कबीर ने अपने कंप्यूटर पर एन्क्रिप्टेड मैसेज को डिक्रिप्ट किया। स्क्रीन पर एक नाम और कोऑर्डिनेट्स उभरे। यह लोकेशन ढाका से करीब 50 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी क्षेत्र की ओर इशारा कर रही थी—रंगामाटी हिल्स। कबीर ने लोकेशन की जानकारी टीम को दी। मेजर खान और फरीदा के चेहरे पर हैरानी दिखाई देने लगी।  

"रंगामाटी?" मेजर खान ने गहरी सांस लेते हुए कहा। "आप लोग मजाक तो नहीं कर रहे? यह जगह एक मिलिटरी जोन है। वहां जाना मतलब बांग्लादेश आर्मी के साथ सीधा पंगा लेना। बिना अनुमति के वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।"  फरीदा ने बात को आगे कहा, "यह जगह आम नागरिकों के लिए प्रतिबंधित है। और अगर आप वहां पकड़े गए, तो वापस आना नामुमकिन है। आपको एक बार उससे कन्फर्म पूछना चाहिए की यहीं वह जगह है भी या नहीं!  

फरीदा की बात सुनते ही कबीर ने वापस मैसेज किया। कुछ ही पलों में उसे वापस जवाब मिला, और लोकेशन कन्फर्म हो गई। मीरा ने कहा, 

मीरा: "यह तो साफ है कि हमें वहां जाना होगा। अगर यह ट्रैप भी है, तो हमें इसे फेस करना होगा। हमें किसी भी कीमत पर 'हॉक आई' को पकड़ना है।"

विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विक्रम ने अपनी टीम को देखते हुए कहा, 

विक्रम: मेजर खान, हम आपकी चिंता समझते हैं। लेकिन हमें इस मिशन को अंजाम देना ही होगा। सहदेव और मीरा, तुम दोनों इस लोकेशन पर जाओ। कबीर, तुम बेस से हर मूवमेंट ट्रैक करोगे। अदिति, तुम यहां सपोर्ट के लिए तैयार रहोगी। यह हमारी सबसे बड़ी चाल होगी, और इसमें कोई चूक नहीं होनी चाहिए।"  

सहदेव और मीरा ट्रांसपोर्ट कंपनी की गाड़ी में उस लोकेशन की ओर बढ़े। रास्ता सुनसान और घुमावदार था। जैसे-जैसे वे रंगामाटी के करीब पहुंचे, एक बड़ा मिलिटरी बेस उनकी नजरों के सामने आया।

मीरा: "यह तो सच में मिलिटरी बेस है,"

सहदेव: "अगर हमें यहां पकड़ा गया, तो यह मिशन यहीं खत्म हो जाएगा।"

मीरा: “बस, ध्यान से चलते रहो। हमें दिखने में साधारण ट्रांसपोर्ट वर्कर लगना चाहिए।”

जैसे ही वे बेस से कुछ दूरी पर थे, अचानक एक गाड़ी उनके सामने आकर रुक गई। यह गाड़ी पुरानी थी, लेकिन उसके काले शीशे और मटमैले नंबर प्लेट ने ऑफ रोडेर बना दिया था। गाड़ी का ड्राइवर खिड़की से हाथ निकालकर इशारा करता है कि वे उसका पीछा करें। दोनों ने उस गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। गाड़ी ने अपना रास्ता बदला और मिलिटरी बेस से दूर एक सुनसान इलाके की ओर बढ़ने लगी।

बेस पर बैठा कबीर उस गाड़ी की नंबर प्लेट को ट्रैक करने लगा। कुछ ही देर में उसने जानकारी निकाल ली।  

कबीर (चौंकते हुए): "यह गाड़ी तो सालों पहले स्क्रैप हो चुकी थी! "यह वही है—हॉक आई। वह हमें गुमराह कर रहा है, लेकिन अब वह हमारे रडार पर है।

