अनिकेत की टीम के लोग हैरानी से एक-दूसरे की ओर देख रहे थे। कुछ लोग बहोचक्के से खड़े थे। उसका शक सही निकला था। उसकी टीम में कुछ लोग सिर्फ़ मौज़-मस्ती करने ही जा रहे थे। उसने फिर कहा,
Aniket (explain) - मैं सच बोल रहा हूँ। हमारे ऊपर इस टूर्नामेंट को सक्सेसफुल बनाने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आप लोगों को सीरियसली काम करना होगा। मौज़-मस्ती हम बाद में भी कर सकते हैं। मैं आप लोगों से प्रॉमिस करता हूँ कि एक बार ये टूर्नामेंट ख़त्म होने के बाद मैं ख़ुद कंपनी के ख़र्च पर आपको बुर्ज़-ख़लीफ़ा दिखाने ले जाऊंगा।
उसने “बुर्ज़-ख़लीफ़ा” दिखाने का वादा किया, तब उन लोगों के चेहरों पर ख़ुशी आ पाई थी। उसने लगभग बिगड़ चुकी बात संभाल ली थी। उसने फिर कहा,
Aniket (ordered) - हमारी एक दिन बाद मॉर्निंग में 9 बजे दिल्ली से फ्लाइट है। मुझे पता है, इतनी जल्दी एयरपोर्ट कोई नहीं पहुँच पायेगा, इसलिए सभी लोग कल ही अपने-अपने बैग रेडी करके ऑफिस आ जाये। हम कल रात दिल्ली की किसी होटल में रुकेंगे।
उसके टीम मेंबर्स ने एक बार फिर एक दूसरे की और देखा। अनिकेत उनकी प्रॉब्लम समझ गया था। उसने उनका डाउट क्लीयर करते हुए कहा,
Aniket (funny) - चिंता मत करो, आपका होटल में रुकने का पूरा खर्च कम्पनी देगी।
उसने मुस्कुराकर कहा। टीम के बीच हलका सा ठहाका गूँज उठा। उसके अगले दिन उसकी टीम के टोटल 8 लोग अपने-अपने सामान के साथ ऑफिस पहुँच गए थे। दिन भर बॉस के साथ उनकी मीटिंग चलती रही। बॉस उनको हर एक छोटी से छोटी डिटेल बता रहा था। उसने सबसे आख़िरी में कहा, “ओके टीम ऑल दी बेस्ट। इस टूर्नामेंट को सक्सेसफुल बनाना अब आप लोगों की जिम्मेदारी है।” इतना बोलकर वो अपनी चेयर से उठने ही वाला था कि, तभी उसको एक सबसे इम्पॉर्टेंट बात याद आ गयी।
उसने सीरियस होकर कहा, “मुझे आप लोगों को एक बात और बतानी है। आप लोग हमेशा याद रखना कि दुबई के लॉ बहुत स्ट्रिक्ट होते है, इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करना, जिससे कम्पनी आपको वहां की जेल से छुड़ा ही न पाए।”
उसकी आख़िरी बात ने कुछ लोगों के मन में डर पैदा कर दिया था, लेकिन वे लोग अपने बॉस से कुछ पूछ नहीं पाए थे। उसके जाने के बाद उसकी टीम के एक मेंबर ने घबराकर पूछा, “सर, इस बात की क्या गारंटी कि आप हमें कुछ होने नहीं देंगे? आई मीन हमें वहां कुछ हो गया तो? हमें छोटी सी बात पर उन्होंने जेल में डाल दिया, तो कम्पनी अपने हाथ खड़े कर देगी क्या?”
