Luna इस वक्त Arcadia के उस अनोखे झरने के किनारे बैठी थी, जो हमेशा की तरह उल्टा बह रहा था, मानो प्रकृति के नियम भी यहाँ उल्टे पड़ गए हों। चारों तरफ फैले रंग-बिरंगे फूल अब मुरझाए से लग रहे थे, जैसे उनके भीतर की रौनक खो गई हो। Luna के दिल में एक अजीब सी घुटन थी, उसकी आँखों में कहीं खो जाने की बेचैनी साफ दिख रही थी। हर सांस में एक खालीपन था, जो उसके मन के उथल-पुथल को और गहरा कर रहा था।

"थोड़ी देर क्रीना से बात करती हूं...हो सकता है थोड़ा अच्छा लगे...."  कहते हुए Luna अपना छोटा शीशा निकालने ही वाली थी कि एकाएक ही उसे एहसास हुआ कि क्रीना को उसने Orion को दे दिया है।

Luna की उदासी और गहराती चली गई। उसने धीरे से अपनी नजरें आसमान की तरफ उठाईं, जहाँ नीला आकाश एक सन्नाटे की चादर ओढ़े हुए था। उसके होठों से एक धीमी आवाज़ निकली, “ना जाने क्या हुआ होगा... पूरा एक हफ़्ता हो गया, Orion की कोई खबर नहीं है... और अब तो Kreena भी मेरे पास नहीं है।” उसकी आवाज़ में चिंता और अकेलेपन का दर्द साफ़ झलक रहा था, जैसे हर बीतता पल उसकी बेचैनी को और बढ़ा रहा हो।

Luna उदास बैठी खुद से बातें ही कर रही थी कि तभी पीछे से किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, "तो तुम यहां बैठी हो...."

Luna ने जब पीछे देखा, तो उसके सामने उसकी best friend तारा थी। तारा को देखने के बाद भी luna के चेहरे पर खुशी नहीं आई।

तारा ने उसके बगल में बैठते हुए कहा, " Luna,  किस सोच में डूबी हो?

"मैं Orion के बारे में सोच रही हूँ..." कहते हुए अचानक ही luna के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ गई, जिसे उसने तुरन्त ही छुपा लिया।

Luna के दिल में बहुत सारी बातें थीं, जिन्हें वो अपनी दोस्त से share करना चाहती थी। Orion के साथ बिताए गए पल, उसकी जादुई दुनिया में आए बदलाव और उसके दिल में उठते हुए नए अहसास, मगर कहीं ना कहीं luna इस वक्त कुछ सोचते हुए रुक गई।

तारा ने अपनी दोस्त को समझाते हुए कहा,

Tara: "वैसे luna... तुम जानती हो ना कि elders ने तुम्हें आखिरी warning दी है...तुम्हारे बाबा के कारण तुम इस तरह आज़ाद होकर Arcadia में घूम रही हो..."

Luna (hairaani se) : "हां जानती हूं...मगर तुम ये सब मुझे क्यों कह रही हो?"  

तारा प्यार से samjhaate huye : “मैं इसलिए तुम्हें समझा रही हूं ताकी इस बार तुम कुछ वैसा ना करो...”

Luna ने हां में सिर हिलाया और फिर से orion के बारे में सोचने लगी, उसकी आंखों के सामने वो सारे पल याद आ रहे थे, जब दोनों पास आए थे। Luna को अचानक से वो पल भी याद आया, जब Orion toilet के लिए यहां वहां भटक रहा था। वो पल याद करते ही luna ज़ोर ज़ोर से हंस पड़ी।

उसकी हालत देख, तारा के मन में सवाल आया,  

Tara: (sochte huye) : “luna और मैं बचपन से दोस्त हैं... मगर आज से पहले इसे इतना बदला बदला नहीं देखा...क्या हुआ ऐसा जो ये उस दूसरी दुनिया के लड़के को इतना याद करने लगी है... कहीं ऐसा ना हो कि वो लड़की मेरी दोस्त luna की शक्तियों का फ़ायदा उठा ले...”

