सुबह की यह शांति न जाने कितने दिनों बाद महसूस हुई। सुबह की यह ठंडी ठंडी हवा… कार की एसी से आती हुई। रेडियो पर ओल्ड इज गोल्ड म्यूजिक मैं तो रास्ते से जा रहा था, मैं तो भेलपूरी खा रहा था, रास्ते से जा रहा था भेलपूरी खा रहा था लड़की घुमा रहा था, ऊ तुझे मिर्ची लगी तो मैं क्या करूँ? वाइब है भाई वाइब है। यह सब सोचकर मन में लड्डू फूटा, मैंने भगवान से बोला भगवान थैंक यू, पार्टी लेगा? पिज्जा खाएगा पिज्जा? अब भगवान का दिया हुआ सब कुछ था। अच्छी नौकरी, घर में छोकरी, ऑफिस में दोस्त। बस एक इज्जत की कमी थी वो धीरे धीरे निपुन की एडवाइस से बना लूँगा । वैसे ये निपुन तो कमाल का जादूगर है, उसने एक बार चीन टपाक डम डम किया और मेरा सारा दुख खुशी में बदल गया। हे भगवान ऐसे 2-3 लोग और मेरी जिंदगी में भेज दो तो बात बन जाए। मैं बहुत दिनों बाद हंसता गुनगुनाता ऑफिस में पहुंचा। ऑफिस में सब तरफ भागदौड़ मची हुई थी। जैसे सब मैराथन में दौड़ने की तैयारी में लगा हो। कॉल्स पर कॉल्स आ रहे थे। हर कोई टेंशन में था। मेरे केबिन में पहुंचते ही शालिनी मैडम मेरे केबिन में आई।
शालिनी: कल तुमने क्रोनियस कंपनी के हेड से बात की थी?
शालिनी मैडम का ये सवाल सुनते ही मैं खुश हो गया. लगता है मेरी सीईओ गिरी काम आगई. पक्का इन्हे शॉक लगा होगा कि आखिर कैसे मैंने क्रोनियस कंपनी के मालिक की वाट लगा के उसे सबक सिखा दिया और कंपनी के करोड़ो रुपए के भी बचाए। मैंने मन ही मन शालिनी मैडम को देने के लिए आगे के जवाब भी सोच लिए थे. जैसे कि ‘यू नो मैडम मैं भी काफी स्मार्ट हूँ. मैं भी अब अकेले काफी कुछ संभाल सकता हूँ. मेरे लिए इतनी बड़ी कंपनी संभालना और क्लाइंट्स को डील करना ये सब जल्द ही छोटी मोटी बाते होने वाली हैं वगैरह वगैरह।” शालिनी मैडम को इस तरह के जवाब देने के लिए लिए मैंने मुँह खोला ही था कि उससे पहले ही अनीता मैडम मेरे केबिन में माता चंडी का रूप लिए मेरे सिर पर सवार होने के लिए आ गई... और उनके पीछे पीछे संजय और अय्यर भी आ धमके।
अनीता (गुस्से में): विथ ड्यू रेस्पेक्ट ... रवि .... सर.. कंपनी से आपकी कोई पर्सनल प्रोब्लम्स हैं क्या, जो आप इस कंपनी के साथ कुछ भी करने के लिए तैयार बैठे हैं. पहले तुम इतनी बड़ी कंपनी के सीईओ बन जाते हो और उसके बाद बिना सोचे समझे कोई भी डिसिशन लेने लग जाते हो तुमने अभी तक इस कंपनी में जो भी चॉइस किया था वो कम था क्या? जो अब बाहर मार्केट में भी इस कंपनी का नाम खराब करने पर तुले हुए हो?