उसने बहुत सीरियस होकर पूछा था। उसकी डरी हुई शक़्ल देखकर कुछ लोग मुँह छिपाकर हँस दिए थे। अनिकेत, उसके बॉस की बेवकूफ़ी पर चिढ़ गया था। उसने बात सँभालने के लिए कहा,
Aniket (explain) - बॉस के कहने का ये मतलब नहीं था। उन्होंने सिर्फ एक एग्ज़ाम्पल दिया था। कुछ ऐसे मामले, जैसे मर्डर वगैरह में वहां के रूल्स बहुत स्ट्रिक्ट है, इसलिए कहा था। आप लोगों को घबराने की ज़रुरत नहीं है। आपको कंपनी अपनी पूरी सिक्योरिटी में रखेगी।
मीटिंग ख़त्म होने के बाद उसकी टीम के पूरे 8 मेंबर्स एयरपोर्ट के पास एक होटल में रुके थे. उसने टोटल 5 रूम बुक किये थे, एक room बैग्स और इंस्ट्रूमेंट्स के लिए, एक अपने लिए और बचे हुए 3 कमरो में उसकी टीम के 7 मेंबर्स रुके थे।
कल से उसकी जिम्मेदारियां बढ़ने वाली थी। अपनी टीम 7 मेंबर्स को लेकर वो एक ऐसी जगह जा रहा था, जहाँ वो पहले गया नहीं था। उन लोगों की सेफ्टी और उनसे काम लेने की जिम्मेदारी उसे के कंधों पर थी। साथ में हिना से मिलने की उसको खुशी भी थी। अपने कमरे में लेटा हुआ वो सोच रहा था,
Aniket (thinking) - पता नहीं हिना से मैं मिल पाऊंगा या नहीं? पहले 10 दिन तक आइसोलेशन में रहने के बाद मैचेस स्टार्ट हो जायेंगे। मैच स्टार्ट होने के बाद जिम्मेदारी बहुत ज़्यादा हो जाती है। (pouse) पर कुछ भी करके टाइम तो निकलना ही होगा।
अचानक उसे याद आया, नोएडा आने के बाद से उसने अपनी मम्मी से बात तक नहीं की थी। उसकी मम्मी ने भी उसके पास कॉल नहीं किया था, यहाँ तक कि उसके सॉरी वाले मैसेज का रिप्लाय भी नहीं किया था। उसने तुरंत कॉल किया। पहली ही रिंग पर उन्होंने कॉल उठाकर कहा, “आ गयी तुझे याद अपनी मम्मी की? इतने दिन बाद कॉल कर रहा?”
Aniket (offence) - मम्मी मैंने मैसेज किया था आपको। सॉरी बोला था आपसे, But आपने रिप्लाय ही नहीं किया।
“मुझे तो कोई मैसेज नहीं मिला तेरा”, उसकी मम्मी ने मुँह बनाकर कहा। अनिकेत ने तुरंत मैसेज चैक किया। मैसेज उसकी मम्मी को नहीं, बल्कि उसके मकान मालिक को सेंड हो गया था। यह देखकर वो अब झुंझला गया था। उसने मम्मी से कहा,
Aniket (confused) - मम्मी मैंने आपको मैसेज सेंड किया था, पता नहीं कैसे मेरे मकान मालिक को सेंड हो गया। इससे पहले भी किसी और का मैसेज उसको सेंड हो गया था। आप बताइये, आप कैसी है? बहू मिली या नहीं आपको?
“बस बढ़िया ही हूँ बेटा। जिसके दो-दो जवान बेटे होने के बाद भी घर में एक बहू नहीं हो, वो फिर कैसे बढ़िया रहेगी?” उसकी मम्मी ने टोंट मारा।
Aniket (offence & loud) - मम्मी, यार आपको हर वक़्त एक बात के अलावा और कुछ नज़र नहीं आता क्या? या फिर आपके बेटों की ख़ुशी आपसे बर्दाश्त नहीं होती? देखेंगे आपकी बहुएँ आपको कितना ग़र्म खाना खिलाती है?
Aniket (excited) - आप वो सब छोड़ो और एक गुड न्यूज़ सुनो। मैं कल मॉर्निंग में दुबई जा रहा हूँ। पूरा 1 महीने का टूर है। बताइये वापसी में क्या लाना है आपके लिए?
“रहने दे, जो मुझे चाहिए, तू ला नहीं पायेगा।” उसकी मम्मी ने इनडायरेक्टली एक बार फिर टोंट मारा और हल्के से हँस दी।
Aniket (confirmed) - ठीक है मम्मी, आपको जो चाहिए, वो मुझे पता है। मैं अब वही लेकर लाऊँगा आपके लिए, फिर कुछ बोलना मत मुझसे।
उसकी मम्मी तुरंत बोली, “ख़बरदार! तूने ऐसा कुछ किया, तो दोनों को इस घर में कदम भी नहीं रखने दूँगी। (pause) वैसे तू दुबई जा क्यों रहा है? तेरे इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे मुझे? जिससे तू फोन पर बात करता है, कही वो दुबई की ही तो नहीं है?