तारा का डर कहीं ना कहीं सही था, मगर वो नहीं जानती थी कि luna Orion को अंदर ही अंदर पसंद करने लगी है, जिसका एहसास ख़ुद luna को भी नहीं था। इधर दूसरी तरफ़ Marko के एक आदमी ने अपनी जादुई शक्ति से कीड़े का रूप ले लिया था और luna के आस पास मंडरा रहा था ताकि वो luna की बात सुन सके।

तारा ने गौर किया कि एक कीड़ा उन दोनों के सिर पर ही बहुत देर से मंडरा रहा है। Luna अभी Orion के बारे में कुछ बताने ही वाली थी कि तभी तारा ने उसे चुप कराते हुए कहा, "अभी नहीं luna.... अभी थोड़ी देर शांत बैठते हैं। वैसे भी बहुत वक्त से हम दोनों साथ में नहीं बैठे हैं।" Luna को समझ आ गया था कि तारा ये सब किसी कारण से कह रही है। थोड़ी ही देर में वो कीड़ा मंडराते हुए, वहां से जाने लगा। उसके जाते ही तारा ने कहा, "तुमने देखा... वो कीड़ा ज़रूर Elders का आदमी होगा.....(Pause)....luna तुम्हें ये ख़ास ख्याल रखना होगा कि तुम elders या किसी को भी Orion के बारे में ना पता चलने दो..."

Luna ने हां में सिर हिलाया और फिर अपने पुराने पलों को याद करते हुए कहा,

Luna: (yaad karte huye) : “तुम्हें पता है तारा....जब हमने पहली बार Technotopia में कदम रखा था, मुझे लगा था कि मैं उस दुनिया में कभी fit नहीं हो पाऊंगी। लेकिन Orion ने हर चीज़ को इतना आसान बना दिया... जैसे कि वो मेरे लिए ही वहाँ था।”

तारा luna की एक एक बात ध्यान से सुन रही थी और समझने की कोशिश कर रही थी कि कहीं luna को Orion से प्यार तो नहीं हो गया है। तारा चुप ही थी कि तभी luna ने हंसते हुए आगे कहना शुरु किया, "वो हमेशा मुझसे कहता था कि तर्क और emotions का मेल होना चाहिए। लेकिन अब, मुझे लगता है कि मैं उसकी दुनिया का हिस्सा बन रही हूँ।" Tara ने उसे ध्यान से सुनते हुए कहा,  "तुम्हारे शब्दों में कुछ और है, Luna, शायद तुम्हें इसका एहसास नहीं है।" इधर दूसरी तरफ़ वो कीड़ा उड़ता हुआ Marko के पास गया और अपने इंसानी रूप में आते हुए बोला, "मुझे ऐसा कुछ पता नहीं चल पाया Senior... और आपको ऐसा क्यों लगता है कि luna कुछ छुपा रही है..."

