कौए को लगा कि वो सबसे बड़ा शिकारी है, लेकिन आसमान पर राज करने वाले बाज ने कौए का वहम तोड़ दिया था। विक्रम भी तो एक कौआ ही था, जो पम्मी आंटी के जाल में फंस गया था। कैफे में विक्रम हंसते हुए गुड़िया के साथ बातें कर ही रहा था कि वहां पर मिसिस अग्रवाल, उनकी बेटी प्रिया और पम्मी आंटी पहुंच गए। प्रिया को देखकर विक्रम का रंग ही उड़ गया था। पम्मी आंटी ने प्रिया को विक्रम की सच्चाई बताते हुए कहा।
पम्मी : देख ले प्रिया, तेरा बाबू शोना तो किसी और का होना चाहता है। जिसे कोई अपने घर में जगह नहीं देता, तूने उसे अपने दिल में जगह दे दी। ये तेरे सच्चे प्यार का हकदार नहीं है।
एक्साइटमेंट में पम्मी आंटी ने नाइन्टीज़ की फिल्मों की तरह डायलॉग मारना शुरू कर दिए थे। उनकी इन फिल्मी बातों का असर प्रिया के चेहरे पर नज़र आना शुरू हो गया था। पम्मी आंटी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा।
पम्मी : प्रिया, इसे तुझसे नहीं बल्कि तेरे पैसों से प्यार है। हमने इसकी सच्चाई तेरे सामने लाने के लिए ही ये प्लान बनाया था। इसकी हालत देख, अब डर के मारे कांपते हुए वाइब्रेशन मोड में चला गया है।
पम्मी आंटी के सर्काज़्म का कोई जवाब ही नहीं था। वो तो ऐसे ताने मार रही थीं जैसे वो खुद सास हैं और विक्रम उनकी बहू। इससे पहले कि विक्रम अपनी सफाई में कुछ कह पाता, पम्मी आंटी ने विक्रम और गुड़िया की सारी चैट प्रिया को पढ़ा दी। चैट के बाद उन्होंने कैफे में गुड़िया और विक्रम की रिकॉर्ड की हुई बातें भी सुनाईं।
रिकॉर्डिंग में विक्रम कह रहा था, “ईशा, पहली नज़र का प्यार क्या होता है यह मुझे आज पता चला। जैसे आप मुझे पसंद करती हो, मैं भी आपको बहुत पसंद करता हूं।”
विक्रम के पास बोलने को कुछ भी नहीं था। वह एकदम से उठा और तेजी से कैफे से बाहर निकलकर भाग गया। जिस टेबल पर गुड़िया और विक्रम बैठे थे, अब उसी टेबल पर मिसिस अग्रवाल, प्रिया, पम्मी आंटी और गुड़िया के साथ पप्पू भाई भी बैठे हुए थे। पम्मी आंटी ने प्रिया को समझाते हुए कहा।
पम्मी : प्रिया बेटा, अपने आंसू पोंछ ले। भगवान का शुक्र है कि समय पर विक्रम की असलियत का पता चल गया। वरना सारी जिंदगी रोना पड़ता। तू फिक्र ना कर, तेरे लिए शहर का सबसे अच्छा लड़का तो पहले से ही तेरे घरवालों ने ढूंढा हुआ है। मैं खुद ऋषि को पर्सनली जानती हूं। तुझे उससे अच्छा लड़का नहीं मिल सकता।
इधर पम्मी जी और मिसिस अग्रवाल प्रिया को मनाने में लगी हुई थीं और दूसरी तरफ पप्पू जी कभी कैफे की डेकोरेशन देख रहे थे, तो कभी मौका मिलने पर गुड़िया के चेहरे को प्यार से निहार रहे थे। पहली नज़र का प्यार विक्रम को नहीं बल्कि पप्पू जी को हो गया था। गुड़िया का भी ध्यान प्रिया के चेहरे पर था। वह भी बीच-बीच में प्रिया को समझाने की कोशिश कर रही थी।
पप्पू भइया को अब इन सबकी बातों से कोई मतलब नहीं था। पप्पू कभी अपनी शर्ट का ऊपरी बटन ठीक करता तो कभी अपने बाल संवारता। पप्पू तो गुड़िया को देखकर इतना एक्साइटेड था कि कैफे के अंदर भी अपना काला चश्मा लगाए हुए बैठा था। दूसरी तरफ सभी लेडिज़ प्रिया को मनाने में लगी हुई थीं।
फाइनली, प्रिया भी ऋषि के साथ शादी करने को तैयार हो गई। पम्मी आंटी ने आज कई दिनों बाद चैन की सांस ली। मिसिस अग्रवाल और प्रिया अपनी कार में वापस अपने घर चली गईं और पप्पू अपने साथ पम्मी आंटी और गुड़िया को ड्रॉप करने जा रहा था।
