उस बिजी रोड पर जहां गाड़ियों की आवाजाही लगातार हो रही थी, भारी बारिश के बीच आर्यन और मीरा आंखो में आंखे डाले एक दूसरे को देख रहे थे। आर्यन के ड्राइवर ने अपनी नजरें दूसरी ओर कर ली...यह उनके बॉस का प्राइवेट मोमेंट था, भले ही वो सबके सामने कर रहे हों। इससे दूर दूसरी कार में बैठे उनके बाउंसरों को हिचक हो रही थी कि वे कार से उतरकर अपने बॉस की सिक्‍योरिटी के लिए उनके पास जाएं या यहीं रहे, ऐसे पल मे जब वे अपनी बुलेटप्रुफ कार से बाहर आ गए थे। 

अपनी जेब में हमेशा छोटी सी पिस्‍टल रखने वाले आर्यन निहत्‍थे थे, दोनों हाथों से मीरा को पकड़ रखा था। उस सड़क पर आते जाते लोगों के लिए यह बड़ा ही मनोरंजक चीज थी, हालांकि मुंबई जैसी जगह पर ऐसे नजारे आम बात है….जुहू बीच, मरीन ड्राइव बीच, गेटवे आफ इंडिया जैसी जगहों पर ऐसे दृश्‍य तो आम बात थी...पर यहां रोड पर भारी बारिश के बीच में।

मीरा की नजरें आर्यन की नजरों से टकरा रही थी…दोनों एक दूसरे की सांसो को महसूस कर रहे थे, तभी एक तेज बिजली कड़की और मीरा ने झट से आर्यन को खुद से दूर कर दिया। 

 

‘’मैंने कहा ना...मुझे आपके साथ नहीं जाना है, मुझे बारिश अच्‍छी लगती है…अब आप मेरे पीछे मत पड़ जाना।‘’ 

मीरा को खुद पर ही गुस्‍सा आने लगा था कि इस आर्यन के सामने आते ही खुद को ऐसे भूल वो क्‍यों जाती है?

आर्यन ने अपने अंदाज में हुक्‍म देते हुए कहा, ‘’मैं तुम्‍हारे पीछे नहीं आ रहा हूं…तुम मेरे साथ चल रही हो, मेरे घर...’’ 

‘व्‍हाट…नहीं एकदम नहीं, देखिए मिस्‍टर आर्यन जी अब बस बहुत हो गया.........ठीक है पिछले समय आपने मेरी मदद की थी, मेरी मैम को बचाया और अमित को सजा भी दिलवाई थी...तो यह एहसान मानते हुए मैंने आपकी बात मानी थी.....अब कल की तरह मैं आपके साथ कहीं नहीं जा सकती।’’ 

‘’मैं तुम्‍हें किसी पार्टी में नहीं ले जा रहा हूं...मैं तो तुम्‍हें अपने एक खास घर में ले जा रहा हूं, तुम्‍हे अच्‍छा लगेगा और अपनी हालत तो देखो....इस समय तुम्‍हें शॉवर की जरूरत है, चेंज करने की जरूरत है। चलो मेरे साथ.…बारिश का पानी तुम्‍हारा कीचड़ साफ नहीं करेगा‘’ 

मिस्‍टर आर्यन प्‍लीज…प्‍लीज, मीरा की रिक्‍वेस्‍ट काम नहीं आई वह मीरा को लगभग खींचकर गाड़ी में बैठाते हुए खुद भी बैठ गया और एक रूमाल देते हुए बोला, ‘वैसे तुमने अभी एहसान की बात की है ना तो तुम्‍हारी जानकारी के लिए बता दूं कि आज मैंने तुम पर फिर एक एहसान किया है’’

मीरा आंखे फाड़े आर्यन को देखने लगी, ’’क्‍या क्‍या एहसान किया तुमने मेरे ऊपर.?’’

‘’सोचो मैं क्‍या कर सकता हूं?’’ 

मीरा ने कुछ नहीं समझते हुए अपने कंधे उचकाए…आर्यन ने  कहा, ‘’अभी तुम लोग अपने ऑफिस में सेलिब्रेट कर रहे थे, कि धैर्य ओबेरॉय का पत्‍ता साफ हो गया...वह तुम लोगों के रास्‍ते से हट गया.…अब तो सेलिब्रेशन ही सेलिब्रेशन’’ 

यह सुनते ही मीरा की आंखें चौड़ी हो गई, ’मतलब....मतलब वह सब आपने किया, उन माडल्‍स को जिन्‍होंने धैर्य पर शोषण का आरोप लगाया था उन्‍हें आपने भेजा, वे सब आपकी एमप्‍लाई हैं।‘ 

