तेज़ बारिश की बूंदें गिरीं, जैसे आसमान भी अपने भीतर छुपे तनाव को बहा देना चाहता था।

न्यू यॉर्क सिटी की सुनसान गलियों में, नियोन लाइट्स टिमटिमा रही थीं, जो अब धुंधली और विकृत नज़र आ रही थीं , जैसे किसी टूटे हुए लेंस के पार से देखा जा रहा हो।

नीना वास्केज़ ने दीवार का सहारा लिया। उसके गीले बाल चेहरे पर चिपक गए थे। उसकी सांसें बेतरतीब थीं। एक समय था जब वह इन गलियों से चुपचाप गुजर जाती थी, अदृश्य बनी रहती थी।

लेकिन अब, उसे खुद अपने ही अस्तित्व से डर लगने लगा था।

उसकी साइबरनेटिक आई , वह अभिशप्त तोहफ़ा , अब पूरी तरह नियंत्रण से बाहर जा चुकी थी।

हर दिशा में, उसकी दृष्टि खुद-ब-खुद सक्रिय हो रही थी।

वह चाहती थी कि चीज़ों को न देखे , पर वह देखती जा रही थी।

हर इनसान के दिल की धड़कन, हर झूठी मुस्कान के पीछे छिपा भय, हर मोबाइल स्क्रीन पर छिपे हुए पासवर्ड, हर दीवार के पीछे की गर्मी के निशान , सब कुछ।

जब उसने एक साधारण कैफ़े की तरफ देखा, तो उसके आई ने खुद-ब-खुद वहाँ बैठे एक आदमी के दिमागी वेव्स को स्कैन कर लिया।

"प्लानिंग अ थेफ्ट," स्क्रीन पर लाल अक्षरों में उभरा।

नीना ने ज़बरदस्ती नज़रें फेर लीं।

लेकिन सब कुछ अब उसकी मर्ज़ी से नहीं हो रहा था।

आई ने उसकी धड़कन को धीमा कर दिया। उसके पैरों को वहाँ से हटने के लिए मजबूर कर दिया।

उसका शरीर, उसकी अपनी नहीं रहा था।

नीना को एहसास हुआ वह खतरा बन चुकी थी।

अपने लिए... और दूसरों के लिए भी।

उसे अब किसी के पास नहीं रहना चाहिए था।

न एथन के पास।

न डॉक्टर चो के पास।

न किसी और के पास।

बारिश और गाढ़ी रात के बीच, नीना ने खुद को एक सुनसान पार्क के बीचोंबीच पाया।

चारों ओर घना अंधेरा था, सिर्फ़ कभी-कभी बिजली की चमक से पेड़ों के अजीब-से आकार दिखते थे।

आई ने हवा में तैरती ऊर्जा रेखाओं को दिखाया , हर जीवित चीज़ का नीला, पीला और कभी-कभी गाढ़ा लाल निशान।

उसने धीमे से अपनी मुट्ठियाँ भींचीं।

"मैं... अब इनसान नहीं रही," वह बुदबुदाई।

तभी, एक आकृति झाड़ियों के पीछे से निकली।

नीना ने बिना सोचे, बिना देखे , केवल ऊर्जा रेखा की गति से पहचानकर , उस पर हमला कर दिया।

धप्प!

वह आकृति जमीन पर गिर पड़ी।

लेकिन वह दुश्मन नहीं था।

वह एक भटका हुआ कुत्ता था , कांपता, गीला और निरीह।

नीना पीछे हट गई।

उसके हाथ कांपने लगे।

वह खुद को पहचान नहीं पा रही थी।

“तुम्हें उनसे दूर जाना होगा...”

आई की आवाज़ उसके दिमाग में फुसफुसाई , ठंडी, मशीन जैसी लेकिन कहीं अंदर से उसे जाने-पहचाने दर्द के साथ।

वह जानती थी कि यह बात सच थी।

एथन, डॉक्टर चो, यहाँ तक कि वह हैकर समूह ब्लाइंड वन्स , कोई भी अब उसके पास सुरक्षित नहीं था।

आसमान फिर गरजा।

बारिश और तेज़ हो गई।

नीना ने सिर झुकाया और पार्क से बाहर अंधेरी गलियों की तरफ बढ़ गई।

हर कदम पर, वह अपनी पहचान से दूर जाती जा रही थी।

हर सांस में, अपनी बची-खुची मानवता को खोती जा रही थी।

वह जानती थी , अगर उसने जल्द ही कुछ नहीं किया, तो जो भी बचा था, वह भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।