"क्योंकी उसने हमें बताया ही नहीं कि वो उस अनोखे दरवाज़े से कहां गई थी...और इतने वक्त तक थी कहां...मेरा मन कह रहा है कि वो लड़की आने वाले समय में कुछ न कुछ ज़रूर करेगी.... और इस बार मैं उसे रोकना चाहता हूं...चाहे कुछ भी हो जाए।"  Marko ने गुस्से से कांपते हुए कहा। वो जब भी luna को याद करते थे, उनका चेहरा गुस्से से लाल हो जाता था। उनके सामने खड़े शख्स ने शांत लहज़े में पूछा, "तो अब मेरे लिए क्या आदेश है senior?" ये सुनते ही Marko उसे अपना plan बताने लगे। पुरा plan बताने के बाद, Marko और उस शख़्स के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।  थोड़ी ही देर में वो शख़्स एक पक्षी बन कर वहां से उड़ गया। उसके जाते ही दुसरे elder आए, जिनका नाम yensen था। उन्होंने गंभीर आवाज़ में कहा, "आप क्यों उस लड़की के पीछे पड़ गए हैं मार्को?" "क्योंकि मुझे वो राज़ जानना है, जिसे वो लड़की छुपा रही है... और yensen तुम एक बात समझ लो... कल को अगर कुछ भी ऊंच नीच होती  है तो फिर इस दुनिया के लोग खतरे में आ जाएंगे... हमे यहां का लीडर इसलिए बनाया गया है ताकी हम हर खतरे से लोगों को बचा सके।" Marko ने आंखों में गुस्सा लाते हुए कहा। रात के करीब 9 बज रहे थे। Luna अपने मां बाबा के साथ बैठ कर खाना खा रही थी। Luna खोई खोई नज़र आ रही थी, जो धूमकेतु गौर कर रहे थे। उन्होंने अपनी पत्नी को इशारे से ये दिखाया। Luna की मां ने उसके कन्धे पर हाथ रखते हुए कहा, "luna... क्या हुआ...कहां खोई है तू?" "Orion...." Luna के मुंह से जैसे ही निकला, उसके मां बाबा को अजीब लगा।  धूमकेतु ने हैरानी से पूछा, "Orion... ये क्या है?"

Luna को अपनी गलती का एहसास हुआ, उसने ख़ुद को कोसते हुए कहा, "ये Orion वाली आदत कहां से आ गई है मुझे... अब क्या जवाब दूं मैं बाबा को?" "Luna जवाब दो, तुम्हारे बाबा कुछ पूछ रहे हैं... ये Orion क्या है?" Luna की मां ने उसे घूरते हुए पूछा।

Luna ने फीकी मुस्कान के साथ कहा,

Luna (feenki muskaan ke saath) : “नहीं... कुछ भी तो नहीं... मैंने तो ये शब्द आज अपनी दोस्त से सुना था... बस वही मेरे मुंह से निकल गया...”

धूमकेतु को luna की बात पर पूरी तरह से यकिन नहीं हुआ, मगर उन्होंने इस बात को ignore कर दिया।  थोड़ी देर बाद, Luna खाना खा कर उठने ही वाली थी कि धूमकेतु ने उसे रोकते हुए कहा, "luna मेरे कमरे में आओ, मुझे कुछ जरुरी बात करनी है।" Luna का दिल जोरों से धड़कने लगा, वो घबरा कर सोचने लगी कि आख़िर उसके बाबा क्या बात करना चाहते हैं। क़रीब दस मिनट बाद, खाने की थाली रखने के बाद luna अपने बाबा के कमरे के बाहर खड़ी हो गई। उसे अंदर से काफ़ी घबराहट हो रही थी, उसने अपनी मां से कहा, "मां तुम भी आओ... बाबा को अगर बीच में..."Luna अपनी बात पुरी करती कि अंदर कमरे से धूमकेतु की कड़क आवाज़ आई, "luna मैंने सिर्फ़ तुम्हें बुलाया है... अकेले..." Luna खुद को संभालते हुए, अपने बाबा के कमरे के अंदर गई। उसने धीरे से कहा, "जी.. जी बाबा..."

तभी धूमकेतु ने अपना हाथ हवा में लहराया और सामने दो तीन तस्वीरें आ गई। Luna उन तस्वीरों को देख, उन्हें पहचानने की कोशिश करने लगी।  धूमकेतु ने सामने से कहा, "luna... इन तस्वीरों में तुम्हारे चचेरे भाई बहन हैं... जो Arcadia के दुसरे हिस्से में रहते हैं।"

Luna: (surprised) : "क्या... बाबा लेकिन आज तक मुझे आपने बताया क्यूं नहीं कि मेरे चचेरे भाई बहन भी हैं... हमेशा से मुझे लगता था कि मैं अकेली हूं..."

