वान्या अपने पापा को लेकर बहुत परेशान थी| वो हॉस्पिटल में चक्कर काट रही थी| उसने अपने assistant को वरुण के घर भेज दिया| जब वो उसके घर पहुंचा तो घर पर ताला लगा देखा। उसने आसपास के लोगों से भी पूछा तो सुबह से किसी ने भी वरुण या उसकी माँ को नहीं देखा था| उसने फ़ौरन वान्या को कॉल कर के इस बारे में बताया, “मैम, वरुण के घर पर ताला है| पड़ोस में भी किसी ने वरुण या उसकी माँ को सुबह से नहीं देखा| मुझे तो दाल में कुछ काला समझ आ रहा है।”
वान्या सोचने लगी कि कहीं वरुण अपनी माँ को लेकर भाग तो नहीं गया|
दूसरी तरफ वरुण अपनी माँ के साथ हॉस्पिटल में था| कुछ देर बाद सुनीता का नंबर आ गया| दोनों डॉक्टर के पास गए।
वरुण – डॉक्टर, पीछे दो दिन से माँ को बहुत खांसी हो गई है| ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही| कल रात को तो मुंह से थोड़ा खून भी आया था खाँसते वक्त।
डॉक्टर सुनीता का चेकअप करने लगा| कुछ देर बाद उसने वरुण से कहा, “कुछ test करवाने होंगे| मैं लिख देता हूँ| इसी हॉस्पिटल में टेस्ट हो जायेंगे और कल रिपोर्ट्स भी आ जायेंगे|”
सुनीता डॉक्टर की बात सुनकर डर गयी| जैसे ही वो दोनों बाहर आये सुनीता वरुण से घबरा कर पूछने लगी,
सुनीता (घबराते हुए) – वरुण, ये डॉक्टर किस टेस्ट के बारे में बोल रहे थे? मुझे नहीं करवाने कोई टेस्ट-वेस्ट| ये सब लोग सिर्फ पैसा लूटने के लिए ऐसा कहते हैं। मुझे सिर्फ मामूली खांसी है| कुछ दिन में अपने आप ठीक हो जाउंगी| हम घर चलते हैं|
वरुण (डांटते हुए) – माँ, बच्चों की तरह जिद मत करो| डॉक्टर ने कहा है तो कुछ सोच-समझ कर कहा होगा| चुपचाप चलो और सारे टेस्ट करवाओ| ड्रामा करोगी तो अपनी कसम दे दूंगा।
वो सुनीता का हाथ पकड़ कर टेस्ट करवाने ले गया| सारे टेस्ट करवाने के बाद वो घर जाने के लिए निकले| वरुण आज का दिन अपनी माँ के साथ बिताने के लिए काफी excited था| वो planning करने लगा कि आज के दिन को कैसे special बनाया जा सकता है|
वरुण (excited) – तो बताओ माँ, आज अपने बेटे के साथ क्या करने का मन है? कोई मूवी देखने जाएँ या पास के मेले में घूमने जाएँ? या कहीं shopping के लिए चलें? तुम बताओ| आज ऐसा कुछ करते हैं कि आज का दिन यादगार बन जाए।
वरुण काफी कंफ्यूज था कि वो क्या करे? वहीं सुनीता उसे देखकर मुस्कुरा रही थी| वरुण अपनी माँ के चेहरे की मुस्कान देखकर समझ गया कि कोई तो idea आया है उनके दिमाग में, लेकिन वो गलत निकला।
सुनीता (मुस्कुराते हुए) – हमें कहीं भी बाहर जाने की जरूरत नहीं है| मेरा बेटा मेरे पास रहता है तो दिन अपने-आप स्पेशल बन जाता है| बाहर घूमने जाएंगे तो हम ठीक से बात ही नहीं कर पाएंगे| मैं तुम्हारे साथ मन भर कर बातें करना चाहती हूँ| हमें घर पर ही रहना चाहिए|
वरुण को समझ नहीं आया कि उसे अपनी माँ की बात पर खुश हो या नहीं। उसका बाहर जाने का बहुत मन था लेकिन सुनीता घर पर रह कर उसके साथ time spend करना चाहती थी| वो अपनी माँ की ख़ुशी में ही खुश था| उसने तय किया कि वो अपनी माँ के साथ घर पर रह कर ढेर सारी बातें करेगा| दोनों घर पहुंचे| तभी उसके एक पडोसी ने आकर वरुण से कहा, “वरुण, एक आदमी तुम्हारे घर आया था| तुम घर पर नहीं थे तो वो आदमी पड़ोस में सब लोगों से तुम्हारे बारे में पूछ रह था| फिर किसी से फ़ोन पर कह रहा था कि तुम्हारे घर पर ताला है|”
वरुण ने उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया| उसे लगा कि यूं ही कोई होगा। सुनीता ने घर का ताला खोला और दोनों माँ बेटा अंदर चले गए। वरुण ने अभी तक अपना फ़ोन चेक नहीं किया था| जैसे ही उसने अपना फ़ोन जेब से बाहर निकाला सुनीता ने उसके हाथ से फ़ोन छीन लिया और बोली,
सुनीता – ये क्या है वरुण? अभी कुछ देर पहले तुमने क्या कहा था कि हम साथ में वक्त बिताएंगे और अब तुम फ़ोन लेकर बैठ गए? ये आज कल के बच्चे भी ना, बिना फ़ोन के एक मिनट भी नहीं रह सकते| आज तुम इस मनहूस फोन को हाथ भी नहीं लगाओगे। समझे?