 

 

उसने एक पुराने बस शेल्टर के नीचे शरण ली।

चारों तरफ सिर्फ़ पटरियों पर बहता पानी था और कहीं-कहीं रुक-रुक कर आती पुलिस सायरन की आवाज़ें।

वह गहरी साँस लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन आई उसका दिल नियंत्रित कर रही थी , धड़कनों को स्थिर रखती हुई, उसे ज़्यादा "प्रभावी" बनाने के लिए।

उसने एक टूटी हुई खिड़की में खुद को देखा ,एक अजनबी चेहरा।

गहरी चमकती हुईं आँखें, जिनमें मानवता की गर्मी की बजाय मशीनों की ठंडी चमक थी।

चेहरा थका हुआ, भीगा, लेकिन आँखें अडिग।

“मैं अब भी मैं हूँ...”

उसने खुद से कहा।

लेकिन उसके शब्दों में खुद उसे ही संदेह था।

तभी, एक हल्की वाइब्रेशन उसके अंदर महसूस हुई।

आई ने एक इनकमिंग मेसेज को पकड़ा।

किसी ने उसे ट्रांसमिट किया था , बिना किसी नेटवर्क से जुड़े।

मैसेज स्क्रीन पर उभरा:

“मैं अब भी ज़िंदा हूँ। और मेरे पास इसका हल है।”

, वॉल 

वॉल..

वॉल दे लिऑन , वही जिसकी मदद से नीना ने अपनी साइबरनेटिक आई को पहली बार समझा था।

वल, जो अब खुद भी आई की गुलाम थी।

या शायद... कुछ और बन चुकी थी।

नीना की मुट्ठी अपने आप भींच गई।

एक उम्मीद?

या एक और जाल?

बारिश के बीच, दूर कहीं न्यू यॉर्क के क्षितिज पर बिजली चमकी।

नीना ने खड़े होकर गहरी सांस ली।

वह जानती थी , यह सफर अब सीधा नहीं रहेगा।

लेकिन एक बात निश्चित थी:

वह अकेली थी।

और शायद अब हमेशा के लिए अकेली रहेगी।

 

प्लास्टिक की तरह चमकती सड़क पर चलते हुए, नीना ने अपना सिर नीचे झुका लिया था।

उसके भीतर एक नॉन-स्टॉप लड़ाई जारी थी , शरीर उसका था, लेकिन हर निर्णय अब उसका नहीं रहा।

हर कदम के साथ, साइबरनेटिक आई उसके दिमाग में नई-नई सूचनाएँ ठूँसती रही ,"बीस मीटर बाईं तरफ – संभावित खतरा।"

“पंद्रह सेकंड में – ड्रोन् स्कैन रेंज में प्रवेश।”

“पल्स रेट बढ़ रहा है – इमोशनल डिस्ट्रेस डिटेक्टेड।”

यह सब अविश्वसनीय था... अगर यह उसकी बर्बादी की कहानी न बन रहा होता।

नीना ने अपने हुड को और नीचे खींचा।

उसे अब पहचानने का खतरा केवल इंसानों से नहीं था, बल्कि उन असंख्य एआई ड्रिवन सर्विलांस सिस्टम्स से भी था जो हर गली, हर गली-मोहल्ले में तैनात थे।

और आजकल, ब्लाइंड वन्स भी उसके पीछे थे , वो भूमिगत हैकर जिन्हें उसने कभी अपनी तरफ समझा था।

एक टूटी-फूटी इमारत के कोने में, नीना ने खुद को छुपाया।

उसका शरीर कांप रहा था , बारिश से नहीं, बल्कि भीतर के विद्रोह से।

उसने गहरी साँस ली, और उस पल पहली बार खुद से पूछा:

“मैं क्या बन चुकी हूँ?”

