रणविजय के सामने जितने भी कमांडो थे उन सभी ने मास्क पहना हुआ था। उनके चेहरों को पहचानना मुश्किल ही नहीं, ना मुमकिन था। कोई भी नही समझ पाया कि ये लोग कौन है और यहां कैसे आए।
अचानक हथियारों के साथ इतने सारे कमांडो को देख कर सभी के पसीने छूट गए थे। इससे पहले रणविजय या उसके साथी कोई बात करते उधर से गोलियों के चलने की आवाज़ें आने लगी।
गोली के पहुंचने से पहले रोज़ी और रणविजय बार काउंटर के पीछे जाकर छिप गए। चैंग और हसमुख टेबल के नीचे उनके निशाने से बहुत दूर थे। विक्की ने अपनी जान पर खेल कर उसमान को गोली लगने से बचाया। उसमान ने अपनी जान बचाने के लिए विक्की का शुक्रिया अदा करते हुए कहा:
उसमान:
भाई अगर तुम नहीं होते तो शायद आज मैं मर ही जाता। तुमने मेरी जान बचायी है, अल्लाह तुम्हे हमेशा सलामत रखे।
पूरे हॉल में गोलियों की आवाज़ के अलावा कोई दूसरी आवाज़ नही थी। गोलियों की आवाज़ इतनी डरावनी लग रही थी कि कमज़ोर दिल वाले का तो हार्ट फेल हो जाए।
डर के मारे रोज़ी ने अपने कानों पर हाथ रख लिए थे। अगर वो ऐसा ना करती तो शायद तेज़ आवाज़ की वजह से उसके कान ही फट जाते। उधर उसमान की बात का जवाब देते हुए विक्की ने कहा:
विक्की:
जब तक मैं जिंदा हूं, मौत तुम्हे छू भी नहीं सकती। मेरे होते हुए ये गोलियां क्या, बॉम्ब का गोला भी तुम्हारा कुछ नही बिगाड़ सकता।
विक्की का इतना कहना था कि तभी एक गोली उसके पास रखे फिश पॉट पर आ कर लगी।
फिश पॉट के टूटने से उसमान घबरा जाता हैं। जैसे ही उसने ज़मीन पर तड़पती हुई मछलियों की तरफ देखा, तो तुरंत कहा।
उसमान:
इस लड़ाई में इन बेचारी मछलियों का क्या कुसूर था। इनकी जान क्यों ली। ये तो बेकसूर थी।
उसमान को इतना समय भी नहीं मिल रहा था कि उन मछलियों को बचा सके। जैसे ही वह ज़मीन पर पड़ी मछलियों को उठाने की कोशिश करता, गोली लगने के डर से अपने हाथ को पीछे कर लेता था। उसी के साथ छिपे विक्की ने उसमान की बात का जवाब देते हुए कहा:
विक्की:
जब भी जंग होती है तो मासूम लोग ही मारे जाते, बिलकुल इन मछलियों की तरह। लेकिन तुम चिंता ना करो, मैं तुम्हे एक खरोच तक नहीं आने दूंगा।
चैंग:
लगता है उन लोगो की गंस में गोलियाँ ख़तम हो गयी, अब इनका सामना किया जा सकता है मगर अब इनसे लड़ेगा कौन?
एक तरफ जहां चैंग की बात गौर करने वाली थी। उन कमांडो के पास भले ही गंस में गोलियाँ ख़तम हो गयी थी मगर उनके पास और भी बहुत सारे खतरनाक हथियार थे। उन हथियारों के साथ निपटना काफी मुश्किल था। दूसरी तरफ उस क्रू मेम्बर ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी गर्दन को बल्ली के हाथो से छुड़वाया।
चैन की सांस लेने पर उस क्रू मेम्बर ने बताया कि वो लोग पीने के लिए ऑरेंज जूस मांग रहे थे। इसके अलावा उसका उन लोगों से कोई लेना देना नहीं था। क्रू मेम्बर की ये बात सुन कर बल्ली को इतना तो मालूम चल गया था कि ये उनके साथ मिला हुआ नहीं है मगर बल्ली को इस बात का पक्का विश्वास था कि ध्रुव की जान को अभी भी खतरा है।
वो बार बार वॉश रूम के बहाने, बिज़नेस क्लास में जाकर ध्रुव पर नज़र रख रहा था। उसने ध्रुव की तरफ देखते हुए कहा:
बल्ली:
देखने में तो बॉस बिलकुल ठीक लग रहे है।
इस तरह बार बार उठ कर जाने से बल्ली क्रू मेम्बर मेरी की नज़र में आ गया था। मेरी ने भी ये सोच कर, कि अब बल्ली आखिरी बार अपनी सीट से उठ रहा है, इग्नोर किया मगर जब हद ही हो गई तो मेरी से रहा नहीं गया, वो बल्ली के पास आयी और बड़े प्यार से पूछते हुए कहा:
डू यू हैव एनी प्रॉब्लेम्स, सर? मे आई हेल्प यू?
