रेणुका की “मेरी बहू” वाली डायरी देखने के बाद वैभव अपने गुस्से को ज़रा भी नहीं संभाल पा रहा था। वो रेणुका के कमरे से तब तो निकल आया पर उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर कैसे अपनी जिद्दी मां को समझाए। वैभव को अम्मा से बात करने के अलावा अब कोई और रास्ता भी नजर नहीं आ रहा था पर वो ये भी जानता था कि रेणुका जब अपनी जिद पर आ जाती है तो वो अम्मा की भी बात नहीं सुनती है। खैर, रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी तो वैभव ने अम्मा से इस बारे में दिन में बात करने का सोचा। रेणुका से किया डिनर का promise भी वैभव को याद नहीं रहा और वो बिना कुछ खाए ही अपने कमरे में जाकर लेट गया। वैभव के दिमाग में बहुत कुछ घूम रहा था। पहले ही वो किसी सवाल में उलझा हुआ था और अब रेणुका ने उसे अपनी जिद में और उलझा दिया था। वो मन ही मन खुद से बातें करने लगा।

वैभव ( मन में थोड़ा frustration में)– Elsie! काश तुम यहां होती!

वैभव अपने ख्यालों में बहुत देर तक डूबा रहा फिर उसकी आंख लग गई।

इधर रेणुका भी रात भर अच्छे से नहीं सो पाई। रेणुका को अब पहले से भी ज्यादा चिंता सता रही थी। पहली परफेक्ट बहू न मिलने की असफलता उसके दिमाग पर चढ़ गई थी। वो किसी भी हालत में जल्द से जल्द वैभव के लिए एक अच्छी लड़की ढूंढ कर उसकी शादी कर देना चाहती थी।

सुबह उठकर रेणुका जल्दी से तैयार हो गई और नीचे ब्रेकफास्ट करने के लिए चली गई।

अम्मा – रेणुका, तू ठीक है ना? आज फिर तेरी आंखे सूजी सूजी सी लग रही है?

रेणुका ( थोड़ी गुमसुम) – हां अम्मा! वो बस आज कल नींद अच्छे से पूरी नहीं हो पा रही है!

अम्मा समझ रही थी कि रेणुका की नींद क्यों पूरी नहीं हो पा रही है पर उन्हें रेणुका की कल वाली हरकत के बारे में कोई अंदाजा नहीं था।

अम्मा ( थोड़ी हैरान) – आज वैभव भी नहीं उठा, उसे क्या हो गया?

रेणुका जानती थी कि आज वैभव इतनी देर तक क्यों सो रहा था पर उसने अम्मा की बात को नजरअंदाज कर दिया। वो चुपचाप अपना नाश्ता करती रही। अम्मा को आज रेणुका का अटपटा स्वभाव बहुत अजीब लग रहा था पर उन्होंने रेणुका से कुछ नहीं कहा। वो मन ही मन सोचने लगी,

अम्मा ( सोचते हुए मन में) – कुछ तो गड़बड़ है कलावती?

अम्मा जानती थी कि रेणुका उसे इस बारे में कुछ नहीं बताएगी इसलिए उन्होंने तय किया कि वो इस बात की जड़ तक खुद ही जाएगी फिर ही इस बारे में रेणुका से बात करेंगी। अम्मा और रेणुका दोनों अपने-अपने ख्यालों में गुम होकर चुपचाप अपना नाश्ता करने लगे।

दूसरी ओर लट्टू काका घर के सभी काम ,काम वालों में बांट रहे थे। धीरे-धीरे सबको उनका काम देने के बाद जब लट्टू काका को पता चला कि आज लट्टू काका के साथ सब्जी लेने जाने के लिए कोई भी आदमी फ्री नहीं है तो वो थोड़ी सोच में पड़ गए। रेणुका नाश्ता करते-करते लट्टू काका की बातें ध्यान से सुन रही थी। उसने लट्टू काका को बुलाया और कहा

रेणुका ( खुश होकर) – लट्टू काका! आज सब्जी मार्केट से सब्जियां मै खुद लेने जाऊंगी!

