली मारी..... फिर अचानक ही जैसे उसके दिमाग में एक आइडिया आया..... और उसने जल्दी से अपनी पिछली जेब से अपना वॉलेट निकाला..... और गार्ड्स की और बढ़ गया!!
अर्जुन(गार्ड्स की ओर देखकर उम्मीद भरी नजरों से): देखिए हम जानते हैं..... कि ये आपकी ड्यूटी है..... और आप हमें अंदर नहीं जाने दे सकते..... लेकिन आप हमारी एक छोटी सी मदद तो कर ही सकते हैं ना??
गार्ड्स ने अर्जुन की बात सुनी..... तो एक नजर एक दूसरे को देखा..... और आखिर में अर्जुन के चेहरे पर उभरी परेशानियों..... और टेंशन को देख कर हामी भर दी.....!!
अर्जुन(गार्ड्स की ओर देखकर सहज भाव से): शुक्रिया.....!!!
इसके बाद अर्जुन ने..... अपना वॉलेट् गार्ड्स की ओर आगे करते हुए.... उन्हें एक फोटो की तरफ इशारा किया..... जो कि असल में अनाया का फोटो था.....!!!
अर्जुन(अनाया की फोटो की ओर इशारा करते हुए): आप सिर्फ इतना बता दीजिए..... कि आपने इन्हें कभी देखा है??
गार्ड्स ने अर्जुन की बात सुनी..... तो उसे अजीब नजरों से देखा..... जैसे कि उसके सर पर सींग उग आए हो..... या अर्जुन कोई बहुत ही बकवास..... पागलों जैसी और फिजूल बात कर रहा था..... और जाहिर था..... उनका ऐसा सोचना लाजमी था..... क्योंकि अनाया की शक्ल हूबहू ध्रुवी से मेल खाती थी..... और वह ध्रुवी के घर के बाहर खड़े होकर..... उस के ही गार्ड्स से पूछ रहा था..... कि क्या उन्होंने कभी कहीं ध्रुवी को देखा है!!!
पहला गार्ड(अपनी चुप्पी तोड़ते हुए): क्या साहब..... आप भी अच्छा मजाक करते हैं..... अभी तो साहब आप अंदर जाने के लिए उत्सुक हो रहे थे..... और अब आप मैडम के घर के बाहर ही खड़े होकर..... हमसे पूछ रहे हैं..... कि क्या हमने इन्हें कहीं देखा ह!!
अर्जुन(अपने शक को यकीन में बदलने की कोशिश करते हुए): इसका मतलब ये यही रहती है!!!
दूसरा गार्ड: हां साहब ये यही रहती है..... और यही तो रहेंगी ना......(एक पल रुक कर)..... लगता है साहब..... आप कि तबीयत ठीक नहीं है..... आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है!!!
अर्जुन(गार्ड की बात इग्नोर करते हुए एक बार फिर पुष्टि करते हुए): आपको पूरा यकीन है ना..... कि ये यही रहती है??
पहला गार्ड(थोड़ा इरिटेट होकर): हां साहब यही रहती है..... और यही तो रहेंगी ना..... आखिर ये ध्रुवी मेमसाहब के पापा का ही तो घर है ना..... तो ज़ाहिर है वह यही रहेगी!!!
अर्जुन(थोड़े अविश्वास भरे भाव से): और कब से रहती हैं वो यहां??
गार्ड(अजीब नजरों से अर्जुन की ओर देखकर): कब से रहती है का क्या मतलब??..... साहब ये तो उनका घर है..... बचपन से यही रहती है वह!!!
अर्जुन(वापस से अपनी चुप्पी तोड़ते हुए): बचपन से लेकर मतलब कि..…
गार्ड(लगभग खिसिया कर): देखे साहब..... लगता है आपकी तबीयत ठीक नहीं है..... आपको किसी डॉक्टर को दिखाने की सख्त जरूरत है!!!
अर्जुन ने गार्ड्स की बात सुनी..... तो उसने उसकी फ्रस्ट्रेशन भांपते हुए..... एक गहरी सांस ली..... और वहां से आगे बढ़..... अपनी गाड़ी की ओर बढ़ गया!!!
पहला गार्ड दूसरे गार्ड से: अजीब आदमी है..... अभी तो मिलने जाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था..... और अब पूछ रहा है..... कि क्या ध्रुवी मेमसाब यही रहती है!!
दूसरा गार्ड: हां..... अच्छा हुआ हमने उसे अंदर जाने से मना कर दिया..... वरना न जाने कौन पागल है..... और साहब फिजूल में हम पर गुस्सा होते !!
पहला गार्ड: हां सही कह रहे हो!!
दूसरा गार्ड(कुछ सोचते हुए): लेकिन एक बात मुझे समझ नहीं आई..... कि यह फोटो वाली मैडम..... जो अपनी ध्रुवी मेमसाब है..... वो ऐसे कपड़ों में कैसे हैं..... जैसे कोई राजकुमारी हो..... ऐसे क्यों सजी है..... और इतने सालों में मैने तो उन्हें कभी ऐसे नही देखा!!!
पहला गार्ड: पता नहीं..... शायद मेम साहब ने कभी ऐसा फोटोशूट करवाया हो!!
दूसरा गार्ड(सोचते हुए): हां ये हो सकता है!!
पहला गार्ड: जो भी हो..... हम को क्या लेना देना..... हमें तो सिर्फ अपनी ड्यूटी करने से मतलब है!!!
दूसरा गार्ड: हां सही कह रहे हो भाई..... हमें अपनी ड्यूटी पर ध्यान देना चाहिए!!!
