रवि: आहाहाहा… बहुत भूख लगी है। देखें ज़रा क्या है आज टिफिन में? (टिफिन खोलने की आवाज) रवि (निराश): तौबा तौबा तौबा, सारा मूड खराब कर दिया।
बोला था ना… आज 13वाँ दिन है, बीवी को फ्लैट के लिए मना किए हुए, और आज भी टिफिन में टिंडे। इससे अच्छा तो मेरी ही 13वीं हो जाती। आज फिर से यही टिंडे खाने पड़ेंगे। हे भगवान, इस दुनिया के सारे एंटीक पीस मेरी ही किस्मत में ही लिखे हैं क्या? न जाने किस नींद में मेरी ज़िंदगी लिख रहे हो आप, जो मेरी ज़िंदगी ही एक दरवाज़ा सपना हो गई है। यार ये औरत भी कमाल की आफत होती हैं, पूरे साल पति को चैन से जीने नहीं देती और फिर करवा चौथ का व्रत रखकर मरने भी नहीं देती। ऐसे में आदमी जाए तो जाए कहाँ?
रवि: अभी तो जो भी हो… भूख बहुत तेज लगी है, आज तो ये टिंडे ही खाने पड़ेंगे।
अनीता (बाहर से चिल्लाते हुए): Are you guys are stupid? कितनी बार मुझे एक ही बात दोहरानी पड़ेगी? हुह्ह? न जाने इस कंपनी ने सारे गड्ढे ही कैसे भर रखे हैं? अब जाओ और फिर से सारे काम करो। मुझे यह फाइल ईओडी तक चाहिए।
हाय राम, ये कौन चिलाया बाहर, डर से टिंडे भी गिर गए। हो न हो ये अनीता मैडम ही हैं, उनके अलावा इतना खौफ किसी का नहीं हो सकता। वैसे, आज किस बेचारे पर अनीता नाम की गाज गिरी है? मुझे पक्का यकीन है, अगर इनकी जीभ की लंबाई नापी जाए तो बुर्ज खलीफा भी उसके सामने छोटा पड़ जाएगा। न जाने भगवान ने कौनसा स्पीकर इनके गले में फिट करके भेजा है जो इनका चिल्लाना मुर्दे को भी एक बार को डरा दे। इनका पता अगर किसी तांत्रिक को चल गया तो पक्का इन्हें ले जाने की कोशिश करेंगे ही, इनकी एक चीख और सारी आत्मा भाग खड़ी होंगी, उस इंसान की भी। इससे पहले ये बचा खुचा खाना भी गिरवा दें मैं कुछ तो खा लूं। आखिर पापी पेट का सवाल है। बाहर जो भी हुआ बाद में देखूंगा।
Girl (Crying): Sir, I wanna quit.
रवि (मुंह भरा हुआ): Anjali जी… क्या हुआ?
लड़की: सर मैं यहाँ जॉब नहीं कर सकती। यहाँ बहुत ज़हरीला माहौल है।
रवि: (खाना निगलने की आवाज) हाँ ये तो पता है लेकिन हुआ क्या?
लड़की: अनीता मैडम अपना गुस्सा हम सब पर निकालती हैं। सबके सामने आज उन्होंने मुझे बहुत गंदे तरीके से डांटा।
रवि: देखो यार काम के समय कुछ ऊपर नीचे हो जाए तो सीनियर्स तो गुस्सा करते ही हैं. ये काम का ही हिस्सा है. कंपनी से चले जाना इसका कोई समाधान नहीं है।
लड़की: इलाज है सर, आप उन्हें समझाएं।
रवि (बहुत डरा हुआ और हकलाते हुए): मा.. मैं.. मैं मैं मैं, ना.. ना.. नहीं नहीं नहीं नो नहीं (रुकावट) नहीं।
लड़की: सर आप समझते क्यों नहीं कि आप इस कंपनी के हेड हैं।
रवि(murmuring): हेड नहीं डेड हूँ मैं तो!! कैसे बताऊ तुम्हे मैं क्या ही कह सकता हूँ. अनीता मैडम तो मुझे भी डांट देती हैं
लड़की: क्या कहा सर...?
रवि (खुद को सँभालते हुए): आ बा... (सँभालते हुए ) तो आप बताए अंजलि जी आप क्या चाहती हो कि अब मेरे कंधों पर भी हेड नहीं रहे। अरे भगवान से डरो, कहाँ मुझे मौत के मुंह में भेज रही हो?
लड़की: सर अनीता मैडम इस कंपनी की केवल एक एम्प्लॉयी हैं।
रवि: केवल एक एम्प्लॉयी? नहीं ANJALI जी, वो केवल एक एम्प्लॉयी नहीं हैं, वो साक्षात काली माँ का गोरा रूप हैं। देखो, नीचे देखो, ये टिंडे जो मैं आज खाने वाला था, पता है जब अनीता मैडम बाहर तुम पर चिल्ला रही थीं तब डर से गिर गया। सोचो अगर उन्होंने मुझे चिल्ला दिया तो कौन कौन सा खाना कहाँ कहाँ से गिरेगा?
लड़की: पर आप सीईओ हैं।
रवि: तो ??? नहीं नहीं नहीं, ये नहीं हो सकता… नो। (pause) हट्ट!