अरे यार ये कौनसा गुड मॉर्निंग बोलने का तरीका है? निपुन ने तो कहा था कि ऑफिस की वॉल्स पर मेरी तस्वीर लगेंगी... लेकिन इन्हें देखकर लग रहा है कि ये मेरी तस्वीर पर हार चढ़ाने के लिए उतावले हैं। उसने कहा था कि एम्प्लॉइज मेरा एक्जांपल अपने बच्चों को देंगे, लेकिन ये नहीं कहा कि एक्जांपल में ये कहेंगे कि इसके जैसा कभी मत बनना। यहां तो पूरी रामायण ही उल्टी है।
संजय: मैंने पहले ही कहा था mam कि जिसे आप हुकुम का इक्का समझ रहे हो वो बस एक तुक्का ही है. इसके तुक्के एक न एक दिन इस कंपनी को डूबा देंगे।
शालिनी (इरिटेटेड और स्ट्रिक्ट वॉइस): Ohhhh, please will you guys just shut up for a moment?? (साइलेंस) Ravi... Tell me, तुमने क्रोनियस कंपनी के हेड से कल बात की थी?
रवि (डरा हुआ): हां…
शालिनी: बिना किसी की एडवाइस के तुमने वहां बात क्यों की?
रवि (डरा हुआ): क्योंकि… मु…मु…मुझे लगा कि कंपनी का सीईओ होने के नाते…
संजय (व्यंग्य): कंपनी का सीईओ? तो मिस्टर सीईओ साहब आप बता सकते हैं कि इस साल हमारी कंपनी का बजट क्या है? किस प्रोजेक्ट पर हम काम कर रहे हैं। मिस्टर सीईओ आपका बस इतना काम है कि ऑफिस की सभी सुविधाओं का आनंद लें और हमारे लिए और समस्याएं न बढ़ाएं।
रवि (भावनात्मक): लेकिन मैं मेहनत से कमाता हूं, मुफ्त की रोटी तोड़ना नहीं चाहता मैं।
अनीता (गुस्से में): तो इस कंपनी पर ताला लगाना चाहते हैं आप?
रवि: लेकिन मैंने ऐसा किया क्या कर दिया है?
अय्यर: सर, क्रोनियस कंपनी को आपके किए गए कॉल के बाद ही हमे एक बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है.
रवि: लेकिन कैसे?
शालिनी: रवि, कंपनी का सीईओ भी बिना किसी से डिस्कस किए कोई फैसला नहीं लेता। माना किस के साथ कौनसी डील करनी है यह सीईओ के हाथ में होता है पर जिस तरह से तुमने उनसे बात की है वह disrespectful और अनप्रोफेशनल था। तुम्हारी इस गलती की वजह से हमने हमारे सबसे पुराने क्लाइंट को खो दिया।
मेरे पास बोलने को कुछ नहीं बचा था, मैंने जोश जोश में बहुत बड़ी गलती कर दी थी। हीरो बनने के लालच में मैं जीरो से भी नीचे पहुंच चुका था। टीवी पर candy वाले बोलते बोलते थक गए कि लालच बुरी बाला है लालच बुरी बाला है... पर आज समझ आया कि लालच क्यों बुरी बाला है। इंसान न तो घर का रहता है न घाट का। आज तक जो कुछ भी मेरे साथ हुआ वो मैंने कैसे भी हंसते हुए सह लिया था लेकिन आज जो कुछ भी हुआ उससे अच्छा था कि मैं चुल्लू भर पानी में नाक डूबा कर मर जाता। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने बेज्जती और गिल्ट का एवरेस्ट मेरे सिर पर फेंक कर मार दिया हो। क्या ज़रूरत थी मुझे इमोशन्स में बहने की?
अनीता: तुम्हें कोई आइडिया भी है कितने लोगों की कितने दिनों की मेहनत पर तुमने पानी फेर दिया है? आखिर तुम्हें कंपनी के काम में interfere करने की ज़रूरत क्या थी?