वरुण सिर्फ एक बार फ़ोन चेक करना चाहता था लेकिन सुनीता ने फ़ोन देने से मना कर दिया| उसने फोन एक side में रख दिया| सुनीता वरुण के पास जाकर बैठ गयी| वरुण अपनी माँ की गोद में सिर रख कर सो गया| सुनीता वरुण के बाल सहलाते हुए उसकी शादी की बात करने लगी,
सुनीता – अब तो तुम्हारी शादी की उम्र हो गयी है| जल्द ही तुम्हारे लिए एक अच्छी लड़की देखनी होगी|
वरुण (चिढ़ते हुए) – क्या माँ, तुम फिर से शुरू हो गयी? तुम्हारा बस चले तो तुम कल ही मेरी शादी करवा दोगी| शादी से पहले मुझे settle तो होने दो| वहां वान्या जी ने परेशान कर के रखा है और यहाँ तुमने| तुम घर पर रहकर शादी की बात करना चाहती हो तो मैं वापस चला जाता हूँ।
सुनीता – ठीक है शादी की बात नहीं करुँगी| वैसे तुम भी बहुत अजीब हो| वहां हॉस्पिटल में तो कह रहे थे कि तुमने वान्या को गलत judge किया है और अब कह रहे हो कि तुम उस से परेशान हो| अभी फ़ोन कर के शिकायत कर दूँ?
वरुण – माँ, वो अंदर से बहुत नरम है लेकिन बाहर से कड़क है| वो कभी भी अपनी अच्छी साइड नहीं दिखाती| भले ही वो कितनी भी अच्छी क्यों ना हो, मुझे परेशान करती रहती है| कल रात जब वो अपने दिल की बात बता रही थी मैं हैरान रह गया| वो मेरे साथ इस तरह से बात कर रही थी जैसे मैं उनका कोई पुराना दोस्त हूँ| जाते हुए उन्होंने ये भी कहा कि वो किसी के साथ भी अपनी माँ के बारे में बात नहीं करती| वो अपनी माँ को बहुत मिस करती है| मुझे कह रही थी कि वो तुम्हें मिलने के लिए आएगी|
सुनीता ये जानकर खुश हुई कि वान्या उससे मिलना चाहती है। दोनों कुछ देर तक यहाँ वहां की बातें करते रहे| वरुण की नज़र फ़ोन पर गयी जब उसे किसी ने कॉल किया। वो फ़ोन लेने के लिए उठा| सुनीता ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन इस बार वो नहीं रुका| जैसे ही उसने फ़ोन देखा तो वो दंग रह गया| वान्या के उसके फ़ोन में 10 missed calls थे| वरुण का चेहरा देखकर सुनीता समझ गयी की कोई problem है|
सुनीता (घबराते हुए) – बेटा, सब कुछ ठीक तो है ना? तुम बहुत परेशान दिख रहे हो|
वरुण (परेशान होकर) – माँ, वान्या जी के 10 missed calls हैं| इसका मतलब कोई बड़ी problem हुई है| मुझे जल्द से जल्द वापस जाना होगा| मुझे तो डर लग रहा है कि कहीं Mister Raizada के साथ कुछ गलत ना हुआ हो|
वरुण सबकुछ छोड़कर Mister Raizada के घर पहुंचा| वहां पहुँच कर उसने एक servant से Mister Raizada के बारे में पूछा,
वरुण – सर कहां पर है? वो ठीक तो है न?
