अनिकेत याद करने की कोशिश कर रहा था, पर उसको याद नहीं आ रहा था कि उसने अपने मकान मालिक से कही हिना के बारे में ज़िक्र किया हो। वो सोच रहा था,
Aniket (scared & thinking) - लॉक-डाउन से पहले मेरी हिना से इतनी बात ही नहीं होती थी और लॉक-डाउन के बाद मैंने इस अंकल से कभी बात ही नहीं की, फिर इसको हिना के बारे में कैसे पता चला। मैं फिर से इसको पहचानने में गलती कर बैठा हूँ क्या? ये ज़रूर मुझ पर नज़र रख रहा होगा। कुछ तो राज़ ज़रुर है इसका। मुझे इससे आज सब कुछ पूछना पड़ेगा,
(To makan malik & scared) - अ…. आप हिना के बारे में कैसे जानते हैं?
वो फिर से मुस्कुरा दिया। उसने चाय का आख़िरी घूँट लिया और कप सामने रखी डेस्क पर रखते हुए बोला, “इसमें इतना घबराने की क्या बात है? अब गर्ल-फ्रेंड है, तो है। मैं तेरे घर वालों को थोड़े न बताने जा रहा हूँ कि इसकी एक गर्लफ्रेंड है।
Aniket (confused) - पर मैंने तो आपको उसके बारे में कभी नहीं बताया, फिर आपको कैसे पता चला?
उसके मकान मालिक ने उसकी और देखा और अपना मोबाइल निकाला। उसमें अनिकेत का उसको भेजा हुआ एक मैसेज दिखाकर बोला, “ये मैसेज तूने ही किया था न?” देख ध्यान से, नंबर भी तेरे ही है।” अनिकेत ने मोबाइल हाथ में लेकर मैसेज देखा। उसमें लिखा था, “कहां हो तुम हिना? मैं कब से तुम्हारा वेट कर रहा हूँ।” उस मैसेज को पढ़कर वो और ज़्यादा हैरान था। उसने नंबर चेक किये, नंबर ही उसी के थे।
Aniket (shocked) - ये नंबर तो मेरे ही हैं।
“यार तू गज़ब टोपा इंसान है, तुझे अभी भी मेटर समझ नहीं आया?” उसके अंकल ने पूछा। अनिकेत पैनिक था। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने अपने मकान मालिक की और देखा, मानों पूछ रहा हो, “मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा, आप ही बता दीजिये।”
सुनील उसको देखकर हँस पड़ा। उसने मोबाइल लिया और कहा, “अरे भाई इसमें इतना क्या सोचना? सिंपल सी बात है, तूने एक दिन हिना की जगह, मुझे मैसेज सेंड कर दिया था और क्या? इसमें इतना क्यों घबरा रहा है?” उसको अंकल ने समझाया। अनिकेत को अब पूरा मेटर समझ आया था। “अच्छा तो ये बात है”, उसने हँसकर कहा और रिलेक्स होने के लिए धड़ाम से सोफ़े पर बैठ गया। उसका मकान मालिक अभी भी मन ही मन मुस्कुरा रहा था।
उसका मकान मालिक सुबह जल्दी उठकर योग वगैरह करता था। उसके सुबह-सुबह फू-फा करने की आवाज़ अनिकेत के कानों में पड़ी. वो थोड़ी देर तो सोने की कोशिश करता रहा पर सो नहीं पाया और फ्रस्टेट होकर उठ गया। उसने टाइम देखा, सुबह के 5 बज रहे थे। वो अपने मकान मालिक के घर में सो रहा था, इसलिए कुछ बोल भी नहीं सकता था। फ्रस्टेशन निकालने के लिए वो अपने मन में बड़बड़ाया,
Aniket (frusteted) - इसको सुबह से फू-फा करके पता नहीं कौन सा ब्रुसली बनना है? रात भर खर्राटे लेता रहा और सुबह से लगा है फू-फू करने।
नींद आना अब पॉसिबल नहीं था। वो उठा और सुबह की ताज़ी हवा लेने बाहर चला गया। उसको आज अपने रूम की डस्टिंग भी करना था, वो जानता था कि उसको कभी भी दुबई जाना पड़ सकता है. इस अंकल को टॉलरेट करना उसके लिए पॉसिबल नहीं था।
इतनी सुबह-सुबह कोई डस्टिंग वाला मिलेगा, ये भी पॉसिबल नहीं था। आख़िर में उसने अपने चेहरे पर रुमाल बांधा और ख़ुद ही रूम साफ़ करने लग गया था।
लगभग 2 घंटे तक चले “सफ़ाई-अभियान” के बाद उसका कमरा पूरा साफ़ हो गया था और वो ख़ुद गंदा। उसने टाइम देखा, अभी भी 8 ही बजे थे, ऑफिस जाने के लिए अभी उसके पास 2 घंटे थे, टाइम का यूज़ करने के लिए उसने सुबह-सुबह हिना को कॉल कर दिया। वो नींद में थी, किसी और का कॉल होता, तो शायद उठाती भी नहीं। अनिकेत के कॉल ने उसे चौंका दिया था, क्योंकि इतनी सुबह वो ख़ुद ही नहीं उठ पाता था, फिर फोन कैसे लगाता? उसने फोन उठाया और नींद में ही हैलो किया,
Aniket (serious & scared) - हिना तुम सेफ हो न? मैंने जैसे ही TV पर न्यूज़ देखी, मैंने सबसे पहले तुम्हें कॉल किया। are you ok?