अर्जुन ने कुछ दूरी पर ही..... दोनों गार्ड्स की बात सुनी..... और कुछ पल बाद अपनी गाड़ी में बैठ कर..... वहां से चला गया..... लेकिन एक बात थी..... जिसका उसे यकीन हो चला था..... कि अनाया का चेहरा देखना महज इत्तेफाक नहीं था..... और उसने अनाया के चेहरे को देखा है.... तो ये महज एक इत्तफाक..... या उसका वहम नहीं था.....!!!
अर्जुन(सोचते हुए): ये तो तय है.... कि यह अनाया नही है..... तो फिर आखिर ये है कौन??..... और इसका पूरा सच क्या है??..... अब हमारे लिए कुछ भी करके अनाया की शक्ल की इस लड़की..... ध्रुवी का सारा सच जल्द से जल्द..... जानना बेहद जरूरी है..... शायद यही लड़की हमारी मुश्किलों का हल हों!
यही सब सोचते हुए..... इसी पल से इसी सब में जुट गया...... अर्जुन ने इसी सिलसिले में..... अपने कुछ खास और इंटेलिजेंट जासूसों को हायर किया..... और उन्हें ध्रुवी के बारे में सारी जानकारी जल्द से जल्द इकट्ठा करने के आदेश दिए.....!!!
अर्जुन(जासूसों से): हमें जल्द से जल्द ध्रुव के बारे में सारी जानकारी..... वह कौन है कहां से आई है किसके साथ रहती हैं..... क्या करती हैं .....हर एक चीज..... हमें उनकी पूरी जन्म कुंडली चाहिए.....!
जासूस(प्रोफेशनल लहज़े से): बेफिक्र रहें हुकुम सा..... हम जल्द से जल्द आपको इस लड़की के बारे में सारी जानकारी लाकर दे देंगे.....!
ध्रुवी की जासूसी के बीच अर्जुन लंदन में ही रहा..... लगभग 1 हफ्ते से भी कम वक्त में..... उसके सारे जासूसों ने ध्रुवी के बारे में..... हर छोटी बड़ी जानकारी उसे लाकर दी..... उसके बचपन से लेकर..... अब तक की जिंदगी की सारी इनफॉर्मेशन..... उन लोगों ने एक खुली किताब की तरह अर्जुन के टेबल पर लाकर रख दी थी....!
अर्जुन(ध्रुवी की फाइल पढ़ने के बाद): ओह! तो ये हैं ध्रुवी सिंघानिया.....!
अब अर्जुन के सामने ध्रुवी की पूरी जन्मकुंडली थी..... वह कहां से आई है..... वह किसके साथ रहती है..... उसके परिवार में कौन हैं..... और हर एक वह बात..... जो ध्रुवी से जुड़ी थी..... उसके जासूसों ने सारी चीजें और बातें अर्जुन के समक्ष रख दी थी..... और यह भी कि ध्रुवी बचपन के बाद..... थोड़े बड़े होने के साथ से ही लंदन में पली-बढ़ी है..... और यही अपने पिता के साथ रहती भी है..... ध्रुवी के बारे में सारी जानकारी हासिल करने के बाद..... अर्जुन इतना तो समझ गया था..... और उसे यकीन भी हो गया था...... कि अनाया का ध्रुवी से कोई कनेक्शन नहीं था... वो बस उसकी हमशक्ल थी!
अर्जुन(कुछ राहत भरे भाव से): अब शायद हमें अपनी मुश्किल हल होती नज़र आ रही है..... हालांकि हमारे लिए ये सब इतना आसान नहीं है.... ये बहुत मुश्किल है..... क्योंकि ध्रुवी यहां के नामी बिलेनियर की इकलौती बेटी हैं..... और उन तक आसानी से पहुंचना मुश्किल ही नही नामुमकिन है....!
अर्जुन समझ चुका था..... कि ध्रुवी ही उसकी मुश्किलों का हल है..... इस बीच अर्जुन ने मिस्टर सिंघानिया और ध्रुवी से कई बार सीधा मिलकर..... अपनी परेशानी बताने की कोशिश की थी..... और सोचा था..... कि शायद वह लोग उसकी मदद कर सके..... लेकिन अर्जुन का उनसे मिलना ना हो सका.....!
अर्जुन(टेंशन भरी बड़बड़ाहट से): ये सब तो हमारी सोच से भी कहीं ज़्यादा मुश्किल है..... (एक पल रुक कर)..... ध्रुवी ही एकमात्र हमारी परेशानियों के हल की चाबी है..... लेकिन इस चाबी को हासिल करने के लिए..... अब हमें कुछ बढ़ा प्लान करना होगा..... जिससे कि हम अपने मकसद में कामयाब हो सकें!
अर्जुन ने सोच लिया था उसे कुछ बड़ा प्लान करना था..... लेकिन क्या..... अभी वो नहीं जानता था..... उसी दिन इत्तेफाक से..... कुछ ऐसा हुआ..... अर्जुन के सामने एक ऐसी राह आ गई..... जिसने पल भर में उसकी ये मुश्किल फ़ौरन ही उड़न छू कर दी थी..... आखिर में अर्जुन ने फैसला कर लिया था..... कि उसे आगे अब क्या करना है..... और आखिर कैसे उसे अपने मकसद में कामयाब होने के लिए..... ध्रुवी को अपने प्लान में शामिल करना था.....!
(तो ऐसा कौन सा हुकुम का इक्का था जो अर्जुन के हाथ लग गया था??..... और क्या अर्जुन को अपने प्लान में कामयाबी मिलने वाली थी???)
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