भले ही उस बच्चे को ढूंढ़ना ध्रुव के लिए आसान काम था मगर एक माँ के दिल से अगर पूछे तो उसने बहुत बड़ा काम किया था। उस छोटे से बच्चे की माँ के दिल से ध्रुव के लिए बहुत दुआ निकली। दुआ पाकर ध्रुव बहुत खुश था मगर बल्ली ने उस ख़ुशी को थोड़ा फीका कर दिया था। ध्रुव ने बल्ली को डांटते हुए कहा: 

 

ध्रुव: 

क्या ज़रुरत थी उन्हें बताने की कि हम एक डिटेक्टिव है।  

 

बल्ली: 

अब है तो है। इसमें छिपाने वाली भी तो कोई बात नहीं है मेरे भाई ध्रुव। 

  

ध्रुव: 

ठीक है। यहाँ तक तो सब ठीक था मगर उन्हें अपना विजिटिंग कार्ड देने की क्या ज़रूरत थी।  

 

 

ध्रुव बल्ली से ज़्यादा बात करके अपना मूड ख़राब नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने बल्ली से ज़्यादा बहस नहीं की। बल्ली का तर्क यही था कि भले ही हमें उनकी ज़रुरत नहीं हो मगर कल को आने वाले समय में कम से कम वो हमें याद तो कर सकते है। 

  

बल्ली का असली मकसद था कि नया काम मिले। वह जानता था कि इस मिशन को पूरा करने के बाद उन्हें दूसरे काम की तलाश रहेगी। दोनों के लिए प्लेन में बैठना, उनका पहला अनुभव था। मगर ये क्या? प्लेन के अंदर क्रू मेम्बर  ने ध्रुव को तो जाने दिया मगर बल्ली को रोक लिया। 

  

दूसरी तरफ ट्रेन की बोगी देखने में तो बिलकुल नॉर्मल सी लग रही थी मगर असल में वह एक नॉर्मल बोगी नहीं थी। सुरक्षा के लिहाज़ से वह बोगी मौत का कुआं थी। जैसे ही रणविजय ने इस बोगी को मौत का कुआं कह कर जानकारी दी, सभी के चेहरे के रंग उड़ गए थे। उसमान ने डरते हुए कहा: 

 

उसमान: 

क्या सच में जो भी इस बोगी के अंदर जायेगा वो मर जायेगा???  

  

विक्की: 

सच में ये तो बहुत ही खतरनाक है मगर इसमें ऐसा क्या है जो आपने इसे मौत का कुआं कहा? 

 

 

विक्की ने ये सवाल रणविजय से पुछा था। वैसे सवाल कोई गलत नहीं था।  उन लोगों को उस बोगी के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए था। सभी लोगों की आँखे रणविजय पर टिकी हुयी थी। उसने तीखी मुस्कान के साथ कहा: 

 

रणविजय: 

ये बोगी हाई टेक सिक्युरिटी से लेस है। देखने में तुम्हे लगेगा कि इस बोगी में कोई नहीं है मगर जैसे ही तुम इस बोगी के गेट के अंदर जाओगे तो इसके सभी टूल्स और सेंसर active हो जायेंगें। तभी हंसमुख  की आवाज़ आती है: 

 

हंसमुख : 

तो फिर इस बोगी में हम कैसे एंट्री लेंगे बॉस। 

  

 

सभी लोगों के मन की बात ज़बान पर आ गयी थी। पैसे के लिए हर कोई जोखिम उठाने को तैयार था मगर मरना कोई नहीं चाहता था। वह जानते थे कि ज़िन्दगी बहुत कीमती होती है। इंसान अगर अकेला हो तो एक बार को मरने से नहीं डरता मगर यहाँ पर सभी के साथ दूसरी ज़िन्दगी भी जुडी हुयी थी। 

  

इस बार भी मौत का नाम सुन कर चैंग को कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने तुरंत अपनी बात रखते हुए कहा: 

 

चैंग: 

मैं इस मौत के कुएं को फूल का कुआं बना दूंगा। 

 

 

सभी लोगों को चैंग की क़ाबिलियत पर कोई शक नहीं था मगर मन में सवाल ज़रूर था और उसी सवाल को अपनी ज़बान पर लाते हुए उसमान ने कहा: 

 

उसमान: 

भाई चैंग वो कैसे? 

 

चैंग: 

अपने इस लैपटॉप की मदद से।  

 

 

चैंग ने ये बात अपने लैपटॉप पर हाथ रख कर कही थी। बोगी में कितने भी हाई सेन्सर क्यों लगे हो, चैंग उन सब को हैक करने की क्षमता रखता था। चैंग की बातें सुन कर सभी तो थोड़ा सकून मिला मगर ये सकून ज़्यादा देर तक नहीं था।  

 

अचानक एक आवाज़ ने उन्हें परेशान कर दिया। जैसे ही सब ने उस आवाज़ की तरफ देखा तो सभी के होश उठ गए। उनके सामने ब्लैक कमांडो खड़े थे। उनके हाथ में नए नए तरह के हथियार थे। उसमान ने डरते हुए कहा: 

 

उसमान: 

ये कौन लोग है और यहाँ क्या करने आये है।  

 

हंसमुख : 

मैं तो ये सोच रहा हूँ कि इस जगह ये लोग पहुंचे कैसे? 