उसकी आवाज़ डरी हुई थी और वो फोन पर घबरा रहा था। उसने हिना की नींद उड़ा दी थी। पाकिस्तान में कभी भी कुछ भी हो सकता था, इसलिए हिना को उस पर शक भी नहीं हुआ। उसने नींद में ही घबराकर पूछा,
Heena (scared) - क्या हुआ पाकिस्तान में? और आप इतनी सुबह उठ कैसे गए?
Aniket (scared) - what? पाकिस्तान में इतना बड़ा इंसिडेंट हो गया और तुम मुझसे पूछ रही हो? कुछ जिम्मेदारी है या नहीं अपने देश के लिए तुम्हारी?
वो उसकी बात सुनकर अब और ज़्यादा डर गयी थी। उसकी नींद पूरी तरह खुल गयी थी। वो आगे कुछ पूछती, इससे पहले ही अनिकेत ने आगे कहा,
Aniket (scared & fake angry) - मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी। जल्दी से TV चलाकर देखो क्या कितना बड़ा हादसा हुआ है। मुझे तो डर है कि कही PCL फिर से केंसिल न हो जाये?
अब तो हिना को सीरियस होना ही था, अनिकेत ने PCL का दांव जो खेल दिया था। उसने फटाफट अपने मोबाइल में न्यूज़ चैनल देखना स्टार्ट किया, लेकिन किसी भी चैनल पर उसको कुछ बड़े हादसे की न्यूज़ नहीं मिली। एक चैनल पर किसी जगह पर छोटा-मोटा बम वगैरह फटने की न्यूज़ थी, लेकिन इतना तो वहां पर आम बात थी। हिना को अब उस पर डाउट होने लगा था। वो घबराई हुई थी और अनिकेत उसको और ज़्यादा पैनिक कर रहा था। आख़िर मैं उसने चिढ़कर पूछा,
Heena (angry) - हमें किसी भी चैनल पर कुछ नहीं मिला, आप ख़ुद ही बता दीजिये क्या मसला हो गया, ख़ुदा के लिए सुबह से हमारी साँसे मत बढ़ाइये। कही आप मज़ाक तो नहीं कर रहे न?