ऑफिस वापस जाते समय कार की फ्रंट सीट पर गुड़िया बैठी थी, और कार की पिछली सीट पर बैठकर पम्मी आंटी मोबाइल पर संगीता को आज कैफे में हुई सारी घटना के बारे में बता रही थीं। अपनी साथ वाली सीट पर गुड़िया को बैठा देखकर पप्पू के दिल की धड़कन फिर तेज हो गई।
आज पहली बार पप्पू को सड़क का ये ट्रैफिक जाम पसंद आ रहा था। वो तो ज्यादा से ज्यादा समय गुड़िया के करीब रहकर बिताना चाहता था लेकिन कछुए की रफ्तार से कार चलते हुए भी 15 मिनट में वो सब पम्मी आंटी के ऑफिस के बाहर पहुंच गए। पम्मी आंटी और गुड़िया ऑफिस में चले गए और उदास सा चेहरा बनाते हुए पप्पू अब संगीता की कार उसके घर वापस करने जा रहा था।
फाइनली पम्मी आंटी ने एक और शादी फिक्स करवा दी। इस बार लड़के वालों और लड़की वालों की ओर से मोटी रकम मिलने वाली थी, क्योंकि इस बार पम्मी आंटी की मेहनत भी डबल लगी थी। पम्मी आंटी ने ऋषि और प्रिया की शादी फिक्स करवा दी और शादी की तैयारियों में हेल्प करवाने के लिए पम्मी आंटी आज ऋषि की शॉप पर आई हुई थी । आज शॉप पर ऋषि के साथ उसकी मॉम भी थी। पम्मी आंटी ने ऋषि की मॉम को बधाई देते हुए कहा ।
पम्मी - मिसिस मल्होत्रा बहुत-बहुत मुबारक हो अगले महीने अपने ऋषि की इंगेजमेंट हो जानी है।
मिसेस मल्होत्रा ने पम्मी को थैंक यू कहा. साथ ही ये भी की ये सब उनकी मेहरबानी से हुआ है। वो तो हिम्मत ही हार गई थी।
पम्मी - अरे पम्मी के होते हुए कैसे हिम्मत हार सकते हो आप । ऋषि पुत्तर तू बता , अब तो ख़ुश है ना।
ऋषि ने खुश होते हुए कहा - हांजी आंटी जी ख़ुश हूं तभी तो शादी के लिए हां की थी।
पम्मी - अच्छा बात सुन, बाहर संगीता की कार खड़ी है उसमें तेरे लिए एक सरप्राइज़ है जा देख ले।
Narrator - ऋषि ने जब कार को खोला तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी , क्योंकि कार में प्रिया बैठी हुई थी । असल में पम्मी आंटी ने प्रिया और ऋषि के लिए सरप्राइज़ डेट प्लैन की थी । इन दोनों के लंच के लिए पम्मी आंटी ने शास्त्री नगर का सबसे बेस्ट रेस्टोरेंट बुक किया था । कार थी संगीता जी की , पीछे बैठे थे ऋषि और प्रिया और कार चला रहा था अपना पप्पू चाय वाला ।
ऋषि ने प्रिया का हाथ पकड़ा हुआ था और उसने प्रिया को बड़े प्यार से कहा, “प्रिया मैंने तो तुम्हारी तस्वीर देखकर ही शादी के लिए हां बोल दी थी लेकिन हम दोनों के पेरेंट्स ने ही देर कर दी थी इस रिश्ते को जोड़ने में।”
प्रिय ने भी अपने क्यूट से अंदाज में कहा - “वैसे तो मैं भी बहुत नख़रे करने वाली लड़की हूं , लेकिन जब आपका रिश्ता आया था तो मैं ख़ुद करवटें बदल-बदल कर सोती थी।”
एक तरफ इन दोनों की रोमांटिक बातें चल रहीं थी और दूसरी तरफ कार चला रहा पप्पू मन-मन में इन्हें भला बुरा कहे जा रहा था । अब प्रिया और ऋषि को यह नहीं पता था कि जो लड़का कार चला रहा है, उसने ही इन दोनों के ब्रेकअप करवाने में अपना योगदान दिया था ।
पप्पू सोच रहा था कि यह दुनिया कितनी दिखावे वाली है । इस नकली प्यार के ज़माने में उसे अपना इकतरफा प्यार ही सच्चा लग रहा था । व्हाट्सप्प पर गुड़िया की फोटो देखने के लिए ही पप्पू ने कीपैड वाला मोबाइल बेच कर, नया टच स्क्रीन मोबाईल खरीदा था।