Luna ने जैसे ही पूछा धूमकेतु ने गंभीरता से कहा, "इसके पीछे का कारण है तुम्हारा छोटी जादूगरनी होना... आज मैं तुम्हें ये सब इसलिए दिखा रहा हूं कि ताकी तुम समझो कि तुम्हारे जितने भी भाई बहन हैं... वो हर मामले में तुमसे आगे हैं... मगर तुम धूमकेतु की बेटी होकर भी अपनी शक्तियों को जागृत नहीं कर पाई हो.... कितनी शर्म की बात है ये?"  धूमकेतू अपनी बात बता रहे थे, वहीं luna को अचानक से उन तस्वीरों में Orion का चेहरा दिखाई देने लगा था। Orion का चेहरा देखते हुए Luna के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ गई। उसे ये एहसास ही नहीं रहा कि उसके बाबा उसे कुछ ज़रूरी बातें बता रहे हैं। Luna Orion को देख मुस्कुरा ही रही थी कि अचानक से उसके कानों में धूमकेतू की गुस्से वाली आवाज़ सुनाई पड़ी, "luna... तुम्हारा ध्यान किधर है... तुम सुन भी रही हो मैं क्या कह रहा हूं?" अगले ही पल luna अपने होश में आई, उसने सिर झुकाते हुए कहा, "हां... हां बाबा मैं सब कुछ सुन रही थी।"  "अच्छा तो फिर बताओ... मैंने इतनी देर में क्या क्या कहा?" धूमकेतू ने कड़क आवाज़ में पूछा, जिसके ज़वाब में luna कुछ भी नहीं कह पाई क्योंकि उसने कुछ सुना ही नहीं था। Luna को इस तरह चुप देख, धूमकेतू का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया, उन्होंने गुस्से से फूफकारते हुए कहा, "luna... तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता... और अगर तुम ऐसी ही रही तो कुछ नहीं कर पाओगी.... कोई भी अच्छा जादुगर तुम्हें ठुकरा देगा... इतना समझ लो..." कहते हुए धूमकेतू कमरे से पैर पटकते हुए निकल गए।

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Luna अपने कमरे में आ गई और तकिया पर सिर रख कर लेट गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर उसके साथ क्या हो रहा है।

Luna (khud se sawaal karte huye) : "Orion के साथ हर पल मुझे खास लगता था...उसकी बातों में कुछ ऐसा है, जो मुझे उसकी तरफ खींचता है... शायद ये वो emotions हैं जो उसकी दुनिया में नहीं होते... मैं आज से पहले कई लड़कों से मिली हूं...अपनी दुनिया में मगर मुझे कभी ऐसा feel नहीं हुआ... आख़िर क्यों?"

Luna ने ख़ुद से सवाल किया, उसके मन में अब ये सवाल तूफ़ान बन कर उठने लगा था।  तभी luna के दिल से एक आवाज़ आई, "Luna, तुम उसके लिए कुछ खास महसूस करने लगी हो। ये सिर्फ आकर्षण नहीं है, ये शायद प्यार है।" ये सुनते ही luna के रौंगटे खड़े हो गए। उस बेचैनी सताने लगी। उसने ख़ुद से कहा, "क्या सच में.... ये प्यार है... या फिर कुछ और....(Pause)... मैं किससे पूछूं?" Luna बेचैन होकर, कमरे में यहां वहां टहलने लगी, उसे तारा का ख्याल आया। Luna ने फ़ैसला किया कि वो तारा के पास जायेगी, luna जादूई खिड़की निकालने ही वाली थी कि उसे एहसास हुआ वो बीना क्रीना के ये नहीं कर सकती। Luna मन ही मन कुछ सोचते हुए बालकानी में आई और उसने बाहर देखा, इस वक्त चांद उसे आसमान में मुस्कुराता हुआ नज़र आ रहा था। Luna ने ठान लिया था कि वो इस सवाल का ज़वाब लेकर ही रहेगी। वक्त की परवाह किए बिना, luna ने कमरे से जादूई रस्सी निकाली और उसकी मदद से बालकानी से नीचे उतरने लगी। Luna ने देखा, सारे लोग सो रहे हैं। वो दबे पांव रात के 12 बजे, तारा के घर की ओर जाने लगी। थोड़ी देर बाद, luna जैसे ही तारा के घर पहुंची, उसने देखा तारा के घर के बाहर जो gate लगा है, वो सो रहा है। Luna समझ गई कि अगर वो दरवाज़े से गई तो पकड़ी जायेगी, क्योंकी main gate शोर मचा देगा। Luna चुपके चुपके घर के पिछले हिस्से में चली गई, और जादूई रस्सी की मदद से तारा के कमरे में जाने लगी। तारा का कमरा पहले माले पर था।

