अनिकेत अपने equipments, एक कार्गो प्लेन में लोड करवा चुका था। उसकी पूरी टीम फ्लाइट में बैठकर ख़ुश थी। ख़ासकर वे लोग, जो फ्लाइट में पहली बार बैठ रहे थे। उसने अपना ईयर पॉड निकाला और गाने सुनने लगा, तभी उसको एहसास हुआ, उसकी टीम को कभी भी उसकी ज़रूरत पड़ सकती थी, यही सोचकर उसने अपना ईयर पॉड ऑफ़ कर लिया। कुछ देर बाद अटेंडेंट ने अनाउंस किया, “सभी यात्रियों से निवेदन है कि यात्रा के दौरान अपना मास्क न उतारें, अपनी कुर्सी की पेटी बंधे रखें और अपना covid सर्टिफिकेट हाथ में ही रखें। कुछ ही देर मैं फ्लाइट उड़ान भरने वाली है।
ये अनाउंसमेंट सुनकर उसकी टीम का रोमांच और ज़्यादा बढ़ चुका था. फ़्लाइट ने उड़ान भरी। उसने पीछे घूमकर देखा, कुछ लोगों ने डरकर ऑंखें बंद कर ली थी, कुछ कलीग्स अपना फोन निकालकर उनका वीडियों बनाने लगे थे। कुछ अपनी सीट को पकड़कर अपने मन में कुछ बड़बड़ा रहे थे, हवा में जाने के बाद उनको शायद भगवान याद आने लगे थे। उनको यही बताया गया था कि भगवान आसमान में रहते हैं। इस नज़ारे को देखकर वो मुस्कुराएं बिना नहीं रह पाया था।
महज़ 4 घंटे के बाद उनकी फ़्लाइट दुबई के आसमान में थी। उसकी टीम को यकीन नहीं हो रहा था, इतनी जल्दी दुबई कैसे आ सकता था। उनमें से कैमरा-ऑपरेटर, लालसिंह ने हैरान होकर अपने कलीग से फुसफुसाकर पूछा, “यार इतनी जल्दी कैसे हम दुबई पहुँच सकते हैं। कही ऐसा तो नहीं दुबई का बोलकर ये सर हमें इंडिया में कही ले आये हो?” उसका कलीग पहले भी दुबई आ चुका था।
उसने मुस्कुराकर उससे बाहर देखने के लिए कहा। उसने प्लाइट की विंडो से बाहर देखा। बाहर कुछ बिल्डिंस नज़र आने लगी थी। फ्लाइट थोड़ी और पास पहुंची, तो हर ओर सिर्फ़ आसमान चूमती बिल्डिंग्स ही बिल्डिंग्स देखकर उसकी टीम के साथ-साथ अनिकेत ख़ुद भी दंग रह गया था। उसके एक टीम मेंबर ने मुस्कुराकर उससे कहा, “सर आप कुछ भी बोलिये, लेकिन ऊँठ के धंधे में प्रॉफिट तो है।” अनिकेत को पहले उसकी बात समझ नहीं आई, मगर जब आई तो खिलखिलाकर हँसे बिना नहीं रह पाया था।
फ्लाइट दुबई एयरपोर्ट पर लैंड हो चुकी थी। उसने अपनी टीम को नीचे उतरने के बाद कुछ इंस्ट्रक्शंस दिए। कुछ लोगों ने उसकी बातें सुनी और कुछ दुबई एयरपोर्ट की चकाचौंध में खो गए थे।
उसकी कंपनी को एक मिनी बस उनको लेने के लिए एयरपोर्ट पहुंच चुकी थी। वे लोग एयरपोर्ट से बाहर निकलकर बस में बैठे और अपनी मंज़िल की और चल पड़े। ऊँची- ऊँची आसमान चूमती काँच की बिल्डिंग्स, सड़कों पर फ़र्राटें भरती लग्ज़री कारें और साफ़ सड़कें देखकर उसकी पूरी टीम के साथ-साथ अनिकेत भी दंग रह गया था। उनको दुबई का नज़ारा, किसी हॉलीवुड फिल्म के विज़ुअल्स की तरह लग रहा था। दुबई देखकर उनको यकीन हो चला था कि एक ऐसी दुनिया भी एग्ज़िस्ट करती है, जहाँ आकर इंसान अचंभित रह जाता है।
उनकी मंज़िल थी दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में बने आइसोलेशन सेंटर, जहां वे लोग अगले 10 दिन के लिए एक ख़ास बायो-बबल में रहने वाले थे। लगभग 15 के बाद ही वे उस बड़े से स्टेडियम में पहुँच थे। मास्क यहां भी कम्पलसरी था। बस से उतरने से पहले उनका कोविड टेस्ट किया गया और पूरी टीम को आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया गया। अब रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी अगले 10 दिनों तक उनको यही पर रहना था.