फाइनली रेस्टोरेंट आ गया था और पप्पू भइया को भी इन नए-नए लव बर्ड्स की रोमांटिक बातों से छुटकारा मिल गया था। पप्पू का सुकून बस कुछ पल का ही था, लंच ख़त्म करके दोनों लव बर्ड्स फिर से कार में बैठ गए थे।
कार चला रहे पप्पू का ध्यान ना चाहते हुए भी ऋषि और प्रिया की बातों में जा रहा था। ऋषि ने फिर अपनी फीलिंग्स बताते हुए प्रिया से कहा।
प्रिया तुम पहली लड़की हो जिससे मैंने इतनी देर तक बात की है । अब तो ऐसा लगता है कि जैसे मैं तुम्हें पहले से ही जानता हूं।
प्रिय ने ऋषि की बात में हाँ में हाँ मिलते हुए कहा - आपको पता है जब मेरी सहेलियां घंटों तक फोन पर अपने बॉयफ्रैंड्स से बातें करती थीं, तो मैं सोचती थी कि यार कोई भला कैसे इतनी देर तक बातें कर सकता है। जब मेरी आप से फोन पर बात हुई, तो अब समझ आया कि बातें करते-करते टाइम कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता।
उफ़ ये डायलॉग्स ! अरेंज मैरिज वाले लोगों के तो यह फेवरेट डायलॉग्स होते हैं- “आपसे पहले किसी से बात नहीं हुई , इश्क के चक्कर से दूरी बनाई ही थी , वगैरा वगैरा।” ऋषि और प्रिया की रोमांटिक बातें भी पप्पू के कानों में कांटों की तरह चुभ रही थी । फाइनली कार अब ऋषि की शॉप के बाहर आ गयी थी । पप्पू ने ऋषि को शॉप पर ड्रॉप किया और उसके बाद प्रिया को उसके घर ड्रॉप करने के लिए निकला।
इधर शॉप में मिसिस अग्रवाल ने ऋषि की शादी फिक्स करवाने की अमाउंट पम्मी आंटी को दे दी थी। पम्मी आंटी को अब अग्रवाल’स और मल्होत्रा’स की फैमिली से शगुन की सारी रकम मिल चुकी थी । सोने की अंगूठियां उन्हें शादी वाले दिन मिलनी थी । उन्होंने इस रकम में से 20 परसेंट अमाउंट संगीता को दे दिया था और बाकी अमाउंट अपने बेटे सन्नी के फॉरेन ट्रिप पर खर्च करने के लिए रख लिया था।
अभी इंगेजमेंट को सिर्फ एक हफ्ता बचा था. और आज एयरपोर्ट पर पम्मी आंटी अपने हस्बैंड के साथ, अपने बेटे को एयरपोर्ट छोड़ने आयी हुई थी ।
उनका बेटा सन्नी अपने दोस्तों के साथ सिंगापुर घूमने जा रहा था । सन्नी ने होने सभी दोस्तों से अपने मॉम - डैड को इंट्रोड्यूज करवाया, पर पम्मी आंटी की आंख में बस एक लड़की ने जगह बनाई। जो पूरा टाइम उनके बेटे से चिपकी हुई थी । इस लड़की का नाम है महक जो सन्नी की कॉलेज टाइम की फ्रेंड है । पम्मी आंटी ने इस देखते हुए अपने हस्बैंड से कहा।
पम्मी - वो देखो जी ! वो महक अपने सन्नी के साथ कैसे चिपक-चिपक के बातें कर रही है।
मनोहर- अरे तुम भी हर बात पर शक़ मत किया करो । ये आज कल की जनरेशन एक दूसरे से ऐसे ही मिलती है।
देखते ही देखते सन्नी, महक और उनके दोस्त फ्लाइट सिक्योरिटी चेक से निकलकर आगे बढ़ गए थे । पम्मी आंटी अभी महक के बारे में अपने हस्बैंड से बात कर ही रहीं थी कि उन्हें गुड़िया का कॉल आ गया । गुड़िया ने पम्मी आंटी से कहा।
गुड़िया- पम्मी मैडम जल्दी आओ यहां नया सियापा खड़ा हो गया है।
पम्मी - लो जी, पे गया नया रौला!!
सन्नी का ड्रीम पूरा करने की ख़ुशी, अभी पम्मी आंटी ने अच्छे से सेलिब्रेट भी नहीं की थी, कि एक और प्रॉब्लम ने जन्म ले लिया था। अब पम्मी आंटी की लाइफ में कौन सी नई टेंशन आने वाली है ? क्या पम्मी आंटी इस सियापे से छुटकारा हासिल कर पाएंगी यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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