हर insaan का कोई ना कोई ऐसा पास्ट ज़रूर होता है जिसे वो किसी से बताने की हिम्मत नहीं कर पाता. क्योंकि अपनी गलती मानने के लिए हिम्मत की ज़रुरत होती है. आज विक्रम भी कुछ ऐसी ही हिम्मत दिखाने जा रहे हैं. वो आज अपने मन से सारा बोझ उतार देना चाहते हैं. उनसे अब ये बोझ और बर्दाश्त नहीं हो रहा. आज पहला मौका है जब उन्होंने इतना बड़ा फैसला अपने पिता की सलाह लिए बिना ही लिया है. इसी वजह से उन्होंने ये फैमिली मीटिंग बुलाई है.
सभी लोग विक्रम के रूम में मौजूद हैं. हर कोई उनके बोलने का इंतज़ार कर रहा है. कुछ देर चुप रहने के बाद उन्होंने एक लम्बी सांस लेकर अपनी बात कहनी शुरू की. वो kehte hain कि बीते दिनों उनकी अचानक बिगड़ी तबियत ने घर के हर शख्स के लिए परेशानी खड़ी की. वैसे तो ये एक फैमिली का फ़र्ज़ है लेकिन जिस तरह से सबने उनकी देखभाल की उसके लिए वो सबको थैंक यू कहना चाहते हैं. इसके साथ ही वो ये वजह भी बताना चाहते हैं कि आखिर उन्हें अटैक आया क्यों.
हर कोई उनकी बातों को गौर से सुन रहा tha. वो कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि हार्ट अटैक किसी स्ट्रेस की वजह से आया था. स्ट्रेस तो वो तभी से ले रहे हैं जबसे बिजनेस सम्भाला. लेकिन उन्हें कभी कुछ नहीं हुआ. उन्होंने आगे कहा कि ये अटैक स्ट्रेस की वजह से नहीं बल्कि उस राज़ की वजह से आया था जो सालों से उनके दिल पर एक बोझ की तरह raha hai.
ये सुनते ही दादा जी हैरान रह जाते हैं. वो उन्हें चुप रहने का इशारा भी करते हैं लेकिन आज विक्रम चुप होने के मूड में बिलकुल नहीं हैं. आरव मन ही मन सोचता है कि उसे सब पता है और वो इस बात का शुक्र मनाता है कि उसके पापा ने सच बोलने की हिम्मत तो की.
विक्रम- आज मैं अपने कई raaz बताने वाला हूँ. इनमें से कुछ इस फैमिली के कई मेंम्बर्स को पता है लेकिन कुछ ऐसे सीक्रेट्स हैं जिनके बारे में किसी को नहीं पता. सबसे बड़ा सीक्रेट है कि मेरा एक छोटा भाई भी है. जो सालों पहले परिवार छोड़ कर चला गया था.
ये बात सिर्फ निशा और माया के लिए चौंकाने वाली थी क्योंकि बाकी सबको इसके बारे में पता था. निशा कुछ बोलना चाहती थी मगर उसने खुद को चुप रखा. विक्रम ne उन्हें राजेश के बारे में सब कुछ बता दिया लेकिन अभी उसका नाम नहीं लिया. इसके बाद उन्होंने बताया कि आखिर राजेश घर छोड़ कर क्यों गया था.
विक्रम ने बताना शुरू किया कि राजेश ने छोटी उम्र में बड़ी जिम्मेदारी लेने का फैसला लिया था. उसे शुरुआत से ही अमीर बनने का बहुत शौक था. उसे पता था कि सिर्फ अमीर घर में पैदा होने से कोई अमीर नहीं बनता बल्कि इसके लिए आपको खुद को काबिल साबित करना चाहता था. उसे लगा कि खुद को काबिल साबित करने के लिए जमा जमाया बिजनेस ही सबसे बेस्ट रास्ता है. उसकी संगत खराब थी, जिसके बारे में सिर्फ विक्रम ही जानते थे. उन्होंने उसे बहुत बार समझाया लेकिन वो नहीं माना. उसने पिता जी से कहने का भी सोचा लेकिन फिर उन्होंने ये सोच कर अपना इरादा बदल दिया कि समय के साथ वो खुद ही सुधर जाएगा. जब उसने बिजनेस सम्भालने का फैसला किया तो विक्रम को यही लगा कि शायद उसे पिता जी की परेशानियां देख कर अक्ल आ गयी है.