 

 

हंसमुख  ने ये बात इतनी आहिस्ता से कही थी कि सिर्फ उसमान ही सुन पाया था। उसमान ने इसका जवाब देते हुए अपने कंधे उचका दिए ….  

 

दूसरी तरफ जब बल्ली को एरोप्लेन के क्रू मेम्बर  ने ध्रुव के साथ जाने नहीं दिया तो वो गुस्सा हो गया और गुस्से में बड़बड़ाने लगा। मगर जैसे ही बल्ली की नज़र क्रू मेम्बर  के चेहरे पर गई तो वो शांत हो गया। 

 

वो क्रू मेम्बर  एक लड़की थी। उसके नेम बैज पर लिखा था मेरी । मेरी देखने में बहुत सुंदर थी। बल्ली ने बहुत ही स्लो आवाज़ में कहा: 

 

 

बल्ली: 

मैं अपने दोस्त के साथ घर से एयरपोर्ट तक साथ में आया, तो फिर आप लोग मुझे उसके साथ क्यों नहीं बैठने दे रहे हो।  

 

सबसे पहले तो मेरी ने बल्ली से उसका टिकट माँगा। उसने टिकेट को देखा तो वह economy class का टिकट था। टिकट में catagory वाली बात सुनने पर उसे गुस्सा तो बहुत आया मगर मेरी के सामने बल्ली के चेहरे पर स्माइल  थी। बल्ली ने उसी नरम लहज़े से सवाल किया: 

 

बल्ली:  

ये ईकॉनमी क्लास क्या होता है। टिकट तो टिकट होता है। तुम ध्रुव का टिकट और मेरा टिकट देख लो, दोनों में कोई फर्क नहीं मिलेगा।  

 

 

मेरी ने उसकी बात को ग़लत नहीं ठहराया। उसने बल्ली को बिज़नेस और ईकॉनमी क्लास के बीच का फर्क बताया। मेरी  की बातों को सुनकर वह ईकॉनमी क्लास में बैठने को तैयार हो गया। बल्ली ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

आप जैसी खूबसूरत लड़की अगर मुझे प्लेन के ऊपर भी बैठने को कहेगी तो मैं वहां भी बैठ जाऊंगा। 

 

 

बल्ली ने ये बात बहुत आहिस्ता से कही थी।  एक स्माइल दे कर मेरी वहां से चली गई। बल्ली ने उसके जाने के बाद एक आह भरी और कहा: 

 

बल्ली

मेरी सच में बहुत खूबसूरत है। बात करके बहुत अच्छा लगा। 

 

 

बल्ली ने अपनी कमर को पीछे किया ही था, तभी उसकी नज़र दो आदमियों पर पड़ी। वो लोग बिज़नेस क्लास की तरफ देख रहे थे। 

  

उनमें से एक आदमी किसी को जान से मारने का इशारा कर रहा था। तभी बल्ली को खयाल आया कि ध्रुव बिज़नेस क्लास में बैठा है। उसने खुद से बात करते हुए कहा: 

 

बल्ली:  

ये किस को मारने की बात कर रहे है। कही ध्रुव पर हमला करने का विचार तो नहीं है। मुझे चल कर देखना चाहिए। 

 

 

जैसे ही वो उन लोगों के पास गया तो उसने देखा कि उन दोनों में से एक आदमी ने ध्रुव की तरफ इशारा दिया था। एक बार फिर बल्ली ने अपने मन की बात को ज़बान पर लाते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

इसका मतलब है कि ध्रुव की जान को ख़तरा है। मुझे जल्दी से ये बात ध्रुव को बतानी होगी। कही ऐसा ना हो कि मेरे बताने से पहले ही वो उस पर हमला कर दे।  

 

 

बल्ली एक नॉर्मल चाल के साथ बिज़नेस क्लास की तरफ गया तो तुरंत एक क्रू मेम्बर  ne उसे आकर रोक दिया। वह क्रू मेम्बर  को सच्चाई बता नहीं सकता था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि किस तरह ध्रुव को बताये की उसकी जान को खतरा है। बल्ली ने बात को बदलते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

लोग ज़मीन पर वॉक करते है, तो मैंने सोचा, क्यों ना मैं प्लेन में वॉक करके देखूं। आसमान में वॉक करने का अनुभव ही अलग होगा। 

  

 

बल्ली अपनी बात को कह कर वापस अपनी जगह आकर बैठ गया। वह अपनी सीट पर बैठ तो गया था मगर उसका दिल और दिमाग अभी भी अपने दोस्त ध्रुव की तरफ था। उस ने अपने मन में सोचते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

