पहाड़ों की ठंडी हवाओं और घने जंगलों ने माहौल को और भी डरावना बना दिया। कुछ समय बाद गाड़ी एक सरकारी अस्पताल के सामने रूकी। वह सरकारी अस्पताल 100 साल पुराना था। इसके बाद दोनों हॉस्पिटल की लॉबी में घुसे। वहाँ कुछ पुरानी तस्वीरें और पीली पड़ी दीवारें नज़र आ रही थी। जहाँ सामने रिसेप्शनिस्ट का एक छोटा-सा बूथ बना हुआ था। 

  

सोनू 

ये हॉस्पिटल तो बाबा आदम के ज़माने लग रहा है। 

  

अन्नू 

सच में, यहाँ घुसते ही ऐसा लग रहा है कि टाइम मशीन से हमें भी 1929 में ट्रांसपोर्ट कर दिया गया है। 

  

सोनु और अन्नू जाकर रिसेप्शनिस्ट बूथ पर खड़े हो गए, जहाँ पर उस रिसेप्शनिस्टने ने उन्हे सामने खड़ा देख पूछा। 

  

रिसेप्शनिस्ट 

जी…क्या मदद कर सकती हूँ? 

  

सोनू 

हमें इस अस्पताल में जन्मे बच्चे का रेकॉर्ड्स चाहिए? 

  

रिसेप्शनिस्ट 

कितने महीने पहले पैदा हुआ था? 

  

तभी अन्नू और सोनु एक दूसरे की तरफ़ देखने लगे, तभी रिसेप्शनिस्ट ने दुबारा पूछा। 

  

रिसेप्शनिस्ट 

बताइए न, डेट ऑफ बर्थ क्या थी? 

  

अन्नू 

वह बच्चा थोड़ा पहले पैदा हुआ था। 

  

रिसेप्शनिस्ट 

अच्छा, तो बच्चा 5 साल पहले पैदा हुआ था या 10 साल पहले। 

  

सोनू 

100 साल पहले। 

  

ये सुनकर रिसेप्शनिस्ट चौंक गई और उन्हे हैरानी से देखते हुए बोली; 

  

रिसेप्शनिस्ट 

100 साल? मज़ाक चल रहा है क्या यहाँ? इतने पुराने रिकॉर्ड्स के बारे में क्यों जानना है? 

  

सोनू 

वो इस बार 26 जनवरी को हम अपने गाँव में उन लोगों को सेलिब्रेट कर रहे है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजो से लड़ाई की थी। हमारे पास उनके रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए हम उनके बारे में जानकारी जुटा रहे है, ताकि आने वाली 26 जनवरी को हम उनके परिवारों को सम्मानित कर सके। 

  

रिसेप्शनिस्ट 

ओह, ये तो बहुत नेक काम कर रहे है आप लोग। आजकल तो लोग अपने ख़ुद के दादा को नहीं पूछते, आप 100 साल पहले के लोगों को सेलिब्रेट कर रहे है। ये तो बहुत अच्छी बात है। हमारे देश में आज़ादी के लिए बहुत सारे लोगों ने काम किया था, अंग्रेजो को इस देश से भगाने में बहुत से क्रांतिकारी लोगों का हाथ था। उनकी वज़ह से ही अंग्रेज ये देश छोड़कर भागे थे। मुझे ऐसे लोग बहुत पसंद है। 

  

अन्नू  

जी, मेरे परदादा भी क्रांतिकारी थे, आप चाहे तो आप भी आ सकती है। हम आपके लिए भी उस इवेंट में एक चेयर रिजर्व करके रखेंगे। 

   

तभी सोनू ने अन्नू को कोहनी मारी और आँख दिखाई॥ 

  

रिसेप्शनिस्ट 

अगर मैं आ सकी तो ज़रूर आऊंगी, हॉस्पिटल में काम बहुत होता है। मेरे लिए मुश्किल है, बाक़ी 100 साल पहले के रिकॉर्ड्स यहाँ मेरे पास तो नहीं है। हाँ, मैंने सुना है कि कुछ पुराने रिकॉर्ड्स शवगृह में भी रखे जाते हैं। 

  

सोनू 

शवगृह? वह तो सिर्फ़ मरे हुए लोगों के लिए होता है, है न? 

  

रिसेप्शनिस्ट 

हाँ, पुराने रिकॉर्ड्स अक्सर वहाँ रखे जाते हैं। आप वहाँ जाकर देख सकते हैं। 

  

अन्नू और सोनु शवगृह की ओर बढ़े। वहाँ पुरानी और धूल भरी पेटियाँ रखी हुई थी। वही आसपास बहुत सारी लाशे पड़ी थी, जिन्हे देखकर अन्नू और सोनू काफ़ी डर गए। कमरे में फाइलें, चादरें और एक अलग-सी गंध फैली हुई थी। सोनू और अन्नू धीरे-धीरे कमरे में घुसे, उनके चेहरे पर चिंता और डर साफ़ नज़र आ रहा था। 

  

सोनू 

अन्नू, इस कमरे में बहुत डरावना माहौल है। मुझे डर लग रहा है। 

  

अन्नू 

हाँ, जल्दी से काम ख़त्म करते हैं। 

  

 

तभी, एक पुरानी चादर अचानक हिलने लगी और हवा से फड़फड़ाने लगी। 

  

सोनू 

 

अन्नू, देख! वह चादर हिल रही है! 