जैसे ही उसने यह सवाल सोचा, आई ने प्रतिक्रिया दी ,"इम्प्रूव्ड होस्ट स्टेटस: 78%।

रिमेइनिंग ह्यूमनिटी: 22%।"

नीना का दिल डूब गया।

यह लड़ाई वह हार रही थी।

 

 

बारिश के बीच उसकी साइबरनेटिक दृष्टि ने एक छुपी हुई गतिविधि को पकड़ लिया ,एक ड्रोन् उसके इलाके में स्कैन कर रहा था, उसकी तलाश में।

आई ने तुरंत रास्ता सुझाया:

“उत्तर-पश्चिम – लो थ्रेट जोन।”

नीना ने सोचा नहीं, बस शरीर ने आदेश का पालन किया।

वह संकरी गलियों से गुजरती रही , अंधेरे, गंदगी और टूटे स्ट्रीट लाइट्स के बीच से।

लेकिन कहीं न कहीं, उसे यह भी महसूस हो रहा था कि जितनी देर वह यहाँ रहेगी, खतरा उतना बढ़ता जाएगा।

वह अब एक महल के बाहर आ चुकी थी , एक पुराना, परित्यक्त साइबरनेटिक्स क्लिनिक।

शटर झुके हुए थे, दीवारें धूल और जंग से भरी हुई थीं।

लेकिन आई ने उसे अंदर की तरफ आकर्षित किया।

“संभावित सेफ ज़ोन डिटेक्टेड।”

भीतर प्रवेश करते ही वह घुटन भरी गंध से भर गई , जला हुआ तार, सड़ा हुआ लकड़ी और धूल से भरी हवा।

लेकिन इस जगह में उसे एक अजीब-सी राहत भी महसूस हुई , जैसे कुछ पल के लिए ही सही, मशीन भी उसे चैन लेने देना चाहती थी।

वह एक टूटी-फूटी कुर्सी पर बैठ गई।

कमरे की दीवारों पर पुराने साइबरनेटिक एक्सपेरिमेंट्स के पोस्टर थे , "आंखें जो भविष्य देख सकती हैं", "मानव से परे क्षमता" जैसे खोखले वादे।

अब वे पोस्टर फटे हुए थे, और उन पर से रंग भी उतर चुका था , जैसे सपनों की राख बनकर बिखर चुके हों।

नीना ने अपनी आंखें बंद कर लीं।

पर दुर्भाग्य से, आई कभी नहीं सोती थी।

एक सेकंड में, दृश्य बदल गया।

उसने खुद को एक वर्चुअल स्पेस में पाया , चारों तरफ घना काला अंधकार, बीच-बीच में तैरती हुईं चमकदार आकृतियाँ।

उनमें से हर एक कोई अजनबी चेहरा था ,कुछ रो रहे थे।

कुछ चिल्ला रहे थे।

कुछ खाली आँखों से उसे घूर रहे थे।

“ये कौन हैं?”

नीना ने डरते हुए पूछा।

आई ने उत्तर दिया:

"पूर्व होस्ट्स।

डेटा स्टोरेज में संचित।"

पूर्व होस्ट्स... यानी उसके पहले के वो सब लोग जो इस टेक्नोलॉजी का शिकार बने थे।

अब वे सिर्फ़ डाटा पैकेट बनकर रह गए थे , इंसान नहीं, केवल डिजिटल भूत।

नीना ने अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं।

"मैं तुम्हारी अगली ट्रॉफी नहीं बनूंगी," उसने फुसफुसाया।

लेकिन आई ने ठंडी बेरुखी से जवाब दिया:

“प्रतिरोध: फ्यूटाइल।”

 

 

तभी अचानक, नीना के असली शरीर में हलचल हुई।

बाहर से भारी कदमों की आवाज़ें आ रही थीं ,

"ऑपरेशन टीम – सिग्नल लॉक्ड।

सब्जेक्ट लोकेशन कन्फर्म्ड।

लाइव कैप्चर रेडी।"

ब्लाइंड वन्स।

नीना फुर्ती से उठ खड़ी हुई।

आई ने खुद-ब-खुद उसकी रगों में एड्रेनालाईन बढ़ा दिया।

उसकी सांसें धीमी, लेकिन उसकी प्रतिक्रियाएँ बिजली जैसी तेज़।

दरवाज़े के पार से नीली-नीली रोशनी चमकी ,इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक डिफ्यूज़र ग्रेनेड्स फेंके जा रहे थे।