बल्ली का हाथ इंग्लिश में थोड़ा कम था। वो इंग्लिश भाषा में बहुत कमज़ोर था। मगर अपनी इज़्ज़त बनाये रखने के लिए उसने मेरी की बात का जवाब इंग्लिश में देते हुए कहा:
बल्ली:
आई एम कॉफ़ी, वन कप कॉफ़ी आई वॉन्ट।
अपनी बात और साफ तरीके से कहने के लिए बल्ली ने कॉफ़ी लाने का इशारा भी किया था। उसकी इंग्लिश को सुन कर मेरी के चेहरे पर मुस्कान आ गई। इधर मेरी के चेहरे पर मुस्कान को देख कर बल्ली भी मुस्कुरा दिया। अपनी इसी मुस्कान के साथ मेरी बल्ली के लिए कॉफ़ी लेने चली गई। बल्ली ने खुद से बात करते हुए कहा:
बल्ली:
लड़की हंसी तो समझो फँसी … आज मेरी के हाथों से बनी हुई कॉफ़ी पीने का मज़ा ही कुछ और होगा।
एक तरफ बल्ली क्रू मेम्बर मेरी के हाथों से बनी हुई कॉफ़ी पीने का ख्याली पुलाव बना रहा था, तो दूसरी तरफ रणविजय के यहां जो कमांडो आए थे उनकी गंस में गोलियां खतम हो गई थी।
वहां मौजूद सभी लोग समझ गए थे कि अब बिना गोलियों के कमांडों की गंस बेकार है। अब उनको मारना आसान होगा। विक्की बड़ी बहादुरी के साथ उनके सामने आया और कहा:
विक्की:
तुम लोगों की गोलियां तो खतम हो गई, अब तुम क्या करोगें।
ये आवाज़ तलवारों की थी। जैसे ही कमांडो की गंस की गोलियां खतम हुई, उन्होंने तुरंत अपने पीछे लगीं, दोनों ने तलवारों को निकाल लिया। विक्की के सारे साथी भले ही छिपे हुए थे मगर उनकी नज़रे विक्की को देख रही थी। विक्की ने एक कड़क आवाज़ में कहा:
विक्की:
तुम लोग तलवारों की धार तेज़ करके मुझे डराने की कोशिश कर रहे हो। मगर तुम भूल गए, तुम्हारे सामने जो खड़ा है वो कोई बच्चा नहीं बल्कि मर्द है।
विक्की के सामने सारे कमांडो खड़े थे। सभी के हाथों में तेज़ धार तलवारें थे। उनमें से एक कमांडर आगे बढ़ा और विक्की पर तलवार से वार किया। विक्की ने फुर्ती के साथ अपने शरीर को 90 डिग्री पीछे की तरफ घुमा लिया था।
कमांडर का निशाना चूक गया। निशाना चूकने से कमांडर को और ज़्यादा गुस्सा आया। गुस्सा तो विक्की को भी आ रहा था। उसने गुस्से में कहा:
विक्की:
अब मेरी बारी है दोस्त।
विक्की ने अपनी पूरी ताकत से उस कमांडर को एक ऐसा घूंसा मारा कि वो दर्द से चिल्लाता हुआ अपने साथियों के पास जाकर गिरा। विक्की के इस वार को देख कर उसमान के चेहरे पर खुशी के भाव आ गए। उसने खुद से बात करते हुए कहा:
उसमान :
ये हुई ना बात मेरे बब्बर शेर।
खुशी के भाव चैंग के चेहरे पर भी थे मगर हसमुख थोड़ा ताज्जुब में था। उसे विक्की की इस ताकत का अंदाज़ा बिलकुल भी नहीं था। उसने चैंग से बात करते हुए कहा:
हसमुख:
इस बंदे के अंदर तो बहुत जान है। एक ही घूंसे में उस कमांडर को ढेर कर दिया।
विक्की ने जिस ज़ोर से कमांडर को घूंसा मारा था, दोबारा उसकी उठने को हिम्मत ही नहीं हुई। उसके साथियों की नज़रे ज़मीन पर पड़े कमांडर पर थी। वो सोच रहे थे कि वो दुबारा उठेगा और फिर वार करेगा। विक्की ने रॉब जमाते हुए कहा:
विक्की:
तुम लोग किसके उठने का इंतजार कर रहे हो। ये विक्की का घूंसा था। वो अब नही उठने वाला।
विक्की के इस हमले से रणविजय के चेहरे पर भी स्माइल आ गई। अपने बॉस के चेहरे पर स्माइल देख कर रोज़ी भी खुश हो गयी। अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हुए रोज़ी ने कहा:
रोज़ी:
क्या हुआ डार्लिंग, इतनी मुश्किल घड़ी में भी तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान है।
रणविजय ने रोज़ी की तरफ देख कर एक बार फिर स्माइल दी। उसने रोज़ी के चेहरे पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा:
रणविजय:
आने वाले समय में तुम्हे सब पता चल जायेगा। अभी पिक्चर बाकी, ये तो बस ट्रेलर है।
रणविजय ने अपनी बात को जिस तरह कहा था वह किसी पहेली से कम नहीं थी। रोज़ी ने भी बाल की खाल निकालने की कोशिश नहीं की। अगले पल में दोनों ने विककी की तरफ देखा।
विक्की के सामने कमांडोज़ के लीडर ने दो कमांडो को इशारा किया। दोनों को अपने तरफ आते हुए इतना डर विक्की को नहीं लगा जितना उसमान को। उसमान ने थोड़ा घबराते हुए कहा:
उसमान:
अब क्या होगा या अल्लाह, विक्की अकेला है और ये एक साथ दो।
ऐसी ही कुछ हालत चैंग की थी। दो कमांडो को विक्की के करीब आते देख चैंग भी घबरा गया। दोनों के हाथो में तेज़धार हथियार थे और विक्की, वह एक दम खाली हाथ। चैंग ने उसमान की बात को अपना जामा पहनाते हुए कहा:
चैंग:
अब क्या होगा हसमुख भाई?
नेरैटर: “वही होगा जो मंजूरे खुदा होगा ”” , हसमुख ने इस बात को आसमान की तरफ इशारा करते हुए कहा था। दोनों कमांडो जैसे ही विक्की के पास गए, विक्की उछल कर दूसरी जगह चला गया। उन दोनों कमांडो को लगा विक्की डर कर पीछे हट गया मगर ऐसा बिल्कुल नहीं था। विक्की ने हिम्मत भरी आवाज़ में कहा:
विक्की:
तुम लोग सोच रहे हो कि मैं डर कर पीछे हट गया मगर ये तुम्हारी ग़लतफ़हमी है। तुम्हे शायद मालूम नहीं, शेर जब हमला करता है तो दो कदम पीछे हट कर हमला करता है।
विक्की ने उन्हें मौका ही नहीं दिया अपनी बात को समझने का। उसने तुरंत उछल कर एक साथ दोनों के इस जोर से लात मारी कि वह धराशायी हो गए।
उन दोनों कमांडो ने उठने की कोशिश की मगर इससे पहले वो उठ पाते, विक्की ने दुबारा अपनी लात को उनके पेट पर इस ज़ोर से मारा कि वो अपने साथियों के पास जाकर गिरे।
ये देख कर कमांडो के बॉस को बहुत गुस्सा आने लगा। भले ही सभी कमांडो ने मास्क पहन रखा था मगर उनकी आँखों से उनके चेहरे के भाव साफ़ नज़र आ रहे थे।
जिस तरह विक्की ने उनके साथिओं को मारा था वह विक्की की जान के दुश्मन बन गए थे। विक्की उनके गुस्से को देख कर बिलकुल भी डरा नहीं बल्कि उसने निडरता से कहा:
विक्की:
अब क्या सोच रहे हो। आने से पहले आपस में मशवरा कर लो कि कौन मेरे हाथो से पहले मरना चाहेगा।
विक्की की इस बात से कमांडो को ये तो अंदाज़ा हो गया था कि एक या दो कमांडो के बल पर विक्की को मारना मुश्किल है। उन लोगो ने आपस में नज़रे मिलायी और एक साथ विक्की पर हमला करने का विचार किया।
सभी कमांडो एक साथ मिल कर विक्की को मारने के इरादे से उसकी तरफ बढ़े। जिस तरफ कमांडो विक्की की तरफ बढ़ रहे थे। उसमान के साथ साथ चैंग और हसमुख के दिल की धड़कन तेज़ हो गयी थी।
क्या वह इस बार विक्की को जान से मार पाएंगे? दूसरी तरफ क्या प्लेन में बल्ली को मैरी के हाथो की कॉफ़ी पीने को मिलेगी?
कौन थे वो दो लोग और क्या वो वाक़ई ध्रुव को मारना चाहते थे ?
जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड।
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