लेकिन ऐसा नहीं था, उसे बस अपने हाथों में कंट्रोल चाहिए था जिससे कि वो मनमाना खर्च कर सके. उसने पिता जी से ये कह कर और पैसे लगवा लिए कि बिजनेस को और बड़ा करना है. इसके साथ ही उसने इसके लिए २ साल का टाइम माँगा. उसके हिसाब से वो दो साल तक बिजनेस से आने वाला प्रॉफिट बिजनेस में ही लगाने वाला था. पिता जी ने भी उस पर यकीन कर के उसे पैसे दे दिए. लेकिन वो उन पैसों से ऐय्याशी करता रहा. विक्रम अपने संगीत में खोये हुए थे और राघव राजेश पर yakeen कर के उससे कुछ पूछते नहीं थे. वो अपने साथ फैक्ट्री के dusre स्टाफ को भी खूब ऐश करवाता था. जिस वजह से उसकी धोखाधड़ी परिवार तक नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन जब बिजनेस का घाटा सामने आने लगा तो राजेश घबरा गया.
उसने उन सभी से इस सलाह मांगी जिन्होंने उसके साथ मिल कर बिजनेस के पैसे उडाये थे. सबकी सलाह से ये तय हुआ कि फैक्ट्री में अगर कोई बड़ा नुक्सान हो जाए तो उन्हें खर्च किए पैसों का कोई हिसाब नहीं देना होगा. जिसके बाद उन्होंने एक purani मशीन में आग लगवाई और फैसला किया कि वो इसे नया प्लांट बता कर इसके नुक्सान से अपना झूठ छुपा लेंगे. उस एक्सीडेंट में 5 मजदूर जल कर मर गए. राजेश को लग रहा था कि इन सबके बारे में घर पर किसी को पता नहीं चलेगा लेकिन उनकी कंपनी में एक ईमानदार employee भी था, जो शुरू से राजेश की हरकतें नोटिस कर रहा था. उसने कई बार राजेश को समझाने की कोशिश भी की लेकिन उसने उल्टा उसको ही धमका दिया. वो डर के मारे कभी सच नहीं बोल पाया लेकिन 5 लोगों की जान जाने का सदमा वो बर्दाश्त नहीं कर पाया और हादसे के तुरंत बाद उसने घर जा कर राजेश की करतूतों का पर्दाफाश कर दिया. इसके बाद भी राजेश घर आ कर apni सफाई देना चाहता था.
इधर घर में राघव शर्मा को पहली बार किसी ने इतने भयानक गुस्से में देखा था. वो कह रहे थे कि वो एक बार के लिए उसके उडाये पैसों की बात भुला कर उसे माफ़ भी कर सकते हैं लेकिन उन पांच मजदूरों का खून वो कभी माफ़ नहीं कर सकते. उनकी आँखों में ऐसा गुस्सा दिख रहा था कि राजेश को सामने dekh कर वो ना जाने क्या कर दें. विक्रम को इस बात का डर था कि कहीं गुस्से में पिता जी राजेश के साथ कुछ अनहोनी ना कर दें.
विक्रम ने बताया कि वही थे जिन्होंने राजेश को लौट कर घर ना आने के लिए कहा था. ये बात दादा जी भी नहीं जानते थे. विक्रम को भी गुस्सा था मगर वो कभी नहीं चाहते थे कि rajesh ke साथ बुरा हो. विक्रम को झटका तब लगा जब उन्हें पता चला कि राजेश बिजनेस के 5 लाख रुपये लेकर भाग गया है. बिजनेस डूबने की कगार पर आ गया. शर्मा फैमिली सड़क पर आने वाली थी. ये सब देख कर दादा जी ने पूरे परिवार के सामने कहा कि आज से राजेश के साथ उनका कोई रिश्ता नहीं और ना उसकी कोई बात अब घर में होगी. इसके लिए उन्होंने सबको अपनी कसम दी. Jiske बाद विक्रम ने डूबते बिजनेस में हाथ डाला और उसे जैसे तैसे फिर से खडा किया. उन्होंने मरने वाले 5 मजदूरों के परिवार को मुआवजा भी दिया.
दो saalon में कंपनी फिर से पहले की तरह चल पड़ी. ये सब विक्रम की मेहनत का कमाल था. वो वक़्त के साथ राजेश को लेकर नर्म पड़ने लगे थे लेकिन राघव ji के मन में उसके लिए गुस्सा बैठ गया था. बिजनेस dobara से चलने के 3 साल बाद एक दिन विक्रम को राजेश का फोन आया. वो फोन पर ये कह कर रोने लगा कि उसके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं हैं. वो इस हाल में रहा तो मर जाएगा. विक्रम को हैरानी हुई कि आखिर उसने 5 लाख का किया क्या मगर उन्होंने तब उस बारे में नहीं पूछा क्योंकि भाई का रोना सुन कर उनका मन भी पिघल गया. उनका मन हुआ कि वो उसे वापस घर बुला लें लेकिन ऐसा करने से पहले उनके सामने पिता जी का चेहरा और उनकी कसम आ गयी.