घाटी बेहद सुनसान थी। चारों ओर ऊंची-नीची चट्टानें और घने पेड़ थे। जमीन पर बिखरे सूखे पत्ते और पत्थरों के बीच से ठंडी हवा की सरसराहट साफ सुनाई दे रही थी। घाटी में सूरज की रोशनी मुश्किल से पहुंच रही थी, और माहौल में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था। सड़क किनारे घास और झाड़ियों ने रास्ते को लगभग ढक लिया था। यह इलाका ऐसा लग रहा था, जैसे समय ने इसे भुला दिया हो। कहीं-कहीं जंग खाई हुई लोहे की बाड़ दिखती थी, जो शायद किसी पुराने रास्ते की निशानी थी। घाटी का यह हिस्सा पूरी तरह वीरान और अनदेखा लग रहा था।

गाड़ी घाटी के बीचोंबीच एक खुले से हिस्से में जाकर रुक गई। गाड़ी का इंजन बंद होते ही सन्नाटा और गहरा हो गया। कुछ ही पल बाद, गाड़ी का दरवाजा खुला, और उसमें से एक शख्स बाहर निकला। उसने काले कपड़े पहने हुए थे, और उसका चेहरा एक मास्क से ढका हुआ था। उसकी चाल में एक अजीब सी ठहराव था, मानो वह अपने हर कदम को मापकर रख रहा हो।  मास्क पहना हुआ शख्स बिना रुके घाटी के घने जंगल की ओर बढ़ने लगा। उसके कदम स्थिर और आत्मविश्वास से भरे हुए थे।

मीरा ने सहदेव को इशारा किया, "हमें उसके पीछे चलना होगा”। दोनों गाड़ी से उतरे और उस आदमी के पीछे चलने लगे।  

सहदेव: "यह आदमी हमें जंगल के अंदर ले जाना चाहता है, हो सकता है, यह एक ट्रैप हो।"

मीरा: "हो सकता है। लेकिन अगर यह ट्रैप है, तो यह आखिरी बार होगा जब वह हमें धोखा देगा,

मास्क पहना शख्स जंगल के घने हिस्से में एक साफ जगह पर जाकर रुकता है। सहदेव और मीरा ने अपनी धड़कनों को काबू में रखते हुए सावधानी से उसकी ओर कदम बढ़ाए। वह एक टक उनकी ओर घूर रहा था। उसका चेहरा पूरी तरह मास्क से ढका हुआ था, और उसकी आवाज अजीब और मशीन जैसी थी—यह साफ था कि उसने वॉयस चेंज डिवाइस का इस्तेमाल किया था। "तुम दोनों ने ऐसा कांट्रैक्ट क्यों डाला?" मास्क वाले ने सीधी बात की।

सहदेव ने बिना झिझक जवाब दिया।

सहदेव: यह मेरी बहन का मामला है। एक भारतीय ने उसे शादी का झांसा दिया और फिर भाग गया। अब मैं चाहता हूं कि उसके पूरे खानदान को खत्म कर दूं।

उस शख्स ने हल्की हंसी के साथ कहा, "यह काम तो कोई भी कर देगा। डार्क वेब पर आने की क्या जरूरत थी?"

सहदेव: “मुझे इसे हादसे की तरह दिखाना है। और अगर बम धमाकों या दंगों में कुछ और भारतीय मारे जाएं, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस देश के प्रधानमंत्री को घर में घुसकर मारा जा सकता है, वहां यह तो आम बात होनी चाहिए।”

मास्क पहने शख्स उनकी बात सुनकर कुछ पल के लिए चुप हो गया। उसके खड़े होने का तरीका थोड़ा बदल गया, जैसे वह इस नई जानकारी पर विचार कर रहा हो। "हम्म," उसने धीरे से कहा। "तो तुम सिर्फ बदला लेना चाहते हो, और वह भी इस तरह कि किसी को पता न चले। यह दिलचस्प है।"

इसी बीच, सहदेव और मीरा के कानों में लगे डिवाइस से कबीर की आवाज सुनाई दी। 

कबीर: "सहदेव, मीरा, सुनो! तुम्हारी ओर तेजी से चार से पांच गाड़ियां बढ़ रही हैं। वे तुम्हारी लोकेशन के करीब पहुंचने वाली हैं।  

