मीरा को अपने सामने की दुनिया घुमती हुई सी महसूस होने लगी, वह जिस हादसे की आशंका से बेहद घबरा गई थी….यहां तो उससे उल्‍टा ही हो गया। आज मीरा की जिंदगी का आखिरी दिन था....उस एयरकंडिशन रूम में मीरा के पसीने छूट गए। 

 

उस भूरी दहकती आंखो वाले चीफ ने मीरा से कहा, ‘’क्‍या हुआ मीरा.? तुम मुझसे प्‍यार का नाटक करना चाहती हो ना.? बहुत दिनों से मुझे रिझाने के लिए सोच रही हो...तुम किन किन अदाओं से मुझे फंसा सकती हो, यह सारी प्‍लानिंग तो कर चुकी हो। लो तुम्‍हारा सपना सच हो गया...बिना किसी मेहनत के....बहुत समय भी बरबाद नहीं हुआ। तो चलो शुरू हो जाओ....चीफ तुम्‍हारा है, जब तक तुम चाहोगी तब तक चीफ तुम्‍हारा ही रहोगी। 

मीरा की जीभ उसके तालु से चिपककर रह गई...कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था….बोलती भी तो क्‍या और कैसे…सबकुछ तो खत्‍म हो चुका था। 

‘’आओ ना मीरा, प्‍यार करो मुझे…नाटक ही सही तुम्‍हारी जैसी खूबसुरत लड़की मुझे प्‍यार तो करेगी ना…यह रूम ठीक है ना या तुम पूरा होटल घूम लो, इस होटल का जो भी रूम तुम्‍हें पसंद हो हम वहीं चलेंगे।’’ 

मैंने सोचा कि तुम बेवहज मुझे ढूंढने में इतना वक्‍त ज़ाया कर रही हो...क्‍यों ना यह वक्‍त एक दूसरे को प्‍यार करने में लगाया जाए, एक दूसरे की बाहों में झूलकर रातें बिताई जाए, वो सब किया जाए जो लवर करते हैं।‘’ 

मीरा ने पहले ही आशंका जताई थी कि चीफ हम तक पहुंच सकता है, पर मारिया कितने विश्‍वास से बोली थी कि ऐसा कभी नहीं होगा। 

‘’क्‍या मारिया को पता है कि उसके विश्‍वास की धज्‍जियां उड़ गई हैं, मैं चीफ के चंगुल में फंस चुकी हूं।‘’

चीफ ने फिर से कहा,’’ शायद तुम मारिया के बारे में सोच रही हो...बेचारी अपने हसबैंड की तरह वह भी इतनी कम उम्र में मारी जाएगी...माउंट आबू के रोड पर एक्‍सीडेंट होते ही रहते हैं, एक और सही...सामने से आ रहा बड़ा सा ट्रक एक जोरदार टक्‍कर मारेगा.…मारिया की कार चार-पांच बार पलटी खाएगी.....उसके सिर की हड्डी टूट जाएगी, पूरा शरीर कचूमर हो जाएगा और ट्रक ड्राइवर का पता ही नहीं चलेगा। पुलिस इसे एक्‍सीडेंट का केस बनाकर कुछ दिनों बाद फाइल बंद कर देगी और मारिया तो अपने हसबैंड के पास पहुंच जाएगी....वहां ऊपर स्‍वर्ग में हैप्‍पी मैरिड लाइफ बिताएंगे, देखा मै सबके बारे में अच्‍छा सोचता हूं, मारिया यहां खुश नहीं है पर ऊपर जाकर जरूर खुश हो जाएगी...जैसे तुम मुझे पाकर खुश हो।‘’ 

मीरा को ऐसा महसूस हुआ कि उसके शरीर पर हजारों बिच्‍छुओं ने एक साथ डंक मार दिया है। मारिया का मर्डर…पता नहीं ये कब से हम पर नजर रखे हुए था, इसे हमारी सारी बातें पता है।  

चीफ ने फिर कहा, ‘’अच्‍छा यह बताओ कि तुम पहले मेरी गोद में बैठोगी या यही खड़े-खड़े पहले मुझे किस करना पसंद करोगी?... कहकर चीफ मीरा के और करीब आ गया। 

मीरा की सांसे भारी हो उठी।

क्‍या हुआ मीरा? आओ ना, प्‍लीज आओ…मुझे प्‍यार करो…वह सब कुछ करो जो तुमने सोचा है। आज मैं तुम्‍हारी सारी हसरत पूरी कर दुंगा...’’ वे भूरी आंखे मीरा को जलाकर राख कर देने वाली नजरों से देख रही थी।