उन्होंने सोचा कि क्यों ना राजेश को विदेश भेज दिया जाए. वो वहां नयी जिंदगी शुरू कर सकता है. कुछ साल बीतने के बाद जब पिता जी का गुस्सा शांत होगा तब उसे बुला लिया जायेगा. विक्रम ने उसके लिए पैसों का इंतजाम किया, अपने एक ट्रेवल एजेंट दोस्त से बात कर उसके लिए कनाडा का वीज़ा इशु करवाया. लेकिन विक्रम को उस समय dobara झटका लगा जब उसे पता चला कि राजेश कनाडा गया ही नहीं. उसने पिछले और अभी के सब पैसे क्रिकेट बेटिंग में लगा दिए थे और हार गया था. विक्रम ने दुबारा उससे बात करने की कोशिश भी की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.
विक्रम की कई बातों ने दादा जी तक को हैरान कर दिया था. उन्हें भी आज तक इस बारे में नहीं पता था. विक्रम ने कहा कि उनकी गलती बस यही thi कि उन्होंने अपने परिवार से छुपा कर अपने भाई की मदद करनी चाही मगर उसने उसे हर बार धोखा दिया. पूरा परिवार इस समय सदमे में था, ख़ास कर निशा और माया जिन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता था. आरव को राजेश पर इतना yaken हो गया था कि उसे अपने पापा की बातें एक झूठी कहानी लग रही थीं. उसका बार बार मन हो रहा था कि वो उनसे कहें कि वो पूरा सच क्यों नहीं बताते मगर पापा की कंडीशन देख कर वो चुप रहा.
निशा- पापा आपने इतनी बड़ी बात हमसे क्यों छुपायी? क्या आपको नहीं लगा कि हमें अपने अंकल के बारे में जानना चाहिए?
दादा जी- निशा, इसमें विक्रम की कोई गलती नहीं. मेरे कहने पर किसी ने उसके जाने के बाद उसके बारे में बात नहीं की. मैं कुछ भी माफ़ कर सकता था लेकिन un 5 बेगुनाह गरीबों का खून कभी नहीं माफ़ कर पाता. चाहे जिसके भी मन में उसके लिए दया आ जाये मगर मेरे मन में उस khooni के लिए दया नहीं आएगी. सुमित्रा तो उसकी माँ है, उसी से पूछ लो कि क्या वो अपने बेटे को कभी माफ़ कर पायेगी? जिन मजदूरों को हमने अपना परिवार माना, जिन्होंने हमारे बिजनेस के लिए अपनी मेहनत झोंक दी, उन्हें मारने में उसने एक मिनट नहीं सोचा. बताओ ऐसे khooni के बारे में मैं अपने पोता पोती से क्या कहता?
निशा इस बात पर कुछ बोल नहीं पायी. आरव को अभी भी यही लग रहा था कि दादा जी और पापा खुद को अच्छा साबित करने के लिए uske chacha को बदनाम कर रहे हैं. आरव ये भी नहीं सोच पा रहा था कि जिस सच को पूरी फैमिली नहीं जानती थी उसे भला विक्रम का कोई पुराना दोस्त कैसे जान पाता? राजेश के बारे में बताते हुए विक्रम ने उसका नाम नहीं लिया था. इसीलिए आरव अभी भी सोच रहा है कि यहाँ रंजन अंकल की बात हो रही है.
आज शर्मा परिवार सदमे में था, हर किसी को वो पता चला था जिसके बारे में आज से पहले वो नहीं जानते थे. वादा तोड़ने के लिए दादा जी को विक्रम पर गुस्सा होना चाहिए था मगर उन्हें उस पर गर्व हो रहा था. भले ही उन्हें अपने छोटे बेटे से नफरत हो मगर उसके लिए विक्रम ने जो किया उसने उनका दिल जीत लिया. उन्हें पता था उनका बेटा कभी कुछ गलत नहीं कर सकता.
विक्रम और दादा जी ने अभी तक सबको ये नहीं बताया था कि राजेश लौट आया है और अब उसे बिजनेस में से हिस्सा चाहिए, नहीं तो वो इस फैमिली के टुकड़े कर देगा. विक्रम इस समय परिवार को दो दो झटके नहीं दे सकते थे. इसीलिए उन्होंने सबसे ये बात छुपायी.
कोई कुछ बोलता इससे पहले ही neeche से कबीर के चिल्लाने की आवाज़ आई..
कबीर- देखो देखो कौन आया. सब लोग नीचे आइये.
कबीर की आवाज़ ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. हर कोई ये सोचने लगा कि आखिर कौन आया होगा? दादा जी का दिल एक बार फिर से ये सोच कर जोंरों से धड़कने लगा कि कहीं ये राजेश तो नहीं..
कौन है शर्मा परिवार में आया ये नया मेहमान, कहीं ये राजेश तो नहीं? क्या आरव सच को जान पाएगा? क्या उसके सामने राजेश की सच्चाई आएगी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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