आर्यन ने मीरा को देखकर होंठो पर  तिरछी स्‍माइल लाते हुए कहा, ‘’मेरे पास इतनी भी फालतू लड़कियां नहीं हैं मेरा मतलब है कि मेरे पास इतनी खूबसूरत लड़कियां नहीं है। वे लड़कियां सच में माडल्‍स थी…बस धैर्य की ऊंची पहुंच और पॉवर के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी, क्‍योंकि इसके लिए उन्‍हें किसी बड़े इंसान के साथ की जरूरत थी। मैंने उनका साथ दिया, मैंने प्रामिस किया कि उनमें से किसी का भी नाम मीडिया में नहीं आएगा...उनका चेहरा भी धुंधला कर दिया जाएगा, तब जाकर वे सामने आई और धैर्य का असली चेहरा सामने आ गया।‘ 

मीरा ने कुछ सोचते हुए कहा, ‘’आपको किसी का भी कैरियर बरबाद करने के लिए लड़कियों का ही सहारा क्‍यों लेना पड़ता है.? अमित बजाज को तबाह कर दिया…अपनी ही एक एमप्‍लाई को भेज कर और धैर्य का कैरियर भी गर्त में चला गया....ऐसा ही कुछ कर के।‘’ 

‘’तो इसमें बुरा क्‍या है? दोनों ही बुरे इंसान थे, धैर्य ने तुम्‍हें धमकी दी थी जो मुझसे सहन नहीं हुआ।‘’ 

मीरा ने आर्यन को घूरते हुए देखकर कहा, ‘’आपसे सहन नहीं हुआ से क्‍या मतलब? आपने मेरे पीछे अपने किसी आदमी को लगा रखा है क्‍या? सुबह धैर्य मेरे आफिस में आया, हमें धमकी दे गया और शाम तक...’ 

मीरा के कुछ बोलने से पहले आर्यन ने कहा, ‘’और शाम तक उसका काम तमाम हो गया…अब तुम्‍हें उसके लिए दुख क्‍यों हो रहा है? अभी तो सबकुछ सेलिब्रेट किया जा रहा था, अब क्‍या हो गया है तुम्‍हें?‘’ 

‘’हां सेलिब्रेट किया था, पर पर....’’ मीरा से कुछ बोलते ही नहीं बना, आर्यन ने कुछ भी गलत नहीं किया था पर उसका तरीका मीरा को सही नहीं लगा। वह जिस फील्‍ड में थी वहां एक से बढ़कर एक डिजाइनरों और फैशन इंडस्‍ट्री के दिग्‍गजों से निका ब्रांड का मुकाबला था...कई बार किसी छोटे मोटे शो में मीरा ओर उसके साथियों को फटकार पड़ती ही रहती है, पर अब अगर ऐसा होगा तो आर्यन उसका कैरियर ही बरबाद कर देगा क्‍योंकि वह मुझे परेशान नहीं देख सकता।‘’ 

आर्यन ने कहा, ‘’पर वर छोड़ो….देखो बारिश भी रूक गई है और मेरा घर भी आ गया है‘’ 

 

मीरा ने बाहर देखा, बारिश वाकई रूक गई थी, ओह गॉड अगर आर्यन नहीं आता तो कोई ना कोई टैक्‍सी मुझे मिल ही गई होती और अब तक में अपने घर के रास्‍ते पर होती या फिर शायद अपने घर ही पहुंच गई होती। 

मीरा कार से उतरी...उसके लिए यह जगह एकदम नई थी, वह लगभग सारा मुंबई घूम चुकी थी लेकिन इस जगह को उसने पहली बार देखा था। शायद यह आर्यन की प्राइवेट प्रापर्टी थी.…यह एक बंगला था, रंगबिरंगी लाइटो से जगमग करता एक सुंदर सा बंगला।

मीरा सोचने लगी कि क्‍या यह वही बंगला है जहां आर्यन उसे पिछली बार लेकर गया था.? नहीं नहीं वह तो किसी पॉश एरिया में था, उसके चारों ओर बड़ी बड़ी बिल्‍डिंगे खड़ी थी…यहां तो आसपास कुछ भी नहीं है...घनी आबादी से दूर इस बंगले के चारों ओर असीम शांति पसरी हुई थी। शहरी शोरशराबे से दूर यह जगह बेहद शांत और प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई थी, आसपास मकानों की जगह लम्‍बे लम्‍बे पेंड़ ज्‍यादा थे, समुद्र का भी बड़ा ही दिलकश नजारा था। इस प्राकृतिक और मनमोहक जगह में कम से कम पांच एकड़ जमीन पर बना बड़ा सा बंगला, जिसके चारो ओर विशाल बाउंड्री वाल थी। 

सिक्‍योरिटी का भी भरपूर इंतजाम था…मीरा की समझ में नहीं आ रहा था कि यह मुंबई का कौन सा इलाका था? कार में आर्यन के साथ बातें करने में मीरा इतनी उलझ गई थी कि उसने देखा ही नहीं कि आर्यन उसे कहां लेकर जा रहा है? 

पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था....जब निहारिका को हास्‍पिटल में एडमिट करने के बाद आर्यन उसे उस पॉश एरिया वाले बंगले में लाया था तब भी वह अंदाजा नहीं लगा पाई थी कि आर्यन उसे कहां लेकर आया था, केवल दूर एक चमकता बोर्ड देखकर अंदाजा लगाया था। 

ओह कितने सूकुन और आनंद से भरी जगह है यह...ऐसी जगह पर कितनी गहरी शांति होती है। एक चेयर, हाथ में एक कप गरम काफी हो, समुद्र का सुंदर और शांत किनारा, आसपास हवा के झोंके से लहराते पेंड़ पौधे, सुखी रहने के लिए और क्‍या चाहिए?

 

आर्यन ने उसका ध्‍यान भंग करते हुए कहा, ‘’यहां खड़े रहने से तुम्‍हारा कीचड़ नहीं धुल पाएगा, उसके लिए अंदर आना पड़ेगा...’’आर्यन ने बंगले की एंट्री गेट की ओर इशारा करते हुए मीरा से कहा। 

मीरा खुद पर ही शर्मिंदा हुई…एक तो वह हर बार आर्यन के साथ आने में चिक-चिक करती है और जब आ जाती है तो उसकी शानोशौकत में खो जाती है। 

यह क्‍या हो जाता है तुम्‍हें मीरा.? तुम तो ऐसी कभी नहीं थी...तुम तो ऐसी किसी की अमीरी और दिखावे से इम्‍प्रेस नहीं होती थी...तो आज क्‍यों? 

शायद यह जगह ही ऐसी थी...मीरा का भी सपना था कि उसका अपना ऐसा ही घर हो, जहां चारो ओर केवल हरियाली ही हरियाली हो, बंगला न सही दो कमरों का घर ही हो...समुद्र का किनारा न सही पर नदी का किनारा तो हो…वो हो और उसका वह हमसफर, जिसके हाथों में हाथ डालकर वह प्‍यार भरी बातें करे, जिसके सीने में सिर छुपाकर जमाने भर के सुख को महसूस करे, एक पल के लिए मीरा ने अपनी आंखें बंद कर ली। राघव का वह मुसकुरता चेहरा सामने आ गया…बारिश की बूंदो में भीगा वह चेहरा, जिम से निकले पसीने से तर राघव का चेहरा।

मीरा के शरीर में सिहरन सी दौड़ गई...इन पांच सालों में इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी राघव उसकी नस-नस में बसा हुआ है, उसकी हर सांस में उसकी हर धड़कन में। 

नहीं मीरा, नहीं राघव तेरा अतीत है....सामने देख इस आर्यन को देख एक सुंदर भविष्‍य तेरे सामने खड़ा है तू इसके पीछे नहीं आ रही है यह तेरे पीछे आ रहा है। यह संकेत है ऊपर वाले का कि उन्‍होंने तेरे लिए आर्यन को चुना है...

मीरा खुद से ही बोली, ‘’नहीं, नहीं एकदम नहीं....राघव नहीं, ठीक है पर आर्यन तो कभी नहीं। यह इंसान तो मेरी समझ में ही नहीं आ रहा है, जितने देर इसके साथ रहती हूं, ढेर सारी उलझनों से घिरी रहती हूं, मेरा दिमाग काम करना ही बंद कर देता है…‘’ 

 

दिल और दिमाग की कश्‍मकश और अनेक उधेड़बुन को अपने मन में छिपाए मीरा आर्यन के साथ उसके बंगले के अंदर पहुंची...बंगला अंदर से भी वैसे ही प्रभावशाली ढंग से सजा था जैसा एक करोड़पति इंसान का होनी चाहिए। 

मीरा ने खुद से अंदाजा लगाया...यह बंगला और आसपास के लोकेशन के हिसाब से यह पूरी जगह कम से कम सौ करोड़ की तो होगी, यह आर्यन जितना रहस्‍यमई इंसान है उसकी जगह उससे भी ज्‍यादा रहस्‍यमई और अजीब सी लगती हैं। 

‘’बाथरूम उधर है….आर्यन ने इशारे से उसे बताया। 

मीरा कुछ सकुचाई सी खड़ी रही...आर्यन समझ गया...वह बोला, तुम बाथरूम में जाओ, वहां पर एक अलमीरा है…उसमें तुम्‍हारे पहनने लायक कुछ कपड़े मिल जाएंगे, टॉवेल, फेसवाश और शैंपू भी है, मेरे ख्‍याल से तुम्‍हें इन सभी की जरूरत पड़ने वाली है, तुम शॉवर ले लो मैं काफी बना देता हूं, शॉवर के बाद तुम्‍हें उसकी जरूरत भी पड़ेगी। 