‘’मीरा आओ…आओ मीरा, टाइम बरबाद मत करो....आओ मीरा.… ये आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी। 

 

मीरा ने गहरे टीस और पीड़ा से अपनी आंखे बंद कर ली, मीरा के शरीर को तेज झटका लगा…उसने दोनों मुट्ठियां भींच ली.…वह हड़बड़ाकर गहरी नींद से उठकर बैठ गई। सांसे धौकनी की भांति चल रही थी...पसीने से तरबतर मीरा कुछ क्षण के लिए जड़ सी होकर बैठी रही...धीरे-धीरे मीरा की सांसे सामान्‍य हुई। 

उसने अपने चारों ओर देखा, वह अपने कमरे में थी....वहां उसके अलावा कोई नहीं था। मीरा ने सपना देखा था….भयावह सपना, शायद उसकी जिंदगी का अब तक का सबसे बुरा सपना, शायद कभी भी न भूलने वाला सपना। 

मीरा इतनी बुरी तरह डर गई कि उसे अभी तक विश्‍वास नहीं हो रहा था कि अभी-अभी उसने कितने डरावने सपने का सामना किया है। 

 

मारिया से बात करने के बाद चीफ के बारे में सोचते हुए मैं लेट गई और मुझे ऐसा सपना आया…कुछ लोग मेरे पास आए, मेरे हाथ पैर बांधकर मुझे चीफ के पास ले गए और चीफ मुझे वो सब कुछ करने के लिए कह रहा है जो…नहीं नहीं मैं यह सब नहीं कर सकती।

मीरा का गला बुरी तरह सूख गया था…ऐसा लग रहा था जैसे गले में कांटे उग आए हैं बेड के बगल में रखे स्‍टूल को टटोला….वहां कोई पानी की बॉटल नहीं थी...वह धीरे से उठी और किचन में गई.....फ्रिज से बॉटल निकालकर पानी पिया, डर के मारे अभी भी उसका पूरा बदन कांप रहा था। 

यह सपना कहीं सच हो गया तो..? क्‍या मैं मारिया को इस बारे में बता दूं.? मैं कह दूं कि मुझे नहीं करना है यह सब....मुझे चीफ के हाथों दर्दनाक मौत नहीं मरना है।‘’

 

मीरा अपने घर के दरवाजे चेक करने के लिए मेन डोर की ओर दौड़ी…जिसे कामवाली के जाने के बाद मीरा ने खुद बंद किया था पर अभी वह इतनी डरी थी कि ऐसा लग रहा था कही कोई दरवाजा न खुला हो वरना वे आठो काले कपड़े वाले और बिल्‍ली के मुखौटे वाले आदमी अंदर आ सकते हैं, उसे बांधकर ले जाएंगे…नहीं यह सच नहीं होगा, वह तो सपना था...दोपहर का सपना…सपने तो सुबह के भी सच नहीं होते हैं तो दोपहर के क्‍या होंगे.?

सारे दरवाजे और खिड़कियों को अच्‍छे से चेक कर के लॉक करने के बाद, मीरा ने सुकून की सांस ली…ग्‍लास विंडो से उसने बाहर देखा, आसपास के घरों में नार्मल जिंदगी चल रही थी। 

कहीं कोई अलग सी हलचल नहीं थी…अगर वह हादसा सच में होता तो…इस फ्लैट में किसके घर में क्‍या हो जाए कुछ भी पता नहीं चलता, अगर सच में कोई मेरा किडनैप कर ले तो...किसी को पता भी न चले…लोग तो मस्‍त होकर अपनी लाइफ जीते रहेंगे। 

बुरी तरह बेचैन मीरा का मन किसी काम में नहीं लग रहा था....रह रहकर उसकी आंखों के सामने चीफ का वह भूरी दहकती आंखे आ रही थी। मन में लगातार नकारात्‍मक विचार आ जा रहे थे...क्‍या मैं मारिया को फोन कर के अपने इस सपने के बारे में बता दूं, पर वह तो इसे हंसी में उड़ा देगी।

मीरा अपने मन की घबराहट को दूर नहीं कर पा रही थी, अगल बगल के घरों में भी कोई ऐसा नहीं था जिससे बातें कर के मीरा अपना मन बहला सके, जाकर कुछ देर के लिए यूं ही बैठकर गपशप कर ले। 

 

