गांव वालों के विचारों में मतभेद आ चुका था. कोई आरु की तरफ था, तो कोई अब आरु को गांव के लिए मुसीबत मान रहा था। ये गांव वाले दिल के बुरे नहीं थे पर ये शैतानी शक्तियां ही थीं, जिनके प्रभाव से गांव वालों के विचार नकारात्मक होने लगे थे. भीमा को भी गांव की फ़िक्र हो रही थी, इसलिए उसने आरु को बच्चों के साथ खेलने के लिए भेज दिया था .और सरपंच को कुटिया में बुलाकर उसे समझते हुए कहा-
भीमा- भंवर तुम इस गांव के सरपंच हो और तुम्हारे और मेरे सिवाय, आरु के रहस्य को कोई नहीं जानता, इसलिए मैं तुम्हेंं सावधान करने के लिए कुछ बातें बताने जा रहा हूं.
सरपंच- जी बाबा बताइये.
भीमा- एक दिक्कत हो गई है, कुछ दिन पहले आरु लाला धागों वाली सीमा पार करके, जंगल में चला गया था, जहां उसने प्रेताल को देखा था.
भीमा की बात सुनते ही सरपंच के माथे पर पसीना आ गया, वो भीमा से कहता है
सरपंच- क्या? उसने वहां प्रेताल को देखा, उस सीमा को तो पार करना मना था, मतलब अब उस सीमा की शक्तियों का प्रभाव कम हो गया होगा?
भीमा- हां, यही तो गंभीर समस्या हो गयी है। वो खेतों में काले कीड़े आना और मरी हुई मछलियों का नदी के तट पर मिलना, यह सब उन शैतानी शक्तियों की करतूत है.
सरपंच- हम बड़ी मुश्किल से इन मुसीबतों से बचे थे पर अब क्या फिरसे हमारा बुरा वक़्त शुरू होने वाला है ?
भीमा- नहीं नहीं अभी घबराओ मत, कुलदेवी की कृपा है हम सब पर, हमें बस अच्छे कर्म करते रहना है।ये शैतानी ताकतें इंसान को बुरे कर्म करने को प्रेरित करती हैं और बुरे कर्मों का फल भी बुरा ही होता है। तुम्हें बस गांव वालों का हौसला बढ़ाते रहना है और ध्यान रखना कि किसी को भी प्रेताल के बारे में कुछ भी पता नहीं चलना चाहिए।
सरपंच- ठीक है जैसा आप कहें, पर क्या आरु पर अभी कोई बड़ा खतरा है?
भीमा- नहीं नहीं आरु के लिए मैं हूँ, तुम गाँव वालों का ध्यान रखना, हो सकता है कुछ लोगों के अंदर गुस्से की भावना आनी शुरू हो जाए और उनके सवभाव में भी तुम्हें चिड़चिड़ा पन दिखे, अगर गांव में कोई भी विचित्र घटना होती हुई दिखे तो तुम मुझे खबर ज़रूर कर देना.
सरपंच- जी बिलकुल, मैं गांव पर अपनी नज़र रखूँगा .
सरपंच को समझा कर भेजने के बाद, भीमा गली में खेल रहे आरु को कुटिया में अपने पास बुलाकर पूछते हैं .
भीमा- आरू तुम उस रात अचानक मेरे पास आकर अपने अतीत के बारे में क्यों पूछ रहे थे, सच सच बताना क्या किसी ने तुमसे कुछ कहा था।
आरू- जी बाबा उस दिन मेरे कानों में आवाज़ आयी थी, जिसने मुझसे कहा था के “भीमा तुम्हें पहले भी बचा नहीं पाया था तो अब भी नहीं बचा पायेगा”
भीमा- बेटा तुम्हें मुझ पर यकीन है ना?
आरू- जी बाबा, आपकी वजह से ही तो मैंने, अपने डर पर काबू पाना सीखा है.
भीमा- तो एक बात याद रखना, ये आवाज़ें तुम्हें चाहे कितना भी डराएं , तुम्हें कभी घबराना नहीं है और अपना ध्यान सिर्फ अपनी शिक्षा पर लगाए रखना है, ठीक है।
आरू- जी ठीक है.