पहले तो वो servant वरुण को घूरने लगा| फिर उसने जवाब दिया, “तुम तो सर को छोड़ कर चले गए थे| पता है, सर रूम में बेहोश पड़े थे। वान्या मैम उन्हें हॉस्पिटल लेकर गयी है| वो बहुत गुस्से में थी| तुम्हे फ़ोन पर फ़ोन कर रही थी लेकिन नवाब साहब फोन ही नहीं उठा रहे थे। कहाँ थे तुम? और फोन क्यूँ नहीं उठा रहे थे?
वरुण ने उस servant को जवाब देना जरुरी नहीं समझा| वो फ़ौरन हॉस्पिटल जाने के लिए निकला| वरुण वान्या को कॉल करना चाहता था लेकिन वो काफी डरा हुआ था| वो खुद को कोसते हुए बोला,
वरुण (कोसते हुए) – वरुण, आज तूने बहुत बड़ी गलती कर दी| मुझे अपना फ़ोन चेक करना चाहिए था| वान्या जी इस वक्त बहुत गुस्से में होगी| मैं हूँ ही इस लायक| आज से पहली कभी इतनी बड़ी लापरवाही नहीं हुई| जाकर सब से पहले वान्या जी से माफ़ी मांग लूँगा| थोडा चिल्लाएगी लेकिन सुन लूँगा|
कुछ देर बाद वरुण हॉस्पिटल पहुंचा| उसके पाँव कांप रहे थे। वहीं वान्या अपने पापा के लिए काफी परेशान थी| डॉक्टर वार्ड में Mister Raizada का इलाज कर रहे थे| वान्या ने हेल्प के लिए अपने assistant को बुला लिया था| वो सर पर हाथ रख कर बैठी थी| तभी उसकी नज़र सामने वरुण पर गयी| वरुण दबे पांव उसकी ओर बढ़ रहा था| वान्या उठी और वरुण के पास तेज़ी से गयी| वान्या का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था| उसने मान लिया था कि वरुण राहुल ओबेरॉय के साथ मिला हुआ और राहुल के कहने पर ही उसने Mister Raizada पर जानलेवा हमला किया| वान्या ने आव देखा ना ताव और वरुण को जोर से एक थप्पड़ जड़ दिया| थप्पड़ की आवाज पूरे हॉस्पिटल में गूंज उठी| वरुण को पता था कि वान्या उसके ऊपर चिल्लाएगी और उसे बुरा-भला कहेगी लेकिन उसे थप्पड़ की बिलकुल उम्मीद नहीं थी| वरुण थप्पड़ पड़ने पर दंग रह गया| वान्या ने उसका कॉलर पकड़ लिया।
वान्या (चीखते हुए) – क्यों मेरे पापा को मारने चाहते हो? क्या बिगाड़ा है उन्होंने तुम्हारा? तुम्हें तो मैं एक मामूली caretaker समझ रही थी लेकिन तुम मेरे घर में सांप बन कर बैठे थे|
वरुण ने वान्या के हाथ से अपने shirt का collar छुडवाया| वो वान्या की बात सुनकर confused था| उसे समझ नहीं आया कि वान्या उस पर Mister Raizada की जान लेने का आरोप क्यों लगा रही थी|
वरुण (सफाई देते हुए) – वान्या जी, ये आप क्या कह रही है? मैं सर को मारने की कोशिश क्यों करूँगा? वो तो मेरे पापा जैसे है| वान्या जी, सर ठीक तो है ना?
वान्या (गुस्से में) – क्भोले बनने की कोशिश मत करो! पापा तुमको कितना मानते थे| तुम्हारे लिए मुझे भी डांट देते थे लेकिन तुमने धोखा उनके साथ क्या किया? धोखा दिया है उनको! आखिर तुमने भी साबित कर ही दिया कि सारे मर्द एक जैसे होते है| मुझे तो खुद पर घिन आ रही है कि कल रात को मैंने तुम्हारे जैसे इन्सान पर भरोसा कर लिया था| पता नहीं क्या सोच कर तुम्हारे साथ अपने मन की बातें शेयर करने लगी थी| अच्छा हुआ भगवान ने जल्दी तुम्हारा असली चेहरा दिखा दिया|
वरुण को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वान्या उसे ये सब क्यों बोल रही है?
क्या होगा अब वान्या का अगला कदम? क्या होगा जब वान्या को पता चलेगी सच्चाई?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
No reviews available for this chapter.