Aniket (laugh) - इतना बड़ा इंसिडेंट हो गया वहां, इंडिया से वहां इतनी सुबह-सुबह एक बंदे का कॉल पहुंचना कोई छोटा इंसिडेंट है क्या? जो मैं तुमसे मज़ाक करूँगा।
हिना को उसकी बात समझ आने में थोड़ा वक़्त लगा था, लेकिन जैसे ही बात समझ आई, उसकी नींद ख़राब करने का सारा ग़ुस्सा उसने अनिकेत पर उतार दिया था। उसको हिना की ज़ुबान से ग़ुस्से में कही गयी बातें भी किसी ग़ज़ल से कम नहीं लग रही थी। वो उस पर सुबह-सुबह बरसती रही, और अनिकेत बैठकर हँसता रहा।
आज वो ऑफिस कुछ जल्दी ही पहुँच गया था। इसके दो रीज़न थे, एक वो कुछ जल्दी ही उठ गया था और दूसरा आज उसको अपनी एक नई टीम हायर करके उनकी ट्रेनिंग स्टार्ट करनी थी। उसने ऑफिस पहुँचते ही रेपिड मोड में काम स्टार्ट कर दिया था। उसकी उम्मीद के विपरीत एक दिन की हायरिंग पोस्ट में कुछ ज़्यादा ही केंडिडेट आ गए थे।
इतने कैंडिडेंट्स का आना ये बता रहा था कि कोविड के बाद से अन-एम्प्लॉयमेंट कुछ ज़्यादा ही बढ़ गया था। उसने इंटरव्यू स्टार्ट किया तो देखा, कुछ कैंडिडेंट्स तो हाफ सैलेरी पर काम करने के लिए भी तैयार थे। इस बार पाकिस्तान नहीं, बल्कि दुबई जाना था, वहां जाने से किसी को क्या प्रॉब्लम हो सकती थी। लोग दुबई का नाम सुनते ही ख़ुश हो जाते थे। उसने कुछ कैंडिडेंट्स सिलेक्ट किये और लंच के बाद उसको ट्रैनिंग देनी भी स्टार्ट कर दी थी।
हालाँकि इस बार उसका बेड लक समझ लीजिये या फिर वक़्त का दस्तूर, लेकिन स्पोर्ट्स कवर करने का प्रीवियस एक्सपीरिएंस रखने वाला एक भी कैंडिटेट नहीं मिला था। “मरता क्या न करता? उसके पास टाइम कम था, इसलिए अन ट्रेंड लोगों को भी ट्रेंड करने में लगा था। उन कैंडिडेंट्स को ट्रेनिंग देते वक़्त वो एक बात बहुत अच्छी तरह समझ गया था कि इस बार उसकी टीम इतनी ज्यादा अच्छी नहीं थी, इसलिए उसको प्रॉब्लम आता तय थी। वो अच्छी तरह जानता था, यहां ट्रेनिंग देना और मैच में लाइव काम करने में ज़मीन-आसमान का फ़र्क होता है। उसने इस बारे में बॉस को भी इन्फॉर्म कर दिया था। उसके बॉस को इस बात की टेंशन थी, पर उसके पास और कोई ऑप्शन भी नहीं था।
इसके बाद अनिकेत लगातार 8 बजे तक उनको ट्रैन करता रहा। अलग-अलग एंगल से शूट करना, कब किस पर कैमरा फोकस करना, और बाकि सभी इंस्ट्रूमेंट्स की छोटी से छोटी जानकारी भी उसने अपनी टीम को दी थी। ट्रैनिंग के आखिरी दिन उसने नोएडा के एक लोकल ग्राउंड में अपनी टीम को इंट्रूमेंट्स के साथ लाइव ट्रेनिंग दी थी। उसकी टीम से वो सैटिस्फाइड भी था, पर उसको कही न कही इतने क्राउड के बीच अपनी टीम के कोलैप्स करने का डर भी सता रहा था।
उसके इस डर के सॉल्यूशन के लिए वो सीधा अपने बॉस के कैबिन में पहुँचा, तो देखा उनकी डेस्क पर VISAS की हार्ड कॉपी रखी हुई थी। उसकी सबसे बड़ी प्रॉब्लम सोल्व हो गयी थी। उसने अपना VISA उठाया और उसको देखते हुए खुश होकर पूछा,
Aniket (happy) - सर, मिल गया VISA. थैंक यू सर.