Aniket (laugh) - और क्या (laugh) आपको बात इतने दिनों में समझ आई? मैं उससे ऑलरेडी शादी भी कर चुका हूँ। सोच रहा हूँ, कुछ दिनों बाद दुबई ही शिफ्ट हो जाता हूँ। बहुत ख़र्च होता है ट्रैवलिंग में।
“हां, और रह भी क्या गया है इसके अलावा? माँ से तो वैसे भी तुझे कोई मतलब नहीं है न?” उसकी मम्मी ने चिढ़कर कहा और फोन काट दिया। अनिकेत बैठकर हँसता रहा। उसको अपनी मम्मी के बहु वाले अटैक पर काउंटर-अटैक करने के लिए अच्छा वेपन मिल गया था उसे। फोन रखने के बाद अचानक उसका हँसता हुआ चेहरा गंभीर हो गया था। उसने मोबाइल उठाया और अपनी मम्मी को सेंड किया हुआ मैसेज एक बात फिर से चैक किया।
उसको समझ नहीं आ रहा था, उसके मैसेज उसके मकान मालिक के पास सेंड क्यों हो रहे थे। सुनील की जगह अगर और कोई होता, तो शायद उसको इतना शक नहीं होता, पर सुनील उसको पहले से ही एक अजीब टाइप का इंसान लगता था। उसने अपने दिमाग पर ज़ोर देकर मैसेज का टाइम याद करने की कोशिश की। वो सोचता हुआ होटल के कमरे में इधर-उधर ऑंखें घुमा रहा रहा, तभी उसको याद आया,
Aniket (thinking) - मैं लॉक-डाउन के बाद पहली बार ऑफिस गया था। मैंने अपनी डेस्क पर बैठकर मैसेज टाइप किया था..... उसके बाद क्या हुआ था? (remembering) क्या हुआ था? हां याद आया........ बॉस से मिलने की जल्दबाज़ी में मैंने बिना देखे ही मम्मी का नंबर निकालकर मैसेज सेंड कर दिया था। हो सकता हो, वो मैसेज जल्दबाज़ी में मम्मी की जगह मकान मालिक को सेंड हो गया होगा। (pause) तू भी न अनिकेत …. वो अंकल सोच रहा होगा, कैसा बेवकूफ़ इंसान है ये? अपनी मम्मी से लड़ता है और सॉरी का मैसेज मुझे करता है।
(shocked) पर ये अंकल भी कितना पागल इंसान है। वो मैसेज उसने पड़ा ज़रूर होगा, फिर मुझे बताया क्यों नहीं उसने उस दिन?
वो सोचता हुआ उठकर अपने रूम की विंडो के पास जाकर देश की कैपिटल, दिल्ली के खूबसूरत नज़ारें देखने लगा था, तभी उसका मोबाइल एक बार फिर वाइब्रेट हुआ। उसने जाकर मोबाइल देखा, कॉल हिना का था। अनिकेत ने एक्साइटेड होकर कॉल उठाया और कहा,
aniket (excited) - हम कल मॉर्निंग में निकल रहे हैं दुबई के लिए, तुम कहाँ हो?
Heena (upset) - हमने वही बताने के लिए आपको कॉल किया है। हम दुबई नहीं जा पाएंगे।
Aniket (shocked) - what? But why?