उधर हिना भी दुबई लेंड हो चुकी थी। वो भी अपनी टीम के साथ स्टेडियम में आइसोलेटेड थी। उसने अनिकेत को कॉल किया। वो उस वक़्त अपने आइसोलेशन वार्ड में रेस्ट कर रहा था। उसने कॉल उठाया। हिना ने एक्साइटेड होकर पूछा,
Heena (excited) - हम लोग दुबई पहुँच चुके है, पर यहां इन लोगों ने हमें 10 दिन के लिए आइसोलेशन कर दिया है। बोल रहे हैं, 10 दिन से पहले आप इस सेंटर से बाहर नहीं आ सकते।
Aniket (excited) - तुम भी इसी स्टेडियम में हो? हम लोग भी तो यही पर है और हमें भी 10 दिन के लिए ही आइसोलेशन में रहने के लिए बोला गया है। तुम बोलों, तो रूल्स ब्रेक करके आ जाता हूँ, तुम्हारे पास।
Heena (offence & slow) - भूलकर भी ऐसी गलती मत करना। ये इंडिया-पाकिस्तान नहीं है। यहाँ के रूल्स बहुत स्ट्रिक्ट होते हैं। ज़रा सी गलती और सीधे तुम्हें वापस इंडिया भेज देंगे। यहाँ मेरे साथ और भी लोग है, उनके सामने मेरा ज़िक्र भी मत करना। मैं नहीं चाहती, यहां हमारे बारें में कुछ भी अफ़साना बने।
Aniket (asking) - क्या न बने?
Heena (explain) - अरे बाबा, अफ़साना। गाने नहीं सुनते क्या आप? “वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे एक ख़ूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा।” ये गाना नहीं सुना आपने?
Aniket (confused) - क्या पता? शायद सुना हो, अफ़साना वर्ड का मीनिंग नहीं पता मुझे।
Heena (explain) - means rumour. चर्चें। मैं नहीं चाहती यहां हर किसी की जुबां पर हमारे चर्चें हो।
Aniket (shocked) - इसमें चर्चें वाली कौन सी बात है? ज़रूरी तो नहीं हम लोग रिलेशन में ही हो। गर्ल और boys दोस्त नहीं हो सकते क्या?
Heena (blushing) - हो सकते हैं न, क्यों नहीं हो सकते, पर आपके सामने आते ही मैं ब्लश करने लगूँगी और मेरी टीम के लोग समझ जायेंगे।
Aniket (excited & romantic) - ओहो..... मतलब न न करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे। तुमने तो कहाँ था, हम बस अच्छे दोस्त है, और कुछ नही, फिर तुम पर अचानक ये सावन कैसे बरसने लगा।
ये बात अनिकेत ने ज़रा रोमांटिक अंदाज़ में कही। हिना उसकी बात सुनकर थोड़ा शर्मा गयी थी। उसने जल्दी से बाय कहा और फोन काट दिया।
अनिकेत ने दुबई आने पर हिना से मिलने का ख़्वाब देखा था। वो अक्सर अकेले में सोचता रहता था,
Aniket (thinking) - हिना से पहली बार मिलने जाऊँगा, तब वो ब्लू शर्ट पहन कर जाऊँगा, पर पहली बार मिलने पर मुझे ख़ुद को शर्म आ जाएगी। पता नहीं भगवान ने मुझे लड़कियों के चक्कर में इतना कमज़ोर क्यों बनाया है? मुझे लड़कियों की तरह शरमतें देख वो क्या सोचेगी मेरे बारें में?
मैं ऐसा करूँगा, कही छुप जाऊँगा। पहले हिना को देखूंगा, फिर उसके पीछे से जाऊंगा। उसने तो मुझे देखा भी नहीं है, पसंद तो आ जाऊँगा न उसे? (Confident) हाँ, पसंद क्यों नहीं आऊंगा? क्या कमी है मुझमें?