जंगल की शांति अब भंग होने वाली थी। गाड़ियों की आवाज धीरे-धीरे पास आने लगी थी। सहदेव और मीरा ने खुद को संभालते हुए मास्क पहने शख्स को देखते रहे।  

घाटी में अचानक तेज गाड़ियों की आवाज चारों तरफ गूंज उठी। गाड़ियों के पहियों से उड़ी धूल ने पूरे इलाके को ढक लिया, और इससे पहले कि सहदेव और मीरा कुछ समझ पाते, चारों ओर बांग्लादेश मिलिटरी के जवान उतर चुके थे। उनकी बंदूकें और निगाहें, हर हरकत पर गहरी नजर रख रही थीं।

गाड़ी में बैठ एक अफसर बाहार आया और उन तीनों को गौर से देखने लगा! फिर अपनी बंदूक से एक फायर हवा में किया और कहा—"तुम लोग यहां क्या कर रहे हो?"

मास्क पहने शख्स ने अब बोलना चालू किया। इस बार उसकी आवाज नॉर्मल थी। मिलिटरी को देखकर उसने अपना वॉयस चैन्जिंग डिवाइस बंद कर दिया था। उसने लोकल भाषा में ही उनसे कुछ बातें करना शुरू की। सैनिकों की आंखें मीरा और सहदेव पर टिक गईं। उनकी असहजता और घबराहट सैनिकों को और भी सतर्क कर रही थी। जवानों ने उनके आइडी की मांग की। सहदेव और मीरा के पास अपनी फेक आइडेंटिटी थीं, लेकिन जवानों को उन पर शक हुआ।

तभी मास्क पहने शख्स ने अपनी चाल चली। उसने एक और कहानी गढ़ दी—कि दोनों घर से भागे हुए प्रेमी हैं, और उनकी घबराहट का कारण यही है। यह एक ऐसा झूठ था, जो सुनने में बेहद आम लग रहा था लेकिन उस वक्त सटीक साबित हुआ। मिलिटरी अफसरों ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी। वे वहां से तुरंत जाने को कहकर मुड़े। मास्क पहना शख्स भी अपनी गाड़ी की ओर बढ़ा। लेकिन जाते-जाते उसने कुछ फेंका—एक छोटी सी पर्ची। वह पर्ची हवा में लहराती हुई जमीन पर गिरी। सहदेव ने तुरंत उस पर्ची को उठाया और वह दोनों भी वहाँ से निकल गए।  

जैसे ही वे बेस पहुंचे, सहदेव ने बिना कुछ कहे पर्ची कबीर को दे दी। कबीर तुरंत अपने सिस्टम पर बैठ गया। पर्ची पर लिखे कोड को देखते ही उसकी उंगलियां तेजी से कीबोर्ड पर चलने लगीं।  

अदिति ने सहदेव और मीरा से पूछा की वह ठीक है न? जिसके जवाब में दोनों ने ही हाँ मैं सिर हिलाया। कुछ ही देर में कबीर ने पर्ची पर लिखे कोड को डिकोड कर लिया। स्क्रीन पर एक नई जगह के कोऑर्डिनेट्स आ गए। कबीर ने अपनी टीम को यह जानकारी देते हुए कहा, "यह लो। उसने हमें एक नई लोकेशन भेजी है।"

सहदेव ने लोकैशन देखते हुए गुस्से से कहा, "यह आदमी हमें नचा रहा है। हर बार नई लोकेशन और नई चाल। मेरा बस चले तो इसे देखते ही गोली मार दूं।"

कबीर ने स्क्रीन से नजर हटाए बिना सहदेव से कहा, "यह कितना भी चालाक हो, इसने एक गलती कर दी है। और यही गलती इसे बेनकाब करेगी । सहदेव ने उससे कहा "क्या गलती?"

टीम गांडीव के लिए यह पल एक बड़ी उम्मीद बन गई। 'हॉक आई' जितना भी चालाक था, उसने अपनी चालाकी में ही एक सुराग छोड़ दिया था। क्या है यह सुराग जो कबीर को मिल गया है? जानने के लिए पढ़ते रहिए  

Continue to next

No reviews available for this chapter.