मीरा ने आज्ञा मानने के भाव से सिर हिलाया और आर्यन के बताए हुए रास्‍ते की ओर चली गई। 

सुगंधित और ठंडे पानी से वाकई उसे सुकून मिल रहा था, कुछ देर बार मीरा शॉवर लेकर बाहर आ गई...उसने व्‍हाइट कलर का प्रिटेड क्राप टॉप और डेनिम जींस पहन रखी थी। उसके गीले बालों से पानी की बूंदे उसके चेहरे से होते हुए उसके टॉप को भिगो रही थी। 

 

सामने बैठा आर्यन एक मैगजीन पढ़ रहा था, वैसे तो वह फर्स्‍ट टाइम ही मीरा की खूबसूरती पर फिदा हो गया था पर आज तो गीले बालों में और वेर्स्‍टन ड्रेस में वह कहर लग रही थी। आर्यन ने अपने सामने रखे दो कप काफी की ओर इशारा कर के मीरा को अपने पास आकर बैठने के लिए कहा, ‘’इतनी देर में इसने काफी भी बना ली‘’ मीरा ने मन ही मन कहा। 

वह हां में सिर हिलाती हुई आर्यन के बगल वाले सोफे पर आकर बैठ गई....पता नहीं यह मीरा की काफी की तलब थी या फिर आर्यन की पर्सनालिटी में कोई जादू कि अब मीरा वह सब कुछ करने की हालत में थी जो आर्यन कह रहा था। 

आर्यन को भी मीरा की खूबसूरती खींच रही थी…उसके गुलाबी होंठो को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानों कमल के फूल की पंखुड़ी सुबह की ताजी ओस में भीग गई हो। आर्यन बगैर पलके झपकाए मीरा को देखे जा रहा था, वह उसके बहुत करीब होकर भी बहुत दूर थी....मीरा, आर्यन के इस बंगले को ताड़ रही थी...कहां क्‍या रखा है? यह सब चीजें बारीकी से देखने के बाद अचानक मीरा की नजर उसे ही घूर रहे आर्यन पर पड़ी, आर्यन की जैसे चोरी पकड़ी गई उसने जल्‍दीबाजी में कप में रखी गरम काफी को होंठ से लगा लिया और एक लम्‍बा सिप ले लिया।

आर्यन ने काफी को टेबल पर रख दिया और अपने होंठ सहलाने लगा। 

‘’क्‍या हुआ? यह काफी कैसे छलक गई? आपको ध्‍यान से पीना चाहिए था, रूकिए मैं आपके लिए बर्फ लेकर आती हूं उसे होंठो पर लगा लीजिएगा आराम मिलेगा‘’ कहकर मीरा उठी और झट से फ्रिज से बर्फ निकालकर आर्यन की ओर बढ़ा दी….आर्यन ने इंकार में सिर हिलाया। 

मीरा बनावटी गुस्‍से से बोली, ‘’यह क्‍या बच्‍चों वाली हरकत कर रहे हो, लो इसे लगा लो।‘’

आर्यन के ऐसे फिर से मना करने पर मीरा खीज उठी और आर्यन के पास आकर उसका चेहरा ऊपर उठाकर खुद ही उसके होंठो पर धीरे-धीरे बर्फ रगड़ने लगी। एक बार मीरा फिर से आर्यन के बहुत करीब थी....आर्यन बगैर पलके झपकाए मीरा को देख रहा था, मीरा को यह बड़ा ही अजीब लग रहा था वह समझ रही थी कि आर्यन चाहता था कि मैं खुद ही उसके होठों पर बर्फ लगाऊं।

रगड़ने के बाद मीरा बोली, ‘’अब ठीक है.…एक दो बार और लगा लेना ठीक हो जाएगा‘’ कहकर मीरा खुद को आर्यन से दूर करने की कोशिश करने लगी, उसके गीले बालों से टपकी कुछ बूंदे फर्श पर गिर गई थी और मीरा ने पैरों में स्‍लीपर भी नहीं पहनी थी, जिसकी वजह से उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह आर्यन की गोद में जाकर गिर गई। 

 

 

क्या मीरा और आर्यन एक दूसरे के करीब आ जायेंगे? 

मीरा अपने अतीत राघव को भूलकर आगे बढ़ जाएगी? 

पर चीफ का क्या, वो ऐसा होने देगा?

जानने के लिए पढ़ते रहिए… 'बहरूपिया मोहब्बत'!
 

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