उसने घड़ी देखी...दोपहर के एक बज रहे थे…ऑफिस में इस समय लंच चल रहा होगा - आज तो नए बॉस के साथ लंच का भी प्रोग्राम था। मीरा खुद को ही कोसने लगी...उसे ऑफिस चले जाना चाहिए था पर उस समय मारिया ने जो कुछ चीफ और उसकी गर्लफ्रेंड के बारे में बताया था, उसे सुनकर मीरा का मन अजीब सा हो गया था....लगा कि ऑफिस जाने के बाद क्‍या पता काम कर ही न पाए, इसलिए लेट गई...मेरे मन में न जाने कितने दिनों से चीफ के बारे में कई सारी बातें आ जा रही थी...जिसका नतीजा यह हुआ कि आज वह बुरा सपना बनकर मेरे होश उड़ा गया। 

क्‍या यह सपना कोई चेतावनी थी, या मेरे अवचेतन मन में दबा एक विचार.? वो भूरी आंखे…क्‍यों दिखी वह मुझे.? पूरा चेहरा क्‍यों नहीं दिखा.? शायद इसलिए कि आंखे प्‍लास्‍टिक सर्जरी से बदल नहीं सकती हैं, चेहरा बदला जा सकता है। उस चीफ का चेहरा भले ही बदल गया हो पर आंखे तो वही होगी ना….भूरी दहकती।‘’ 

मीरा ने सिर झटका.…नहीं नहीं मैं वह सब याद नहीं करना चाहती...वह एक बेकार सपना था, ऐसे तो न जाने कितने ही सपने मैंने देखे हैं कोई सच हुआ है क्‍या? मुझे अभी किसी दूसरे काम पर फोकस करना है। 

लेकिन मारिया....वो ठीक तो होगी ना? वो माउंट आबू के लिए निकल गई होगी..हे भगवान वह सपना मुझे इतना क्‍यों डरा रहा है.? मुझे ऑफिस जाना चाहिए…मेरा मन तो डाइवर्ड होगा और बिजी रहूंगी। 

 

मीरा ने राशी को फोन किया कि वह ऑफिस आ रही है। 

‘’क्‍यों क्‍या हुआ…तेरा तो मन ठीक नहीं था? नए बॉस से मिलने और उन्‍हें देखने का मन हो गया क्‍या तेरा.? वैसे नए बॉस बहुत ही हैंडसम हैं।’’ राशी ने मीरा के बेटाइम ऑफिस आने की बात पर कहा। 

‘’शटअप राशी…मैं बोर हो रही हूं और लगा कि कहीं नए बॉस हम सबको लापरवाह न समझे इसलिए आ रही हूं।’’ 

‘’आजा आजा....राशी हंसते हुए बोली, वैसे तेरी जानकारी के लिए बता दूं कि शायद हमारे नए बॉस का तुझसे अंदर ही अंदर कोई कनेक्‍शन है..’’ 

‘’क्‍या मतलब है तुम्‍हारा..?’’ 

‘’मतलब यह है कि आज हमारे नए बॉस जी का भी हमसे मिलने का बहुत विशेष मन नहीं था इसलिए लंच के बाद आने का प्रोग्राम है, शायद दोपहर तीन बजे के बाद आएं, उसके बाद शायद मीटिंग हो या ना हो, बॉस केवल फार्मेल्‍टी के लिए आ रहे हैं, सुना है कि वे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ विदेश में शिफ्ट हो रहे हैं।‘’

‘’विदेश में गर्लफ्रेंड के साथ...अच्‍छा…तो क्‍या तुम लोगों को पता चला कि नए बॉस का निहारिका मैम से क्‍या रिलेशन है? उनकी फैमिली के मेंम्‍बर हैं या दूर के रिलेटिव।‘’ 

‘’दोनों में से कोई नहीं...वे मैम के स्‍कूल फ्रेंड हैं.....दोनों ने साथ-साथ बिजनेस करने का सपना देखा था पर किसी रीजन से एक साथ नहीं कर पाए। मैम की हालत के बारे में सुनकर वे दिल्‍ली गए थे और जब तक निहारिका मैम ठीक नहीं हो जाती तब तक उनका सारा कारोबार संभालने के लिए मैम के पैरेंट्स से रिक्‍वेस्‍ट की है। आलोक अंकल और सुषमा आंटी के पास भी कोई चारा नहीं था.…उनका बेटा भी तो छोटा है और शायद वह भी इंडिया में बिजनेस नहीं करना चाहता, पढ़ाई पूरी करने के बाद उसका सिंगापूर जाने का प्‍लान है तो मैंम के पैरेंटस ने नए बॉस को परमिशन दे दी।‘’ 