  

अन्नू 

 

शायद हवा की वज़ह से... या फिर यहाँ पर भी? 

  

 

तभी एक कोने से हसने की आवाज़ आई और उस हसी का वॉल्यूम बढ़ता गया 

  

सोनू 

 

यार, ऐसा लग रहा है कोई कान के पास बोल रहा है, बिल्कुल पास। 

  

अन्नू 

फाइल ढूँढ जल्दी यार 

  

तभी एक भूत अचानक एक फाइल के ढेर पर बैठ गया और उसे फाड़ने लगा, जिससे फाइलों के काग़ज़ हवा में उड़ने लगे। फिर अचानक एक ओर भूत एक पुराने कूलर की ओर बढ़ा और कूलर के बटन को दबाकर उसे चालू करने कहा। कूलर से डरावनी आवाजें और ठंडी हवा बाहर आने लगी। 

  

सोनू 

अरे यार, वह कूलर ख़ुद से चालू हो गया! 

  

अन्नू   

लगता है कि भूत को भी गर्मी लग रहीं हैं! 

  

  

सोनू 

चल अन्नू, हनुमान चालीसा पढ़ते है और जल्दी रिकॉर्ड्स ढूँढते हैं और यहाँ से निकलते हैं 

  

अन्नू   

देख, वह पुराना फाइल कैबिनेट! वहाँ पर मिल जाएगे। 

  

सोनु और अन्नू फाइल कैबिनेट से वह पुरानी फाइल ढूँढ रहे थे, जिसमे उन्हे एक फाइल मिली जो 1929 की थी।  सोनू उस फाइल में नूर और काका का नाम ढूँढने लगा, जिसमे उसे एक पेज पर नूर और काका का नाम मिल गया। 

  

सोनू 

हाँ ये रहा॥ 15 जनवरी 1929, नूर और काका को बेटा पैदा हुआ था। उसकी फाइल में बच्चा मरा हुआ लिखा है। 

  

अन्नू 

एहसान ने बोला था, की उस आदमी का नाम किशन कुमार था। तू किशन कुमार ढूँढ। 

  

 

सोनू फिर से फाइल में अब किशन कुमार का नाम ढूँढने लगा, जो उसे अगले ही पेज पर मिल गया। 

  

सोनू 

मिल गया, अड्रेस  है, शिमला का हुमरपुर गाँव। 

  

ये बोलकर दोनों हुमरपुर गाँव की तरफ़ रवाना हो गए और वहाँ पर उस पते पर पहुँचे, वहाँ पर उन्हे किशन सिंह के परिवार का कोई नहीं मिला, इसके बाद वह उस गाँव के सबसे बूढ़े इंसान से बात करते है। जो उन्हे बताता है कि किशन सिंह का बेटा मोनू आज़ादी के समय ही इस गाँव को छोड़कर साधुपुल गाँव चला गया था। ये सुनकर सोनु और अन्नू दोनों चौंक गए और एक दूसरे की तरफ़ देखने लगे। सोनू को अब सब कुछ साफ़ साफ नज़र या रहा था। बिना समय गँवाए, वहाँ से वह सीधा अपने गाँव काका आहलूवालिया से मिलने पहुँचे, जहाँ काका इनका ही इंतज़ार कर रहा था। 

  

  

काका आहलूवालिया

क्या हुआ पुत्तर? तुम दोनों इतने परेशान क्यों लग रहे हो? 

  

  

सोनू 

काका आपका और नूर का बेटा मरा नहीं था, एहसान ने आपसे झूठ बोला था, आपके बेटे का नाम मोनू था, जो आज़ादी के समय शिमला से साधुपुल गाँव आ गए थे और मोनू मेरे परदादा थे, जिन्होंने इस गाँव में हमारी खानदानी चूड़ियों की दुकान खोली थी। 

  

काका आहलूवालिया

पुत्तर क्या सच्ची में? मोनू तुम्हारे परदादा का नाम था? 