अब मुझे अपना जासूसी वाला दिमाग लगाना पड़ेगा। तभी जाकर मैं ध्रुव की जान को बचा सकता हूँ।  

 

 

बल्ली ने अपना जासूसी वाला दिमाग लगाते हुए अपने काउबॉय हैट को अपने मुँह पर रख लिया। उसके ऐसा करने की खास वजह थी और वो वजह थी कि इस कन्डिशन में क्रू मेम्बर  बल्ली को देख कर समझे की वह सो रह रहा है मगर बल्ली सो नहीं रहा था बल्ली सोने की ऐक्टिंग कर रहा था। 

  

उसने थोड़ी देर बाद अपनी हैट को थोड़ा हटा कर देखा तो एक क्रू मेम्बर  उन दोनों लोगों से बात कर रहा था। बल्ली के मन में तुरंत शक आया और उसने खुद से बात करते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

कही ये क्रू मेम्बर  भी तो इन लोगों से मिला हुआ नहीं है। मुझे किसी भी तरह ध्रुव को सारी बात बतानी होगी। ध्रुव को मैं कुछ नहीं होने दे सकता। मैं अपनी जान पर खेल कर उसकी जान बचाऊंगा। 

   

 

ध्रुव के लिए उसका प्यार बिलकुल भाई की तरह था। उसने आगे देखा कि वो क्रू मेम्बर  उन दोनों से बात करके अंदर कैबिन में जाने लगा। बल्ली अपनी जगह से उठा और उस क्रू मेम्बर  के पास पहुंच गया। अचानक वो क्रू मेम्बर  अपने कैबिन में जाने की बजाये वॉश रूम की तरफ जाने लगा। उसी समय जबरदस्ती बल्ली भी उस क्रू मेम्बर  के साथ वॉश रूम में घुस गया। अंदर जाकर बल्ली ने उसकी गर्दन को कसके पकड़ा और कहा:  

 

बल्ली: 

बता और कौन कौन मिला हुआ है तेरे साथ। तुम लोगों को किसने भेजा है ध्रुव को मारने के लिए। 

  

 

उस क्रू मेम्बर  को बल्ली की बातें कुछ भी समझ में नहीं आ रही थी। वह पूरी कोशिश कर रहा था कि बल्ली से अपनी गर्दन को छुड़ाए मगर बल्ली ने उसे कस के पकड़ रखा था।  

 

 

बल्ली: 

देख भाई देखने में तू बहुत शरीफ लग रहा है और मैं नहीं चाहता की मेरे हाथ से किसी शरीफ का खून हो जाये। 

  

 

जैसे ही बल्ली के मुँह से उस क्रू मेम्बर  ने अपने मरने की बात सुनी तो उसकी हवा टाइट हो गयी। उसके चेहरे पर पसीने छूटने लगे। उसके चेहरे पर आने वाले भाव से साफ़ पता चल रहा था कि वो बहुत डर गया है। बल्ली ने अगला सवाल पूछते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

जल्दी से बता दे कि तू उन दो लोगों से क्या बात कर रहा था। 

  

 

बल्ली के इस सवाल पर क्रू मेम्बर  ने हाथ से इशारा किया। वह इशारा करके ये बताना चाह रहा था कि मेरी गर्दन से हाथ हटाओ मैं तुम्हे सब कुछ सच सच बताता हूँ। बल्ली ने उसके इशारे का जवाब देते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

मैं तुम पर भरोसा करके गर्दन को छोड़ रहा हूँ। अगर तुमने कोई चालाकी की तो इस बार मैं तेरी गर्दन को पकडूँगा नहीं बल्कि तोड़ दूंगा। तुम्हे मेरे गुस्से के बारे में शायद पता नहीं।  

 

 

इस बार बल्ली ने उस पर भरोसा करके उसकी गर्दन को छोड़ दिया। दम घुटने की वजह से उसकी सांसे फूल रही थी। बल्ली ने तुरंत जवाब पूछते हुए कहा: 

 

बल्ली: 

अब बताने में इतना टाइम क्यों लगा रहे हो। जल्दी से बताओ कि तुम उन लोगों से क्या बात कर रहे थे। 

  

 

एक बार फिर उस क्रू मेम्बर ने इशारा करके कहा कि थोड़ी सांस तो ले लूँ। थोड़ी देर सांस लेने के बाद उस क्रू मेम्बर  ने जो कहा उसे सुन कर बल्ली चौंक गया। उसने सोचा नहीं था कि क्रू मेम्बर  की उन लोगों से ये बात हुयी होगी। उसके चेहरे के भाव बदल गए थे।  

 

आखिर उस क्रू मेम्बर  ने बल्ली से क्या कहा? क्या सच में वो क्रू मेम्बर  भी उन लोगों से मिला हुआ था जो ध्रुव को मारने का plan कर रहे थे। दूसरी तरफ इतने सारे कमांडो रणविजय के घर कहां से आ गए थे? जानने के लिए अगला एपिसोड पढ़िए।  

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