अनिकेत इससे पहले कभी दुबई नहीं गया था, पर दुबई के बारे में सुना बहुत था, इसलिए वो दुबई जाने के लिए एक्साइटेड था। उसके बॉस ने अपनी चेयर से पीछे टिककर रिलेक्स होते हुए कहा, “मैंने मेरे वादा पूरा किया, अब तुम्हारी बारी, जाओ और ऐसा काम करो कि सामने वाली कंपनी हर साल टेंडर हमें ही अलॉट करे।”
Aniket (worried) - मैं भी तो यही चाहता हूँ सर, पर मुझे इस टीम पर ज़्यादा कॉन्फिडेंस नहीं है। मुझे डर है कि कही इतना क्राउड देखकर ये टीम कोलैप्स न कर जाये।
उसके बॉस ने उससे चेयर पर बैठने के लिए कहा। उसने एक नज़र अपने बॉस को देखा और बैठ गया। उसने कहा, “देखो अनिकेत, अगर सेनापति नेपोलियन हो न? तो मुट्ठी भर सेनिको के साथ भी युद्ध जीत लेता है और अगर सेनापति को अपनी टीम पर कॉन्फिडेंस न हो, तो फिर लाखों सैनिक भी किसी काम के नहीं। तुम समझ रहे हो न? मैं क्या समझाना चाह रहा हूँ? तुम्हें अपनी टीम पर कॉन्फिडेंस दिखाना होगा। थोड़ी बहुत प्रॉब्लम आएगी, पर एक दो मैच के बाद यही लोग अपने काम में एक्सपर्ट हो जायेंगे। अब ये डाउट छोड़ो। एक दिन बाद ही तुम्हारी फ़्लाइट है, इसलिए अपने बैग पहले ही पैक कर लो।”
उसके बॉस ने इसके बाद डिस्कशन की कोई जगह नहीं छोड़ी थी। उसने “ओके सर” कहा और उसके कैबिन से बाहर निकल आया। वो अपनी डेस्क पर जाकर चुपचाप बैठ गया था। वो सोच रहा था,
Aniket (thinking) - बॉस आपने क़िताबी ज्ञान देकर अपने हाथ खड़े कर दिए। टीम ने सही से अपने काम नहीं किया, तो नाम मेरा आना है। अच्छा गेम खेला सर आपने मेरे साथ। (pause) ठीक है अनिकेत, जो होगा देखा जायेगा। तू अपना 101% दे। उसके बाद ऊपर वाले पर छोड़ दे, सब अच्छा ही गया।
यही सोचकर वो अपनी डेस्क से उठा और अपनी टीम के साथ एक-एक इंस्ट्रूमेंट चैक करने लगा। वो नहीं चाहता था, आख़िरी टाइम पर कुछ भी प्रॉब्लम हो। उसने अपनी टीम से कहा,
Aniket (worried) - टीम हर एक इंस्ट्रूमेंट चैक करो। सबको चलाकर देखो। हमारे VISA आ चुके है। हमें एक दिन बाद निकलना है, इसलिए कल के लिए हम कुछ भी काम पेंडिंग नहीं छोड़ सकते।
उसके अनाउसमेंट करते ही उसकी पूरी टीम खुश हो गयी थी। उनमें से कुछ लोग तो ऐसे भी थे, जिनको अपने काम में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं थी। वे सिर्फ़ दुबई घूमने के लालच से जा रहे थे। अनिकेत ये बात अच्छी तरह जानता था। उसने ये बात अपनी टीम को क्लीयर करने की कोशिश की। वो कुछ बोलने ही वाला था कि कुछ सोचकर रुक गया। वो सोच रहा था,
Aniket (thinking) - इन लोगों को सच बताने पर ये लोग जाने से इंकार भी कर सकते हैं, इसलिए न ही बताओ, वो ही अच्छा है। (pause) पर इन लोगों को वहाँ जाकर सच पता पड़ने पर पूरी बात मुझ पर आएगी, इसलिए इनको पहले सब-कुछ बता देना ही सही रहेगा। किसी ने भी कुछ भी ऑब्जेक्शन लिया, तो उसकी डायरेक्ट बॉस से बात करा दूंगा।
(To team) - मैं एक बात पहले ही क्लियर कर देना चाहता हूँ। आप लोग अगर दुबई घूमने के पर्पस से जा रहे हैं, तो अभी मना कर दीजिये, क्योंकि हमें वहां फर्स्ट वीक आइसोलेशन में रहना होगा, और उसके बाद मैच स्टार्ट हो हो जायेगे। मैच स्टार्ट होने के बाद कोई कही नहीं जा पायेगा।
उसकी इस बात ने कुछ कैंडिडेंट्स के कानों में बम फोड़ दिया था। वे कुछ खड़े होकर उसका चेहरा देख रहे थे।
क्या आख़िरी वक़्त पर उसको धोखा दे जाएगी उसकी टीम? क्या दुबई में हिना से मिल पायेगा अनिकेत? या फिर उसका मकान मालिक उसके साथ करने वाला है कोई बड़ा खेल?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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