  

सोनू 

हाँ, काका। मेरे परिवार में मोनू मेरे परदादा थे, मेरे पापा कहते है कि उनका पूरे गाँव में काफ़ी अच्छा रुतबा था, उनको पूरे साधुपुल गाँव में सबसे रेस्पेक्टेड इंसान माना जाता था। वही नूर और आपकी औलाद थे। 

  

सोनू की ये बाते सुनकर काका आहलूवालिया की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने धीरे-धीरे सोनू की ओर बढ़ते हुए उसे गले लगा लिया। ये दोनों के लिए काफ़ी इमोशनल मूमेंट था, क्योंकि आज अतीत और वर्तमान की कड़ियाँ जुड़ रही थीं। 

अन्नू 

वाह भाई दुनिया में तू पहला ऐसा इंसान होगा, जो अपने ग्रेट-ग्रेट ग्रैंडफाडर से मिल रहा है॥ 

  

दोनों सर घूमाकर गुस्से में अन्नू की तरफ़ देखने लगे और अन्नू चुप हो गया। 

  

काका आहलूवालिया

सोनू पुत्तर, तुमने बहुत बड़ा राज खोल दिया। तुम्हारे परदादा मोनू और मैं... ये सब जानकर मेरे दिल को बहुत शांति मिली। 

  

सोनू 

काका, मैं समझता हूँ कि अब हमें नूर को भी जाकर ये सब बता देना चाहिए ताकि नूर की आत्मा को शांति भी मिले॥ 

  

काका आहलूवालिया

हाँ वह पिछले 100 साल से हमारे बेटे को ढूँढते हुए भटक रही है। मैने उसके साथ बहुत बुरा किया था। मेरी यही सजा है कि मैं ऐसे ही भटकता रहूँ और तड़पता रहूँ।मैं नहीं चाहता था कि मेरे बच्चे के साथ कुछ भी हो। पता नहीं शराब ने मुझसे क्या कुछ करवा दिया पुत्तर। 

  

 

ये सुनकर काका रोने लगे, सोनू ने काका आहलूवालिया को गले लगा लिया 

  

सोनू 

मुझे पहले का नहीं पता, आप कैसे थे। मुझे अब पता हैं कि आप दिल के अच्छे हो... 

 

काका ये सुनकर सोनू के सामने ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा, ये देखकर बगल में खड़े अन्नू की आंखो में भी आंसू आ गए। 

  

सोनू 

ठीक है, अब हमें नूर के पास जाकर उसे सब सच बताना होगा। 

  

 

सोनू, अन्नू और काका आहलूवालिया पिंकी के घर की ओर बढ़े। पिंकी के घर का आंगन एक कोठे की तरह अच्छे से सजाया हुआ था। हर तरफ़ मोमबत्तियों और दियो की हल्की रोशनी घर को सुनहरा बना रही थी। पिंकी मुजरे की पोजिशन में बैठी थी और पूरे घर में गजरे की ख़ुशबू आ रही थी। उसके पिताजी घर के बाहर अपना सिर पकड़ कर बैठे थे। सोनू, अन्नू और काका आहलूवालिया घर में घुसे। जहाँ पिंकी धीरे-धीरे नाच रही थी, उसकी आँखों में एक अलग-सी चमक थी। काका, अन्नू और सोनू चुपके से दरवाजे के पास खड़े ये सब देखने लगे। 

  

सोनू   

अन्नू, आँख बंद कर ले, तेरी भाभी है वो! 

  

  

काका आहलूवालिया

वह तो नूर नाच रही है। 

  

 

अन्नू 

वाह भाई! किसी की भाभी तो किसी की जान। 

  

सोनू 

चुप रह!  

  

 

तीनों फिर से पिंकी को देखने लगे। पिंकी पूरे कमरे में घूमते हुए, अपनी अदाओं से जादू बिखेर रही थी। वह एक पल के लिए थमती और फिर से नाचने लगती। 

  

  

सोनू 

ये सब ठीक नहीं लग रहा, यार। 

  

अन्नू 

हम क्या कर सकते हैं? 

 

पिंकी के मुजरे में एक जादू था, जो सभी को अपनी ओर खींच रहा था। वह नूर की तरह नाच रही थी। पिंकी ने अपनी आंखें बंद कर ली थी, जैसे वह किसी दूसरी दुनिया में खोई हुई हो। 

सोनू 

हम इसे कैसे रोक सकते हैं? 

  

अन्नू 

हमें किसी तरह से पिंकी को वहाँ से निकालना होगा। 

 

तभी काका ज़ोर से चिल्लाए 

काका आहलूवलिया 

नूर, मैं या गया 

  

काका की आवाज़ सुनकर पिंकी अचानक रुक गई, काका दरवाज़े की ओर बढ़ने लगे। 

एकदम से चारों ओर अँधेरा छा गया और दीवारों पर भयानक-सी परछाइयाँ उभरने लगी। नूर और काका आहलूवालिया के बीच में तनाव का माहौल था। नूर गुस्से में खड़ी थी। उसकी आँखों में आग थी। 

  

पिंकी 

तुमने मुझे धोखा दिया, काका! आज मैं तुमसे सारे बदले लूंगी। 

 

नूर काका की तरफ़ गुस्से से बढ़ी। सोनू और अन्नू हैरानी से खड़े रह गए। 

अब आगे क्या होगा? क्या नूर काका के भूत से बदला ले पाएगी 

क्या सोनु और अन्नू नूर से पिंकी को बचा पायेगे? ये जानने के लिए पढ़िए  अगला एपिसोड। 

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