लट्टू काका और अम्मा समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक रेणुका को क्या हुआ। वो पहले कभी भी सब्जी मार्केट नहीं गई है।

रेणुका को कल की असफलता के बाद शहर के अलग अलग कोने में जाकर लड़कियां ढूंढना ही सही लग रहा था। उसे ये बात भगवान का इशारा लग रही थी कि इतने सारे काम वाले होने के बाद भी लट्टू काका पर आज सब्जी मार्केट भेजने के लिए एक भी आदमी नहीं था। इसलिए रेणुका बिना देर किए लट्टू काका के साथ सब्जी मार्केट जाने के लिए तैयार हो गई। अम्मा को रेणुका की हरकतों पर पहले ही शक हो रहा था इसलिए अम्मा ने भी रेणुका के साथ जाने का फैसला कर लिया।

रेणुका ने अम्मा को मना करने की बहुत  कोशिश की पर अम्मा तो अम्मा है। वो कहाँ रेणुका की बात मानने वाली थी।

लट्टू काका किचन से अपनी सब्जियों की लिस्ट लेकर आ गए और रेणुका और अम्मा के साथ सब्जी मार्केट के लिए निकल गए।

वहां का माहौल और भीड़ देख रेणुका को थोड़ी सी घबराहट हो रही थी। इसलिए वो बस लट्टू काका के पीछे पीछे चलने लगी। वहीं लट्टू काका अपना पूरा ध्यान सब्जियों की लिस्ट और वहां पर मिल रही ताजा सब्जियों पर टिकाए हुए थे और रेणुका का ध्यान उस मार्केट में आई हुई कुंवारी लड़कियों पर टिका हुआ था। वो बस चारों तरफ घूम रही लड़कियों को ही एक टक देखे जा रही थीं। कई लड़कियों को तो उसने अपनी परफेक्ट बहू की लिस्ट के पॉइंट्स के हिसाब से अपने मन में ही रिजेक्ट कर दिया था। दूसरी तरफ अम्मा धूप के कारण कार में ही बैठी रही।

लट्टू काका सब्जियां लेने में बिज़ी थे कि तभी रेणुका को एक प्यारी सी मधुर आवाज सुनाई दी, उसने पलट कर देखा तो सामने की सब्ज़ी वाली दुकान पर एक बहुत  ही खूबसूरत लड़की सब्ज़ी खरीद रही थी। उसके बात करने के तरीके और खूबसूरती को देख जैसे रेणुका का परफेक्ट बहू  वाला अलार्म फिर से active हो गया। जैसे फिल्मों में हीरोइन को देखकर हीरो के दिल में गिटार बजने लगते है, वैसे ही रेणुका के दिल में भी आज कल सुंदर लड़कियों को देखकर उसका परफेक्ट बहू अलार्म बजने लगता है!

रेणुका उस लड़की को बहुत  देर तक देखती रही और मन ही मन उस लड़की को अपनी परफेक्ट बहू  की definition से तौलने लगी! फिर थोड़ी देर अपने मन में कुछ सोचने के बाद रेणुका उस लड़की की मासूमियत और Elegance से impress हो गई।

मार्केट के बीचों बीच खड़े होकर रेणुका अपनी दुनिया में खो गई!

रेणुका ( मन में ) – "वाह!!  यह लड़की तो बिल्कुल वैसी है जैसे मेरे आदर्शों के अनुसार मुझे चाहिए है। इसकी beauty, personality मुझे अपनी तरफ खींच कर रही हैं। इसकी हाइट, फिगर, और चेहरा सभी कितना परफेक्ट हैं। चलने का तरीका और बोलने का अंदाज़, उफ्फ़! देखने में पढ़ी लिखी और समझदार भी लग रही है। सब्जियां भी खुद ही खरीद रही है, मतलब घर की ज़िम्मेदारियाँ संभाल लेगी। ये पक्का मेरे घर की बहू बनकर मेरे बेटे और हमारे परिवार को खुश रखेगी।”

रेणुका का मन उस लड़की पर आकर रुक गया था। उसे लग रहा था जैसे उसकी खोज अब पूरी हो गई है। उसके हिसाब से उसने अपने बेटे के लिए एक परफेक्ट बहू ढूंढ ली थी।

रेणुका अपने ख्यालों में खोई हुई ही थी कि अचानक उसकी पीठ पर किसी ने हाथ मारा, जिससे वो अपने ख्यालों की दुनिया से बाहर आ गई!

अम्मा ( गुस्से में) – किधर है तेरा ध्यान? इतनी देर से फोन लगा रहे हैं तुझे, लट्टू चारों तरफ तुझे कब से ढूंढ रहा है।

रेणुका ने अम्मा की बात सुनकर अपना फोन देखा तो लट्टू काका, और अम्मा के मिस्ड कॉल देख वो हैरान हो गई। उसके फोन में 20 मिस्ड कॉल थे पर रेणुका को एक भी बार कोई आवाज सुनाई नहीं दी थी।

अम्मा – रेणुका, तू मेरे साथ डॉक्टर के पास चल।

रेणुका ( डर कर)– क्यों अम्मा तबीयत ठीक नहीं लग रही क्या?

अम्मा – हां!