रवि (सैड और स्केर्ड): वो मुझे कहीं से पता चला था कि इस डील में कुछ लोग बीच में घोटाला कर रहे हैं। तो मैंने सोचा अगर इस घोटाले को होने से रोक दिया तो आप लोगों के बीच में मेरी भी थोड़ी सी इज्जत हो जाएगी।
संजय (टॉन्टिंग): अभी 4 दिन पहले एक जेनिटर से सीईओ की कुर्सी पर बैठे हैं और हमारे बीच में अपने जासूस भी लगा दिए। (हंसते हुए) hmmm अभी भी समय है किसी सेंसिबल और नॉलेजेबल इंसान को सीईओ बना दीजिए।
संजय की इस बात को सुनकर मैं खून का घूंट पीकर रह गया। बोलता भी क्या, अभी अभी मेरी वजह से 33 करोड़ का नुकसान हुआ था। मैं तो 33 हजार रुपये के नुकसान पर भी पूरा आसमान सिर पर उठा लेता था और यहां पर 33 करोड़। तौबा तौबा… लेकिन अगर चलते फिरते किसी को भी सीईओ बना दोगे तो ये सब तो होगा ही न मूर्खों। कंट्रोल रवि कंट्रोल।
शालिनी: माइंड योर लैंग्वेज मिस्टर संजय भूलो मत कि अभी तुम स्विफ्ट टेक के सीईओ से बात कर रहे हो किसी जेनिटर से नहीं। हर कोई लर्निंग प्रोसेस में गलतियां करता है। वैसे भी ये हमारी जिम्मेदारी थी कि मिस्टर रवि को प्रॉपर गाइडेंस दी जाए इसलिए गलती हमारी भी है।
अय्यर : मैम अगर जो रवि सर कह रहे हैं वो सच है तो हमें इस बारे में कुछ सोचना चाहिए। यह बहुत बड़ा मुद्दा हो सकता है।
शालिनी: ह्म्म्म… रवि, तुम्हें इस बारे में किसने बताया था?
अब मैं क्या करूँ? मैंने तो उससे पिंकी प्रॉमिस किया था कि मैं यह बात किसी को नहीं बताऊंगा... लेकिन उसने भी तो मुझे यह प्रॉमिस किया था कि इसके बाद मैं कंपनी में सुपरमैन के नाम से जाना जाऊंगा। अभी तक मुझे इतना समझ तो आ ही गया था कि डील दोनों तरफ से पूरी होती है तभी वह सफल होती है, और अगर उसने अपनी तरफ की डील पूरी नहीं की तो मैं ही क्यों करूँ?
शालिनी: अब बोलो भी.
रवि: न.. नि.. नि… निपुन ने
अनीता: ओह माई गॉड!!! क्या आप मजाक कर रहे हैं? तुमने उस निपुनकी बात पर विश्वास करके इतना बड़ा कदम उठा लिया? आपके पास नॉलेज नहीं है समझ आता है पर दिमाग तो है उसका तो उसे यूज कर लेते आप। (शालिनी को) मैम लास्ट टाइम मेरे लाए हुए क्लाइंट के साथ कंपनी ने बहुत बड़ी डील की थी और उसके लाए हुए क्लाइंट के साथ नहीं। तब से ही वो मुझसे से कुछ ज्यादा ही जेलस था उसने यह सब इसलिए ही किया होगा।
नरेटर: यार ये निपुन तो काटने में बहुत निपुण निकला। एकदम मीठी छुरी से काटा है मेरा। मैं जिसे फरिश्ता समझ रहा था वो तो किसी रिश्ते के भी काबिल नहीं है। लंगोटिया बोल बोलकर मेरी लंगोटी ही चुरा कर ले गया। अब मैं अपनी इज्जत किस किस से बचाऊं? भगवान वो 2-3 और लोगों का ऑर्डर कैंसिल कर दो प्लीज। और प्लीज इसकी डिलीवरी वापस हो सके तो कर लो ना। लेकिन इस निपुनने गलत पंगा ले लिया। कुछ भी करता पर मेरा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। गोली नहीं मारेंगे कहकर लेंगे (सरदार खान स्टाइल)। अब इसे पता चलेगा कि दुनिया क्यों कहती है कि एक बिहारी सब पर भारी।
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