भीमा चाहते हुए भी आरु को पूरा सच्च नहीं बता सकते थे. वो नहीं चाहते थे के छोटे से आरु को आने वाले बड़े खतरे के डर में जीने के लिए छोड़ दिया जाए. वो आरु को इतना शक्तिशाली बनाना चाहते थे की आरु उन बुरी शक्तियों को हमेशा जड़ से खत्म करदे। इसलिए उन्होंने आरु की शिक्षा जारी रखी। पर फिक्र की बात ये थी के वो बुरी शक्तियां ये नहीं चाहती थी की आरु ताकतवर बने , इसलिए उन्होंने भी आरु पर हमला करने की योजना बनानी शुरू कर दी थी, (
एक तरफ गांव में आरु भीमा से शक्तियों का भेद सिख रहा था, तो दूसरी तरह इस जंगल में प्रेताल ने भी आरु के लिए मुसीबत बढ़ाने की तयारी शुरू कर दी थी. इस घने जगंल में मिट्टी से बने एक 10 फीट ऊँचे टीले पर प्रेताल बैठा हुआ था, और उसके सामने था एक साया। ये साया प्रेताल के हुक्म पर कुछ भी करने को तैयार था, ये साया पूरी तरह प्रेताल के वश में था। प्रेताल ने उसे हुक्म देते हुए कहा -
प्रेताल- तुम पहले भी कई कोशिशों में नाकाम हो चुके हो, पर मैं नहीं चाहता के इस बार तुम कोई भूल करो. उस दिन भी आरु गलती से यहाँ जंगल में आया था, अगर तुम सब मेरे साथ होते तो उसकी कहानी का किस्सा उसी दिन ख़त्म हो जाता। पर अभी भी देर नहीं हुई है, आज जैसे ही वो अपनी शिक्षा खत्म करेगा तुम उसका पीछा करना।
साया- पर वो भीमा जान जाएगा कि मैं आस पास हूँ।
प्रेताल- एक तो उस बूढ़े की वजह से हमारी हर योजना खराब हो जाती है। तुम ऐसा करना के जैसे ही आरु उस भीमा से दूर बच्चों के साथ खेलने जाए, उस वक़्त तुम उस पर हमला करना। और याद रखना के हमला ऐसा हो की दोबारा मुझे उसकी कभी शक्ल न देखनी पड़े।समझ गए ना? S
साया- जी समझ गया, जैसा आप कहेंगे वैसा ही होगा।
ये प्रेताल उम्र में आरु के जितना ही है, पर इसे इस गाँव का हर रहस्य और हर अतीत पता है. आरु की तरह प्रेताल का भी अपना अतीत है. साया प्रेताल के कहने पर आरु पर हमला करने के लिए गांव की ओर चल पड़ता है. , आरु रोज़ की तरह आज भी अपनी शिक्षा ख़त्म करके बच्चों के साथ खेलने चला जाता है, जब खेलते खेलते शाम हो गयी तो आरु कुटिया की ओर वापिस जाने के लिए बच्चों को अलविदा कहता है. जैसे ही सब बच्चे आरु से दूर चले जाते हैं, वो साया आरु के सामने आकर कहता है.
साया- उस दिन तो पेड़ ने तुम्हें बचा लिया था, पर आज तुम्हें कोई नहीं बचा पायेगा।
आरु अब पहले वाला नादान सा बच्चा नहीं था, भीमा सी मिली शक्तियां और ज्ञान की बदौलत उसने अपने डर पर काबू पाना सीख लिया था। साये से बिना डरे आरु ने उस से कहा
आरू- वो बच्चा कोई और था जो तुमसे डर कर भागता था, तुम जो भी हो, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
साया- मैं तुम्हें तुम्हारे अतीत के बारे में बता सकता हूँ
साये की ये बात सुनकर आरु को याद आ गया की भीमा ने बताया था , ये बुरी शक्तियां तुम्हें कमज़ोर करने के लिए ऐसी बातें कहेंगी जिससे मन विचलित हो सकता है। इसलिए आरु ने इस साये की बात काटते हुए कहा ।
आरू- मुझे तुम्हारी इस बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं अपना अतीत जनता हूँ। तुम अपने अतीत के बारे में बताना चाहो तो बता दो, वैसे तुम्हें देख कर लगता है,कि बहुत गंदा अतीत रहा होगा तुम्हारा तभी तो इस जनम में प्रेत बन कर घूम रहे हो।
आरु की इस बात से तिलमिलाया हुआ साया ज़ोर से आरु पर ताकत से अटैक कर देता है। लेकिन आरु ने भीमा के बताये हुए मंत्र के जाप से, पहले ही अपने हाथों में एक अदृश्य कवच पकड़ लिया था। ये बिजली सी चमकती शक्ति को वो अपने हाथों से रोकता हुआ कुछ कदम पीछे चला जाता है. शक्ति का प्रभाव ख़त्म होते ही आरु के एक मंत्र पढ़ने से उसके हाथ में एक शस्त्र आ जाता है, वो पूरी ताकत से इस शस्त्र को साये पर छोड़ता है, साये को संभालने का मौका भी नहीं मिला , और शस्त्र साये को छूते ही ज़ोरदार धमाका करता है।
इस धमाके से वो साया कुछ मीटर दूर जाकर गिरता है, और धमाके की आवाज़ सुनकर कई गांव वाले भी अपने घरों से बाहर आ जाते हैं. वो दूर से आरु और उस साये के बीच हो रही लड़ाई देख रहे थे, उस साये को चुनौती देते हुए आरु कहता है।
आरू- कैसा लगा ये प्रहार, तुम्हारी किस्मत अच्छी है की मेरे पास बड़े शस्त्र नहीं है, अगर होते तो आज तुम्हें बताता कि लड़ाई कैसे की जाती है।
आरु के वार से कमज़ोर हो चुका साया , वहां से जाते हुए आरु से कहता है
साया- आज तुम बच गए , क्योंकि तुम्हारा सामना अभी किसी बड़े ताकतवर प्रतिद्वंदी से नहीं हुआ है. पर जब होगा तब मैं तुमसे पूछने आऊंगा के कैसा लगा प्रहार?