रेणुका – क्या हो रहा है?

अम्मा ( गुस्से में) – अब तुझे क्या हो रहा है ,ये भी मैं बताऊं?

रेणुका कुछ समझी नहीं पर अम्मा को रेणुका की हरकतें ऐसी लग रही थी जैसे या तो वो पागल हो गई है या फिर उसे अभी पहली-पहली बार किसी से प्यार हो गया है।

अम्मा मन ही मन सोचने लगी,

अम्मा (मन ही मन हैरान) – कहीं इसे किसी से प्यार तो नहीं हो गया, पर इस उम्र में कौन ही प्यार करेगा इससे, और रेणुका ऐसी तो नहीं थी। इसको अपनी उम्र का कुछ लिहाज नहीं है क्या!?

अम्मा की मन की बातों ने उनका दिमाग खराब कर दिया था और उधर रेणुका खड़े-खड़े अभी भी मुस्कुरा रही थी। अम्मा रेणुका की तरफ देखकर फिर खुद से बातें करने लगी!

अम्मा – कलावती!! रेणुका का तो पता नहीं पर तू जरूर पागल हो जाएगी इसकी हरकतों से!

इससे पहले अम्मा सच में पागल होती ,उन्होंने  रेणुका से घर चलने को कह दिया। रेणुका ने उस लड़की की तस्वीर ली और अम्मा के साथ पार्किंग एरिया में आ गई।

रास्ते भर अम्मा रेणुका के पागलपन को दूर करने के तरीके ढूंढती रही और इधर रेणुका ने अपने डिटेक्टिव को उस लड़की नंबर 2 की तस्वीर भेज दी।

जब अम्मा ,लट्टू काका और रेणुका घर वापस आ गए तो रेणुका को व्हाट्सएप पर एक text आया।

Text पढ़ते ही रेणुका की आंखे खुशी के मारे चमकने लगी। वो text और किसी का नहीं उसी डिटेक्टिव का था। आधे घंटे में ही उसने उस सब्जी मार्केट में मिली लड़की नंबर 2 का पूरा चिट्ठा खोल कर रेणुका को भेज दिया था।

रेणुका के चेहरे को देखकर अम्मा समझ नहीं पा रही थी कि इस उम्र में रेणुका किसके मैसेज को देखकर खुश हो रही थी, और इस वजह से अम्मा को अब 100 प्रतिशत यकीन हो गया था कि रेणुका का अफेयर चल रहा है।

रेणुका text पढ़ने के बाद सीधा अपने कमरे में तैयार होने के लिए चली गई। उसने अलमारी से अपनी सबसे सुंदर साड़ी निकाली और उस लड़की के परिवार से मिलने के लिए निकल गई। आज रेणुका इतने जल्दी में थी कि वो अम्मा को प्रणाम किए बिना ही उस लड़की के घरवालों से मिलने चली गई पर रेणुका की इस हरकत के कारण अम्मा का शक धीरे-धीरे यकीन में बदलता जा रहा था।

अम्मा ( सोचते हुए) – अभी आए हमें देर नहीं हुई और ये इतनी जल्दी इतना सज धज कर ,मुझे बिना प्रणाम किए कहां जा रही है?

अम्मा ने तुरंत अपने फोन से ड्राइवर को कॉल किया और कहा,

अम्मा –"रामू, जल्दी गाड़ी तैयार करो और रेणुका की गाड़ी के पीछे चलने के लिए तैयार रहो।"

रामू ने अम्मा की बात समझी और गाड़ी तैयार कर ली। अम्मा गाड़ी में बैठ गईं और रामू ने गाड़ी को रेणुका की गाड़ी के पीछे लगा दिया।

वे धीरे-धीरे रेणुका की गाड़ी के पीछे चलते रहे, ताकि वे उसकी गतिविधियों पर नजर रख सकें। अम्मा की घबराहट गाड़ी के बढ़ने के साथ बढ़ती जा रही थी कि रेणुका कहाँ जा रही है और वह क्या करने वाली है?

वहीं रेणुका हाथों में मिठाई के डिब्बे और फल फ्रूट लिए थोड़ी देर में उस लड़की के घर पहुंच गई। अंदर जाते ही उसने लड़की के पिता को देखा और उन्हें अपना परिचय दिया!

रेणुका – "नमस्ते, मैं रेणुका साहनी हूँ।”

क्या इस बार रेणुका अपनी परफेक्ट बहू को घर लाने में सफल होगी? क्या होगा जब वैभव को इस लड़की नंबर 2  के बारे में पता चलेगा? आखिर कौन है Elsie जिसे वैभव याद कर रहा था?
 

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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