Heena (upset) - अब्बा के पास एक थ्रेट कॉल आया था, उन्होंने हमारी सेफ़्टी की वजह से हमें भेजने से इंकार कर दिया। हमने उनको हर तरह से मनाने की कोशिश की, पर उनको हमारे करियर से ज़्यादा फ़िक्र अपनी बेटी की ख़ैरियत की है, उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया।
Aniket (confused) - तुम्हें कोई थ्रेट क्यों देगा? तुम्हारे अब्बा के दुबई पुलिस से कांटेक्ट तो होंगे ही न? वे कॉल करके तुम्हारी और भी ज़्यादा सेफ्टी करा सकते थे न? यार प्लीज़ ऐसा मत करो। प्लीज़ आ जाओ।
Heena (upset & explain) - हमने भी अब्बा से यही बोला था कि दुबई पुलिस को कॉल कर दीजिये, तो वे बोले कि इतनी भीड़ में कोई कुछ नहीं कर पायेगा। हमारा आना आप कैंसिल ही समझिये।
इतना बोलकर हिना ख़ामोश हो गयी। कॉल कटते ही अनिकेत का दिल बैठ गया था। वो ज़्यादा देर खड़ा नहीं रह पाया और बेड से टिककर फ़र्श पर ही बैठ गया। उसके दिल में हिना के लिए भले ही पहले जैसी मुहब्बत न रही हो, पर एक सॉफ्ट कॉर्नर तो अभी भी था।
वो उससे मिलने के लिए बहुत बेसब्र था, ऐसे में उसका न आना अनिकेत के लिए किसी ट्रेज़डी से कम नहीं था। उसको तब समझ आया था कि हिना आज भी उसके लिए कितनी ख़ास है। वो फ़र्श पर बैठा शून्य में देख रहा था, तभी हिना का दोबारा कॉल आया। उसका कॉल देखकर अनिकेत की धड़कने बढ़ गयी और उसने जल्दी से कॉल उठाया। दूसरी ओर हिना ज़ोर से हँस रही थी।
Heena (laugh) - आपको क्या लगा था? सुबह-सुबह कॉल करके नींद ख़राब करने का बदला लेना हम भूल जायेंगे। सॉरी हम बस मज़ाक कर रहे थे। हम भी कल ही निकल रहे हैं, दुबई के लिए।
Aniket (relaxed) - मुझे अब तुमसे बात ही नहीं करना और न ही मिलना है। ऐसा बेहूदा मज़ाक कौन करता है?
Heena (laugh) - आप, वो भी नींद में। ख़ैर वो सब छोड़िये। रात बहुत हो गयी है। सो जाइये अब। सुबह आपको जल्दी उठना भी होगा न? Good night.
“Good night”, अनिकेत ने कहा और फोन काट दिया। उसने एक गहरी साँस लेकर अपने आप को रिलैक्स किया और मुस्कुराता हुआ ख़ुशी से बेड पर उल्टा ही गिर गया।
अगली सुबह ठीक 6 बजे उसकी अलार्म बजा। अनिकेत नींद का थोड़ा कच्चा था। चाहे कुछ ही हो जाये पर वो सुबह 9 से पहले उठता नहीं था, हां मज़बूरी में उठना पड़ता था, वो अलग बात थी। यहां होटल के रूम में न तो कोई उसको उठाने वाला था और न ही उसकी मम्मी की तरह ये कहने वाला कि “उठिये महाराज, 9 बज गये है।” वो अलार्म बंद करके फिर से सो गया। अभी वो सुबह की मीठी नींद में गया ही था कि तभी किसी ने उसके रूम का डोर ज़ोर से पीटना शुरू कर दिया।
वो एक झटके के साथ उठा और दरवाज़ा खोला। सामने उसकी टीम के बंदे खड़े थे। वो कुछ बोलता उससे पहले ही उसके एक जूनियर ने कहा, “सर आपने बोला था न? मुझे उठा देना, इसलिए दरवाज़ा नॉक किया था।” अनिकेत ने नींद में उनको अपना अंगूठा दिखाकर “गुड जॉब” का इशारा किया और पलटकर धीमे से बड़बड़ाया,
Aniket (murmur) - इसे दरवाज़ा नॉक करना नहीं, दरवाज़ा पीटना बोलते हैं।
ख़ैर, अनिकेत और उसकी पूरी टीम टाइम पर एयरपोर्ट पर पहुँच गयी थी। उसकी टीम में ज़्यादातर लोग ऐसे थे, जो इससे पहले कभी डोमेस्टिक फ्लाइट में भी नहीं बैठे थे। उनकी आँखों में अपनी पहली फ्लाइट का रोमांच भी था और डर भी। अनिकेत उनको एयरपोर्ट की पूरी प्रोसेस पहले ही समझा चुका था, इसलिए बोर्डिंग के वक़्त उसको ज़्यादा प्रॉब्लम नहीं पाई।
असली प्रॉब्लम तो टेक ऑफ के वक़्त आने वाली थी, जिससे अनिकेत अभी तक अंजान था।
आख़िर कौन सी परेशानी से अनजान था अनिकेत? क्या दुबई पहुँच पायेगा वो तो उसकी टीम? या फिर उसकी टीम की वजह से किसी बड़ी प्रॉब्लम में फँसने वाला है अनिकेत?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
No reviews available for this chapter.