सोचकर वो कभी आईने में तो कभी मोबाइल के कैमरे में अपने आप को मुस्कुराता हुआ निहारने लगता। कभी रात को उससे बाद करने के बाद वो इतना रोमांटिक हो जाता था कि सोचने लगता था,
Aniket (thinking ) - हिना को शायरी बहुत पसंद है। मुझे कुछ शायरी याद कर लेना चाहिए। हिना को इम्प्रेस करने में काम आएगी।
इक बार वो फुटपाथ पर मिलने वाली शायरी की एक पॉकेट बुक ख़रीद भी लाया था। उसको फुल कॉन्फिडेंस था कि अब तो हिना भी वाह-वाह कर ही देगी। उससे बात करते टाइम उसने शायरी की पॉकेट बुक निकालकर, उसको पूरे कॉन्फिडेंस के साथ एक शायरी सुना दी तो। उस शायरी को सुनकर हिना कुछ देर ख़ामोश रही थी और फिर पेट पकड़कर हँस-हँस कर लोट-पोट हो गयी थी। उसने मुश्किल से हँसी रोककर पूछा था,
Heena (laugh) - सच बताना, आपने ये शायरी फुटपाथ पर बिकने वाली 10 रुपए वाली बुक से पढ़कर सुनाई है न?
Aniket (confused) - हाँ, तुम्हें कैसे पता चला?
Heena (fun) - उस शायरी का लेवल देखकर ही हमें समझ आ गया था। हमारे 10 साल का बच्चा इससे अच्छी शायरी कर लेता है।
अनिकेत की चोरी पकड़ी गयी थी। बेचारा इम्प्रेस करने के चक्कर में इमबेरिस हो गया था। उस दिन हिना उसका काफ़ी देर तक मज़ाक बनाती रही थी। अपना मज़ाक बनते देख वो अपसेट हो गया था। उसने हिना से कहा था,
Aniket (upset) - तुम्हें शायरी पसंद है, इसलिए मैंने कोशिश की थी। मुझे उर्दू सुनना पसंद है, पर वो समझ नहीं आती है मुझे। तुम्हीं बता दो अच्छी शायरी कहा मिलेगी मुझे।
Heena (advised) - इंटरनेट पर और कहाँ। फ्री टाइम में अच्छे शायरों को पढ़ना शुरू कर दीजिये। आपके यहां तो ग़ालिब जैसे शायर हुए हैं।
हिना उस दिन उसकी टांग खिंचाई के फुल मूड में थी। उसने ग़ालिब का शेर टाइप किया और सेंड कर दिया था। उसने उस शेर को किताब की तरह पढ़ा,
Aniket (reading ) - रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल, जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।”
एक बार पढ़ने पर उसे कुछ समझ नहीं आया था। उसने दोबारा पढ़ा, तीसरी बार भी पढ़ा, पर समझ नहीं आया था। आख़िर में हारकर उसने हिना से उससे मतलब पूछ लिया था। हिना ने मतलब तो नहीं बताया, पर उसको अनिकेत का मज़ाक बनाने का टॉपिक ज़रूर मिल गया था। उस दिन के बाद से उसने कसम खा ली थी कि अब वो शायरों को पढ़ना शुरू करेगा। वो शायरी भी सीखेगा और उर्दू भी।
उसके बाद उसने कई बड़े-बड़े शायरों के शेर याद कर लिए थे। उसने हिना को इस बारे में कुछ नहीं बताया था. उसने सोच लिया था कि,
Aniket (thinking) - अब मैं हिना को इस बारे में कुछ नहीं बताऊंगा। उसको पहली बार मिलने पर ही शायरी सुनाऊँगा। चौंक जाएगी वो भी।
दुबई आने से पहले कुछ ज़्यादा ही सोच लिया था उसने। हिना के साथ अपनी पहली रोमांटिक डेट के सामने देखे थे उसने, पर यहां आने पर सिचुएशन पूरी तरह बदली हुई थी। यहां रोमांटिक डेट्स तो दूर की बात, एक कमरे में पिछले 5 दिन हो गए थे उनकी टीम को। उसकी पूरी टाइम अब फ़्रस्टेटेड होने लगी थी। वे लोग उससे बार-बार कम्प्लेन कर रहे थे, पर उसके हाथ में यहां कुछ नहीं था।
इसी तरह के हाल हिना और उसकी टीम के थे। न बाहर निकलना हो पा रहा था और न ही उसकी प्रैक्टिस हो पा रही थी। बस एक जगह रहते-रहते टायर्ड होने लगी थी उसकी टीम।
दिन एक दूसरे का चेहरा बदलते हुए गुज़र रहे थे और रातें करवट बदलते हुए।
6th days आते-आते वो बहुत ज़्यादा फ्रस्टेट हो चुकी थी। उसने सोच लिया था, वो अब यहां नहीं रहेगी। उसने अपना बैग पैक किया और वहां से बाहर निकलने की फिराग़ में थी। उसको उसकी टीम ने मुश्किल से रोका। उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनकर मेनेजमेंट वहां पहुँच गया था। उसने मेसेजमेंट से अपनी नाराज़गी बताते कहा,
Heena (disoppointed) - आप हमें एक बात बात बताइये? आपने हमारा कोविड टेस्ट किया है न? इतने लोगों में से कोई भी पॉसिटिव निकला है क्या? नहीं न? फिर हमें बाहर क्यों नहीं निकलने दिया जा रहा है?