इतनी बात कहते ही , वो साया अँधेरे में गायब हो गया। ये दृश्य देखकर गांव वाले आरु को अपने कंधे पर बिठा लेते हैं, कुछ गांव वाले खुश थे तो कुछ ये बात कर रहे थे की आरु की वजह से गाँव में ऐसे और भी हमले हो सकते है। इसी बीच कुछ ही पलों में भीमा बाबा भी वहां पहुंच जाते हैं, गांव वालों से लड़ाई में आरु की जीत की बात सुनकर भीमा भी खुश हो जाते हैं , पर उनके मन में एक चिंता भी आ जाती है। जब रात को आरु और भीमा खाना खा कर कुटिया में बातें कर रहे होते हैं, तब भीमा आरु से पूछते हैं
भीमा- तुमने उस साये के ऊपर किस शस्त्र से वार किया था?
आरू- बाबा मैंने ‘वेग’ शस्त्र से वार किया था, आपने बताया था के ये शैतान गायब होने में माहिर होते हैं., इससे पहले के वो गायब होता मैंने वेग शस्त्र से वार कर दिया, क्योंकि वही एक शस्त्र है जो पलक झपकते ही अपने निशाने पर पहुँच जाता है।
आरु ने जो संयम और अपनी तेज़ बुद्धि का परिचय दिया था, उससे खुश होकर भीमा ने कहा -
भीमा- आज मुझे एहसास हो गया के मेरी शिक्षा व्यर्थ नहीं गई, तुमने मेरा सर गर्व से ऊँचा कर दिया है, पर मैं तुम्हें सावधान करना चाहता हूँ. तुम आज बेशक अपनी पहली परीक्षा में सफल हो गए हो, पर उस साये से हमला करवाकर प्रेताल ने तुम्हें चुनौती दी है. ये बताया है की ऐसे हमले अब अक्सर होते रहेंगे, इसलिए आरु तुम पहले से ज़्यादा सावधान रहना ।
आरू- जी बाबा ठीक है, वैसे आप भी तो हो न मेरे साथ इसलिए मेरी कुछ चिंताएं आप रख लो हा हा हा
भीमा- हा हा हा
आरु की मासूमियत भरी बातें सुनकर भीमा भी हंस देते है, और दूसरी तरफ जंगल के भीतरी भाग में प्रेताल के पास हारा हुआ साया पहुंच कर कहता है
साया- मैंने कोशिश की थी, पर वो बच्चा आज फिर बच गया.
प्रेताल- वो बच गया या तू बच गया, तेरी हालत बता रही है तेरे साथ क्या हुआ है
साया- मुझे माफ़ कर दो मुझे एक मौका और दो
प्रेताल- हाँ मौका तो तुझे दूंगा … ये ले मौकाकाकाका
प्रेताल के एक वार से ही वो साया अग्नि में भस्म हो गया, ये दृश्य देख कर वहां और भी कई साये प्रेताल के पैरों के पास आकर बैठ गए. उन सबकी और देखकर प्रेताल कहता है
प्रेताल- मैं सिर्फ एक साये को वहां भेज सकता था पर इसने इतने अच्छे मौके को भी गावं दिया। तुम सब सावधान हो जाओ जल्द ही तुम सबमें से फिर किसी एक को मौका मिलेगा, अपनी शक्ति दिखने का अब जाओ यहाँ से।
जिस साये को घायल करने में आरु को पूरी शक्ति लगानी पड़ी थी, उस साये को प्रेताल ने पल में ही भस्म कर दिया था, इस से अंदाज़ा लग रहा है के आरु का प्रतिद्वंदी बहुत बलवान है, पर क्या प्रेताल आगे फिर कोई हमला करेगा? क्या आरु उस हमले को झेल पायेगा? गांव में जो नाकारत्मक माहौल बना है क्या वो खत्म होगा?
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