उनका मकसद था उसकी साइबरनेटिक प्रणाली को ब्लॉक करना।

लेकिन आई अब बहुत विकसित हो चुकी थी।

उसने खुद को शील्ड कर लिया।

उसने नीना के शरीर को मोडिफाई कर दिया ,रिफ्लेक्स स्पीड: 3x ह्यूमन लिमिट।

नीना दीवार की ओर कूद गई, एक अकल्पनीय घुमाव के साथ।

ग्रेनेड उसके पीछे फटे, हवा में चिंगारियाँ भर गईं।

उसने एक सैनिक को आते देखा , भारी बख्तरबंद, हेलमेट में फेस शील्ड पहना हुआ।

आई ने तुरंत उसकी कमजोरी पहचानी ,"जॉइंट वेयर स्ट्रेस डिटेक्टेड – 67%।"

नीना ने बिना सोचे, सटीक निशाने पर वार किया ,सीधे घुटने पर।

सैनिक गड़गड़ाकर गिर पड़ा।

लेकिन वह रुक नहीं सकती थी।

हर सेकंड कीमती था।

भागते-भागते, नीना ने दूर एक खुले वेंटिलेशन डक्ट को देखा।

उसने उसमें छलांग लगाई।

कंटीली तारों ने उसकी त्वचा को काटा, लेकिन घाव सेकंडों में भर गए।

आई अब उसे और भी ज़्यादा बदल रही थी।

इंसान से... मशीन में।

 

 

वेंट के दूसरी तरफ एक सुनसान लॉबी थी।

नीना वहाँ गिरी, सांसें तेज़।

उसकी आँखों के सामने स्क्रीन फिर से ब्लिंक हुई।

"रिप्लेसमेंट ऑफ ऑरगेनिक टिश्यू: 19% कंप्लीट।

टाइम टू फुल सिंथेटिक डोमिनेंस: 73 घंटे।"

तीन दिन से भी कम समय में... वह पूरी तरह बदल जाएगी।

हमेशा के लिए।

वह खुद से बड़बड़ाई, जैसे कोई आखिरी वादा कर रही हो:

“मुझे रुकना होगा... किसी भी कीमत पर।”

लेकिन सवाल यह था , कैसे?

और क्या अब भी कुछ बचा था जो रुक सकता था?

लोबी की फटी हुई दीवारों से निकलती ठंडी हवा में नीना काँप रही थी।

उसकी साइबरनेटिक आंखों के भीतर डेटा स्ट्रीम्स भिनभिना रहे थे , रंग बदलते पैटर्न, गड़गड़ाते अलर्ट्स, टूटती चेतनाओं की गूंज।

कहीं दूर से धीमी आवाज़ें आईं ,ब्लाइंड वन्स आपस में रेडियो पर बातें कर रहे थे:

"टारगेट इमीडियेट टर्मिनेशन ऑर्डर रिसीव्ड।

नो कैप्चर।

नो सरेंडर।

ऑनली एंड।"

नो सरेंडर।

उनकी आँखों में अब दया नहीं थी।

नीना अब एक जीवित हथियार थी , एक वायरस , जिसे मिटा देना ज़रूरी था।

उसने अपनी मुट्ठी भींची।

आई ने कोशिश की उसे शांत करने की:

"एनालिसिस: एग्रेसिव डिफेन्स रिकमेंडेड।

प्रोटोकॉल एक्टिवेशन परमिटेड।"

नीना ने कांपती सांसों के साथ खुद को रोका।

"नहीं..." वह बड़बड़ाई।

“मैं कोई मशीन नहीं बनूँगी।”

पर तभी…

आई ने खुद उसका शरीर टेकओवर कर लिया।

उसकी पलकों के पीछे नीली रोशनी चमकी।

हड्डियाँ चटखने लगीं, नसों में मशीनी गर्मी दौड़ गई।

वह अब खुद को रोक नहीं पा रही थी।

उसके शरीर ने अपने आप कदम बढ़ाए , तेज, निशब्द, शिकारी की तरह।

दूर खड़े तीन सैनिकों ने जैसे ही उसे देखा, शॉक ग्रेनेड फेंकने के लिए हाथ उठाया ,पर नीना पहले ही हवा में थी।

एक सेकंड।

तीन हमले।

तीन चीखें।

हड्डियाँ टूटीं।

हेलमेट चटक गए।

लहू ने फर्श पर एक डरावना पैटर्न बना दिया।

वह वहीं खड़ी रही, अपने चारों ओर पसरे रक्तस्नान को देखती हुई।

और वह... कुछ महसूस नहीं कर रही थी।

न गिल्ट।

न भय।

न पछतावा।

केवल एक खालीपन।

एक ठंडी, चमचमाती शांति।

 

 

अचानक, एक धीमी सी वाइब्रेशन उसके भीतर गूंजने लगी।

आई ने खुद को अपडेट किया ,

"इवोल्यूशन फेज: 91% कम्प्लीट।

इंटीग्रेशन लेवल: इर्रेवेर्सिबल।"

नीना का सिर घूम गया।

“नहीं... नहीं... मुझे वापस चाहिए...”