‘’ओह, अच्‍छा तो यह बात है, खैर कोइ बात नहीं यह तो उनका अपना मैटर है, हमारा मेन टारगेट यह था कि निका ब्रांड बंद नहीं होना चाहिए, उसकी जो जगह थी उसे वापस लानी है और आगे ऊंचाई पर ले जाना है…तो अभी तुम लोग क्‍या कर रहे हो?’ मीरा ने पूछा। 

‘’कुछ नहीं केवल मस्‍ती…ऑफिस आने के बाद पता चला कि बॉस अपनी गर्लफ्रेंड को मुंबई घुमाने ले गए हैं, दोपहर बाद आएंगे….हमने सोचा कि तूझे फोन कर के बुला लेते हैं…पर तुमने बताया था कि तुम्‍हारा मन ठीक नहीं है इसलिए नहीं किया। फटाफट आ जाओ….हमने पिज्‍जा और गार्लिक ब्रेड आर्डर किया है….जब तक पिज्‍जा आ जाएगा तब तक तुम भी आ जाओगी।‘ 

सुनकर मीरा को बहुत ही राहत महसूस हुई…मुंबई में उसके यही तो दोस्‍त थे जो कठिन समय में उसे सुकून भरा साथ देते थे।  

‘’हां मैं बस आधे घंटे के अंदर पहुंच रही हूं।’’ 

‘’जरा अच्‍छे से रेडी होकर आना…नए बॉस के सामने अच्‍छा इम्‍प्रेशन जमना चाहिए।‘’

‘’मैं उन्‍हें क्‍यों इम्‍प्रेस करूंगी? अच्‍छा अब फोन रखो मैं तैयार होकर आती हूं।’’  

 

मीरा झटपट हाथ मुंह धोकर रेडी हो गई....उसने हल्‍के नीले रंग की चिकन की कुर्ती और ब्‍लैक कलर की जींस पहनी। बालों को खुला छोड़ दिया, हल्‍का सा मेकअप करने के बाद वह अच्‍छा फील करने लगी थी। 

घर को अच्‍छे से लॉक कर के लिफ्ट में जाने को हुई कि वह सपना फिर से आंखो के सामने तैर गया.…जब सपने में ही चीफ के किडनेपर उसे लिफ्ट के रास्‍ते बेसमेंट में ले गए थे। मीरा के शरीर में झुरझुरी दौड़ गई, फिर वह खुद से ही बोली, ‘’सेकेंड फ्लोर ही तो है…कौन सा दस बारह फ्लोर उतरना है, मैं सीढ़ी से चली जाऊंगी।‘’ 

मीरा नीचे उतरी.…बिल्‍डिंगो से घिरी हुई सोसाइटी को पार करने के बाद मेन रोड पर आकर खड़ी हो गई, तभी ध्‍यान आया कि कैब बुक कराना भूल गई...’’कोई बात नहीं टैक्‍सी कर लेती हूं।‘’

मीरा टैक्‍सी रोकने के लिए हाथ दिखाने लगी.…उसने अपनी बिल्‍डिंग को देखने के लिए मीरा ने अपनी गरदन घुमाई…एक अजीब सी राहत हो रही थी.....यह एहसास कितना सुखद था कि उसने जो महसूस किया था वह केवल एक सपना था। 

तभी एक गाड़ी मीरा के सामने आकर रूकी....मीरा झट से कार का डोर ओपेन करते हुए ड्राइवर से बोली, ‘’मरीन बीच ड्राइव के पास डोमिनोट पिज्‍जा सेंटर जाना है।‘’

ड्राइवर ने कार आगे बढ़ा दी.…वह पसीने से तर थी….कार में एसी ऑन था, एक बहुत ही मनमोहक सुगंध उसके मन को सराबोर कर गई, यह गंध कुछ जानी पहचानी सी लगी.…उसे अच्‍छा लग रहा था….मीरा अपने चेहरे का पसीना पोछकर मेकअप ठीक करने के लिए पर्स से रूमाल निकालने लगी...तभी एक सफेद रंग का रूमाल मीरा की ओर बढ़ा….’’यह लो ब्‍यूटीफुल गर्ल....इससे पोछ लो।‘’ 

हड़बड़ी में कार में बैठी मीरा को पता ही नहीं चला कि जिस कार में वह बैठी थी उसमें पहले से ही कोई मौजूद था…वह कोई और नहीं आर्यन देशमुख था। 

 

 

क्‍या जो सपना मीरा ने देखा, वह आने वाले समय में किसी बहुत बड़े हादसे का संकेत था? 

क्‍या मीरा चीफ तक पहुंचने के अपने प्‍लान में कुछ चेंज करेगी? 

आर्यन और मीरा की दोबारा मुलाकात अब क्‍या रंग लाएगी?

जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्‍बत। 

 

 

 

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