लड़की: सर आपको जो करना है करिए, लेकिन मैं आपको बता रही हूँ, ऐसे एक दिन पूरी कंपनी खाली हो जाएगी।
यार ये कैसा धर्म संकट है। अब अपनी जान बचाऊं या कंपनी की आं? अनीता मैडम से बात करने से अच्छा आइडिया तो जंगल जाकर किसी बब्बर शेर को ढूंढकर उसके मुंह में अपना सिर रख देना है। एक बार को वो शेर छोड़ भी दे, पर अनीता मैडम से तो किसी कीमत पर नहीं बचा जा सकता। यार ये सुमन कहां फंस गई मुझे? कभी-कभी तो लगता है कि ज़रूर अनीता मैडम की डांट की वजह से ही अतुल सर को हार्ट अटैक आया होगा, मेरा सीईओ बनना तो बस एक बहाना सा है। लेकिन जब औखाली में सिर दे ही दिया है तो मूसल से क्या ही डरना। अब चोट तो लगनी ही है। करूंगा, अनीता मैडम से भी बात करूंगा। (बेल रिंग)
रवि: अनीता मैडम को बुलाओ। (दरवाजे की आवाज)
अनीता (थोड़ी गुस्से में): बुलाया आपने?
रवि: हाँ मैडम, बैठिए ना।
अनीता: क्या हुआ?
रवि: मैडम कोई समस्या है क्या?
अनीता: मतलब?
रवि: काफी लोग बोल रहे हैं कि आप ज़्यादा गुस्सा करने लगी हैं।
अनीता: ओह्ह्ह... तो यही बात है अब, अगर मैंने किसी गलती पर जूनियर्स से कुछ बोल दिया। तो इसके लिए मुझे लेक्चर सुनने को मिलेगा।
बोला था ना, इनसे अगर कुछ भी बोलने की कोशिश की तो ये चिकू चुरी लरके मुझे ही खाने को दौड़ पड़ेंगी। अब इन्हें कैसे समझाऊं कि लोग कंपनी में काम ही नहीं करना चाहते। और अगर सब चले गए तो संजय उसे भी मेरी ही गलती समझेगा। इन दोनों ने मिलकर मेरी ज़िंदगी में ज़हर घोल रखा है भगवान कसम। यार चैन की सांस ही नहीं लेने देते।
रवि: मैडम मैं जानता हूँ, आपको मेरे सीईओ बनने से बहुत ज़्यादा समस्या हो रही है। लेकिन मेरा विश्वास करो मुझसे ज़्यादा समस्या नहीं हो रही होगी आपको। वैसे भी इसमें मेरी कोई गलती नहीं है और मैं कोशिश भी कर रहा हूँ। हाँ मैं आप सब की तरह पढ़ा लिखा नहीं हूँ पर आप मेरा गुस्सा बाकी सब पर मत निकालिए प्लीज़।
अनीता: मैं किसी का भी गुस्सा किसी पर नहीं निकाल रही हूँ मिस्टर रवि। आपको आइडिया भी नहीं है, जबसे आप इस कंपनी के हेड बने हैं हम सब पर कितना प्रेशर आ चुका है। आप तो "मुझे कुछ आता नहीं है" बोलकर साइड हो जाते हो और हम लोग फंस जाते हैं।
रवि: तो मैडम सबको डांटना भी इसका समाधान नहीं है ना, आप एक काम करिए, अगर मुझसे कुछ गलती हो तो मुझे समझाइए, मुझे डांटिए।
मैंने बोल तो दिया "मुझे डांटिए" पर अगर अनीता मैडम ने मुझे एक बार भी डांटा तो... तो... तो मैं रो जाऊंगा अब। बहुत सह लिया अब मैंने। अरे कोई तो बचा लो यार। ये डर खत्म क्यों नहीं होता बे। सुकून कैसा होता है भूल ही चुका हूँ मैं तो। अब तो लगता है कि किसी सर्कस को जी रहा हूँ मैं।
अनीता: देखो मैं बस अपना काम कर रही हूँ, और आपके जैसे नहीं, मुझे मेरा काम कैसे करना है बहुत अच्छे से आता है। हाँ थोड़ी सी टेंशन है लेकिन मैं हैंडल करूंगी। मेरे पास पहले से ही बहुत काम है, अब आपको लेक्चर सुनने का समय नहीं है मेरे पास।
रवि: मैडम मैं जानता हूँ इस कंपनी में आपके जैसा मेहनती और इंटेलिजेंट कोई नहीं है। मैं यह भी जानता हूँ कि आप गलत नहीं हैं न ही किसी का बुरा चाहती हैं, बस थोड़ी परेशान हैं। इसलिए मुझे लगता है आपको १ सप्ताह की छुट्टी ले लेनी चाहिए।
अनीता: क्या? क्या आप अपने दिमाग से बाहर हो गए हैं रवि? मैं यहाँ वर्क प्रेशर को लेकर पहले से ही इतनी स्ट्रेस्ड हूँ और तुम मुझे छुट्टी लेने को कह रहे हो। यही कारण है कि तुम एक अच्छे सीईओ बनने के लायक नहीं हो।
रवि: इसलिए कह रहा हूँ मैडम, आप एक सप्ताह की छुट्टी ले लीजिए। अगर वापस आकर आपको लगे कि मैं कुछ नहीं सीखा हूँ, या मैं किसी लायक नहीं तो मैं खुद यह ऑफिस छोड़ दूंगा।
अनीता (चुनौती देते हुए): ऐसी बात है तो अपना सामान पैक कर लो रवि। एक सप्ताह तो क्या तुम एक पूरी ज़िंदगी में भी सीईओ बनने के लायक नहीं हो सकते।
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