वैसे तो Arcadia दुनिया के अंदर, हर चीज़ में जादू था, मगर इस वक्त आधी रात होने के कारण जादू का असर हट गया था। Luna जद्दोजहद करते हुए, जैसे ही खिड़की से कमरे के अंदर कूदी, तारा हड़बड़ा कर उठते हुए बोली, "कौन है...कौन है..." कहते हुए उसने अपने जादू से एक हथियार निकाल लिया मगर तभी luna ने उसे शान्त करते हुए कहा, "तारा मैं हूं...luna..." अपने कमरे में इतनी रात गए, luna को देखकर तारा के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। तारा ने शांत होते हुए कहा, "तुम इतनी रात गए यहां...सब ठीक है ना..."

"वो तारा मैं तुमसे ये जानने आई हूं कि प्यार क्या होता है?" Luna ने धीरे से पूछा, जिसे सुनते ही तारा हैरान हो गईं। उसे एक पल को समझ नहीं आया कि luna इतनी रात गए ये क्यों पूछ रही है? तारा ने पूछा, "तुम पागल हो क्या...ये सवाल तुम कल भी पुछ सकती थी..."

"हां लेकीन मुझे अभी जानना है...बताओ ना तारा प्यार क्या होता है?" Luna ने हड़बड़ा कर पूछा, उसे जल्दी से जानना था।

तारा ने थोड़ा सोचने के बाद कहा,

Tara: "प्यार वो चीज़ है, जिसे समझना आसान नहीं होता, लेकिन जब वो होता है, तो दिल खुद समझने लगता है....(Pause)... मगर तुम ये क्यों जानना चाहती हो?"

Luna (apni baat rakhte huye) : "शायद मेरे दिल में कुछ है, लेकिन मैं ये नहीं जानती कि वो क्या है। मैं बस इतना जानती हूं कि Orion मुझे हर बार अलग महसूस कराता है। उसके साथ वक्त का पता नहीं चलता..."

Luna ने अपनी बात रखते हुए कहा। तारा को धीरे धीरे पूरी बात समझ आ रही थी। उसने कहा, "luna यह वही एहसास है, जिसे प्यार कहते हैं।" ये सुनते ही luna का चेहरा लाल हो गया, उसके पेट में तितलियां उड़ने लगी। वो Orion के बारे में सोच ही रही थी कि अचानक से तारा ने उसे हकीकत की याद दिलाते हुए कहा,  "लेकिन Luna, Orion और तुम दो अलग-अलग दुनियाओं से हो। Technotopia और Arcadia कभी एक नहीं हो सकते।"

ये सुनते ही Luna के चेहरे का रंग उड़ गया। Luna ने गंभीरता से कहा, "तारा कोशिश करने के बाद, क्या हम एक साथ हो सकते हैं?" Tara उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोली, "मैं नहीं जानती, लेकिन तुम्हें इस सवाल का सामना करना होगा—क्या दो दुनियाओं के बीच प्यार हो सकता है?" दोनों बातें कर रही थी कि तभी कमरे में आवाज़ आई, "किसे प्यार हो गया है?" Luna और तारा ने जैसे ही सामने देखा, उनके होश उड़ गए।

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