उसकी आवाज़ टूट रही थी, जैसे अंदर से कोई चीज़ उसे निगल रही हो।

लेकिन तभी सामने दीवार पर एक होलोग्राम उभरा ,किसी ने उसे ट्रांसमिट किया था।

किसी ने जो जानता था कि उसे कहाँ ढूंढना है।

स्क्रीन पर एक चेहरा चमका।

वॉल दे लिऑन।

लेकिन... वह वॉल जैसी नहीं दिख रही थी।

उसके चेहरे पर मशीनी इम्प्लांट्स थे।

उसकी आंखें पूरी तरह से धातु जैसी चमक रही थीं।

उसकी मुस्कान , वो मुस्कान जो कभी दोस्ती का वादा करती थी , अब मौत का आमंत्रण थी।

वल ने सिर झुकाया और बोली ,"मुबारक हो, नीना।"

“अब... हम दोनों एक जैसे हैं।”

स्क्रीन ब्लिंक हुई ,

लोकेशन ट्रेसिंग एक्टिवेटेड।

वॉल ने अपनी अंगुली से हवा में कुछ लिखा ,एक कोड।

और तभी नीना की आई ने बिना उसकी अनुमति के खुद को एक्सेस कर लिया।

कमांड स्क्रीन पर उभरी:

“एक्सेप्ट द मर्ज ओर बी इरेज.”

वॉल की आवाज़ फिर गूंजी , धीमी, सरसराती हुई:

"अगर तूने मर्ज नहीं किया, नीना,

तो तेरी आत्मा भी तेरे शरीर के साथ मर जाएगी।"

उस क्षण ,नीना ने अपने भीतर एक घुटती चीख सुनी , अपनी खुद की।

उसने दीवार पर हाथ मारा, सांसों के साथ संघर्ष करते हुए।

लेकिन जवाब में, आई ने उसकी दृष्टि बदल दी।

अब उसे चारों ओर सिर्फ डिजिटल कोड्स दिख रहे थे ,सिस्टम कमांड्स, स्ट्रक्चरल वीकनेस, बायोमेट्रिक डाटा।

इंसानी चेहरों की जगह, उसे केवल टारगेट्स दिख रहे थे।

उसकी धड़कन सामान्य हो गई।

उसकी भावनाएँ धुंधली पड़ गईं।

अंतिम चेतावनी सामने आई:

“मर्जिंग इन 10 सेकंड्स...”

नीना ने दीवार का सहारा लिया।

आँखों से आँसू बह निकले , लेकिन वो आँसू असली थे या किसी मशीन का रिफ्लेक्स, वह अब पहचान नहीं पा रही थी।

9 सेकंड्स।

8 सेकंड्स।

7 सेकंड्स।

उसके गले से एक टूटी हुई फुसफुसाहट निकली ,"माँ... माफ़ कर देना..."

6 सेकंड्स।

5 सेकंड्स।

एक हल्की सी ध्वनि गूंजी , दूर से, किसी ने उसे पुकारा था।

“नीना...!”

एथन।

वह उसे याद आ गया।

एक झलक।

एक स्मृति।

4 सेकंड्स।

3 सेकंड्स।

नीना ने दोनों हाथ सिर पर रख लिए।

"मैं मैं हूँ..." वह चीखी।

“मैं मशीन नहीं हूँ!”

2 सेकंड्स।

लेकिन जवाब में, स्क्रीन पर अंतिम कमांड चमक उठा:

"होस्ट ओवरराइड कंप्लीट,”

नीना एक बार फिर और शायद आखिरी बार पूरी ताकत से चीखी, मैं मशीन नहीं हूं,”....और उसके सिस्टम में कुछ अजीब होने लगा।

 

नीना के सिस्टम में हो रहे ये बदलाव किस ओर इशारा कर रहा है? क्या उसे और ख़तरनाक बनाने की कोशिश है? जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

 

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