उसके तेवर देखकर मेनेजमेंट के लोग एक-दूसरे को देख रहे थे। उसमें से एक ने कहा, “हमें ऊपर से आर्डर मिले हुए है, आपको 10 दिन आइसोलेशन में रखने के। आपको ऑब्जेक्शन है, तो आप सीधे हाई-कमान से बात कीजिये। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। और सबसे आप मास्क लगाइये। यहाँ रूल्स तोड़ने की कोशिश की, तो हम सीधे इन्फॉर्म कर देंगे।”
Heena (angry) - हमें आइसोलेशन में रहने में कोई प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन हमें कम से कम प्रैक्टिस की जगह तो मिलनी चाहिए न? यहां छोटे-छोटे वार्ड बनाकर बैठा रखा आप लोगों ने हमें। इस तरह तो बंदा और ज़्यादा बिमार हो जायेगा भाई।
“मैडम हम कुछ नहीं कर सकते। आप प्लीज़ यहां चिल्लाना बंद कीजिये। यहां और भी लोग है।” उसने कहा और वे लोग वापस चले गए। हिना वापस अपने वार्ड में आकर बैठ गयी थी। वो आज इतने ग़ुस्से में थी कि कुछ भी कर सकती थी। उसने अपने डायरेक्ट अपने अब्बा को कॉल किया। उसके अब्बा ने जैसे ही कॉल रिसीव किया, वो ग़ुस्से में बोली,
Heena (angry & loud) -अब्बा हम वापस आ रहे हैं। हमें नहीं करनी ऐसी जॉब। पागल कर देंगे ये लोग हमें।
उसके अब्बा ने अपनी बेटी को इससे पहले कभी इतनी ऊँची आवाज़ में बात करते नहीं सुना था। उसका ग़ुस्सा सुनकर उसके अब्बा भी चौंक गए और घबराकर पूछा, “पर बेटा हुआ है? आप इतना हाइपर क्यों हो रहे हैं? किसी ने आपको तंग किया क्या? आप हमें बस उसका नाम बता दीजिये एक बार, जिसने आपको तंग किया है।”
Heena (explain) - अब्बा यहाँ हमें कौन तंग करेगा? मेनेजमेंट के लोगों के अलावा और कौन तंग करेगा हमें? पिछले 5 दिनों से आइसोलेशन के नाम इन लोगों ने हम सभी को छोटे-छोटे वार्ड में कैदियों की तरह बैठा रखा है। न प्रैक्टिस करने दे रहे और न ही बाहर निकलने दे रहे। कुछ बोलों तो बोलते है हाईकमान से बात कीजिये।
“पर बेटे कोविड के प्रोटोकॉल तो फॉलो करने होंगे न? उसके अब्बा ने उसको समझते हुए कहा।
Heena (agreed) - हम कहा, मना कर रहे हैं, पर इन लोगों ने सभी को एक बड़े से हाल में छोटे-छोटे वार्ड में बैठा रखा, ये कौन सा प्रोटोकॉल है?
“अच्छा ऐसी बात है, आप 5 मिनिट दीजिये हमें। हम बताते हैं इनको प्रोटोकॉल। हमारी बेटी को भेड़-बकरी समझ रखा क्या। बस 5 मिनिट रुको बेटा।” इतना बोलकर उसके अब्बा ने फोन काट दिया। हिना मुस्कुरा दी थी। उसको पता था, अब वहां क्या होने वाला था.
अपनी बेटी के लिए क्या करने वाला था कर्नल असलम खान? क्या अब हिना के साथ-साथ अनिकेत की टीम को भी आइसोलेशन से मिलने वाली मुक्ति? या फिर मैनेजमेंट हिना को फिर से भेज देना पाकिस्तान?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
No reviews available for this chapter.